भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा:पाकिस्तान से आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ‘प्रमाणिक’ कार्रवाई करने की अपील करे attacknews.in

संयक्त राष्ट्र, 29 जून । भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया कि अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसकी सरजमीं से संचालित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ “प्रभावी एवं अपरिवर्तनीय’’ कार्रवाई करने के लिए कहा जाए। भारत ने कहा कि इस्लामाबाद को “नैतिकता के उच्च मार्ग” पर चलने की बात नहीं कहनी चाहिए जो केवल झूठ की खानों से भरा हुआ है।

भारत के खिलाफ “तल्ख आक्षेप’’ लगाने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए भारत के गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी एस के कौमुदी ने कहा, “जैसा कि उम्मीद थी, पाकिस्तान का शिष्टमंडल फिर से भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने और झूठे किस्से गढ़ने का रुख अपना रहा है।”

वह सोमवार को महासभा में सदस्य राष्ट्रों के आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुख के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने ‘आतंकवाद के वैश्विक संकट: वर्तमान खतरों और नये दशक के लिए उभरते चलनों के मूल्यांकन’ सत्र में कहा, “ जो देश अपने अल्पसंख्यक नागरिकों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त रहता है और भारत के प्रति असुरक्षा की गहरी भावना रखता है एवं सुनियोजित नफरत पैदा करता है, उसके प्रतिनिधिमंडल से कुछ नया सुनने की हम उम्मीद भी नहीं कर सकते थे।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति (जीसीटीएस) की सातवीं समीक्षा समाप्त हो गई है और पाकिस्तान के झूठे विमर्श को संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने सरसरी तौर पर खारिज कर दिया था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा जारी कौमुदी के बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से उसके नियंत्रण वाली सीमा में काम कर रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी, प्रमाणिक और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने को कहे और सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने को न कहे जिसमें सिर्फ झूठ छिपा है।”

पिछले साल प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोस के अफगानिस्तान में अनुमानित 6,000 से 6,500 पाकिस्तानी आतंकवादी हैं, जिनमें से अधिकतर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ हैं जो दोनों ही देश के लिए खतरा हैं।

यह रिपोर्ट भारत द्वारा पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र में यह पूछे जाने के दो हफ्ते बाद आई थी कि क्यों दुनिया भर में उसे आतंकवाद का “अंतरराष्ट्रीय केंद्र” और “आतंकवादियों के लिए बेहतरीन पनाहगाह” माना जाता है।”

पिछले साल जून में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में 40,000 तक आतंकवादियों की मौजूदगी और वहां से आतंकवादियों ने पड़ोसी देशों पर हमला किया है यह बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार की थी।

कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए ब्रिटेन से आने वाली यात्री उड़ानों पर रोक लगाएगा हांगकांग; जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा उसे विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी attacknews.in

हांगकांग, 29 जून (एपी) हांगकांग ने कहा है कि ब्रिटेन में फैल रहे कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर वहां से आने वाली सभी यात्री उड़ानों पर रोक लगाई जाएगी और यह रोक बृहस्पतिवार से शुरू होगी।

सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि ब्रिटेन को, वहां महामारी के फिर से बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए और वहां कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के बड़े पैमाने पर फैलने के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक उच्च जोखिम’’ की श्रेणी में रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में कोविड-19 के नए मामलों में से 95 प्रतिशत से अधिक मामले कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा स्वरूप अत्यधिक संक्रामक है।

हांगकांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा है उसे हांगकांग के विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले, पिछले वर्ष दिसंबर में भी हांगकांग ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाई थी। बयान में बताया गया कि ब्रिटेन से आनी वाली उड़ानों पर एक जुलाई से पाबंदी है लेकिन यात्री हांगकांग से लंदन जाने वाली कुछ एयरलाइन की उड़ानों में टिकट बुक कर सकेंगे।

लीसेस्टर विश्वविद्यालय में विषाणु विज्ञानी डॉ. जुलियन टैंग ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से प्रतिबंध लगाया जाना उचित है। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन पहले भी वायरस पर सफलतापूर्वक काबू नहीं पा सका और अब वायरस की इस हालिया लहर के पीछे संभवत: टीके को लेकर अति आत्मविश्वास है।’’ टैंग ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रकोप को थामने के लिए अपनी कम से कम 80 फीसदी आबादी को टीका लगाना होगा।

हांगकांग ने यह पाबंदी ऐसे समय में लगाई है जब उसे लेकर ब्रिटेन तथा चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। अर्द्ध-स्वायत्त हांगकांग 1997 में चीन को सौंपे जाने से पहले तक ब्रिटेन का एक औपनिवेशिक क्षेत्र था। ब्रिटेन ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने पर चीन की आलोचना की है। हालांकि हांगकांग द्वारा उड़ान पर प्रतिबंध वहां फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की सरकार की नीति का हिस्सा है।

रूसी कंपनी रोसातोम ने भारत की कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं इकाई का निर्माण शुरू किया attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जून । कुडनकुलम परमाणु बिजली घर (केएनपीपी) की पांचवीं इकाई के लिए निर्माण कार्य मंगलवार को शुरू हो गया और रूसी कंपनी रोसातोम ने कहा कि सबसे पहले रिएक्टर भवन का निर्माण किया जाएगा।

सरकार द्वारा संचालित रूसी कंपनी ने एक बयान में कहा कि 29 जून को एक आधिकारिक समारोह आयोजित किया गया था जिसमें कुडनकुलम बिजली घर के लिए रिएक्टर भवन की नींव में पहले कंक्रीट डाला गया।

