मुंबई 11 मई। मुंबई के ‘सुपर कॉप’ पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय ने अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
हिमांशु रॉय एक बेहद ही सख्त अफसर के रूप में अपनी पहचान रखते थे, वो लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित थे और ड्यूटी से दो साल की छुट्टी पर थे।
शुक्रवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर सर्विस रिवॉल्वर को मुंह के अंदर डालकर गोली मार ली।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय की मुंबई अंडरवर्ल्ड में काफी दहशत थी। उन्होंने दाऊद इब्राहिम की संपत्ति जब्त करने के अभियान में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसके अलावा अंडरवर्ल्ड कवरेज करने वाले चर्चित पत्रकार ज्योर्तिमय डे (जेडे) की हत्या की गुत्थी सुलझाने में भी उनकी अहम भूमिका रही।
हिमांशु रॉय Z+ सुरक्षा वाले देश के इकलौते पुलिस ऑफिसर
हिमांशु रॉय इकलौते ऐसे पुलिस ऑफिसर थे, जिन्हें Z+ सुरक्षा दी गई थी। उनके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। बताया जाता है कि मुंबई अंडरवर्ल्ड से डॉन दाऊद इब्राहिम की ‘डी कंपनी’ को उखाड़ फेंकने का काम उन्होंने ही किया था, जिसकी वजह से उन्हें जान का खतरा था। गौरतलब है कि भारत में चार तरह की सुरक्षा दी जाती है, जिनमें एक्स, वाई, जेड और Z+ कैटगरी शामिल है। Z+ कैटगरी की सुरक्षा सिर्फ मुख्यमंत्रियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों और केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को दी जाती है। जेड प्लस कैटेगरी में 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं, इनमें 10 एनएसजी, एसपीजी कमांडो होते हैं। शेष पुलिस के दल के लोग होते हैं।
रॉय ने सुलझाए थे ये सात बड़े केस
हिमांशु मुंबई के सबसे बेहतर अफसरों में शुमार थे। उन्होंने क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी भी संभाली है और आतंकी कसाब से लेकर आईपीएल फिक्सिंग जैसे केस में उनकी अहम भूमिका रही है। लेकिन शुक्रवार को ये जाबांज अफसर जिंदगी से हार गया।
कसाब केस
हिमांशु रॉय ने 26/11 आतंकी हमले में शामिल जिंदा पकड़े गए आतंकी आमिर अजमल कसाब का केस भी हैंडल किया था। मुंबई को दहलाने पाकिस्तान से आए आंतकियों में जब कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया तो पाकिस्तान उसे अपना नागरिक होने से इनकार करता रहा।
हिमांशु रॉय ने इस केस की कड़ी जोड़ते हुए पूरे केस में तमाम तथ्य जुटाए। यहां तक कि उन्होंने कसाब से पूछताछ भी की थी और आखिरकार कसाब को दोषी मानते हुए कोर्ट ने उसे फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला दिया।
लैला खान मर्डर केस
बॉलीवुड अभिनेत्री लैला खान मर्डर केस को भी हिमांशु रॉय ने ही लीड किया था। लैला की मां शेलीना के अपने दूसरे पति आसिफ शेख को इगतपुरी स्थित फार्महाउस का संरक्षक बनाने के निर्णय की वजह से उसने लैला के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। 2011 में ये केस सामने आया था, जिसके बाद 2012 में बंबई हाईकोर्ट ने केस मुंबई क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया था। इस केस को भी हिमांशु रॉय ने ही हैंडल किया था और आरोपी परवेज टाक को गिरफ्तार किया था।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग
2013 में आईपीएल में जब स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था। तब हिमांशु ने ही इस मामले को संभाला था। हिमांशु रॉय ने इस मामले में मशहूर एक्टर दारा सिंह के बेटे विंदू दारा सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा हिमांशु ने चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक और पूर्व बीसीसीआई चीफ एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन से भी पूछताछ की थी और इस मामले में उसे दोषी बताया था।
जे.डे मर्डर केस
पत्रकार ज्योतिर्मय डे की 11 जून, 2011 में पवई में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त ये मर्डर हुआ था, तब हिमांशु रॉय मुंबई क्राइम ब्रांच के चीफ थे। क्राइम ब्रांच की विशेष टीम ने ही इस केस का खुलासा किया था। इस पूरी टीम को हिमांशु रॉय को ही लीड रहे थे। इस मर्डर केस में छोटा राजन के शामिल होने का खुलासा भी क्राइम ब्रांच ने ही किया था। सात साल बाद मकोका कोर्ट ने इस केस में छोटा राजन समेत नौ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
विजय पलांडे केस
विजय पलांडे ने फिल्म निर्माता करण कक्कड़ और दिल्ली के वरिष्ठ नागरिक अरुण टिक्कू की हत्या को अंजाम दिया था। पलांडे ने 2012 में इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। उस वक्त हिमांशु रॉय मुंबई के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम थे और पलांडे के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने ही केस दर्ज किया था। क्राइम ब्रांच ने डीएनए के आधार पर इस केस को सॉल्व किया था।
खंगाले थे आतंकी यासीन भटकल के 4 हजार ईमेल
आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय ने मार्च 2014 में खुलासा किया था कि भारत में हुए आतंकी हमलों के पीछे सीधे तौर पर पाकिस्तान का हाथ है। यही नहीं 26/11 की आतंकी वारदात के बाद भी पाकिस्तान में आतंकियों की ट्रेनिंग का खुलासा भी रॉय ने ही किया था। उस वक्त हिमांशु रॉय मुंबई एटीएस के प्रमुख थे। रॉय ने बताया था कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। हिमांशु रॉय का दावा उन 4 हजार ईमेल पर आधारित था, जो यासिन भटकल और पाकिस्तान में उसके आकाओं ने एक-दूसरे को भेजे थे।
जुटाए थे पुख्ता सबूत
रॉय ने कहा था, हमारे पास ठोस सबूत हैं कि आतंकी हमले पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित थे। यही नहीं, उन्होंने दावा किया था कि मुंबई हमलों के बाद भी पड़ोसी मुल्क में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा था कि मैं नहीं जानता ऐसे में पाकिस्तान से किस हद तक सहयोग की अपेक्षा की जानी चाहिए। एटीएस चीफ का कहना था कि उनके पास इस बात के भी पूरे सबूत हैं कि पाकिस्तान और हाफिज सईद के तार आतंक से जुड़े हैं।
ब्लड कैंसर से थे पीड़ित
बेहद सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय लंबे समय से ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। ।
इस मामले में अब तक परिजनों से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। फिलहाल उनके शव का किया गया। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि बीमारी के चलते वह लगातार डिप्रेशन में चल रहे थे।
वह अपनी फिटनेस पर खासा ध्यान देते थे। एक सख्त अफसर के तौर पर पहचान रखने वाले रॉय के इस तरह से आत्महत्या करने के मामले ने सबको चौंका दिया है।
हिमांशु राय ने मुंबई के नामी कॉलेज सेंट जेवियर कॉलेज से पढ़ाई की थी। मुंबई पुलिस में हिमांशु राय का शुमार एक तेज तर्रार और काबिल अफसर में होता था।attacknews.in