राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सचेत किया: मतदान के अधिकार के लिए दुनिया भर में लोगों ने बहुत संघर्ष किया है और ऐसे में इस अधिकार का हमेशा सम्मान करते रहना चाहिए attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 जनवरी । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि मतदान के अधिकार के लिए दुनिया भर में लोगों ने बहुत संघर्ष किया है और ऐसे में इस अधिकार का हमेशा सम्मान करते रहना चाहिए।

उन्होंने 11वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि अमेरिका में भी लोगों को मतदान का अधिकार हासिल करने के लिए दशकों तक संघर्ष करना पड़ा तथा ब्रिटेन में लंबी लड़ाई के बाद महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला।

कोविंद ने कहा, ‘‘ हमारे देश में भारत सरकार अधिनियम 1919 और 1935 के द्वारा चुनिंदा लोगों को ही मतदान का अधिकार दिया गया था। लेकिन स्वतंत्र भारत के हमारे संविधान में आरंभ से ही 21 वर्ष या अधिक आयु के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्रदान किया। बाद में इस आयु को घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी को याद दिलाना चाहूंगा कि हम सभी को मतदान के बहुमूल्य अधिकार का सदैव सम्मान करना चाहिए। मतदान का अधिकार कोई साधारण अधिकार नहीं है। दुनिया भर में मतदान के अधिकार के लिए लोगों ने बहुत संघर्ष किया है।’’

राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘योग्यता, धर्म, नस्ल, जाति के आधार पर कोई भेदभाव न करते हुए हर पुरुष या महिला, अमीर या ग़रीब को मतदान का अधिकार है और हर व्यक्ति के मत का महत्व भी समान रखा गया है। इसके लिए हम सब अपने संविधान-निर्माताओं के ऋणी हैं।’’ कोविंद ने कहा कि संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर ने मतदान के अधिकार को सर्वोच्च माना था।

उनके मुताबिक, स्वतंत्रता-प्राप्त करने के लगभग 75 वर्षों के भीतर ही भारत लोकतंत्र के एक विश्वव्यापी आदर्श के पोषक के रूप में उभरा है। इस उपलब्धि में निर्वाचन आयोग के शीर्षस्थ अधिकारी से लेकर देश के छोटे से छोटे गांव में बसे साधारण नागरिकों का अमूल्य योगदान है।

राष्ट्रपति ने हालिया चुनावों को संपन्न कराने के लिए भी निर्वाचन आयोग की सराहना करते हुए कहा, ‘‘पिछले वर्ष कोविड महामारी के दौरान बिहार विधान-सभा, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में सफल एवं सुरक्षित चुनावों का सम्पन्न होना हमारे लोकतंत्र की असाधारण उपलब्धि है।’’

राष्ट्रपति श्री कोविंदने आज (25 जनवरी, 2021) भारत निर्वाचनआयोग द्वारा आयोजित11 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित किया। इस आयोजन में, राष्ट्रपति ने वर्ष 2020-21के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारप्रदान किये और निर्वाचन आयोगके वेब रेडियो,“हैलो वोटर्स” को भी लॉन्च किया, जो एक ऑनलाइन डिजिटल रेडियो सेवा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर वे याद दिलाना चाहते हैं कि हमें वोट देने के अपने बहुमूल्य अधिकार का हमेशा सम्मान करना चाहिए। वोट देने का अधिकार साधारण अधिकार नहीं है; दुनिया भर के लोगों ने इसके लिए बहुत संघर्ष किया है। स्वतंत्रता के बाद, हमारे संविधान ने योग्यता, धर्म, नस्ल, जाति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान मतदान अधिकार दिए हैं। इसके लिए हम अपने संविधान-निर्माताओं के ऋणी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता, बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने मतदान के अधिकार को सर्वोपरि माना। इसलिए, यह हम सभी की, विशेषकर हमारे युवाओं की, जिन्हें पहली बार मतदान करने का अधिकार मिला है, जिम्मेदारी है कि अपने मताधिकार का प्रयोग पूरी ईमानदारी के साथ करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।

पिछले साल कोविड -19 महामारी के दौरान बिहार, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में सफल और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की असाधारण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि चुनाव आयोग ने सहज, समावेशी और सुरक्षित चुनाव कराने के लिए कई अभिनव और समयबद्ध उपाय किए हैं।

भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस(25 जनवरी 1950) पर 2011 से हर साल 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का मुख्य उद्देश्य विशेषकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा देना और मतदाता सूची में अधिकतम नामांकन करना है। देश के मतदाताओं को समर्पितइस दिवस का उपयोगमतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने और चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।