कंपनी ने कहा कि मौजूदा महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों को देखते हुए यह समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए से आयोजित किया गया।

रूसी कंपनी रोसातोम इस रिएक्टर का निर्माण कर रही है। भारत और रूस के बीच 10 अप्रैल 2014 को यूनिट तीन और यूनिट चार के निर्माण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। उसके बाद दोनों देशों के बीच कुडनकुलम एनपीपी यूनिट पांच और यूनिट छह के निर्माण पर बातचीत शुरू हुई और बाद में इस संबंध में समझौता हुआ। इन इकाइयों का निर्माण उसी डिजाइन के अनुरूप किया जाएगा जो यूनिट तीन और यूनिट चार के लिए तय किया गया था।

कंपनी ने कहा कि कई वर्षों से, कुडनकुलम एनपीपी निर्माण परियोजना रूस और भारत के घनिष्ठ सहयोग का प्रतीक रही है।

इस बिजली घर की यूनिट एक और यूनिट दो पहले ही चालू हो गयी है और यूनिट तीन तथा यूनिट चार के लिए काम चल रहा है।

भारत के न्याय विभाग ने “एनफोर्सिंग कॉन्ट्रेक्ट पोर्टल” लॉन्च किया;वाणिज्यिक अदालतों में व्यापारिक मुकदमों और सीधे संदर्भ के लिये कानूनों की पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध attacknews.in

पोर्टल का लक्ष्य देश में व्यापार सुगमता को प्रोत्साहित करना और ‘अनुबंध प्रवर्तन कानून’ में सुधार

“अनुबंध प्रवर्तन” के पैमाने के मद्देनजर विधायी और नीतिगत सुधारों के सम्बंध में सूचना का समग्र स्रोत बनेगा पोर्टल

नईदिल्ली 29 जून । सचिव (न्याय) श्री बरुन मित्रा ने दिल्ली स्थित न्याय विभाग में अन्य आला अधिकारियों की उपस्थिति में एक विशिष्ट “एनफोर्सिंग कॉन्ट्रेक्ट्स पोर्टल” का उद्घाटन किया।

विश्व बैंक समूह की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट दुनिया की 191 अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार को कानूनी तौर पर नियमित करने का मानदंड है। इसके तहत व्यापार सुगमता सूचकांक एक ऐसी रैंकिंग प्रणाली है, जिसके द्वारा किसी अर्थव्यवस्था के बारे में यह संकेत मिल जाता है कि व्यापार नियमन के 11 क्षेत्रों में वह अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में क्या हैसियत रखती है।

“अनुबंध प्रवर्तन” संकेतक एक ऐसा अहम

क्षेत्र है, जो मानक व्यापार विवादों के निपटारे में लगने वाले खर्च और समय के बारे में बताता है।

इसके अलावा न्यायपालिका में उत्कृष्ट व्यवहारों के बारे में जानकारी देता है। मौजूदा समय में, सिर्फ दिल्ली और मुम्बई शहर को ही विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। कोलकाता और बेंगलूरू को भविष्य में डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में शामिल करने की संभावना है।

विधि और न्याय मंत्रालय का न्याय विभाग, नोडल विभाग होने के नाते भारत में व्यापार सुगमता के हवाले से “अनुबंध प्रवर्तन” को मजबूत बनाने के लिये विधायी और नीतिगत सुधारों की निगरानी करता है। इसका अर्थ यह है कि जिन पक्षों में किसी व्यापार का अनुबंध किया जाये, तो उसके सिलसिले में दोनों पक्ष अपना वायदा पूरा करें। इसमें उच्चतम न्यायालय और दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और कर्नाटक के उच्च न्यायालयों की ई-समिति का सहयोग है। इन सबके साथ करीबी सहयोग की बदौलत न्याय विभाग विभिन्न सुधार उपायों का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है, ताकि कारगर, कुशल, पारदर्शी और मजबूत “अनुबंध प्रवर्तन कानून” बनाया जा सके।

पोर्टल में “अनुबंध प्रवर्तन” पैमानों के बारे में विधायी और नीतिगत सुधारों की समग्र सूचना उपलब्ध होगी। इसमें दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूरु और कोलकाता के समर्पित वाणिज्यिक अदालतों में चलने वाले और निपटाये जाने वाले मुकदमों की ताजा जानकारी रहेगी। इनसमर्पित वाणिज्यिक अदालतों को व्यापार विवादों के जल्द निपटारे के लिये स्थापित किया गया है।

वाणिज्यिक अदालत और सम्बंधित सेवाओं की सूचना को सुगम बनाने के लिये पोर्टल में कई फीचर शामिल किये गये हैं। इन फीचरों में दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूरु और कोलकाता में समर्पित वाणिज्यिक अदालतों के विवरण/लिंक; ई-फाइलिंग, अधिवक्ता पंजीकरण सम्बंधी जानकारी वाले वीडियो;न्यायाधिकारियों के लिये जस्टिस एप्प, वकीलों के लिये ई-कोर्ट एप्प जैसे इलेक्ट्रॉनिक केस मैनेजमेंट टूल्स की जानकारी शामिल है, जिन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति ने विकसित किया है; तथा सीधे संदर्भ के लिये वाणिज्यिक कानून की जानकारी को भी पोर्टल में रखा गया है।

