नयी दिल्ली, एक फरवरी । कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीक से हटते हुए सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा।
लोकसभा में सत्तापक्ष की सीट की दूसरी कतार में खड़ी वित्त मंत्री सीतारमण जब बजट पेश कर रही थीं तब शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, सुखवीर सिंह बादल, आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने तीन नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराया।
हरसिमरत, सुखवीर, बेनीवाल अपने हाथों में तख्ती लिये हुए थे जिसमें केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग वाले नारे लिखे थे।
हरसिरमत कौर बादल, सुखवीर बादल और हनुमान बेनीवाल से सदन से वाकआउट भी किया ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 घंटा 50 मिनट में पढ़े गए बजट भाषण के दौरान सत्तापक्ष के सदस्यों ने 90 से अधिक बाद मेज थपथपाकर विभिन्न प्रस्तावों का स्वागत किया । कई घोषणाओं का प्रधानमंत्री मोदी ने भी मेज थपथपा कर स्वागत किया।
बजट पेश करते समय जब वित्त मंत्री ने कृषि एवं किसानों से जुड़े प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया तब कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘जय किसान’ और ‘कानून वापस लो’ के नारे लगाए ।
सीतारणम ने जब बजट प्रस्ताव में जब तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से जुड़ी परियोजनाओं का उल्लेख किया तब तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों को कुछ कहते देखा गया ।
बजट पेश किये जाने के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय मंत्री मौजूद थे । कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा सपा नेता मुलायम सिंह यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू, एआईएमआईएम नेता असादुद्दीन ओवैसी, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, बीजद नेता पिनाकी मिश्रा, नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला आदि सदन में मौजूद थे ।
सीतारमण अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने सोमवार को आम बजट 2021-22 पेश करते हुए 2021-22 में पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट 4.39 लाख करोड़ रुपये है।
इस बार का बजट कागज पर प्रिंट नहीं हुआ है। बजट दस्तावेज सभी सांसदों समेत आम जनता के लिये डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध कराया जाने वाला है।
सीतारमण आज सदन में बंगाल की लाल पार की साड़ी पहन कर आयी थीं जो विशेष अवसरों पर पहनी जाती है।
बजट भाषण पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं बीजद नेता पिनाकी मिश्रा सहित कई नेताओं एवं सदस्यों ने वित्त मंत्री के पास जाकर उन्हें बधाई दी
बजट भाषण के दौरान कृषि कानूनों के विरोध में काला चोगा पहनकर पहुंचे पंजाब के कांग्रेस सांसद
कांग्रेस के पंजाब के तीन सांसद केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए काले चोगा पहनकर बजट भाषण के दौरान लोकसभा पहुंचे।
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य बलबीर सिंह गिल, रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने जो चोगे पहन रखे थे उन पर ‘किसान की मौत का काला कानून वापस लो’ और ‘मैं किसान हूं, मैं खेत मजदूर हूं, मुझसे धोखा मत करो’ लिखा हुआ था।
सदन में पहुंचने से पहले इन सांसदों ने लोकसभा परिसर में भी नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। ये सांसद इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले करीब दो महीनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
काला चोगा पहनकर संसद पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर बलबीर सिंह गिल ने कहा, ‘‘किसान महीनों से विरोध जता रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। हमने इन कानूनों का विरोध करने और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया।’’
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह तीनों कानूनों को वापस ले।