इस्लामाबाद 27 नवंबर । पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से निलंबित किए जाने से राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बन गई है। इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए कानून मंत्री फरोग नसीम को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है जबकि श्री बाजवा मामले की सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
पहले बताया गया कि मामले की सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष न्यायालय के समक्ष रखने के लिए कानून मंत्री फरोग नसीम ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। अब वह बुधवार को होने वाले बाजवा मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय में मौजूद रहेंगे।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से बताया गया है कि श्री नसीम ने खुद इस्तीफा दिया है और सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। वह जनरल बाजवा के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अटार्नी जनरल के साथ सरकार का पक्ष प्रस्तुत करेंगे।
कैबिनेट की आपात बैठक के बाद पाकिस्तान के रेलवे मंत्री शेख रशीद, संघीय शिक्षा मंत्री शफकत महमूद और जवाबदेही मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक शहजाद अकबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कानून मंत्री के इस्तीफे की जानकारी दी।
श्री अकबर ने कहा, “मैं आपको बता रहा हूं कि फरोग नसीम ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। वह कल (बुधवार को) अटार्नी जनरल के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे और जनरल बाजवा के सेवा विस्तार के मामले में सरकार का पक्ष रखेंगे।”
श्री अकबर ने कहा कि नसीम ने इस वजह से इस्तीफा दिया है क्योंकि संघीय कानून मंत्री होने के कारण वह मंगलवार को मामले में कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रख सके।
श्री अकबर ने कहा कि एक बार जब यह मामला समाप्त हो जाएगा, तब नसीम एक बार फिर से कानून मंत्रालय का प्रभार संभाल सकते हैं। यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह हालात के हिसाब से फैसले लें।
श्री शफकत महमूद ने कहा कि कैबिनेट बैठक में जनरल बाजवा के मामले में अदालत के आदेश पर चर्चा की गई। उन्होंने दावा किया कि संविधान प्रधानमंत्री को सैन्य प्रमुख को सेवा विस्तार देने जैसा अधिकार देता है।
पाकिस्तान के मंत्रियों ने भले ही कानून मंत्री के इस्तीफे को सामान्य बताने का प्रयास किया हो लेकिन इस आशय की रिपोर्ट इससे पहले आयीं कि जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित किए जाने पर श्री इमरान खान की नाराजगी की गाज देश के कानून मंत्री पर गिरी है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में श्री खान अपने कानून मंत्री पर जमकर बरसे।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक श्री खान इस बात से नाराज थे कि आखिर इस मामले में कानून मंत्रालय कर क्या रहा था, उसने पहले से सभी औपचारिकताएं पूरी क्यों नहीं कीं।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि जनरल बाजवा के सेवा विस्तार की अधिसूचना को रोके जाने पर प्रधानमंत्री खान बेहद गुस्से में दिखे और वह श्री नसीम पर बरस पड़े।
सूत्रों के मुताबिक श्री खान ने कहा कि जब सेवा विस्तार का मामला तय हो चुका था तो फिर तमाम औपचारिकताएं पूरी क्यों नहीं की गईं, कानून मंत्रालय ने कोताही क्यों बरती और तमाम कानूनी पहलुओं पर काम क्यों नहीं किया गया।
सूत्रों ने बताया कि इमरान के बरसने पर कैबिनेट की बैठक में सन्नाटा छा गया। नतीजा यह रहा कि बैठक के मूल एजेंडे को कुछ देर तक विचार के लिए नहीं उठाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट की इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने एक बार फिर कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई जिसमें जनरल बाजवा के सेवा विस्तार की समरी को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने बताया कि इस सिलसिले में डिफेंस एक्ट में संशोधन कर इसमें ‘विस्तार’ शब्द जोड़ा गया। इस समरी को राष्ट्रपति के पास उनकी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।