नईदिल्ली 29 जून ।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और इस क्षेत्र के औपचारिकता को प्रोत्साहन देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना अपने एक वर्ष के पूरा होने का प्रतीक है।
दिनांक 29 जून, 2020 को शुरू की गई पीएमएफएमई योजना, 35 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही है ।
पीएमएफएमई योजना के आवेदन के लिए ऑनलाईन पोर्टल दिनांक 25 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था । पोर्टल पर 9000 से अधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 3500 से अधिक आवेदन योजना के तहत सफलतापूर्वक जमा किए गए हैं।
पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत हासिल की गई उपलब्धि
क. एक जिला एक उत्पाद
पीएमएफएमई योजना के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घटक के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्राप्त सिफारिशों के अनुसार 137 यूनिक उत्पादों सहित 35 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 707 जिलों हेतु ओडीओपी को अनुमोदित किया है ।
भारत का जीआईएस ओडीओपी डिजिटल मैप सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के ओडीओपी उत्पादों का विवरण प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है । डिजिटल मानचित्र में जनजातीय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आकांक्षी जिलों के लिए संकेतक भी हैं । यह हितधारकों को इसके मूल्य श्रृंखला विकास के लिए ठोस प्रयास करने में सक्षम बनाएगा ।
ख. अभिसरण (Convergence)
पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय, जनजातीय मामले मंत्रालय और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ तीन संयुक्त पत्रों पर हस्ताक्षर किए ।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफैड), भारतीय राष्ट्रीय कृषि-सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), और ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीओ) के साथ छह एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए ।
योजना के नोडल बैंक के रूप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं और 11 बैंकों के साथ पीएमएफएमई योजना के लिए आधिकारिक ऋण देने वाले भागीदारों के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ग. क्षमता निर्माण और उद्भवन केंद्र (Capacity building & Incubation Centres)
पीएमएफएमई योजना के क्षमता निर्माण घटक के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) और भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (IIFPT) राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों के साथ पार्टनर्शिप में चयनित उद्यमों/क्लस्टरों/समूहों को प्रशिक्षण और अनुसंधान सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) और विभिन्न खाद्य उत्पादों के तहत 371 मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
निफ्टेम और आईआईएफपीटी ने 137 ओडीओपी पर प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए हैं जिनमें 175 प्रजेंटेशन, 157 वीडियो, 166 डीपीआर और 177 पाठ्यक्रम सामग्री/हैंडबुक शामिल हैं। 18 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 469 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया और अन्य राज्यों में प्रगति पर है। 302 जिलों में 491 जिला रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति की गई है।
योजना के तहत, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, सिक्किम, अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, , मेघालय, मिजोरम, ओडिशा और उत्तराखंड जैसे 17 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में 54 कॉमन इन्क्यूबेशन केंद्रों को मंजूरी दी गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने आईआईएफपीटी के सहयोग से कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर के प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और देश भर में इनक्यूबेशन केंद्रों के विवरण की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर मैप विकसित किया है।
घ. प्रारम्भिक पूंजी (Seed Capital)
स्वयं सहायता समूहों को प्रारम्भिक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत घटक को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और राज्य स्तर पर संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के नेटवर्क के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है । पीएमएफएमई योजना में कार्यशील पूंजी के लिए 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य के लिए छोटे उपकरणों की खरीद की परिकल्पना की गई है। अब तक एनआरएलएम ने 123.54 करोड़ रुपये की राशि के लिए राज्य नोडल एजेंसियों (एसएनए) को 43,086 एसएचजी सदस्यों की सिफारिश की है। एसएनए ने 8040 सदस्यों की प्रारम्भिक पूंजी को मंजूरी दी है और एसआरएलएम को 25.25 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है।
ड. विपणन और ब्रांडिंग
योजना के तहत, प्रत्येक 10 उत्पादों के लिए विपणन और ब्रांडिंग समर्थन लेने के लिए नेफेड और ट्राइफेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नेफेड ने ब्रांडिंग और मार्केटिंग समर्थन के लिए अनानास, बाजरा आधारित उत्पाद, धनिया, मखाना, शहद, रागी, बेकरी, इसबगोल, हल्दी और चेरी जैसे उत्पादों का चयन किया है। ट्राइफेड ने योजना के तहत शहद, इमली, मसाले, आंवला, दालें/अनाज/बाजरा, कस्टर्ड सेब, जंगली मशरूम, काजू, काला चावल और जंगली सेब जैसे उत्पादों का चयन किया है।
च. संस्थागत तंत्र (Institutional Mechanism)
सभी 35 प्रतिभागी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों ने अपनी-अपनी राज्य नोडल एजेंसियों, राज्य स्तरीय अनुमोदन समितियों, जिला स्तरीय समितियों और राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों का गठन/चिन्हित किया है। इसके अलावा, निफ्टेम में एक कॉल सेंटर की स्थापना की गई है ताकि प्रश्नों का समाधान किया जा सके और योजना के हितधारकों का मार्गदर्शन किया जा सके।
छ. पीएमएफएमई योजना का प्रचार और प्रसार
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से रेडियो, प्रिंट मीडिया, ऑफलाइन कार्यशालाओं, वेबिनार, क्षेत्रीय भाषा ब्रोशर/बुकलेट्स, आउटडोर पब्लिसिटी और वेबसाइट, एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से डिजिटल मीडिया के द्वारा हितधारकों को जागरूक करने के लिए पीएमएफएमई योजना का राष्ट्रव्यापी संवर्धन और प्रचार कर रहा है । पीएमएफएमई योजना मासिक ई-न्यूजलेटर 5 लाख से अधिक हितधारकों को भेजा जा रहा है। एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करने के लिए पीएमएफएमई पॉडकास्ट सीरीज शुरू की गई है ।
आजादी का अमृत महोत्सव पहल के अंतर्गत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, निफ्टेम और आईआईएफपीटी के सहयोग से देश भर में 75 एक जिला एक उत्पाद (ओडीपी) वेबिनार/ऑफलाइन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की 75 कहानियों को लाने के लिए “कहानी सूक्ष्म उद्यमों की” शीर्षक से सफलता की कहानियों की एक साप्ताहिक श्रृंखला शुरू की गई है।
पीएमएफएमई योजना के बारे में
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, क्षेत्र के औपचारिकता को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को उनकी पूरी मूल्य श्रृंखला के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गई है।