वाशिंगटन, 22 जुलाई । भारत में मुगल साम्राज्य के पतन का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति के लिए विपक्षी दलों पर प्रहार किया और उन पर प्रतिभा के स्थान पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
अमेरिका की पहली यात्रा पर आये खान ने रविवार को वाशिंगटन में प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित किया और उनसे कहा कि उनकी सरकार ने निर्वाचित नेताओं को जवाबदेह बनाने के लिए कदम उठाए हैं। इस संबंध में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जैसे विपक्षी नेताओं पर की गयी कार्रवाई का उल्लेख किया।
पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए खान ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान में आज जो कुछ हो रहा है, वह नया पाकिस्तान है। वहां अब प्रभावशाली व्यक्तियों को जवाबदेह ठहराया जा रहा है।’’
क्रिकेट से राजनीति में आये खान ने कहा कि वह देश में प्रतिभा को उचित जगह दिलाने की व्यवस्था लाने के लिए कटिबद्ध हैं।
अपने भाषण में उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए मुगल साम्राज्य का उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम जगत पीछे क्यों रह गया? उसकी वजह है। मुगल साम्राज्य कभी शिखर पर था लेकर उसका पतन हो गया क्योंकि वंशवादी उत्तराधिकारियों में नेतृत्व क्षमता नहीं थी।’’
खान ने कहा, ‘‘ भारत, मुगल साम्राज्य के दौरान दुनिया में महा ताकत था। उन डेढ़ सौ सालों में भारत की जीडीपी दुनिया की जीडीपी से 25 फीसद अधिक थी। लेकिन जल्द ही वह लुढ़क गया क्योंकि औरंगजेब के बाद मुगल साम्राज्य के उत्तराधिकारी उतने काबिल नहीं थे।’’
खान को विरासत में आर्थिक एवं वित्तीय संकट मिला है। उन्होंने चीन और सऊदी अरब से बहुत ऋण लिया है।
इमरान खान की सरकार के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान ने अगस्त, 2018 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से राहत पैकेज मांगा था। उसके पास फिलहाल आठ अरब डालर से भी कम का आरक्षी कोष है जो 1.7 फीसद से भी कम महीने के निर्यात से निपटने के लायक है।
खान ने अपने दो राजनीतिक विरोधियों शरीफ और जरदारी पर खूब निशाना साधा।
भाषण में हो गया इमरान का विरोध:
अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के यहां एक सभागार में भाषण के दौरान युवा बलूचों के एक समूह ने पाकिस्तान के खिलाफ और आजाद बलोचिस्तान के पक्ष में नारेबाजी की।
खान, पाकिस्तानी मूल के अमेरिकियों की विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे जब बलोच युवा अचानक अपने स्थानों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बलोचों पर किए जा रहे कथित अत्याचार, उनकी अकारण गुमशुदगी और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ अमेरिका में रह रहे बलोच लगातार आवाज उठाते रहे हैं।
पिछले दो दिनों से वे मोबाइल बिलबोर्ड अभियान चला कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान में बलोचों को गुप्त तरीके से अगवा किए जाने की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद करने की अपील कर रहे हैं।
खान के मंच से काफी दूर खड़े होकर तीन बलूच युवा नारे लगा रहे थे। हालांकि खान ने बिना रूके अपना भाषण जारी रखा। करीब ढाई मिनट के बाद स्थानीय सुरक्षा कर्मियों ने तीनों को सभागार से जाने को कहा। इमरान खान के कुछ समर्थकों को उन्हें पीछे धकेलते हुए और स्टेडियम से बाहर जाने के लिए कहते हुए देखा गया।
इस बीच मुताहिदा कौमी आंदोलन (एमक्यूएम) के सदस्यों एवं समर्थकों ने यूएस कैपिटल के सामने खान के खिलाफ रविवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
एमक्यूएम समर्थकों के समूह ने इमरान और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए और आरोप लगाया कि कराची एवं देश के अन्य हिस्सों में मोहाजिरों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पाकिस्तान में मोहाजिरों के खिलाफ अत्याचार करने में शामिल है। एमक्यूएम के संस्थापक नेता अल्ताफ हुसैन आत्म-निर्णय का अधिकार मांग रहे हैं।
मोहाजिर (एमक्यूएम), बलोच, पश्तून, सिंधी, गिलगिट, बाल्टिस्तान और सराइकी समुदायों सोमवार को फिर से व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन करने वाले हैं। attacknews.in