ढाका, 21 मार्च । बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे पर किसी तरह के सुरक्षा खतरे से इंकार किया है और कहा है कि ‘‘कुछ’’ वामपंथी और कट्टरपंथी इस्लामी समूह उनकी यात्रा के खिलाफ हैं लेकिन इस बारे में ‘‘चिंता करने की जरूरत नहीं’’ है ।
प्रधानमंत्री मोदी 26- 27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर जाएंगे और देश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह तथा इसके संस्थापक ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान की जयंती में शिरकत करेंगे। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद किसी देश की उनकी यह पहली यात्रा होगी।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने शनिवार की रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन्हें (मोदी) बांग्लादेश आमंत्रित कर गौरवान्वित हैं…लोग हमारे (सरकार के) साथ हैं।’’
मोमीन ने कहा, ‘‘केवल कुछ लोग इस दौरे का विरोध कर सकते हैं और उन्हें करने दीजिए। इस बारे में (प्रदर्शनों के) चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश लोकतांत्रिक देश है जहां लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है और सरकार इस बारे में चिंतित नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी ‘‘काफी कम संख्या’’ में हैं और वे ‘‘विचारों की अभिव्यक्ति’’ का लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा नेपाल, श्रीलंका, भूटान और मालदीव के राष्ट्र प्रमुख अलग-अलग समय पर समारोहों में शिरकत करेंगे।
मोमीन ने कहा कि दौरे पर आने वाली विदेशी हस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने हरसंभव कदम उठाए हैं।
इस बीच बांग्लादेश के विदेश राज्यमंत्री शहरयार आलम ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े समूहों से कहा ‘‘मोदी का विरोध कर वे दोहरा मानदंड नहीं दिखाएं क्योंकि अपनी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने उनको खुश करने का प्रयास किया था।’’
मोदी अपने दौरे में शतखीरा और गोपालगंज जिलों में दो हिंदू मंदिरों में भी जाएंगे, जहां मुख्य रूप से हिंदू मतुआ समुदाय के लोग रहते हैं। इस समुदाय के अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
यह पूछने पर कि क्या मतुआ समुदाय के साथ मोदी की बातचीत का संबंध पश्चिम बंगाल के चुनावों से है तो आलम ने कहा, ‘‘अगर उनके दौरे का संबंध किसी तरह की राजनीति से है तो यह बांग्लादेश के लिए कोई मुद्दा नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम खुश हैं कि मोदी ढाका के बाहर विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे। वह हमारे अतिथि हैं और वह ढाका से बाहर जाना चाहते हैं। इससे हमारा पर्यटन क्षेत्र बढ़ेगा। इसलिए यह हमारे लिए अच्छी बात है।’’