इस्लामाबाद, तीन अगस्त ।पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने के विषय पर शुक्रवार को चुप्पी साधे रहा। इससे पहले बृहस्पतिवार को उसने कहा था कि वह भारतीय अधिकारियों को सेवानिवृत नौसैनिक अधिकारी जाधव से शुक्रवार को मिलने देगा लेकिन भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को दूतावास से संपर्क की इजाजत देने संबंधी शर्तों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों को लेकर शुक्रवार को भी भारतीय उच्चायोग अधिकारियों और जाधव के बीच मुलाकात नहीं हो सकी।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव (49) को ‘‘जासूसी और आतंकवाद’’ के आरोप में अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनायी थी, जिसके बाद भारत ने नीदरलैंड में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया और उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
आईसीजे ने जाधव की दोषसिद्धि और सजा की ‘‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार’’ करने का 17 जुलाई को पाकिस्तान को आदेश दिया था। साथ ही, बिना देर किये जाधव का भारतीय दूतावास से संपर्क कराने को कहा था।
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि मुलाकात का कार्यक्रम शुक्रवार दोपहर तीन बजे का था।
भारत ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को एक पत्र भेज कर अपना यह रूख स्पष्ट कर दिया था कि दूतावास संपर्क अवश्य ही बेरोक-टोक हो और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के आलोक में हो।
हालांकि, पाकिस्तान द्वारा रखी गई शर्तों में एक शर्त कथित तौर पर यह भी थी कि जब भारतीय कैदी को दूतावास संपर्क के तहत भारतीय अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी जाए, उस दौरान एक पाकिस्तानी अधिकारी की भी मौजूदगी रहे।
बृहस्पतिवार को पाक विदेश कार्यालय ने कहा था कि जाधव को शुक्रवार को दूतावास से संपर्क की इजाजत दी जाएगी।
पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, ‘‘हमने भारतीय उच्चायोग को इस शुक्रवार को दूतावास संपर्क प्राप्त करने की पेशकश की है। भारत की ओर से जवाब का इंतजार है।’’
बहरहाल, पाक विदेश कार्यालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह मुलाकात क्यों नहीं हो पाई।
गौरतलब है कि आईसीजे ने अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों पर वियना कंवेंशन का उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने ईरान से कथित तौर पर वहां प्रवेश किया था।
वहीं, भारत ने कहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के अनुसार पाकिस्तान से वैश्विक अदालत के फैसले का पूरी तरह अनुपालन करते हुए जाधव को पूर्ण राजनयिक पहुंच देने का आग्रह किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जाधव को शुक्रवार को राजनयिक पहुंच दी जाएगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमने भारतीय उच्चायोग को इस शुक्रवार को राजनयिक पहुंच की सुविधा लेने की पेशकश की। भारत की तरफ से जवाब का इंतजार किया जा रहा है।”
लेकिन शुक्रवार को विदेश मंत्रालय जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के विषय पर चुप्पी साधे रहा।
भारत ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान को एक पत्र लिख कर अपना रुख साफ कर दिया था कि राजनयिक पहुंच “बेरोक-टोक’’ और अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए।
ऐसी खबरें थीं कि पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं।
समझा जाता है कि एक शर्त यह है कि राजनयिक पहुंच के तहत जब भारतीय अधिकारियों को जाधव से मुलाकात की इजाजत दी जाएगी उस दौरान एक पाकिस्तानी अधिकारी भी वहां मौजूद रहेगा
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