नरेन्द्र मोदी ने आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित क़िस्मों को किया राष्ट्र को समर्पित,;संबोधन में कहा:कृषि सुधार देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार, किसानों की आय बढ़ाने में ‘महत्वपूर्ण’
Prime minister Narendra Modi 8 crops 17 new category dedicated to Nation
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में किए गए कृषि सुधारों को देश में कृषि क्षेत्र के विस्तार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में ‘‘महत्वपूर्ण’’ करार दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वाभाविक है।
प्रधानमंत्री ने ये बातें शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
इस अवसर पर उन्होंने 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया। साथ ही हाल ही में विकसित की गई आठ फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश के 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ प्रणाली लागू हो चुकी है। हाल में तीन बड़े कृषि सुधार हुए हैं। देश के कृषि क्षेत्र के सुधार और किसानों की आय बढ़ाने में ये बहुत ही महत्वपूर्ण कदम हैं।’’
उन्होंने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में मिले, इसके लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन सुधारों के जरिए किसान को ज्यादा विकल्प देने के साथ ही उन्हें कानूनी रूप से संरक्षण देने का भी काम किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद देश की खाद्य सुरक्षा का अहम हिस्सा हैं, इसलिए इनका जारी रहना स्वभाविक है।’’
कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था सालों से देश में चली आ रही है, जिसकी अपनी एक पहचान है और अपनी ताकत भी है।
बीते छह सालों में कृषि मंडियों के आधारभूत संरचना विकास के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अब ढाई हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मंडिया आगे भी जारी रहे, इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। नए विकल्पों से छोटे किसान, मंडियों तक पहुंच ना होने के कारण पहले मजबूरी में बिचौलियों को अपनी उपज बेच देते थे। अब बाजार स्वयं छोटे-छोटे किसानों के दरवाजे तक पहुंचेगा। इससे किसान को ज्यादा दाम तो मिलेंगे ही, बिचौलियों से मुक्ति भी मिलेगी। युवाओं के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे।’’
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को ताकत देने के लिए एफपीओ का एक बड़ा नेटवर्क देश भर में तैयार किया जा रहा है। कृषि उत्पादक संघ बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
भारत में अनाज की बर्बादी को बहुत बड़ी समस्या बताते हुए मोदी ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन से अब स्थितियां बदलेंगी।
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम चिंताओं के बीच भारत पिछले 7-8 महीनों से लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरान भारत ने करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए का खाद्यान्न गरीबों को मुफ्त बांटा है।’’
उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में जहां पूरी दुनिया संघर्ष कर रही है, वहीं भारत के किसानों ने इस बार पिछले साल के उत्पादन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
मोदी ने कहा कि आज भारत में निरंतर ऐसे सुधार किए जा रहे हैं, जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि खेती और किसान को सशक्त करने से लेकर भारत की खाद्य वितरण व्यवस्था तक में एक के बाद एक सुधार किए जा रहे हैं।
आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित क़िस्मों को किया राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आठ फसलों की 17 जैव-संवर्धित किस्में राष्ट्र को समर्पित की।
ये किस्में पोषण के मामले में सामान्य फसलों की तुलना में डेढ़ से तीन गुना अधिक हैं। चावल की किस्म सीआर धान 315 जस्ता की अधिकता वाली है। गेहूं की एचडी 3298 किस्म , डीबीडब्ल्यू 303 और डीडीडब्ल्यू 48 प्रोटीन और लौह से समृद्ध है ।
मक्का की हाइब्रिड किस्म एक, दो और तीन लाइसिन और ट्राइप्टोफैन से, बाजरे की सीएफएमवी एक और दो फिंगर किस्म कैल्शियम, लोहा और जस्ता से भरपूर है । छोटे बाजरे की सीसीएलएमवी एक किस्म लौह और जस्ते से भरपूर है । पूसा सरसों 32 कम एरियूसिक एसिड से जबकि मूंगफली की गिरनार चार और पांच किस्म बढ़े हुए ओलिक एसिड से तथा रतालू की श्री नीलिमा और डीए 340 किस्म एंथोसायनिन से भरपूर है।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि फसलों की ये किस्में, जिन्हें स्थानीय भूमि और किसानों द्वारा विकसित किस्मों का उपयोग करके विकसित किया गया है वे खाद्य सामग्री के साथ सामान्य भारतीय थाली को पोषक तत्त्वों वाली थाली में बदल देंगी। उन्होंने बताया कि उच्च जस्ता युक्त चावल की किस्म गारो पर्वतीय क्षेत्र तथा गुजरात के डांग जिले से संग्रहित की गई है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक रूप से समृद्ध खाद्य सामग्री के माध्यम से भारत को कुपोषण से मुक्त बनाने के लिए जैव-फोर्टिफाइड फसलों की किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देकर इन्हें मध्यान्ह भोजन, आँगनवाड़ी आदि जैसे सरकारी कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाएगा। यह किसानों के लिए अच्छी आमदनी सुनिश्चित करेगी तथा उनके लिए उद्यमिता के नए रास्ते खोलेगी।
कुपोषण सहित कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत आधार के तौर पर नीति-निर्माताओं, अन्नदाता किसान , कृषि वैज्ञानिक तथा आँगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुदूर भारत के गरीबों और सरकार के बीच इन सभी ने कड़ी का काम किया है। उन्होंने कहा कि कुपोषण रहित भारत के निर्माण के लिए किसानों का सशक्तिकरण अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एफएओ के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों को दर्शाने के साथ ही भूख, अल्पपोषण और कुपोषण को पूरी तरह से खत्म करने के सरकार के संकल्प को मजबूत करने में योगदान देने वाला यह आयोजन सरकार द्वारा कृषि और पोषण क्षेत्र को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी डॉ. बिनय रंजन सेन 1956-1967 के दौरान एफएओ के महानिदेशक थे तथा विश्व खाद्य कार्यक्रम की स्थापना उनके समय में ही की गई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन और 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के भारत के प्रस्तावों को भी एफएओ द्वारा समर्थन दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 करोड़ से अधिक लोगों को लक्षित करते हुए एक महत्त्वाकांक्षी पोषण अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य शारीरिक विकास में बाधा, कुपोषण, एनीमिया और जन्म के समय कम वजन जैसी समस्या से निजात पाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देने के लिए कृषि की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को उत्पादक और उद्यमी दोनों बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भावना के अनुरूप, कई ऐतिहासिक कृषि सुधार किए गए। अन्य उद्योगों की तरह अब किसान भी अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं, जहाँ कहीं भी उन्हें बेहतर मूल्य मिलता हो।
उन्होंने कहा कि क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण में बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष समर्पित कोष स्थापित किया गया है।
दस हजार नए किसान उत्पादक संगठनों के गठन का निर्णय किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान प्रौद्योगिकी, बेहतर बीज, उर्वरक, कीटनाशक, समुचित वित्त और उत्पादों के विपणन जैसी बड़ी चुनौतियों से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वादे के मुताबिक हर घर को पीने का पानी उपलब्ध कराने के अभियान को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की लगभग 500 जल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।