देश के विकास के लिये वनवासी समुदाय का उत्थान जरूरी: कोविंद
सोनभद्र 14 मार्च । उत्तरप्रदेश में आज देश का पहला अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिला जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंशा जाहिर की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसी मंच से उसे लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि आदिवासी वनवासी समुदाय के विकास के बिना देश और समाज का विकास नहीं हो सकता।इसके तुरंत बाद राष्ट्रपति की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नक्सल प्रभावित सोनभद्र में आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिये।
पूर्वांचल के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन श्री कोविंद ज़िले में बाभनी ब्लाक के कारिडाड़,चपकी स्थित सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम में नवनिर्मित स्कूल , छात्रावास आदि का लोकार्पण करने पहुँचे थे।
उन्होने कहा “ जब भगवान राम ने रावण से युद्ध में विजय पायी थी उसमें वनवासियों का बहुत बड़ा सहयोग था उसी प्रकार यदि देश और समाज आगे बढाना है तो पहले वनवासी समाज को आगे ले जाना होगा।”
राष्ट्रपति ने कहा कि सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं से घिरा हुआ है, ऐसे स्थान पर स्कूल और हास्टल संचालित होने से उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाक़ों के वनवासी छात्रों को भी लाभ होगा। उन्होने कहा कि वनवासी क्षेत्र उनके लिए तीर्थस्थल जैसे हैं। यदि वनवासी प्रोत्साहित हों तो देश ही नहीं विदेशों में भी भारत का नाम रोशन करेंगे। पिछड़ा,दलित एवं आदिवासियों,वनवासियों का विकास ज़रूरी है।
उन्होंने एनटीपीसी द्वारा निर्माण कार्य कराए जाने पर उनकी सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार से तालमेल बैठाकर वनवासियों को आगे बढ़ाने में योगदान करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आत्मा वनवासी आदिवासी क्षेत्रों में बसती है यदि कोई भी इस कल्चर से परिचित होना चाहता है तो उसे सोनभद्र जैसे ज़िलों में समय बिताना चाहिए। आदिवासी समाज के विकास के बिना समग्र विकास अधूरा है। केंद्र और राज्य की सरकारें इनके विकास के अनेक कार्यक्रम चला रहे हैं। वनवासी समाज की अनेक प्रतिभाओं ने देश में अच्छा कार्य किया। विलुप्त होती जा रही वनवासी कलाओं के विकास के लिए सेवा समर्पण संस्थान कार्य कर रहा है यह देखकर ख़ुशी हो रही है।
उन्होने कहा कि महापुरुषों की स्मृतियों और लोक कलाओं तथा गीतों के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। आशा करता हूँ कि वनवासी क्षेत्रों के विकास के लिए और कार्य भी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहेगा।
श्री कोविंद ने सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित उक्त सेवा कुंज आश्रम परिसर में निर्मित स्कूल ,छात्रावास और भोजनालय भवनों का लोकार्पण किया। उक्त निर्माण एन टी पी सी रिहंद द्वारा सी एस आर के तहत कराया गया था। एन टी पी सी द्वारा लगभग ग्यारह करोड़ रुपयों की लागत से 18 क्लासरूम और 24 कमरों के छात्रावास का निर्माण कराया गया है साथ हाई अन्य कमरों का भी निर्माण चल रहा है। इसके अतिरिक्त अबाध विद्युत आपूर्ति के लिए 40 किलोवाट का सोलर पावर भी स्थापित किया।
सभी कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ भारत की प्रथम महिला सविता कोविंद , उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल , मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा का इंतजाम करे सोनभद्र प्रशासन : योगी
वही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नक्सल प्रभावित सोनभद्र में आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
श्री योगी ने रविवार को कहा कि स्थानीय कार्यक्रम में एक बच्ची उनसे मिली थी। उन्होंने उससे उसकी शिक्षा के विषय में पूछा तो उसने स्वयं को इंटरमीडिएट पास बताया लेकिन आगे की शिक्षा में असमर्थता जतायी तब उन्होंने ज़िलाधिकारी को उसकी शिक्षा की व्यवस्था करने के लिये कहा।
उन्होंने ज़िलाधिकारी को निर्देश दिया है कि पूरे जिले में जो भी इस प्रकार के वनवासी , आदिवासी समाज के बच्चे हैं उनका पता लगाकर जिले में अथवा दूसरे जिलों में उनके शिक्षा की व्यवस्था करें उनके रहने,खाने एवं शिक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे विश्व में भारत नई भूमिका में है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा भी भारत द्वारा वैश्विक मंच पर कोविड की वैक्सीन दिए जाने की सराहना की गयी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि भारत आदिकाल से नेतृत्व करता रहा है और अब प्रधान मंत्री उस मार्ग को प्रशस्त कर रहे हैं। योगी ने कहाकि यह भारत की 135 करोड़ जनता का सम्मान है l भारत गाँव , गिराँव , आदिवासी एवं वनवासियों , पिछड़ों तथा अनुसूचितों का देश है।
