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भारत ने कहा था,वह पड़ौसियों से सहयोगपूर्ण संबंध चाहता है; उधर पाकिस्तान ने फैला दी कि,भारत बातचीत करना चाहता है; इस पर भारत का कड़ा जवाब attacknews.in

नयी दिल्ली/इस्लामाबाद , 20 जून । भारत ने पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए तैयार होने का दावा करने वाली पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों को बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में उनके समकक्षों के बधाई संदेशों का उत्तर देते समय ऐसी कोई बात नहीं की।

पाकिस्तान के समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बृहस्पतिवार को एक खबर में दावा किया कि पाकिस्तान की बातचीत संबंधी ताजा अपील के जवाब में मोदी और जयशंकर ने कहा कि भारत क्षेत्र की समृद्धि के लिए पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ वार्ता का इच्छुक है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बधाई संदेशों के जवाब के संबंध में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने पाकिस्तान में अपने समकक्षों के बधाई संदेशों का जवाब स्थापित राजनयिक प्रक्रिया के अनुसार दिया।’’ 

उन्होंने कहा कि अपने संदेशों में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि भारत पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य एवं सहयोगात्मक संबंध चाहता है।

कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा ‘‘इसके लिए आतंकवाद, हिंसा एवं शत्रुता से मुक्त और भरोसे का माहौल बनाना महत्वपूर्ण है।’’ विदेश मंत्रालय ने भी ‘‘ऐसे माहौल की आवश्यकता पर बल दिया जो आतंकवाद और हिंसा की छाया से मुक्त हो’’।’’ 

यह पूछे जाने पर कि पत्र में क्या वार्ता करने का भी कोई जिक्र किया गया है, विदेश मंत्रालय ने उत्तर दिया कि इस प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान ने बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान पिछले सप्ताह एक दूसरे का अभिवादन किया था। 

यह भी समझा जा रहा है कि खान ने एससीओ परिसर के लीडर्स लॉन्ज में मोदी के साथ आमने-सामने की बातचीत में भारतीय प्रधानमंत्री को चुनावी जीत की बधाई दी थी।

हालांकि इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कोई बैठक नहीं हुई थी।

इससे करीब दो सप्ताह पहले ही खान और कुरैशी ने अपने भारतीय समकक्षों को पत्र लिखकर द्विपक्षीय वार्ता पुन: शुरू करने पर जोर दिया था।

भारत ने जनवरी 2016 में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता नहीं की है। भारत का कहना है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।

खान ने मोदी को 26 मई को टेलीफोन कॉल की थी और दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।

मोदी ने कहा कि क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि के लिए हिंसा और आतंकवाद से मुक्त माहौल बनाना और भरोसा कायम करना जरूरी है।


इन्हीं सब तथ्यों को सामने रखते हुए, भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान की उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया जिनमें कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरु करने को तैयार है। 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने  कहा कि स्थापित राजनयिक परंपराओं के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एवं विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की ओर से प्राप्त बधाई संदेशों का उत्तर दिया था। अपने संदेशों में श्री मोदी एवं डॉ. जयशंकर ने कहा था कि भारत पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों से सामान्य एवं सहयोगपूर्ण संबंध चाहता है।


श्री कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा था कि इसके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास का एक वातावरण बनाया जाये जो आतंकवाद, हिंसा एवं दुर्भावना से मुक्त हो। विदेश मंत्री ने भी आतंकवाद एवं हिंसा की छाया से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाये जाने की जरूरत पर जोर दिया था। 


पाकिस्तान के एक समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि के लिए पाकिस्तान एवं अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ बात करने काे तैयार है। भारतीय नेतृत्व का कहना है कि बातचीत शुरू करने के साथ ही आतंकवाद के खात्मे पर विशेष ध्यान केन्द्रित रहेगा। 


श्री कुमार ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री ने बधाई संदेशों का जवाब स्थापित राजनयिक परंपराओं के अनुरूप दिया था।


पाकिस्तान ने किया था यह दावा:



इस्लामाबाद से खबर है कि, पाकिस्तान ने गुरुवार को दावा किया कि भारत ने उसके साथ बातचीत की इच्छा जतायी है।


पाकिस्तान में मीडिया रिपोर्टाें में विदेश कार्यालय के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गयी है। इसके मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को इस संबंध में पत्र लिखा है। 


इससे पूर्व श्री खान ने श्री मोदी के दोबारा सत्ता में आने पर उन्हें भेजे बधाई का पत्र में दोनों देशों के बीच बातचीत की इच्छा जतायी थी। उन्होंने जम्मू कश्मीर विवाद और आतंकवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की थी। attacknews.in 

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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