नये पोर्टल में वाणिज्यिक अदालतों से जुड़े मध्यस्थता और पंचाट केंद्रों के बारे में सभी उच्च न्यायालयों द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट भी दी जायेगी, ताकि व्यापार मुकदमों के सिलसिले में संस्थागत-पूर्व मध्यस्थता और समझौते (पीआईएमएस) को प्रोत्साहन दिया जा सके और उसकी निगरानी हो सके। पीआईएमएस को इस उद्देश्य से स्थापित किया गया है, ताकि लंबित मुकदमों की संख्या कम हो और मध्यस्थता को बढ़ावा मिले, क्योंकि मध्यस्थता व्यापापर विवाद को निपटाने का एक कारगर विकल्प है।

नीति आयोग ने भारत में गैर-लाभकारी अस्पताल मॉडल पर रिपोर्ट जारी की,इसमें इन अस्पतालों द्वारा कार्यान्वित लागत-नियंत्रण रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है attacknews.in

नईदिल्ली 29 जून ।नीति आयोग ने देश में गैर-लाभकारी अस्पताल मॉडल पर आज एक व्यापक अध्ययन जारी किया,जो इस तरह के संस्थानों से जुड़ी सही सूचना की कमी को दूरी करने और इस क्षेत्र में मजबूत नीति निर्माण में मदद करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा, “निजी वर्ग में स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार में अपेक्षाकृत कम निवेश हुआ है। कल घोषित प्रोत्साहन से हमें इस स्थिति को बदलने का मौका मिलता है। गैर-लाभकारी क्षेत्र की रिपोर्ट इस दिशा में उठाया गया एक छोटा कदम है।”

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने नीति आयोग केमुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत,अपर सचिव डॉ. राकेश सरवाल और अध्ययन में भाग लेने वाले देश भर के अस्पतालों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह रिपोर्ट जारी की।

अध्ययन गैर-लाभकारी अस्पतालों के संचालन मॉडल को लेकर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह स्वामित्व एवं सेवा के आधार के तहत वर्गीकृत अस्पतालों पर शोध-आधारित निष्कर्ष प्रस्तुत करता है और उसके बाद निजी अस्पतालों तथा केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के साथ उनकी तुलना करता है।

नीति आयोग देश में निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा-वितरण परिदृश्य का व्यापक अध्ययन करता रहा है। जहां लाभकारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और संस्थानों के बारे में पर्याप्त जानकारी मौजूद है, उन गैर-लाभकारी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और संस्थानों से जुड़ी विश्वसनीय और व्यवस्थित जानकारी की कमी है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ और सस्ती बनाने में अपनी अथक सेवा के लिए जाने जाते हैं।

गैर-लाभकारी अस्पताल क्षेत्र न केवल उपचारात्मक बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करता है। यह स्वास्थ्य सेवा को सामाजिक सुधार, सामुदायिक जुड़ाव और शिक्षा से जोड़ता है। यह लाभ की चिंता किए बिना लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सरकारी संसाधनों और अनुदानों का इस्तेमाल करता है। हालांकि इन तमाम वर्षों में भी इस क्षेत्र का ठीक से अध्ययन नहीं किया गया है।

अध्ययन में गैर-लाभकारी अस्पतालों द्वारा कार्यान्वित लागत-नियंत्रण रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। यह उन चुनौतियों को समझने का प्रयास करता है जो इन संस्थानों के संचालन पर बोझ डालती हैं और उनके विकास को बाधित करती हैं।

रिपोर्ट में अल्पकालिक और दीर्घकालिक नीतिगत हस्तक्षेपों का प्रस्ताव है- जैसे कि इन अस्पतालों की पहचान करने के लिए एक मानदंड विकसित करना, प्रदर्शन सूचकांक के माध्यम से उनकी रैंकिंग करना,और शीर्ष अस्पतालों को परोपकार कार्य करने के लिए बढ़ावा देना,आदि। यह दूरस्थ क्षेत्रों में सीमित वित्त के साथ मानव संसाधनों के प्रबंधन में इन अस्पतालों की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने की जरूरत पर भी जोर देता है।

आत्‍मनिर्भर भारत अभियान योजनांतर्गत पीएमएफएमई के एक वर्ष पूर्ण होने पर 35 राज्‍यों के लिए 707 जिलों को एक जिला एक उत्‍पाद अनुमोदित किया गया,17 राज्यों में 54 सामान्य इन्क्यूबेशन केंद्रों को मंजूरी दी गई attacknews.in

नईदिल्ली 29 जून ।खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्‍यक्तिगत सूक्ष्‍म उद्यमों की प्रतिस्‍पर्धात्‍मकता बढ़ाने और इस क्षेत्र के औपचारिकता को प्रोत्‍साहन देने के लिए आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्योग उन्‍नयन योजना अपने एक वर्ष के पूरा होने का प्रतीक है।

दिनांक 29 जून, 2020 को शुरू की गई पीएमएफएमई योजना, 35 राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही है ।

पीएमएफएमई योजना के आवेदन के लिए ऑनलाईन पोर्टल दिनांक 25 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया था । पोर्टल पर 9000 से अधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 3500 से अधिक आवेदन योजना के तहत सफलतापूर्वक जमा किए गए हैं।

पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत हासिल की गई उपलब्धि

क. एक जिला एक उत्‍पाद

पीएमएफएमई योजना के एक जिला एक उत्‍पाद (ओडीओपी) घटक के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों द्वारा प्राप्‍त सिफारिशों के अनुसार 137 यूनिक उत्‍पादों सहित 35 राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के लिए 707 जिलों हेतु ओडीओपी को अनुमोदित किया है ।

भारत का जीआईएस ओडीओपी डिजिटल मैप सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों के ओडीओपी उत्‍पादों का विवरण प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है । डिजिटल मानचित्र में जनजातीय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आकांक्षी जिलों के लिए संकेतक भी हैं । यह हितधारकों को इसके मूल्‍य श्रृंखला विकास के लिए ठोस प्रयास करने में सक्षम बनाएगा ।

