ब्रासीलिया , 14 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को दुनिया की सबसे ” खुली एवं निवेश के लिए अनुकूल ” अर्थव्यवस्था बताते हुए ब्रिक्स देशों की कंपनियों और कारोबारियों से भारत में निवेश करने और वहां मौजूद ” असीम ” संभावनाओं तथा ” अनगिनत ” अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम के समापन समारोह में कहा कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक वृद्धि को गति दी है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा , ” व्यापार अनुकूल सुधारों , जरूरत के अनुरूप नीतियों , राजनीतिक स्थिरता की वजह से भारत दुनिया की सबसे खुली और निवेश के लिए अनुकूल अर्थव्यवस्था है। हम 2024 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अकेले 1,500 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है। ”
मोदी ने भारत में ” असीमित ” संभावनाओं और ” अनगिनत ” अवसरों पर जोर देते हुए ब्रिक्स देशों के कारोबारी दिग्गजों से इनका लाभ उठाने के लिए कहा ।
उन्होंने कहा , ” मैं ब्रिक्स देशों की इकाइयों से भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने और उसे बढ़ाने का आग्रह करता हूं। ”
प्रधानमंत्री ने कहा , ” विश्व की आर्थिक वृद्धि में ब्रिक्स देशों का हिस्सा 50 प्रतिशत है। वैश्विक सुस्ती के बावजूद , ब्रिक्स देशों ने आर्थिक वृद्धि को रफ्तार दी , करोड़ों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में नई सफलताएं हासिल कीं। ब्रिक्स की स्थापना के 10 साल बाद अब भविष्य में हमारे प्रयासों की दिशा पर विचार करने के लिए यह फोरम एक अच्छा मंच है। ”
मोदी ने कहा कि बिक्स देशों की इकाइयों के बीच कारोबार को सरल बनाने से आपसी व्यापार और निवेश बढ़ेगा।
उन्होंने कहा , ” हम पांच देशों के बीच कर और सीमाशुल्क से जुड़ी प्रक्रियाएं सरल हो रही हैं। बौद्धिक संपदा अधिकार और बैंकों के बीच सहयोग से कारोबारी माहौल आसान हो रहा है। ब्रिक्स बिजनेस फोरम से मेरा अनुरोध है कि वह इस प्रकार उत्पन्न अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए जरूरी कारोबारी पहलों का अध्ययन करे। ”
प्रधानमंत्री ने कहा , ” मैं यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि अगले दस सालों के लिए हमारे बीच कारोबार में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की जाए और उनके आधार पर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाए। ”
मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान ‘ इनोवेशन ब्रिक्स नेटवर्क’ और ‘ ब्रिक्स इंस्टीट्यूशन फॉर फ्यूचर नेटवर्क’ जैसी महत्वपूर्ण पहलों पर विचार किया जाएगा। निजी क्षेत्र से मेरा अनुरोध है कि वे मानव संसाधन पर केन्द्रित इन प्रयासों से जुड़ें। युवा उद्यमियों को इन पहलों से जोड़ना भी कारोबार और नवाचार को ताकत देगा।
उन्होंने कहा , ” मैं भारतीयों को बिना वीजा के ब्राजील आने देने के निर्णय के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं। हम पांच देशों को सामाजिक सुरक्षा समझौते पर भी विचार करना चाहिए। ”
मोदी ने की ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग पर ब्लू प्रिंट बनाये जाने की अनुशंसा:
प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगले 10 वर्षों के लिए व्यापार के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करके उसके क्रियान्वयन को लेकर आपसी सहयोग पर एक ब्लू प्रिंट बनाये जाने की जरुरत है।
श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया है और करोड़ों लोगों को गरीबी से मुक्त किया है। भारत में सबसे अधिक खुला और व्यापार अनुकूल माहौल है।
उन्होंने कहा, “ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार और निवेश करने का लक्ष्य और बड़ा होना चाहिए। हमारे बीच व्यापार पर होने वाले खर्च में कमी किये जाने का आपका सुझाव हमारे लिए लाभकारी होगा। अगले 10 वर्षों के लिए प्रमुख व्यापार क्षेत्रों की पहचान करके आपसी सहयोग पर एक ब्लू प्रिंट बनाया जाये तो अच्छा होगा।”
उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स के किसी देश ने कोई तकनीक विकसित की तो अन्य सहयोगी देश उसके लिए कच्ची सामग्री अथवा बाजार उपलब्ध करवा सकते हैं। श्री मोदी ने कहा, “अगला ब्रिक्स सम्मेलन हाेने से पहले हमें अपनी प्राथमिकता के आधार पर कम से कम ऐसे पांच क्षेत्रों की पहचान कर लेनी चाहिए जिसमें हम संयुक्त व्यापार को बढ़ावा दे सकें।”
श्री मोदी ने सम्मेलन के इतर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात की। उन्होंने कहा,“ दुनिया भर में मौजूदा आर्थिक सुस्ती के बावजूद ब्रिक्स के ये पांच देश वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं।” उन्होंने श्री बोल्सोनारो को वर्ष 2020 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आने का निमंत्रण दिया।