इस्लामाबाद , 28 मई । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने गिलगिट – बाल्टिस्तान पर प्रशासनिक नियंत्रण से संबंधित एक नए आदेश के खिलाफ विपक्ष के विरोध को खारिज कर दिया और कहा है कि स्थानीय प्रतिनिधियों को सभी शक्तियों के बंटवारे के बाद इस क्षेत्र में उनके पास कोई अधिकार नहीं है ।
पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने 21 मई को गिलगित बाल्टिस्तान आर्डर 2018 को मंजूरी दी थी जिसका स्थानीय विधानसभा ने भी समर्थन किया था । इस आदेश को , इस विवादित क्षेत्र को अपने पांचवें प्रांत के रूप में शामिल करने की दिशा में पाकिस्तान के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तान स्थित नागरिक अधिकार समूहों ने इस आदेश की निंदा की है । गिलगित और बाल्टिस्तान में पूरी तरह कल बंद रखा गया था । यह बंद संयुक्त विपक्ष की ओर से इस ऑर्डर के खिलाफ बुलाया गया था ।
भारत ने नयी दिल्ली में पाकिस्तान के उपउच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब कर पाकिस्तान के इस कदम का जबरदस्त विरोध जताया और पाक के ‘‘ अवैध और जबरदस्ती ’’ कब्जा किये गए इस क्षेत्र के किसी भी इलाके की मौजूदा स्थिति में छेडछाड़ किये जाने के खिलाफ चेतावनी दी ।
इस ऑर्डर से क्षेत्र में भी कई स्थानों पर प्रदर्शन हुआ है ।
अब्बासी ने कहा कि आर्डर के अनुसार सभी शक्तियां गिलगित बाल्टिस्तान की आवाम को स्थानांतरित की गयी है । जिनके पास अब अन्य राज्यों के लोगों की तरह बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार होंगे ।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार क्षेत्र के प्रतिनिधियों की और मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है ।
अब्बासी ने कहा कि उनके और कश्मीर मामलों के मंत्री के पास इस क्षेत्र पर अब कोई अधिकार नहीं रहा क्योंकि शक्तियों का विभाजन कर दिया गया है ।
अब्बासी ने गिलगित बाल्टिस्तान (जीबी) विधानसभा और जीबी परिषद को कल संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा , ” जहां तक गिलगित बाल्टिस्तान का प्रश्न है , आज से मैं प्रधानमंत्री के रूप में और बारजीस ताहिर कश्मीर और जीबी के संघीय मंत्री के रूप में क्षेत्र के मामलों में शक्तिहीन बन गए हैं । सभी शक्तियों को गिलगिट – बाल्टिस्तान के लोगों में स्थानांतरित कर दिया गया है और कोई भी उन शक्तियों को समाप्त नहीं कर सकता है जिन्हें हमने उन्हें स्थानांतरित कर दिया है ।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात से आश्चर्य है कि कुछ विपक्षी दल इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा , ‘‘ अगर उन्होंने सुना होता , तो उन्होंने देखा होता कि सभी शक्तियों को पहले ही गिलगिट – बाल्टिस्तान आदेश 2018 के तहत स्थानीय प्रतिनिधियों को स्थानांतरित कर दिया गया है । ”
इससे पहले जब अब्बासी ने अपना भाषण शुरू किया ही था कि जीबी विधानसभा में विपक्ष के नेता मोहम्मद शफी खान खड़े हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से यह बताने के लिए कहा कि जीबी की आवाम ने सैद्धांतिक तौर पर इस आदेश को खारिज कर दिया है ।
उन्होंने पूछा , ‘‘ जीबी की सरकार आदेशों के आधार पर कैसे चलेगी । ’’
खान ने घोषणा की कि विपक्षी पार्टियों ने निर्णय किया है कि बिना संवैधानिक शक्तियों के सैद्धांतिक तौर पर किसी आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे ।
विरोध प्रदर्शन के दौरान सत्तारूढ और विपक्षी दलों के बीच मारपीट भी हुई थी । बाद में विपक्षी दलों ने सदन का बहिष्कार कर दिया ।attacknews.in