प्रयागराज, 05 फरवरी(वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2013 के कुम्भ में 12 करोड़ लोगों ने जबकि 2019 के कुम्भ में 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमूुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान किया।
श्री याेगी ने मंगलवार को यहां मीडिया सेंटर में संवाददाताओं से कहा वर्ष 2013 में प्रयाग महाकुम्भ का आयोजन अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी सरकार ने किया था और तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान ने उस महाकुम्भ मेले को संपन्न कराया था। उन्होंने दोनों कुम्भ के तुलना करते हुए कहा कि पिछली बार महाकुम्भ में करीब 12 करोड़ श्रद्धालु आये जबकि इस बार यहां 24 करोड़ रही।
उन्होंने कहा कि 2013 के महाकुम्भ में मारीशस के प्रधानमंत्री बड़ी श्रद्धाभाव के साथ आए थे कि वह संगम में स्नान करेंगे, लेकिन उन्होंने गंदगी, बदबू, अव्यवस्था देखी और दूर से ही नमस्कार करके यह कहते हुए चले गए कि क्या यही गंगा है, क्या यही प्रयागराज है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 2019 में वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में मारीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जगन्नाथ भी आए थे और 24 जनवरी को 400 प्रतिनिधियों के साथ वह स्वयं प्रयागराज पधारे। उन्होंने गंगा की निर्मलता, अविरलता और व्यवस्था देखी और पवित्र संगम में स्नान भी किया।
उन्होंने कहा, 1954 में प्रयाग कुम्भ में मौनी अमावस्या पर 40 लाख श्रद्धालु संगम तट पर आए थे। उस समय भीषण भगदड़ मची थी और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 800 से अधिक श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी। इसी तरह, 2013 के महाकुम्भ में भगदड़ मचने से तीन दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई थी जबकि कई घायल हुए थे। यह पहला कुम्भ है जिसमें श्रद्धालुओं के आगमन की दृष्टि से रिकार्ड बना है और हम कह सकते हैं कि यह कुम्भ निर्विघ्नता के साथ संपन्न हुआ और इसने स्वच्छता और सुरक्षा के नए मानक स्थापित किए।
प्रयागराज कुम्भ मेले की रिपोर्ट;
लगभग दो महीने तक आयोजित प्रयागराज कुंभ का महाशिवरात्रि पर छठे स्नान पर्व के साथ सफलतापूर्वक समापन हो गया है। मकर सक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि सहित अनेक स्नान पर्वों पर 24 करोड़ से अधिक लोगों ने प्रयागराज कुंभ में स्नान किये। प्रयागराज कुंभ के इतिहास में पहली बार, मेले की पूरी अवधि में अभूतपूर्व संख्या में श्रद्धालु आये।
धार्मिक श्रद्धा और उल्लास के साथ कल महाशिवरात्रि पर प्रयागराज कुंभ का छठा और अंतिम स्नान पर्व सम्पन्न हुआ। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर बारिश और ठंडक को झेलते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अनुसार इस अवसर पर एक करोड़ 10लाख से अधिक श्रद्धालुओं में पवित्र डुबकी लगाई। मेला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों के लिए संगम और अन्य मेला क्षेत्रों में 8 किलोमीटर की लंबाई में 8 घाट बनाये किये थे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 27 विशेष रेलगाडि़यां और हजारों बसें चलाई गई थीं। मेला क्षेत्र में और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा का चाक-चौबंद प्रबंध था। इस अवसर पर केन्द्रीय और राज्य के मंत्रियों सहित अनेक गणमान्य लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई।
यह मेला 3200 हैक्टेयर भूमि में फैला था और 20 क्षेत्रों में विभाजित था। विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए गंगा नदी पर 20 पीपा पुल बनाये गये थे। पहली बार स्वच्छता एवं सफाई, यातायात एवं भीड़ प्रबंधन तथा पेंट योर सिटी सहित तीन क्षेत्रों में प्रयागराज कुंभ का नाम ग्रिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सफलतापूर्वक दर्ज किया गया। वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक के प्रतिनिधियों ने मेले का दौरा किया और तीन दिनों तक मेला प्रशासन का पर्यवेक्षण किया। इसके बारे में उन्होंने मेला प्राधिकरण को तीन प्रमाण-पत्र सौंपे। पहली बार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, देश के केन्द्रीय मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा अनेक राज्य सरकारों के मंत्री मेले में आने के साथ-साथ संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इसी प्रकार 72 देशों के प्रतिनिधियों ने कुंभ मेले में अपने राष्ट्रीय झंडे लगाये और अनेक देशों के 3500 प्रतिनिधि मेले में आये। हजारों की संख्या में और प्रवासी भारतीय भी कुंभ मेले में आये और पवित्र डुबकी लगाई। मॉरिसस के प्रधानमंत्री अपनी पत्नी के साथ कुंभ मेले में आये और पवित्र डुबकी लगाई। उन्होंने ऋषि-मुनियों से मुलाकात भी की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे भी प्रयागराज कुंभ में आये और पवित्र डुबकी लगाई। उन्होंने आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के शिविरों का भी दौरा किया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरकार वल्लभभाई पटेल की जीवनी पर स्थापित बीओसी की हाईटेक प्रदर्शनी भी देखी।
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