इस्लामाबाद, सात नवंबर । पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर गलियारा का इस्तेमाल कर गुरुद्वारा दरबार साहिब आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिये एक साल तक पासपोर्ट की शर्त हटा दी है। इसके उलट पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी।
अपने साप्ताहिक मीडिया कार्यक्रम में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर के मद्देनजर भारतीय सिखों के लिये पासपोर्ट की शर्त को एक साल के लिये हटा दिया गया है।
फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने श्रद्धालुओं के आने से 10 दिन पहले पाकिस्तानी सरकार को तीर्थयात्रियों की जानकारी मुहैया कराने की आवश्यकता से भी छूट दे दी है और इसके साथ ही नौ और 12 नवंबर को आने वाले श्रद्धालुओं से 20 अमेरिकी डालर (लगभग 1400 रुपये) का शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हमने भारत को औपचारिक रूप से इससे अवगत करा दिया है।”
इससे पहले, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल करने के लिये पासपोर्ट की जरूरत होगी। इसके बाद पासपोर्ट पर स्थिति को लेकर थोड़ा भ्रम हो गया था।
स्थानीय मीडिया ने उन्हें उद्धृत करते हुए कहा, “सुरक्षा कारणों से, प्रवेश पासपोर्ट आधारित पहचान पर मिली अनुमति के तहत कानूनी तरीके से दिया जाएगा। सुरक्षा एवं संप्रभुता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।”
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा था कि वह स्पष्ट करे कि करतारपुर साहिब का दौरा करने के लिये पासपोर्ट की जरूरत होगी या नहीं।
एक नवंबर को, प्रधानमंत्री खान ने करतापुर गलियारे का निर्माण पूरा होने की ट्विटर पर घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने दो शर्तों को माफ कर दिया है। इनमें से एक पासपोर्ट से जुड़ी शर्त थी जबकि दूसरी शर्त भारत से करतारपुर तीर्थयात्रा पर आने वाले सिखों द्वारा 10 दिन पहले पंजीकरण कराने से जुड़ी थी।
उन्होंने कहा था कि भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट की नहीं बल्कि एक वैध पहचान-पत्र की जरूरत होगी।
करतारपुर गलियारा भारत के पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित करतारपुर के दरबार साहिब से जोड़ेगा। यह गुरुद्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 2019 में 550वीं जयंती है। गुरु नानक देव का जन्म पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था।
फैसल ने कहा कि करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में भारत और दुनिया के दूसरे हिस्सों से 10,000 सिख आएंगे।
पाकिस्तान ने करतारपुर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया विशेष ‘पर्यटन पुलिस बल’:
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने शनिवार से हर रोज करतारपुर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बृहस्पतिवार को 100 सदस्यों वाला विशेष ‘पर्यटन पुलिस बल’ तैनात किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शनिवार को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद भारतीय श्रद्धालु प्रतिदिन के आधार पर यहां आएंगे।
गलियारे की सुरक्षा का जिम्मा पाकिस्तानी रेजरों पर है और पंजाब पुलिस उनके साथ समन्वय करेगी।
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता नियाब हैदर नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा,‘‘सिख श्रद्धालुओं की देखभाल और उनकी सुरक्षा के लिए 100 जवानों के पर्यटन पुलिस बल के एक दस्ते को तैनात किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि और पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा वे भी इस पहले दस्ते में शामिल होंगे। इसी प्रकार से पाकिस्तानी रेंजरों ने सुरक्षा कारणों से गलियारे में तैनात किए गए अपने कर्मियों की संख्या को बढ़ा दिया है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेंजरों ने शनिवार को इसके उद्घाटन से पहले और कर्मियों को तैनात किया है।’’
उन्होंने बताया कि आने वाले सिख श्रद्धालु केवल गुरुद्वारा दरबार साहिब तक ही जाएंगे और रेंजर एवं पुलिस गलियारे तथा गुरुद्वारे के भीतर और आस पास के क्षेत्र में पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर भी कह चुके हैं कि दरबार साहिब आने वाले किसी भी भारतीय श्रद्धालु को निर्धारित क्षेत्र के अलावा ‘एक इंच’ भी बढ़ने नहीं दिया जाएगा।
इस बीच पाकिस्तान सरकार के विभिन्न विभागों ने शनिवार दोपहर गलियारे के शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए यहां बृहस्पतिवार को बैठकें की।
देश में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों की देखभाल करने वाले शरणार्थी न्यास संपत्ति बोर्ड के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने कहा, ‘‘गलियारे के शुरू होने के अवसर पर आने वाले सिख श्रद्धालुओं तथा अन्य अतिथियों के स्वागत की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हमने सुनिश्चित किया है कि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं हो और वे इसे यादगार यात्रा के तौर पर याद रखें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गुरुवार को वीजा पर करतारपुर साहिब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे जहां उन्होंने अरदास की।’’
इनमें दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध समिति के प्रधान सरदार सरोजीत सिंह भी शामिल थे।
सिंह ने कहा, ‘‘ बाबा गुरु नानक की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर साहिब तक पहुंचना सिखों के लिए सबसे सुंदर चीज है।’’
उन्होंने कहा कि यहां आने वाले सिखों की प्रसन्नता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गलियारे से आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क नहीं लेने और पासपोर्ट की शर्त के संबंध में प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘‘ बाबा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर करतारपुर आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान सरकार ने तीन अहर्ताएं समाप्त कर दी हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘अब भारतीय सिख श्रद्धालुओं को एक साल तक पासपोर्स नहीं लाना होगा, आगमन से 10 दिन पहले पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी, नौ और 12 नवंबर को प्रति श्रद्धालु प्रति दिन 20 डॉलर का सेवा शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान में गुरुद्वारे जाने वाले जत्थे में शामिल होंगे।