श्री याेगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक वनवासी आदिवासी सोनभद्र में निवास करते हैं। सरकार यहाँ एक मेडिकल कालेज की स्थापना करने जा रही है। यह जिला जनवरी से लेकर मध्य जुलाई तक पेयजल संकट से जूझता है लेकिन अब जल जीवन मिशन के तहत सरकार द्वारा मिर्ज़ापुर और सोनभद्र में हर घर जल की व्यवस्था की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक ज़्यादातर गाँवों में शुद्ध पेयजल हर घर को मिलने लगेगा साथ जो बच जाएँगे उनको भी अगले दो तीन सालों में मिलने लगेगा।
उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति , रोज़गार,हर खेत को पानी देकर तथा आईटीआई ,पालिटेक्निक तथा इंजीनियरिंग कालेजों आदि द्वारा एवं अन्य माध्यमों से हर व्यक्ति के आय में कई गुना बढ़ोत्तरी की जा रही है।
कोविंद ने किये मां बिन्ध्यवासिनी के दर्शन
इसके बाद मिर्जापुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को बिन्ध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मां बिन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन कर पूजन किए।
श्री कोविंद ने सपत्नीक मां के श्रृंगार और यज्ञ कुंड में साकला डाल कर पूरे विधि-विधान से हवन-पूजन सम्पन्न किया। पूरे धार्मिक कार्यक्रमों को स्थानीय भाजपा विधायक एवं बिन्ध्याचल धाम के पुरोहित पंडा रत्नाकर मिश्र एवं उनके सहयोगी विद्वान पुरोहित पंडितों ने सम्पन्न कराया।
बिन्ध्याचल धाम में दर्शन पूजन करने वाले वह दूसरे राष्ट्रपति है। इससे पहले शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में यहां दर्शन पूजन किया था। पूरे धार्मिक अनुष्ठान के दौरान महामहिम एक सामान्य यजमान के रूप में दिखे। देवी के प्रति पूरी श्रद्धा का भाव उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
राष्ट्रपति के बिन्ध्याचल मंदिर पहुंचने से पहले पूजन सामग्री की तैयारी कर ली गयी थी जिसमें माला फूल रोली रक्षा आदि के साथ हवन का साकला भी शामिल था। पंडित पुरोहित भी पूरे ड्रेस कोड में तैयार थे।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोनभद्र जिले के दौरे के बाद हैलीकाफ्टर से अष्टभुजा हैलिपैड पर उतरे जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ स्थानीय सांसद अनुप्रिया पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति के साथ उनकी धर्मपत्नी सविता वेन भी थी।
राष्ट्रपति के यहाँ आगमन की सूचना जिला प्रशासन को दो सप्ताह पहले मिल गया था। जिला प्रशासन ने पूरे मंदिर का रंग-रोगन करा कर नया लुक दे दिया था। रामनाथ कोविंद के मंदिर परिसर में पहुचने के बाद मंत्रोच्चार के बीच पंडितों ने धार्मिक कार्यक्रमों को पूरे विधि-विधान से पूर्ण कराया। मां का भव्य श्रृंगार राष्ट्रपति की ओर से किया गया था। उन्होंने मां की आरती कर परिक्रमा भी पूर्ण की। यज्ञ शाला के कुंड में साकला डालकर हवन पूर्ण किया।
इस दौरान उनकी धर्म पत्नी सविता वेन ने भारतीय परम्परा के अनुसार पूरे धार्मिक अनुष्ठान में साथ निभाया। इस दौरान मंत्रोच्चार से पूरा परिसर गुंजायमान हो रहा था। राष्ट्रपति ने हाथ में कलावा बधवा कर अपने पुरोहित को दक्षिणा भी दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं एक गाईड की तरह हमेशा साथ साथ थे। महामहिम को बिन्ध्याचल में चल रहे कोरीडोर एवं योजनाओं से भी अवगत कराया गया।
राष्ट्रपति के यहाँ पहुंचने से पहले चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। आज सुबह दस बजे के बाद आम दर्शनार्थियों के मंदिर में प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई थी। पूरा मंदिर सुरक्षा के जवानों के हवाले कर दिया गया था। दो दिन पहले से ही स्थानीय होटलों को भी बंद करा दिया गया था। पूरा प्रशासनिक अमला सुरक्षा व्यवस्था की देखभाल में लगा हुआ था। पूरे कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को दूर रखा गया था। बिन्ध्याचल के पुरोहित पंडों को भी मंदिर दूर रखा गया था। स्थानीय पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज दूबे अपना विरोध दर्ज कराया।
तैयारियों के बाबजूद राष्ट्रपति प्रसिद्ध देवरहवा बाबा आश्रम नहीं गये। हालांकि जिला प्रशासन ने आश्रम में राष्ट्रपति के सम्भावित यात्रा के मद्देनजर मुकम्मल तैयारी कर रखी थी। आश्रम को पूरी तरह सजाया भी गया था।
राष्ट्रपति के पूरे कार्यक्रम में स्थानीय सभी भाजपा विधायक एवं धर्मादा मंत्री नीलकंठ तिवारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय विधायकों और सांसदों से अलग से मुलाकात कर सभी की समस्या सुनी।