ख. अभिसरण (Convergence)

पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय, जनजातीय मामले मंत्रालय और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के साथ तीन संयुक्‍त पत्रों पर हस्‍ताक्षर किए ।

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्‍ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफैड), भारतीय राष्‍ट्रीय कृषि-सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति वित्‍त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), और ग्रामीण स्‍व-रोजगार प्रशिक्षण संस्‍थान (आरएसईटीओ) के साथ छह एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्‍ताक्षर किए ।

योजना के नोडल बैंक के रूप में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं और 11 बैंकों के साथ पीएमएफएमई योजना के लिए आधिकारिक ऋण देने वाले भागीदारों के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

ग. क्षमता निर्माण और उद्भवन केंद्र (Capacity building & Incubation Centres)

पीएमएफएमई योजना के क्षमता निर्माण घटक के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) और भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (IIFPT) राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों के साथ पार्टनर्शिप में चयनित उद्यमों/क्‍लस्टरों/समूहों को प्रशिक्षण और अनुसंधान सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) और विभिन्न खाद्य उत्पादों के तहत 371 मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

निफ्टेम और आईआईएफपीटी ने 137 ओडीओपी पर प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए हैं जिनमें 175 प्रजेंटेशन, 157 वीडियो, 166 डीपीआर और 177 पाठ्यक्रम सामग्री/हैंडबुक शामिल हैं। 18 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 469 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया और अन्य राज्यों में प्रगति पर है। 302 जिलों में 491 जिला रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति की गई है।

योजना के तहत, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, सिक्किम, अंडमान और निकोबार, आंध्र प्रदेश, , मेघालय, मिजोरम, ओडिशा और उत्तराखंड जैसे 17 राज्यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में 54 कॉमन इन्क्यूबेशन केंद्रों को मंजूरी दी गई है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने आईआईएफपीटी के सहयोग से कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर के प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और देश भर में इनक्यूबेशन केंद्रों के विवरण की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर मैप विकसित किया है।

घ. प्रारम्भिक पूंजी (Seed Capital)

स्वयं सहायता समूहों को प्रारम्भिक पूंजी उपलब्ध कराने के लिए पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत घटक को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और राज्य स्तर पर संचालित राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के नेटवर्क के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है । पीएमएफएमई योजना में कार्यशील पूंजी के लिए 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य के लिए छोटे उपकरणों की खरीद की परिकल्पना की गई है। अब तक एनआरएलएम ने 123.54 करोड़ रुपये की राशि के लिए राज्य नोडल एजेंसियों (एसएनए) को 43,086 एसएचजी सदस्यों की सिफारिश की है। एसएनए ने 8040 सदस्यों की प्रारम्भिक पूंजी को मंजूरी दी है और एसआरएलएम को 25.25 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है।

ड. विपणन और ब्रांडिंग

योजना के तहत, प्रत्येक 10 उत्पादों के लिए विपणन और ब्रांडिंग समर्थन लेने के लिए नेफेड और ट्राइफेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नेफेड ने ब्रांडिंग और मार्केटिंग समर्थन के लिए अनानास, बाजरा आधारित उत्पाद, धनिया, मखाना, शहद, रागी, बेकरी, इसबगोल, हल्दी और चेरी जैसे उत्पादों का चयन किया है। ट्राइफेड ने योजना के तहत शहद, इमली, मसाले, आंवला, दालें/अनाज/बाजरा, कस्टर्ड सेब, जंगली मशरूम, काजू, काला चावल और जंगली सेब जैसे उत्पादों का चयन किया है।

च. संस्थागत तंत्र (Institutional Mechanism)

सभी 35 प्रतिभागी राज्यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों ने अपनी-अपनी राज्य नोडल एजेंसियों, राज्य स्तरीय अनुमोदन समितियों, जिला स्तरीय समितियों और राज्य स्तरीय तकनीकी संस्थानों का गठन/चिन्हित किया है। इसके अलावा, निफ्टेम में एक कॉल सेंटर की स्थापना की गई है ताकि प्रश्नों का समाधान किया जा सके और योजना के हितधारकों का मार्गदर्शन किया जा सके।

छ. पीएमएफएमई योजना का प्रचार और प्रसार

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों और कृषि विश्वविद्यालयों के सहयोग से रेडियो, प्रिंट मीडिया, ऑफलाइन कार्यशालाओं, वेबिनार, क्षेत्रीय भाषा ब्रोशर/बुकलेट्स, आउटडोर पब्लिसिटी और वेबसाइट, एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से डिजिटल मीडिया के द्वारा हितधारकों को जागरूक करने के लिए पीएमएफएमई योजना का राष्ट्रव्यापी संवर्धन और प्रचार कर रहा है । पीएमएफएमई योजना मासिक ई-न्यूजलेटर 5 लाख से अधिक हितधारकों को भेजा जा रहा है। एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करने के लिए पीएमएफएमई पॉडकास्ट सीरीज शुरू की गई है ।

आजादी का अमृत महोत्सव पहल के अंतर्गत भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यों/संघ शासित प्रदेशों, निफ्टेम और आईआईएफपीटी के सहयोग से देश भर में 75 एक जिला एक उत्पाद (ओडीपी) वेबिनार/ऑफलाइन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की 75 कहानियों को लाने के लिए “कहानी सूक्ष्‍म उद्यमों की” शीर्षक से सफलता की कहानियों की एक साप्ताहिक श्रृंखला शुरू की गई है।

