इस्लामाबाद, 19 फरवरी । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ बढ़े ‘‘तनाव को कम’’ करने के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी।
उल्लेखनीय है कि कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है।
कुरैशी ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘मैं भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ बल प्रयोग के खतरे के कारण हमारे क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात की ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूं।’’
भारत ने कश्मीर मामले पर किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को नकार दिया है और वह कहता आया है कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों से जुड़े सभी मामलों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।
कुरैशी ने अपने पत्र में कहा कि भारतीय सीआरपीएफ जवानों पर पुलवामा में हमला स्पष्ट तौर पर एक कश्मीर निवासी ने किया था। यहां तक कि भारत ने भी यही कहा है।
उन्होंने कहा कि जांच से पहले ही इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना बेतुकी बात है।
कुरैशी ने आरोप लगाया कि भारत ने घरेलू राजनीतिक कारणों से पाकिस्तान के खिलाफ अपनी शत्रुतापूर्ण बयानबाजी जानबूझकर बढ़ा दी है और तनावपूर्ण माहौल पैदा किया है।
उन्होंने लिखा कि भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह सिंधु जल संधि से पीछे हट सकता है।
कुरैशी ने जोर दिया कि यह एक बड़ी भूल होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘तनाव कम करने के लिए कदम उठाना अनिवार्य है। तनाव कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।’’
कुरैशी ने कहा कि भारत से आतंकवादी हमले की मुक्त एवं विश्वसनीय जांच करने को कहा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आप भारत से तनाव को और बढ़ाने से बचने और हालात शांत करने की खातिर पाकिस्तान एवं कश्मीरियों से बातचीत करने को कह सकते हैं।’’
विदेश मंत्री ने अनुरोध किया कि यह पत्र सुरक्षा परिषद और महासभा के सदस्यों के पास भी भेजा जाए।
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर के मामले पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता रहा
इस्लामाबाद में बैठक:
इस्लामाबाद से खबर है कि पाकिस्तान के नागरिक एवं सैन्य नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक, पुलवामा हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव पर चर्चा के लिए इस हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया में मंगलवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।
कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है और दोनों देशों ने अपने-अपने दूतों को वापस बुला लिया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तानी दूत भारत में मौजूदा हालात के बारे में असैन्य अवं सैन्य नेतृत्व को अवगत कराएंगे।
खबर में बताया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति पर फैसला लेने वाले शीर्ष मंच एवं बेहद शक्तिशाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक इस हफ्ते हो सकती है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे और इसमें सेवा प्रमुखों के साथ ही प्रमुख संघीय मंत्री शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, उच्च स्तरीय बैठक में पुलवामा हमले के बाद उत्पन्न हुई स्थितियों की समीक्षा की जाएगी।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि देश पुलवामा हमले को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि बातचीत का समय अब खत्म हो गया है।
पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद 2002 से पाकिस्तान में प्रतिबंधित समूह बना हुआ है और देश प्रतिबंधों को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
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