इस्लामाबाद, 28 मार्च। पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत ने आतंकी हमले के बाद इस्लामाबाद को जो डोजियर सौंपा है उसमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और पुलवामा हमले में किसी प्रकार के संबंध का उल्लेख नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डोजियर मिलने के तुरंत बाद पाकिस्तान ने हमले की जांच के लिए दस सदस्यीय एक दल का गठन किया और इसमें संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी शामिल किए गए।
हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा घटना के साथ पाकिस्तान की कोई कड़ी नहीं पाई गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय डोजियर में ऐसा कोई दावा नहीं किया गया है कि पुलवामा घटना एवं मसूद अजहर में किसी प्रकार का कोई संबंध है।’’
भारत ने नयी दिल्ली में पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को 27 फरवरी को एक डोजियर सौंपा था और इसमें पाकिस्तान की सरजमीं से चल रहे आतंकी संगठन जैश की पुलवामा हमले में संलिप्तता के बारे में विशिष्ट जानकारी थी। इस साल 14 फरवरी को हुये इस भीषण आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। डोजियर में जैश के आतंकी शिविरों और उसके नेतृत्व की पाकिस्तान में मौजूदगी के बारे में जानकारियां दी गईं थीं।
पाक विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय डोजियर 91 पृष्ठों का है और यह छह भागों में है। इनमें से सिर्फ दूसरा एवं तीसरा भाग पुलवामा हमले के बारे में हैं। अन्य भागों में ‘‘ज्यादातर सामान्य आरोप’’ हैं। पाकिस्तान का ध्यान उन हिस्सों पर है जिनका संबंध पुलवामा हमले से है।
उन्होंने पाकिस्तान के भारत के साथ सहयोग करने की इच्छा पर जोर देते हुये कहा, ‘‘हमने भारत को सूचित कर दिया है कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं बशर्ते वे हमें ऐसी कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी एवं साक्ष्य देते हैं जो पाकिस्तान के न्यायालय में टिक पाएं। हम उन पर काम करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा ताकि सभी विवादों का हल निकल सके लेकिन भारतीय पक्ष ने प्रत्युत्तर नहीं दिया।
चीन ने कहा: अमेरिका अनदेखी कर रहा है:
बीजिंग से खबर है कि, चीन ने अमेरिका पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ने इस मसले पर सीधा अपने प्रस्ताव का मसौदा सुरक्षा परिषद में भेजकर 1267 समिति के नियमों का उल्लंघन किया है, जिससे यह मामला और जटिल हो जायेगा।
श्री शुआंग ने कहा कि ऐसे कार्यों से 1267 समिति का अधिकार क्षेत्र कमजोर होता है। 1267 समिति सुरक्षा परिषद की प्रमुख आतंकवाद निरोधक एजेंसी है।
मसूद अज़हर पर सुरक्षा परिषद में लाये गए ताजा प्रस्ताव पर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “ चीन ने इस मामले से संबंधित किसी भी मसले पर वीटो नहीं लगाया है। हमने प्रस्ताव को विचार के लिए रखा है, यह सुरक्षा परिषद में वीटो से काफी अलग होता है।”
गौरतलब है कि 13 मार्च को चीन ने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने वाले एक प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में वीटो कर उसे रोक दिया था। यह प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से लाया गया था।
भारत का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद ने उसके नागरिकों पर अनगिनत आतंकवादी हमले करने के दावे किये हैं जिनमें पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर जघन्य फिदायीन हमला शामिल है जिसमें 44 जवान शहीद हो गये थे।
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