पीएमएफएमई योजना के बारे में

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, क्षेत्र के औपचारिकता को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को उनकी पूरी मूल्य श्रृंखला के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गई है।

इंदौर में ऑटोमोबाइल के लिए एशिया के सबसे लंबे और दुनिया के पांचवां सबसे लंबे हाई स्पीड ट्रैक का उद्घाटन;प्रकाश जावड़ेकर ने कहा:भारत का आने वाले समय में ऑटो मैन्युफैक्चरिंग हब बनना तय attacknews.in

इंदौर 29 जून ।भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज इंदौर में एनएटीआरएएक्स- हाई स्पीड ट्रैक (एचएसटी)का उद्घाटन किया,जो एशिया का सबसे लंबा ट्रैक है। एनएटीआरएएक्स को1000 एकड़ भूमि के क्षेत्र में विकसित किया गया है। जहां पर 2 पहिया वाहनों से लेकर भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के सभी प्रमुख श्रेणी वाले वाहनों के हाई स्पीड परीक्षण हो सकेंगे। जो कि वाहनों के लिए सभी प्रकार के हाई स्पीड परीक्षण का एक प्रमुख केंद्र होगा।

विश्व स्तरीय 11.3 किमी लंबे हाई स्पीड ट्रैक के ई-उद्घाटन पर बोलते हुए,श्री जावड़ेकर ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल और स्पेयर पार्ट्स का मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनना तय है।

मंत्री ने कहा, हम तेजी से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बढ़ रहे हैं और इस दिशा में चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए के लिए प्रतिबद्ध है जिसकेतहत भारत ऑटो मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनेगा।

उन्होंने कहा, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों के विस्तार से नए रोजगार पैदा करने में भी सहयोग मिलेगा।

मंत्री ने कहा कि रेलवे, राजमार्ग और जलमार्ग क्षेत्र की कई परियोजनाएं वर्षों से लटकी हुई थीं जो आज मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पूरी हो रही हैं।

इस अवसर पर भारी उद्योग एवंलोक उद्यम राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इससे देश को बड़े पैमाने पर सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।

एनएटीआरएएक्स केंद्र में कई परीक्षण क्षमताएं हैं जैसे अधिकतम गति को आंकना, एक्सीलरेशन,तय गति पर ईंधन की खपत क्षमता, रियल रोड ड्राइविंग सिमुलेशन के माध्यम से उत्सर्जन परीक्षण, लेन बदलने के दौरान के दौरान वाहन की स्थिरता, उच्च गति की निरंतरता परखने की सुविधा है।इसके अलावा यह वाहनों के डायनेमिक्स काएक उत्कृष्टता केंद्र है।

एचएसटी का इस्तेमाल बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, टेस्ला आदि जैसी हाई-एंड कारों की अधिकतम हाई स्पीड क्षमता को मापने के लिए किया जाता है। जिसे किसी अन्य भारतीय परीक्षण ट्रैक पर नहीं मापा जा सकता है। मध्य प्रदेश में स्थित होने के कारण, यह अधिकांश ओईएम के लिए सुलभ है। विदेशी ओईएम भी भारतीय परिस्थितियों के लिए प्रोटोटाइप कारों के विकास के लिए एनएटीआरएएक्स एचएसटी के इस्तेमाल पर विचार करेंगे। वर्तमान में, विदेशी ओईएम हाई स्पीड परीक्षण जरूरतों के लिए विदेश में उच्च गति वाले ट्रैक पर परीक्षण करते हैं।

यह सभी प्रकार के हाई स्पीड परीक्षणों के लिए एक प्रमुख स्थान है, जो दुनिया में सबसे बड़े ट्रैकों में से एक है। यह सभी तरह की श्रेणी वाले वाहनों की जरूरत को पूरा कर सकता है।दो पहिया वाहनों से लेकर सबसे भारी ट्रैक्टर ट्रेलरों तक के वाहनों का इस ट्रैक पर परीक्षण किया जा सकता है। ट्रैक के घुमावों पर वाहनों की स्टेयरिंग का नियंत्रण 375 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति पर भी किया जा सकता है। इसके लिए ट्रैक को कम अंडाकार बनाया गया है। जो इसे से वैश्विक स्तर पर सबसे सुरक्षित परीक्षण ट्रैक में से एक बनाता है।

दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने कोविड-19 की दवा 2-डीजी पेश की, शुरू में सरकारी, निजी अस्पतालों को करेगी आपूर्ति,इस दवा के एक पैकेट (सैशे) की कीमत हैं 990 रुपये attacknews.in

नयी दिल्ली, 28 जून । दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) को वाणिज्यिक रूप से पेश कर दिया है। इस दवा के एक पैकेट (सैशे) की कीमत 990 रुपये है।

डॉ. रेड्डीज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि वह इस दवा की आपूर्ति प्रमुख सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को भी करेगी।

कंपनी ने कहा कि शुरुआती सप्ताहों में वह इस दवा को महानगरों और पहली श्रेणी के शहरों के अस्पतालों को उपलब्ध कराएगी। बाद में देश के अन्य हिस्सों में भी यह दवा उपलब्ध होगी।

डॉ. रेड्डीज ने कहा कि कंपनी द्वारा विनिर्मित दवा 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाली है और वाणिज्यिक रूप से इसकी बिक्री 2डीजी ब्रांड नाम से की जाएगी। इस दवा के एक सैशे का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 990 रुपये रखा गया है। सरकारी संस्थानों को यह दवा सब्सिडी वाली दरों पर उपलब्ध होगी।

