नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर । प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के प्रबंधन ने 297 गैर-पत्रकारीय कर्मचारियों की छंटनी के बाद बुधवार को यह बयान जारी किया।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया प्रबंधन स्पष्ट करता है कि पिछले सप्ताह की गयी छंटनी की प्रक्रिया में कोई पत्रकार प्रभावित नहीं हुआ है, जिसमें 297 उन कर्मचारियों की छंटनी की गयी जिनका अब कोई काम नहीं रह गया था । उन्हें इसके लिए पर्याप्त आर्थिक पैकेज भी दिया गया है। गत 29 सितंबर को जिन कर्मियों की छंटनी की गयी उनमें 147 अटैंडर हैं, 80 कर्मचारी ट्रांसमिशन विभाग से हैं और 70 कर्मी इंजीनियरिंग विभाग के हैं। उन्हें औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के दिशानिर्देशों के तहत अच्छा खासा मुआवजा दिया जा रहा है जिसमें उन्हें 28 लाख रुपये से लेकर 1.09 करोड़ रुपये तक की राशि मिलेगी।
पिछले दो दशक में समाचार संस्थानों में कई सारे कार्य पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। पहले खबरें इलेक्ट्रो-मैकेनिकल तरीकों से बनती और ट्रांसमिट होती थीं जिनमें टाइपराइटर, टेलीप्रिंटर और टेलेक्स का इस्तेमाल होता था। अब खबरों का ट्रांसमिशन डिजिटल तकनीक से होता है। इसके चलते पीटीआई में अनावश्यक और अतिरिक्त स्टाफ था, वो भी ऐसे समय में जब सामान्य तौर पर मीडिया उद्योग भारी आर्थिक दबावों से गुजर रहा है।
पीटीआई एक ऐसी कंपनी है जहां लाभ से प्राप्त राशि को कंपनी में ही निवेश किया जाता है। पीटीआई ने 2014 में पत्रकारों और गैर-पत्रकारीय कर्मचारियों के लिए मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को लागू किया था। इसके बाद कंपनी को भारी आर्थिक बोझ उठाते हुए 105 करोड़ रुपये की बकाया शेष राशि : एरियर: का भुगतान करना पड़ा था। पिछले साल पीटीआई की समाचार सेवा को 34.1 करोड़ रुपये का परिचालन घाटा हुआ।
पिछले साल के आखिर में कर्मचारियों को आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की गयी। इसे सीमित सफलता ही मिल सकी। कंपनी की वित्तीय सेहत को बनाये रखने और उसके समाचारों के सृजन और प्रसार के मूल उपक्रम को बचाने के लिए छंटनी की कवायद अत्यावश्यक हो गयी थी। जिन 297 कर्मचारियों की छंटनी की गयी है उन्हें 28 लाख रुपये से लेकर 1.09 करोड़ रुपये तक का मुआवजा मिलेगा जिसमें भविष्य निधि (पीएफ) और ग्रेच्युटी शामिल है। इनमें से 252 कर्मचारियों को 40 लाख से लेकर 60 लाख रुपये तक मिलेंगे।
इनमें से कुल 58 कर्मचारी ऐसे हैं जो निकट भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले थे और उन्हें बाकी की सेवा अवधि में जितनी आय होती, उससे अधिक राशि मिलेगी।
देश की प्रमुख समाचार एजेंसी पीटीआई इस बात में विश्वास रखती है कि उसके समर्पित कर्मचारी उसकी बुनियादी ताकत हैं और वह पत्रकारिता में उत्कृष्टता को अपनाती है। हमारा प्रयास हमेशा यह सुनिश्चित करने का होगा कि दुनियाभर में मीडिया उद्योग में अत्यंत उतार-चढ़ाव के दौर में उसकी बुनियाद मजबूत रहें।attacknews.in