Home / संसद / कोविड-19 प्रोटोकॉल में सोमवार से शुरू संसद के मॉनसून सत्र में इस बार सभी तरह के कार्य पहली बार होंगे; विपक्ष की एलएसी पर गतिरोध, आर्थिक स्थिति को लेकर चर्चा कराने की मांग attacknews.in

कोविड-19 प्रोटोकॉल में सोमवार से शुरू संसद के मॉनसून सत्र में इस बार सभी तरह के कार्य पहली बार होंगे; विपक्ष की एलएसी पर गतिरोध, आर्थिक स्थिति को लेकर चर्चा कराने की मांग attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 सितंबर । कोरोना वायरस महामारी की छाया के बीच संसद सोमवार से 18 दिन के मॉनसून सत्र के लिए पूरी तरह तैयार है।

इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं। संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा।

सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 के लिए जांच कराई गयी है। इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया जाएगा।

इस बार सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के तहत सांसदों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था की गयी है।

सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी, वहीं लोकसभा अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी। दोनों सदनों के चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल दोनों पाली में सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा।

दोनों पालियों के बीच पूरे परिसर को संक्रमण मुक्त किया जाएगा।

पूरे संसद परिसर को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सुरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और डीआरडीओ के अधिकारियों के साथ श्रृंखलाबद्ध बैठकें कीं।

मॉनसून सत्र के 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया है और यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए।

विपक्ष ने एलएसी पर गतिरोध, आर्थिक स्थिति को लेकर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की:

द्रमुक नेता टी आर बालू ने बताया कि मानसून सत्र के लिए एजेंडा पर चर्चा में विपक्षी दलों ने आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की है ।

सत्र आरंभ होने के एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक की अध्यक्षता की।

बालू ने कहा कि सदन के नेताओं की बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच गतिरोध, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की।

द्रमुक नेता ने कहा कि उन्होंने ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर संशोधित करने, जीएसटी के तहत संग्रहित राजस्व का हिस्सा राज्यों को नहीं देने के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की मांग की ।

बैठक के बाद बिरला ने संवाददाताओं से कहा कि सभी दलों के नेताओं ने सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया है ।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि लोकसभा में सुचारू रूप से काम हो सकेगा ।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन ने भी बैठक में शिरकत की ।

जोशी ने कहा कि सरकार उन सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है जिसका फैसला बीएसी में होगा ।

उन्होंने कहा कि सौहाद्रपूर्ण माहौल में बैठक हुई और सदन के नेता संसद सत्र के लिए एजेंडा पर विचार-विमर्श करने के वास्ते मंगलवार को फिर से बैठक करेंगे ।

क्या सरकार एलएसी पर भारत -चीन के बीच गतिरोध के संबंध में चर्चा कराने के लिए तैयार है , यह पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए इसका फैसला किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और एक सांसद के निधन के कारण सोमवार को संक्षिप्त कार्यवाही होगी।

सूत्रों ने बताया कि इसके बाद सदन दो विधेयकों पर चर्चा करा सकता है, जिसे राज्यसभा पहले ही पारित कर चुकी है। कोविड-19 महामारी पर मंगलवार को चर्चा शुरू हो सकती है ।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी रविवार को कहा कि उनकी पार्टी चीन के साथ गतिरोध और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा कराना चाहती है ।

रमेश ने कहा, ‘‘हम चीन के साथ सीमा पर स्थिति, अर्थव्यवस्था की हालत, कारोबार बंद होने, एमएसएमई उद्योग की दशा, कोविड-19 महामारी से निपटने, हवाई अड्डों का निजीकरण और मसौदा ईआईए अधिसूचना समेत कुछ अन्य मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलेगा और राष्ट्र के गंभीर मुद्दों पर चर्चा होगी । हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे द्वारा उठाए जाने वाले सवालों पर जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में उपस्थित रहेंगे । प्रधानमंत्री आते नहीं हैं और हम चाहते हैं कि वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मौजूद रहें। ’’

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