डॉ. रेड्डीज के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा, ‘‘2-डीजी हमारे कोविड-19 पोर्टफोलियो में एक और वृद्धि है। इस पोर्टफोलयो में पहले से हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण के इलाज की दवाएं हैं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ भागीदारी कर हम काफी खुश हैं।’’

भारत में पिछले साल 20 लाख करोड़ ,इस साल 6.28 लाख करोड़ राहत पैकेज का ऐलान: स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों की घोषणा attacknews.in

नयी दिल्ली 28 जून । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी के कारण धीमी पड़ रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि और रोजगार के क्षेत्र में 6.28 लाख करोड़ रूपये का निवेश करने और नए सुधारों तथा रियायतों का एलान किया है।

श्रीमती सीतारमण ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आठ राहत उपायों का एलान किया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी तथा लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 6,28,993 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज दिया जायेगा। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करेगी। इसके लिए भारी निवेश किया जाएगा। देश के मध्यम स्तर के शहरों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का कोष ‘क्रेडिट गारंटी योजना ‘ के लिए आवंटित किया है। कोविड से प्रभावित क्षेत्रों को इससे मदद मिलेगी। आठ महानगरों को छोडकर दूसरे शहरों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत सरकार कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करायेगी। योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का अधिकतम ऋण होगा। इस ऋण पर सरकार की गारंटी भी होगी। बिजली क्षेत्र में 3.03 लाख करोड़ रूपये का निवेश होगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बिजली क्षेत्र में भी सुधार के लिए कदम उठाया है। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर होगा। बच्चों के लिए अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 23 हजार 220 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके तहत बच्चों के लिए आईसीयू बेड सहित अन्य सुविधाएं बनाई जाएंगी। यह राशि अगले साल 31 मार्च तक खर्च होगी। पिछले साल भी सरकार ने अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए 15000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्रेडिट गारंटी योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण का प्रावधान किया गया है। क्रेडिट गारंटी योजना से 25 लाख छोटे उद्यमियों को इसका फायदा मिलेगा। इसकी समय अवधि अधिकतम तीन साल की होगी। इसका लाभ 31 मार्च 2022 तक उठाया जा सकता है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में टूरिस्ट गाइड और इस तरह के दूसरे के लोगों के लिए मदद दी जाएगी। इसका लाभ 11000 टूरिस्ट गाइड को इसका लाभ मिलेगा। एक लाख रुपये तक की सहायता टूरिस्ट गाइड को दी जाएगी। टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी।
भारत आने वाले पहले पांच लाख टूरिस्ट को वीजा शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह योजना अगले साल 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस पर कुल 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने पर ध्यान दे रही है। इसके लिए ज्यादा पोषक तत्व वाली बायो फसल तैयार करने पर काम चल रहा है। इससे कुपोषण की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी। इसके लिए अनाज की 21 किस्में तैयार की गई हैं।

उत्तरपूर्वी राज्यों के किसानों के लिए 70.45 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। इससे उत्तरपूर्वी राज्यों के किसानों के लिए फसल की अच्छी कीमत मिल सकेगी। इसके लिए इस राशि से बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।

श्रीमती सीतारमण ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी 33 हजार करोड़ रुपये की मदद देने की एलान किया।

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत सभी गांवों को ब्रॉडबैंड के तहत लाया जाएगा। जिसमें 19041 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इससे उन गांवों को भी इंटरनेट से जोड़ दिया जाएगा। भारतनेट के पीपीपी मॉडल के तहत 16 राज्यों में इस योजना को लागू किया जा रहा है।

सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन-पीएलआई योजना की अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी है। अब यह योजना पांच साल के लिए होगी। इस के तहत देश में उत्पादों के निर्माण पर कंपनियों को रियायतें दी जाती है। पिछले साल भी सरकार ने मजबूती देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था।

भीकन गांव के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश बाहेती ने की हैं परिजनों की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या, पुलिस को मिला सुसाइड नोट attacknews.in

खरगोन, 28 जून ।मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भीकन गांव के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश बाहेती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में परिजनों द्वारा प्रताड़ना के आरोपों के बीच पुलिस को सुसाइड नोट मिला है।

भीकनगांव थाने के नगर निरीक्षक जगदीश गोयल ने बताया कि कल शाम से राजेश बाहेती द्वारा विभिन्न लोगों के फोन नहीं उठाए जाने की सूचना पुलिस को प्राप्त होने पर देर रात्रि उनके घर में दीवाल फांद कर प्रवेश किया गया था जहां वह बाथरूम के पास के कमरे में फांसी पर लटके पाए गए।

उन्होंने बताया कि एक डायरी में एक पन्ने का सुसाइड नोट पाया गया है, जिस में उल्लेखित तथ्यों की जांच की जा रही है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) राजेश बाहेती ने बीती रात अपने सरकारी निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पंचनामा की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भीकनगांव अस्पताल भेजा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

भीकनगांव थाना पुलिस के अनुसार, जनपद सीईओ 56 वर्षीय राजेश बाहेती नगर में अपने शासकीय आवास पर अकेले ही रहते थे और उनका परिवार इंदौर में रहता था।

नगर निरीक्षक जगदीश गोयल ने बताया कि उन्होंने अपने शासकीय निवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार रात 11 बजे के आसपास सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा मामले की जांच शुरू की।

