Home / अंतराष्ट्रीय / लादेन का पता लगाने वाले डाॅ आफरीदी की रिहाई को लेकर पाक और अमेरिका में तनाव गहराया Attack News
डा शकील आफरीदी

लादेन का पता लगाने वाले डाॅ आफरीदी की रिहाई को लेकर पाक और अमेरिका में तनाव गहराया Attack News

इस्लामाबाद 4 मई। पाकिस्तान का कहना है कि अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद करने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी को रिहाई के बारे में अमेरिका के साथ कोई “डील” नहीं हुई है.

2012 से जेल में बंद डॉ शकील अफरीदी की रिहाई भी पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव की वजह रही है. पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में विशेष अमेरिकी दस्ते के अभियान में ओसामा बिन लादेन मारा गया.

जब पता चला कि अफरीदी ने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद की है तो उन पर देशद्रोह के आरोप लगे.

अमेरिकी दस्ते नेवी सील के ऑपरेशन के चंद दिनों बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया था.

अफरीदी पर आतंकवादियों की मदद करने के आरोप तय किए गए.

2012 में पाकिस्तान की अदालत ने अफरीदी को चरमपंथियों के साथ संबंध रखने का दोषी करार दिया और 33 साल की सजा सुनाई.

गुरुवार को पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफरीदी को पेशावर की जेल से रावलपिंडी की जेल में ट्रांसफर कर दिया.

इससे उनकी रिहाई की अटकलों को हवा मिली. लेकिन पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैसल मोहम्मद ने कहा है कि इस बारे में अभी तक अमेरिका के साथ कोई “डील” नहीं हुई है.

अमेरिका अफरीदी की रिहाई चाहता है लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि उन्होंने देश के कानून का उल्लंघन किया है.

अमेरिका पाकिस्तान पर उन तालिबान चरमपंथियों को लगातार पनाह देने के आरोप लगाता है जो सीमापार अफगान और अमेरिकी सैनिकों पर हमले करते हैं.

इसी के चलते उसने पाकिस्तान को दी जाने वाली बड़ी सैन्य मदद रोक दी है. लेकिन पाकिस्तान इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करता है.

पेशावर जेल के एक अधिकारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अफरीदी को राजधानी इस्लामाबाद के पास रावलपिंडी की अडियाला जेल में ट्रांसफर किया गया है.

अधिकारी का कहना है कि वह नहीं जानते कि ऐसा क्यों किया जा रहा है, हो सकता है कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया हो.

अफरीदी के वकील कमर नदीम ने भी अपने मुवक्किल के ट्रांसफर की पुष्टि की है लेकिन उन्हें इस बारे में अभी पक्की जानकारी नहीं है कि डॉ अफरीदी कहां हैं. अभी तक इस बारे में पाकिस्तान में स्थित अमेरिकी दूतावास का कोई बयान सामने नहीं आया है जो सालों से उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, “हमें रिपोर्टों से पता चला है कि डॉ अफरीदी को एक अन्य जेल में ट्रांसफर किया गया है और हम पाकिस्तान सरकार से उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अपील करते हैं.”

अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि अफरीदी को क्यों ट्रांसफर किया गया है. उनके मुताबिक इस बारे में पाकिस्तान सरकार ही कोई जानकारी दे सकती है.

जनवरी 2017 में पाकिस्तान के तत्कालीन कानून मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान अमेरिका के दबाव में अफरीदी को रिहा नहीं करेगा. उस वक्त जाहिद हामिद ने कहा था, “अफरीदी ने कानून और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम किया है. और पाकिस्तान ने बार बार अमेरिका से कहा है कि हमारे कानून के मुताबिक उसने अपराध किया है और उसी के मुताबिक कार्रवाई हो रही है.”attacknews.in

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी attacknews.in

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया attacknews.in

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार attacknews.in

हांगकांग के एप्पल डेली अखबार के संपादकीय लेखक फंग वाई कोंग को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी साठगांठ करने के संदेह पर किया गया गिरफ्तार

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा – को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा attacknews.in

सऊदी अरब के पुरुष संरक्षकता कानूनों की खुलकर आलोचना करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ताओं समर बदावी और नसीमा अल-सदा - को जेल से रिहा किया,सुनाई गई थी 5 साल के कारावास की सजा

आज भी मनुष्य की औसत आयु 150 बरस जीवन की है;सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका”गोम्पर्ट्ज़ समीकरण” से जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना की गयी attacknews.in

आज भी मनुष्य की औसत आयु 150 बरस जीवन की है;सबसे पुराना और अभी भी सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका"गोम्पर्ट्ज़ समीकरण" से जीवन प्रत्याशा और जीवनकाल की गणना की गयी