नयी दिल्ली, 22 मार्च । अलग अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण संसद में आज 14वें दिन भी गतिरोध कायम रहा और राज्यसभा की कार्यवाही बैठक शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही, वहीं लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में हंगामे के कारण आगे की कार्यवाही नहीं हो सकी।
सुबह, लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही आरंभ हुई, अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर और टीआरएस के सदस्य तेलंगाना में आरक्षण संबंधी अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं।
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य अपने स्थानों पर ही तख्तियां लेकर खड़े थे। वे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर टीआरएस के सदस्य आसन के समक्ष आ गए। वे ‘‘एक राष्ट्र एक नीति’’ की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य आगे आकर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मैं सभी सदस्यों से निवेदन करता हूं कि वे अपने अपने स्थानों पर जाएं। सदन चलने दें। हम बैंकिंग समेत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन सदन में व्यवस्था जरूरी है।
उधर तेदेपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर शोर-शराबा कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की। हंगामा थमता नहीं देख सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण वह अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं ।
इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
उधर राज्यसभा में भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामा हुआ। इस वजह से उच्च सदन की बैठक शुरू होने के करीब बीस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाए। लेकिन सदन ने ग्रेच्यूटी भुगतान ( संशोधन) विधेयक 2018 को बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इस विधेयक के पारित होने से पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के संदर्भ में चर्चा के लिए उन्हें विभिन्न दलों के सदस्यों के 55 नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि इन विचाराधीन नोटिसों पर अपने फैसले से वह शीघ्र ही सदन को अवगत कराएंगे।
इसके बाद सभापति ने बताया कि विभिन्न दलों के सदस्यों ने आज सुबह उनसे मुलाकात की और कहा कि वे चाहते हैं, सदन चले। नायडू ने कहा कि पिछले 13 दिनों से सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया है। वित्त विधेयक तथा विनियोग विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक रूके हुए हैं जिन पर चर्चा होनी है और उन्हें पारित किया जाना है।
नायडू ने कहा, मैं सदस्यों से अपील करता हूं कि सदन को चलने दिया जाए और सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया जाए।’’
कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण पिछले 14 दिनों से दोनों सदनों में गतिरोध कायम है। आज उच्च सदन में सभापति ने कहा कि वह सभी सदस्यों को अपनी बात कहने का मौका देंगे।
आसन से अनुमति मिलने के बाद तेलुगू देशम पार्टी के सी एम रमेश ने कहा कि आंध्र प्रदेश का जब विभाजन किया गया था तब कुछ वादे केंद्र सरकार की ओर से किए गए थे। राज्य कई परेशानियों का सामना कर रहा है। वहां की स्थिति और लोगों की भावनाओं को देखते हुए सरकार को अपना वादा तत्काल पूरा करना चाहिए।
आसन की अनुमति से ही अन्नाद्रमुक सदस्य वी मैत्रेयन ने कहा कि तमिलनाडु के लोग पानी के लिए परेशान हैं, किसानों की हालत दयनीय है। यह देखते हुए सरकार को तत्काल कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करना चाहिए।
इसी दौरान अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन तथा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और बैठक चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, मैंने सदस्यों से सदन को चलने देने और हंगामा न करने की अपील की थी।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने भी हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील की और कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समक्ष आकर, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के संबंध में चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। तृणमूल कांग्रेस, बीजद और राकांपा सदस्य अपने स्थानों पर खड़े थे।
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख नायडू ने 11 बज कर करीब 20 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।attacknews.in