खरगौन एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि रविवार शाम को इंदौर निवासी परिजन सीईओ राजेश बाहेती को फोन लगा रहे थे। जब देर रात तक मोबाइल नहीं उठाया गया तो उन्होंने कर्मचारियों को मोबाइल लगाकर इसकी जानकारी दी। जब कर्मचारियों ने सरकारी आवास पर जाकर देखा तो सीईओ बाहेती फांसी के फंदे पर लटके मिले। कर्मचारियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल फांसी लगाने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। सोमवार सुबह खरगोन के फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच की।

बता दें कि राजेश बाहेती ने कुछ माह पहले ही भीकनगांव में सीईओ का पदभार संभाला था। इसके पूर्व वह जिले के बड़वाह के भी सीईओ रह चुके है। बताया गया है कि सीइओ बाहेती का व्यवहार सहज और सरल था। उन्होंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है।

भारत में धर्मांतरण मामले में होती थी पाकिस्तान से फंडिंग में एटीएस ने गिरफ्तार किए तीन और इरफान शेख, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान तथा राहुल भोला attacknews.in

लखनऊ, 28 जून ।उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने धर्मांतरण मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के इशारे पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर उनमें कट्टरता की भावना भरकर सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में सोमवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूक बधिरों की भाषा समझने और उन्हें अपनी भाषा में समझाने वाला इरफान मूक बधिरों को ऐसा ज्ञान देने लगा था, जिससे कुछ मूक बधिरों को अपने ही धर्म से नफरत होने लगी थी। उन्होंने बताया कि इरफान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था।

एटीएस ने यहां एक बयान में कहा कि गत 20 जून को काजी जहांगीर और उमर गौतम नामक व्यक्तियों को आईएसआई तथा विदेशी संस्थाओं के निर्देश और उनसे प्राप्त होने वाले धन के जरिए लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर देश में सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

इन लोगों से पूछताछ में इरफान शेख, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान तथा राहुल भोला नामक व्यक्तियों के नाम सामने आए थे।

बयान के मुताबिक इन लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसके बाद सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों के कब्जे से धर्मांतरण से संबंधित दस्तावेज, विभिन्न बैंकों की चेक बुक और पासबुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, लैपटॉप तथा मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

एटीएस के मुताबिक इरफान एक दुभाषिया है जो दिल्ली में बाल कल्याण मंत्रालय में काम करता है। इस वजह से मूक-बधिर लोगों के बीच उसकी अच्छी पैठ है। एटीएस का दावा है कि इरफान मूक बधिरों को इस्लाम का ज्ञान देता था और दूसरे धर्मों की बुराइयां करता था।

आतंकवाद रोधी दस्ते के अनुसार, इरफान तरह-तरह के प्रलोभन देकर लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहता था। वह उसके बाद उमर गौतम के साथ मिलकर जहांगीर आलम से इस्लामिक दावा सेंटर में धर्मांतरण प्रमाण पत्र बनवाता था।

बयान के अनुसार राहुल भोला भी मूक-बधिर है और वह इरफान के साथ मिलकर मूक-बधिरों को धर्मांतरण की तरफ प्रेरित करता था और उसी ने मन्नू यादव का धर्म परिवर्तन कराया था। मन्नू यादव भी मूक बधिर है और उसने आदित्य गुप्ता का धर्मांतरण कराया था।

मध्यप्रदेश में सोमवार को कोरोना के 37 नए मामले सामने आए, 19 की मृत्यु;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,89,733 और मृतकों की संख्या 8936 हुई attacknews.in

भोपाल, 28 जून। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के आज 37 नए मामले आए और 19 संक्रमितों की मृत्यु दर्ज की गयी।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार 19 संक्रमितों की मृत्यु दर्ज की गयी, जिसमें से 01 जबलपुर जिले में, 05 रतलाम, 06 बैतूल, 01 विदिशा, 01 कटनी, 01 कटनी, 01 राजगढ़, 01 टीकमगढ़ और 02 अशोकनगर दर्ज की गयीं। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में मृत्यु का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।

कुल 52 में से 37 जिलों में शून्य प्रकरण दर्ज किए गए। इन जिलों में एक भी नया प्रकरण नहीं मिला।
राज्य में अब तक 7 लाख 89 हजार 7 सौ 33 व्यक्ति कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं, जिनमें से 8936 संक्रमितों की मृत्यु हुयी। वहीं 7 लाख 80 हजार 1 सौ 1 व्यक्ति कोरोना संक्रमण को मात देने में सफल रहे और वर्तमान में 696 सक्रिय मामले हैं। सबसे अधिक 159 सक्रिय मामले भोपाल में हैं। इसके बाद इंदौर जिले में इनकी संख्या 124 है। ग्वालियर में 10 और जबलपुर में 16 सक्रिय मरीज हैं।

राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लगभग 5 करोड़ 74 लाख व्यक्तियों को वैक्सीनेशन करने के लिए अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

मध्यप्रदेश के 50 महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जाएगा,150 नवीन दूरस्थ अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे,1.09 लाख शिक्षकों, 470 शिक्षक प्रशिक्षकों की नियुक्ति होगी,सभी संभागीय मुख्यालयों पर राष्ट्रीय स्तर के आई.टी.आई. बनेंगे attacknews.in

भोपाल, 28 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य यह होना चाहिए कि शिक्षा प्राप्ति के बाद विद्यार्थियों को रोजगार सुनिश्चित हो जाए। इसके लिए रोजगारोन्मुखी शिक्षा एवं कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाये।

