मेहसाणा (गूज), 25 जुलाई। गुजरात की एक अदालत ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को २०१५ में यहां विसनगर कस्बे में हुए दंगे और आगजनी के एक मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई।
विसनगर में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश वी पी अग्रवाल ने दोषी हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों, लालजी पटेल और एक कश्मीर पटेल के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दंगा, आगजनी, संपत्ति को नुकसान और गैरकानूनी रूप से विधानसभा का घेराव के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। कोर्ट ने तीनों को ५०,००० रुपए के जुर्माना के साथ-साथ दो साल के कारावास से दंडित किया गया ।अन्य १४ अभियुक्तों को अदालत ने उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत के अभाव में बरी कर दिया था.
हार्दिक पटेल प्राथमिकी में अभियुक्तों में से एक है जििसे 23 जुलाई, २०१५ को मेहसाणा जिले में विसनगर में दायर किया गया था, जब आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय की एक रैली हिंसक हो गई, जिसके परिणामस्वरूप कुछ मीडिया व्यक्तियों पर हमले के साथ शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंची
हिंसक आंदोलन के दौरान भीड़ ने एक कार को जलाकर सवार को मार दिया था और स्थानीय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय को नष्ट कर दिया था ।attacknews.in