नयी दिल्ली 01 सितंबर । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चार नए राज्यपाल नियुक्त किये हैं जबकि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का तबादला कर उन्हें राजस्थान का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से रविवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार सर्वश्री आरिफ मोहम्मद खान को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है जबकि भगत सिंह कोशियारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। डॉ. टी सुंदरराजन तेलंगाना की राज्यपाल नियुक्त की गई हैं जबकि बंडारू दत्तात्रेय को हिमाचल प्रदेश का नियुक्त किया गया है।
शाहबानों के मामले पर कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री खान न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम का स्थान लेंगे जिनका राज्यपाल के रूप में कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मतभेद होने के बाद श्री खान कांग्रेस छोड़कर जनता दल में शामिल हो गए थे और जनता दल सरकार में केन्द्रीय परिवहन मंत्री बने थे। उसके बाद वह जनता दल से नाता तोड़ बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे। 2004 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए इसके बाद उन्होंने 2007 में भाजपा भी छोड़ दी थी। पिछले दिनों संसद से तीन तलाक विधेयक पारित होने पर उसका समर्थन भी किया था।
हैदराबाद में 12 जून 1947 को जन्मे श्री दत्तात्रेय कलराज मिश्र का स्थान लेंगे जिनका तबादला कर राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। श्री दत्तात्रेय ने 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वह वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री और रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। श्री दत्तात्रेय 2014 की मोदी सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री बने थे।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी राज्यपाल सी. विद्यासागर का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 30 अगस्त को समाप्त हो गया। 17 जून 1942 को बागेश्वर में जन्मे श्री कोशियारी भाजपा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। पिछली लोकसभा में वह नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से सांसद भी रहे।
एक जुलाई 1941 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे कलराज मिश्र 1963 से आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और वह उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी रहे। वह जून 2019 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बने और अब उनका तबादला कर उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया है। वह कल्याण सिंह का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त होगा।
भाजपा नेता डॉ. तमिल साईं सुंदरराजन ई एस एल नरसिम्हन का स्थान लेंगी। दो जून 1961 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के नागरकोइल में जन्मीं तमिल साईं सुंदरराजन पेशे से डॉक्टर हैं और वह भाजपा की तमिलनाडु इकाई की अध्यक्ष भी रही हैं।
इन सभी राज्यपालों की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रभावी होगी।
शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को तत्कालीन राजीव गांधी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले मुस्लिम नेता आरिफ मोहम्मद खान मुसलमानों में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर पत्नी से संबंध खत्म करने की परंपरा के मुखर विरोधी हैं और लंबे समय से मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव की वकालत कर रहे हैं।
शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का शुरुआती दिनों में राजीव गांधी सरकार द्वारा समर्थन किए जाने पर 1985 में संसद में खान का भाषण बेहद महत्वपूर्ण है।
हालांकि, बाद में मुसलमान मौलवियों के तथा-कथित दबाव में आकर राजीव गांधी सरकार ने संसद में एक विधेयक पारित कर शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अमान्य करार दिया। खान ने उसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
उत्तर प्रदेश के खान बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन 2007 तक वह राजनीति में सक्रिय नहीं रहे।
हाल ही में मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक विधेयक लाये जाने पर खान ने उसका समर्थन किया।
शाह बानो मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में तलाकशुदा मुसलमान महिलाओं को गुजारा भत्ता देने की बात कही थी।
तीन तलाक कानून का समर्थन करने वाले केरल के नवनियुक्त राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने कहा है कि राज्यपाल के तौर पर दक्षिण में काम करने का उन्हें मौका दिया गया है और इस पद पर रहते हुए वह देश की एकता तथा विविधता के लिए काम करेंगे।
श्री खान ने रविवार को यहां ‘इमाम ए हिंद राम’ पुस्तक के विमोचन के लिए आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि लम्बे समय से वह देश की सांस्कृतिक, भाषायी तथा तौर तरीकों की विविधता की बात करते हैं लेकिन हमारे देश ने दुनिया को विविधता में एकता का अटूट संदेश दिया है। एकता का यही भाव हमें एक सूत्र में बांधे रखता है और इसके लिए वह निरंतर काम करते रहेंगे।