अब तक के लोकसभा चुनावों के इतिहास में सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड माकपा के अनिल बसु के नाम है, पश्चिम बंगाल की आरामबाग सीट से 5 लाख 92 हजार 502 मतों से जीते थे attacknews.in

नयी दिल्ली 13 अप्रैल । लोकसभा के अब तक हुये चुनावाें में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अनिल बसु के नाम है जो उन्होंने 2004 के चुनाव में बनाया था।

सात बार लोकसभा सदस्य रहे श्री बसु ने 2004 में पश्चिम बंगाल के आरामबाग सीट से अपने निकटतम उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के स्वप्न कुमार नंदी को 5,92,502 मतों से हराया था। पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रिकार्ड के पास तक पहुंचे थे लेकिन इसे पार नहीं कर पाये। श्री मोदी गुजरात के वडोदरा से 570128 मतों से जीते थे। वह वाराणसी से भी लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने वडोदरा सीट बाद में छोड़ दी थी।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम भी एक आम चुनाव में सबसे अधिक अंतर से चुनाव जीतने का रिकार्ड दर्ज है। उन्होंने 1984 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश के अमेठी में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी मेनका गांधी को 314878 मतों से हराकर यह रिकार्ड बनाया था।

लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान के नाम एक ऐसा रिकार्ड है जो शायद ही कोई तोड़ पाये। वह दो बार आम चुनाव में सर्वाधिक अंतर से चुनाव जीतने का करिश्मा कर चुके हैं। श्री पासवान ने 1989 के आम चुनाव में बिहार की हाजीपुर सीट से अपने निकटतम उम्मीदवार को 504448 मतों से हराया था और उस चुनाव में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार बने थे। इसी तरह 1977 के आम चुनाव में उन्होंने इसी सीट पर भारतीय लोकदल के उम्मीदवार के रुप में 424545 मतों से जीत हासिल कर उस बार के चुनाव में रिकार्ड बनाया था।
चार लाख से अधिक मतों से चुनाव जीतने वालों में कांग्रेस के संतोष मोहन देव शामिल हैं। उन्होंने 1991 के आम चुनाव में त्रिपुरा की त्रिपुरा पश्चिम सीट पर 428984 मतों से जीत हासिल की थी और उस आम चुनाव में सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल करने का रिकार्ड बनाया था।

अन्य चुनावों की बात की जाये तो 2009 में हुये पंद्रहवें लोकसभा चुनाव में नगालैंड पीपुल्स फ्रंट के. सी. डब्ल्यू चांग ने नगालैंड सीट पर 483021 मतों से जीत हासिल कर पहले स्थान पर रहे थे। इसी सीट पर 1999 में कांग्रेस के के. असुंगवा संगताम ने अपने निकटतम उम्मीदवार को 353598 मतों से हराया जो उस आम चुनाव में सबसे अधिक अंतर से चुनाव जीतने का रिकार्ड बना । वर्ष 1998 में हुये लोकसभा चुनाव में इस तरह का रिकार्ड भाजपा के वल्लभ भाई रामजी भाई कठीरिया ने बनाया था। उन्होंने गुजरात की राजकोट सीट पर 354187 मताें से जीत दर्ज की थी। वर्ष 1996 के आम चुनाव में द्रमुक के एनवीएन सोमू ने तमिलनाडु की मद्रास उत्तर सीट पर 389617 मतों से जीत हासिल कर पहले स्थान पर रहे थे।

वर्ष 1962 के बाद से हुये विभिन्न लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतों से चुनाव जीतने का रिकार्ड दर्ज करने वाले उम्मीदवारों में गायत्री देवी एक मात्र महिला हैं। उन्होंने 1962 के आम चुनाव में जयपुर से स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार के रुप में 157692 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी और उस आम चुनाव में पहले स्थान पर रही थीं। इस तरह का रिकार्ड एक निर्दलीय उम्मीदवार के भी नाम है। महाराजा मार्तंड सिंह ने 1980 के आम चुनाव में मध्य प्रदेश की रीवा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में 238351 मतों से जीत हासिल कर पहले स्थान पर रहे थे ।

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