इस्लामाबाद , 18 जुलाई । अमेरिका की ओर से आतंकी निगरानी सूची में डाले गए एक पाकिस्तानी धर्मगुरू ने 25 जुलाई को होने जा रहे आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक – ए – इंसाफ (पीटीआई) का समर्थन करने का फैसला किया है। आज एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
एक एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक , मौलाना फजलुर रहमान खलील को अमेरिकी सरकार ने 30 सितंबर 2014 को विशेष तौर पर घोषित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की सूची में डाल दिया था। आतंकवादी संगठन हरकत – उल – मुजाहिदीन में कथित भूमिका के लिए खलील को एसडीजीटी सूची में डाला गया था। खलील ने ही हरकत – उल – मुजाहिदीन की स्थापना की थी।
खलील ने बाद में अंसारुल उम्मा की स्थापना की , जिसकी अध्यक्षता वह आज भी कर रहा है। अंसारुल उम्मा राजनीतिक दल होने का दावा करता है। हरकत – उल – मुजाहिदीन और अंसारुल उम्मा एसडीजीटी सूची में शामिल हैं।
अंसारुल उम्मा ने पिछले स्थानीय सरकारी चुनावों में भी हिस्सा लिया था।
बहरहाल , अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक , कई लोगों को हैरत हुई थी जब पार्टी के वरिष्ठ नेता असद उमर ने सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया कि खलील सैकड़ों अन्य उलेमाओं के साथ पीटीआई में शामिल हो गए हैं और आगामी चुनावों में उसे अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
उमर ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा , ‘‘ मौलाना फजलुर रहमान खलील अपने सैकड़ों समर्थकों एवं उलेमाओं के साथ पीटीआई में शामिल हुए। ’’
संपर्क किए जाने पर खलील ने पुष्टि की कि उन्होंने और अन्य उलेमाओं ने रविवार को उमर की मेजबानी की थी और चुनावों में उनका समर्थन करने का फैसला किया।
बहरहाल , खलील ने साफ किया कि वह पीटीआई में शामिल नहीं हुए हैं। अखबार ने उनके हवाले से कहा , ‘‘ हम पीटीआई में शामिल नहीं हो रहे। हमने तो बस एनए -54 में असद उमर का समर्थन करने की घोषणा की है। ’’
संपर्क किए जाने पर उमर ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि खलील अमेरिका की ओर से घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल हैं।
उन्होंने कहा , ‘‘ मैं उन्हें तीन साल से जानता हूं। उन्होंने टीटीपी की आतंकवादी गतिविधियों की निंदा की है और विभिन्न धार्मिक संगठनों एवं संप्रदायों के बीच एकता एवं सद्भाव के प्रयास किए हैं। मुझे उनके बारे में यही पसंद है। ’’attacknews.in