इस्लामाबाद , 31 मई ।पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने आज एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए जिससे अफगानिस्तान की सीमा से लगते अशांत कबाइली इलाकों का विलय उत्तर – पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में हो गया और इसके साथ ही ब्रिटिश युग की 150 साल पुरानी व्यवस्था का अंत हो गया।
विधेयक को राष्ट्रपति के पास औपचारिक मंजूरी के लिए भेजे जाने से पहले नेशनल असेंबली , सीनेट और खैबर पख्तूनख्वा की विधानसभा ने पारित कर दिया था।
जियो टीवी के अनुसार विधेयक पर हस्ताक्षर के बाद राष्ट्रपति ने संघ शासित कबाइली इलाकों (फाटा) और खैबर पख्तूनख्वा के लोगों को बधाई दी।
विधेयक में पाकिस्तानी संघ के क्षेत्र को परिभाषित करने वाले अनुच्छेद -1 सहित संविधान के कई अनुच्छेदों में संशोधन किया गया है।
नेशनल असेंबली में विधेयक को पारित कराने के लिए आम सहमति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि इससे कबाइली इलाकों में 150 साल पुरानी व्यवस्था बदल जाएगी।
ब्रिटिश शासन ने अफगानिस्तान से सीधे संघर्ष से बचने के लिए बफर जोन के रूप में अर्द्ध – स्वायत्त कबाइली इलाके की स्थापना की थी।
इसमें सात जिले – बाजौर , खैबर , कुर्रम , मोहमंद , उत्तरी वजीरिस्तान , ओरकजई और दक्षिणी वजीरिस्तान शामिल हैं। यह इलाका अफगानिस्तान की सीमा से लगता है और यह अमेरिका में 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी बलों की कार्रवाई के चलते अफगानिस्तान से भागे आतंकवादियों की मौजूदगी के कारण दुनियाभर में जाना जाने लगा था।
इन सात जिलों में लगभग 80 लाख लोग रहते हैं जिनमें अधिकतर पश्तून हैं।
पाकिस्तानी बलों ने क्षेत्र को आतंकवादियों से मुक्त कराने के लिए कई बार सैन्य कार्रवाई की है।attacknews.in