नयी दिल्ली 26 नवंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की 70वीं वर्षगाँठ पर मंगलवार को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में लोगों से लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और कर्त्तव्यों के पालन की अपील की जबकि विपक्ष ने सरकार पर महाराष्ट्र में ‘लोकतंत्र तथा संविधान की हत्या’ का आरोप लगाते हुये समारोह का बहिष्कार किया।
कांग्रेस और शिवसेना समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों का कोई भी सांसद केंद्रीय कक्ष में सुबह 11 बजे शुरू हुये समारोह में मौजूद नहीं था। उन्होंने समारोह में हिस्सा लेने की बजाय संसद भवन परिसर में बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष केे नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी तथा अन्य विपक्षी नेता संसद भवन परिसर में मौजूद होने के बावजूद केद्रीय कक्ष में नहीं गये।
संविधान को अंगीकार किये जाने के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन परिसर स्थित संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास दस बजकर तीस मिनट पर एकत्र होना शुरू किया। सबने एक स्वर में केंद्रीय कक्ष के समारोह में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया।कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, शिव सेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता एवं सांसद शामिल थे। इन नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के माजिद मेनन, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, द्रमुक के ए. राजा, बहुजन समाज पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी समेत अन्य नेता शामिल थे।
इन नेताओं ने हाथों में तख्तियाँ और बैनर लेकर सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया जिस पर ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’, ‘संविधान बचाओ’ जैसे नारे लिखे हुए थे।
इन नेताओं ने संविधान की प्रति के अलग-अलग हिस्सों को पढ़कर सुनाया। जिसे वहां उपस्थित लोगों ने बड़े ध्यान से सुना। प्रतिमा स्थल पर काफी अधिक भीड़ जमा हो गयी थी जिसमें नेताओं, सांसदों के अलावा संसद भवन के अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे।
केंद्रीय कक्ष में एक घंटे से ज्यादा चले कार्यक्रम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया।
कांग्रेस ने आज संविधान, डॉ.अंबेडकर का अपमान किया: भाजपा
केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह से कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के अनुपस्थित रहने को दुर्भायपूर्ण और आपत्तिजनक बताते हुए इसकी निंदा की और कहा कि ऐसा करके उसने संविधान एवं संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रह्लाद जोशी ने यहां संसद भवन में संवाददाताओं से कहा कि 26 नवंबर को भारतीय संविधान बन कर तैयार हुआ था और देश से उसे अंगीकृत किया था। यह दिन राजनीतिक वाद विवाद ऊपर देश का दिन होता है। कांग्रेस एवं उसके सहयोगी दल केन्द्रीय कक्ष से अनुपस्थित रहना संविधान एवं डॉ. अंबेडकर के प्रति असम्मानजनक है।
श्री प्रसाद ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का कांग्रेस पहले ही अपमान करती रही है। ये कोई नई बात नहीं है। पहले भी कांग्रेस ने उन्हें चुनाव जीतकर लोकसभा नहीं आने दिया था। डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न भी नहीं मिलने दिया। 2015 में भाजपा की सरकार ने संविधान दिवस को आदरपूर्वक मनाने का फैसला किया तो कांग्रेस ने वहां भी अपमान जनक व्यवहार किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 50 साल अकेले और सहयोगियों के साथ कई और साल सत्ता में रही है। उसका आज का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण, आपत्तिजनक है जिसकी हम भर्त्सना करते हैं।