एटा, 02 जनवरी । उत्तर प्रदेश में एटा जिले की गुदाऊ ग्राम की कार्यवाहक महिला ग्राम प्रधान बानो बेगम के खिलाफ जलेसर थाने में मुकदमा दर्ज कराया दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कल शाम तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव ध्यान पाल सिंह की तहरीर पर पाकिस्तानी महिला प्रधान के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी महिला बानो बेगम की अभी तक फिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि बानो बेगम पर पाकिस्तानी नागरिकता को छिपाकर गुदाऊ ग्राम की ग्राम पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने और जीतने,फिर कार्यवाहक प्रधान चुनने के समय दुबारा पाकिस्तानी नागरिकता को छिपाने और फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कराने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश के एटा जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है हैरानी की बात यह है कि अपनी लापरवाही के चलते जिला प्रशासन ने पाकिस्तान मूल की महिला को ग्राम प्रधान बना दिया,बताया जाता है कि महिला एक पारिवारिक शादी में हिस्सा लेने के लिए 35 साल पहले भारत आई थी और फिर वह पाकिस्तानी वापस नहीं गई,इसकी भनक जिला प्रशासन को नहीं हुई,इतना ही नहीं उस महिला ने यहीं रहकर एक युवक से शादी भी कर ली और पंचायत चुनाव भी लड़ लिया, जिसमें वह सदस्य के रूप में भी चुनी गई. उसके बाद जब उसके ग्राम पंचायत की प्रधान का निधन हो गया तो उसकी जगह उसको ग्राम प्रधान भी बना दिया गया।
इसका खुलासा तब हुआ जब एक ग्रामीण ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की,वहीं, शिकायत मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में उससे प्रधान पद से इस्तीफा भी ले लिया।
जानकारी के मुताबिक, बानो बेगम एटा में एक रिश्तेदार की शादी का हिस्सा बनने के लिए आई थी, लेकिन वो अभी तक वापस नहीं जा सकी. उसने यहीं रहते हुए अख्तर अली नाम के व्यक्ति से निकाह कर लिया और लंबे समय तक वीजा अवधि बढ़ाने के बाद से गांव में ही रह रही थी,इसके अलावा उसने स्थानीय निकाय चुनावों में भी भाग लिया और 2015 में अपनी ग्राम पंचायत के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई. अब मामला खुलने के बाद जिला पंचायती राज अधिकारी (DPRO) ने बानो के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया ।
जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि एटा जिले की जलेसर तहसील के अंतर्गत ग्राम गुदाऊ से इस घटना का संबंध है। पाकिस्तान की रहने वाली बानो बेगम ने अपने लिए गांव में काफी सम्मान अर्जित कर लिया था, इसलिए उसे पिछले ग्रामीण निकायों के चुनावों में ग्राम पंचायत का सदस्य चुना गया. जबकि इस साल 9 जनवरी को तत्कालीन प्रधान शहनाज बेगम के निधन के बाद गुदाऊ ग्राम पंचायत के सभी सदस्यों ने मीटिंग कर बानो बेगम को आपस में जिम्मेदारी देकर ग्राम प्रधान का पदभार ग्रहण करवा दिया।हालांकि जब बानो बेगम के पाकिस्तानी मूल के बारे में बात फैली तो उसने इस महीने के पहले हफ्ते में अपना इस्तीफा सौंपकर पद छोड़ दिया।
इस मामले में डीपीआरओ ने जांच की और पाया कि उसे अभी भारत की नागरिकता लेना बाकी है. नतीजतन उन्होंने गांव के सचिव को आदेश दिया उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायती राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी द्वारा इसी साल 10 दिसंबर को प्रधान के रूप में बानो बेगम की नियुक्ति की थी।डीपीआरओ ने स्थानीय पुलिस से इसकी पूछताछ की,वहीं, दूसरी ओर जांच के बाद पुलिस अधिकारियों ने पाया कि वह एक पाकिस्तानी नागरिक बनी हुई थी, लेकिन उसने अवैध तरीकों से अपना वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड खरीद लिया था।ग्राम पंचायती राज अधिकारी ने गुदाऊ ग्राम पंचायत के सचिव ध्यान सिंह को बानो बेगम के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
सचिव ने उठाई थी आवाज
स्थानीय सूत्रों से पता चला कि तत्कालीन ग्राम प्रधान शहनाज बेगम के निधन के बाद ध्यान सिंह ने ही शहनाज के स्थान पर ग्राम प्रधान बनी बानो बेगम को हटाने की सिफारिश की थी. हालांकि ध्यान सिंह को भी गुदाऊ ग्राम पंचायत से स्थानांतरित किया गया।इसके अलावा सूत्रों ने दावा किया कि जांच उन सभी लोगों के खिलाफ की जा रही जिन्होंने बानो को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज खरीदने में मदद की थी. धोखाधड़ी करने में उसकी मदद करने वाले सभी लोगों के खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर बाद में कार्रवाई की जाएगी।