नयी दिल्ली, 15 मार्च : लोकसभा ने आज हंगामे के बीच विनिर्दिष्ट अनुतोष संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी जिसमें कारोबरी अनुबंध टूटने की स्थिति में दूसरे पक्ष से नुकसान की भरपायी मांगने और ऐसे मामलों में न्यायिक विवेकाधिकार को कम करने का प्रस्ताव किया गया है ।
सदन में जब विनिर्दिष्ट अनुतोष संशोधन विधेयक :स्पेसिफिक रिलीफ अमेंडमेंट बिल: 2017 को पारित किया जा रहा था तब कांग्रेस, तेलगू देशम पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दल आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत अन्य मुद्दों पर हंगामा कर रहे थे ।
सदन ने आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन की ओर से पेश कई संशोधनों को नामंजूर करने के बाद ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया ।
लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री पी पी चौधरी ने इस विधेयक को पारित करने के लिये पेश किया था ।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि न्यायालयों के व्यापक विवेकाधिकार को समाप्त करने और कुछ सीमित आधारों को अपवाद की बजाए संविदा के विशिष्ट पालन को साधारण नियम बनाने का प्रस्ताव किया गया है ।
इसके अतिरिक्त संविदाओं के प्रतिस्थापन पालन के उपबंध का प्रस्ताव है कि जहां किसी संविदा को भंग किया जाता है, वहां जो पक्षकार पीड़ित है, वह नुकसान की वसूली का हकदार होगा ।attacknews.in