देशवासियो से अपील:ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि उत्साह बढ़ाना है:
टीकों को लेकर भ्रम एवं अफवाहों से दूर रहें:
नयी दिल्ली, 27 जून । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को आगाह किया कि वे यह समझने की भूल ना करें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी खत्म हो गई है।
मोदी ने कहा कि यह वायरस अपना स्वरूप बदलता है, इसलिए इससे बचाव के लिए कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और टीका लगवाना ही उपाय है। प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 78वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए टीकों को लेकर लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश की और उनसे भ्रम में ना पड़ने एवं अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की।
लोगों का भ्रम दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने अपना उदाहरण दिया और कहा, ‘‘मैंने दोनों खुराक ली हैं। मेरी माताजी लगभग 100 साल की हैं। उन्होंने भी दोनों खुराक ले ली हैं, इसलिए टीकों को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें।’’
उन्होंने कहा कि इस भ्रम में मत रहिए कि कोरोना वायरस समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बीमारी ऐसी है… यह बहुरुपिया है… रूप बदलती है… नए-नए रंग-रूप लेकर पहुंच जाती है। इससे बचाव के हमारे पास दो ही रास्ते हैं। पहला रास्ता है- कोरोना वायरस संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करना और दूसरा रास्ता है टीकाकरण का।’’
मध्य प्रदेश के बेतूल जिले के एक गांव के लोगों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने अपील की कि वे बेहिचक टीका लगवाएं और अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत करके और साल भर की मेहनत के बाद टीका बनाया है। इसलिए हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा करना चाहिए। झूठ फैलाने वाले लोगों को समझाना चाहिए कि ऐसा नहीं होता है।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है। उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि टीका नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है और इससे ना सिर्फ एक व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालता है, बल्कि अपने परिवार और गांव को भी खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे गांव हैं जहां शत प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है या फिर इसके करीब है। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में कश्मीर के बांदीपोरा जिले और नगालैंड के तीन गांवों का उदाहरण दिया।
ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि उत्साह बढ़ाना है:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे कई खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी सुनाई और देशवासियों से अपील की कि वे प्रतियोगिता के दौरान किसी खिलाड़ी पर दबाव न बनाएं, बल्कि खुले मन से उनका साथ देकर उत्साहवर्धन करें।
इस कार्यक्रम की 78वीं कड़ी में लोगों के साथ अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने महान धावक मिल्खा सिंह को भी याद किया और कहा कि खेलों के प्रति वह बहुत भावुक और समर्पित थे।
मिल्खा (91) का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में पिछले दिनों निधन हो गया था।
मोदी ने कहा कि जब प्रतिभा, समर्पण, दृढ़ता और खेल भावना का एक साथ मिलन होता है तब जाकर कोई विजेता बनता है और भारत में तो अधिकांश खिलाड़ी ऐसे हैं जो छोटे-छोटे शहरों, कस्बों और गांवों से निकल करके आते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों के दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।
इस कड़ी में उन्होंने तीरंदाज प्रवीण जाधव, महिला हॉकी दल की सदस्य नेहा गोयल, महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी, पैदल चाल (रेस वॉकिंग) की धाविका प्रियंका गोस्वामी, भाला फेंक प्रतियोगिता के खिलाड़ी शिवपाल सिंह और मुक्केबाज मनीष कौशिक सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी सुनाई और बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इन खिलाड़ियों ने खेलों की दुनिया में एक मुकाम हासिल किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीवन में हम जहां भी पहुंचते हैं, जितनी भी ऊंचाई प्राप्त करते हैं, जमीन से ये जुड़ाव, हमेशा हमें अपनी जड़ों से बांधे रखता है। संघर्ष के दिनों के बाद मिली सफलता का आनंद भी कुछ और ही होता है। तोक्यो जा रहे हमारे खिलाड़ियों ने बचपन में साधनों-संसाधनों की हर कमी का सामना किया, लेकिन वो डटे रहे, जुटे रहे।’’
मोदी ने कहा कि ऐसे तो अनगिनत नाम हैं और तोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष एवं बरसों की मेहनत रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है और इसलिए मैं आपको भी सलाह देना चाहता हूं। हमें जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि खुले मन से, इनका साथ देना है, हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है।’’
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से सोशल मीडिया पर तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे खिलाड़ियों के समर्थन और उत्साहवर्धन के लिए ‘‘चीयर फॉर इंडिया’’ हैशटेग से अभियान चलाने की गुजारिश की।
मिल्खा सिंह को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब वह अस्पताल में भर्ती थे और कोरोना से जूझ रहे थे तब उन्होंने उनसे बात की थी।
मोदी ने बताया कि उन्होंने मिल्खा सिंह से आग्रह किया था इस बार जब भारतीय खिलाड़ी तोक्यो जाएं तब उन्हें भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना है और अपने संदेश से प्रेरित करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी, लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था।’’
पिछले साल स्थगित किए गए तोक्यो ओलंपिक खेल 23 जुलाई से शुरू होंगे जिसके लिए अभी तक 100 से ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों ने क्वालीफाई कर लिया है। पैरालंपिक इसके एक महीने बाद शुरू होंगे।