नयी दिल्ली एक अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नयी शिक्षा नीति को लोगों की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा है कि इससे लोगों की मानसिकता बदलने और युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने और देश को शिक्षा का ‘ग्लोबल हब’ बनाने में मदद मिलेगी ।
श्री मोदी ने यहां स्मार्ट इंडिया हैकथन के ग्रैंड फाइनल को संबोधित करते हुए यह बात कही । यह चौथा हैकथन है जिसके फाइनल में 10 हजार छात्र भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में देश के युवा पीढ़ी को नौकरी खोजने वाले युवक बनाने की जगह नौकरी देने वाले युवक बनाने पर बल दिया जाएगा और इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी। युवाओं को अब नौकरी ही नहीं करनी है बल्कि उन्हें खुद भी आत्मनिर्भर बनना है।
उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति केवल दस्तावेज नहीं है बल्कि यह लोगों की आकांक्षा की अभिव्यक्ति है और 21वीं सदी में लोगों की जरूरतों को पूरा करने का अवसर भी देता है ।
श्री मोदी ने कहा कि पहले छात्र अपने मन का विषय नहीं पढ़ पाते थे और उन पर दूसरे विषय पढ़ने का दबाव बना रहता था लेकिन अब छात्र अपने मनपसंद विषय पड़ेंगे और उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा।
श्री मोदी ने यह भी कहा कि नयी शिक्षा नीति में मल्टीप्ल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट की भी बात कही गई है तथा मल्टी डसिप्लिनसपरी पढ़ाई भी जोर दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर और लियोनार्डो दा विंची की बहुविषय प्रतिभा का भी जिक्र किया ।