श्री चौहान ने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने चाहिएं, जिससे हर विद्यालय एवं महाविद्यालय में शिक्षा का अच्छा वातावरण बने। विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रूचि बढ़े तथा शिक्षक पूरे मन से अध्यापन करें। हम सब भी विद्यार्थियों को प्रेरित करने का कार्य करें।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की भिन्न-भिन्न विशेषताएँ हैं। इन सभी स्थानीय विशेषताओं का ज्ञान वहाँ के विद्यार्थियों को दिया जाना चाहिए। स्थानीय उत्पादों आदि के संबंध में जानकारी एवं प्रशिक्षण विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।

श्री चौहान आज मंत्रालय में आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के अंतर्गत गठित मंत्री समूहों के प्रस्तुतिकरण के अंतर्गत शिक्षा समूह के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा कर रहे थे। इस समूह के अंतर्गत स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा तथा चिकित्सा शिक्षा विभागों का प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बैठक में वन मंत्री विजय शाह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, मुख्य सचिव इक़बाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी आदि उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षण के माध्यम से उद्योगों के लिए स्किल्ड मेन पावर तैयार किया जाए। संबंधित उद्योगों में उनको एप्रेंटिशिप भी कराई जाए। भोपाल में बनाए जा रहे ग्लोबल स्किल पार्क में प्रशिक्षित हर विद्यार्थी को उसकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि म.प्र. नॉलेज कार्पोरेशन की स्थापना का कार्य शीघ्र किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के नवीन भवन बनाए जाने के साथ ही मौजूदा भवनों का निरंतर रख’रखाव किया जाए। प्रदेश के 50 महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जाएगा। प्रदेश में 150 नवीन दूरस्थ अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। स्मार्ट क्लास रूम बनाए जा रहे हैं।
प्रदेश में 9200 सी.एम. राइज स्कूल खोले जाने की केबिनेट में स्वीकृति हो गई है, जिनकी स्थापना चरणबद्ध रूप से की जाएगी। प्रदेश में 01 लाख 09 हजार शिक्षकों की तथा 470 शिक्षक प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जानी है।

श्री चौहान ने कहा कि सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति के लिए उनके क्षेत्रों में 03 नए आई.टी.आई. बनाए जाएंगे। शिवपुरी में सहरिया के लिए, छिंदवाड़ा क्षेत्र में भारिया जनजाति तथा शहडोल, अनूपपुर क्षेत्र में बैगा जनजाति के लिए आई.टी.आई बनाया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वाइल्ड लाइफ तथा टूरिज्म पर कोर्सेज प्रारंभ किए जाएंगे। साथ ही विद्यालयों में कृषि एवं उद्यानिकी के पाठ्यक्रम भी जोड़े जाएंगे। हर स्कूल में खेल मैदान बनाए जाएंगे।
प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रतिदिन झंडा वंदन तथा राष्ट्र गान जन-गण-मन अनिवार्य किए गए हैं। साथ ही कक्षा में विद्यार्थियों को रोटेशन के आधार पर आगे, पीछे बिठाने के निर्देश भी जारी किए गए थे। इनका पालन किया जाए।

प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर राष्ट्रीय स्तर के आई.टी.आई. बनाए जाने हैं। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर कराने के निर्देश दिए।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि सभी मेडिकल कॉलेजेस में सीट्स बढ़ाई जाएं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाये। बताया गया कि मेडिकल कॉलेज इंदौर और भोपाल में 100-100 सीटें तथा रीवा में 50 सीटें बढ़ाई गई हैं।

मुकेश अंबानी के एंटीलिया के पास विस्फोटक रखे जाने और मनसुख हिरेन हत्या मामले में गिरफ्तार शिवसेना नेता पूर्व मुठभेड़ विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा attacknews.in

मुंबई 28 जून ।राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत ने पूर्व ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन में विस्फोटक मिलने और कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में सोमवार को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

शर्मा को एनआईए ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था। उन्हें सोमवार को अदालत के सामने पेश किया गया और जांच एजेंसी द्वारा आगे रिमांड नहीं मांगे जाने पर अदालत ने उन्हें 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मामले में दो अन्य आरोपी, संतोष शेलार और आनंद जाधव, जिन्हें एनआईए ने 11 जून को उपनगरीय मलाड से गिरफ्तार किया था, उन्हें भी 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

केंद्रीय एजेंसी ने इससे पहले पुलिस अधिकारियों- सचिन वझे ,रियाजुद्दीन काजी और सुनील माने को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। एनआईए ने मामले के सिलसिले में पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सटोरिए नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था।

शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने मामले में सूबत मिटाने में वझे की मदद की थी। साथ ही उनपर अपने आदमियों के साथ मिलकर हिरन की हत्या को अंजाम देने की साजिश रचने का भी आरोप है।

मनसुख हिरेन हत्या मामले में शिवसेना नेता और पूर्व मुठभेड़ विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा का निकला था कनेक्शन

इससे पहले 17 जून को उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास एक वाहन में विस्फोटक रखे जाने और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा के आवास पर गुरुवार को सुबह छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों के अनुसार छापे में एक प्रिंटर और कुछ अहम दस्तावेज बरामद किये गये ।

एनआईए ने सुबह शर्मा को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था और मनसुख हत्या मामले में सबूत मिटाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया और बाद में उन्हें अदालत में पेश किया गया ।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी व शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा को एक छापे के दौरान उनके आवास से अरेस्‍ट कर लिया ।

एनआई ने यह गिरफ्तारी उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक वाहन में विस्फोटक रखा हुए पाए जाने और कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की जांच के दौरान की है।

एनआईए की टीम ने मुंबई में सुबह करीब 6 बजे अंधेरी पश्चिम में जेबी नगर में स्थित शर्मा के आवास पर छापा मारा और तलाशी ली।इस दौरान एनआईए की टीम ने मामले के संबंध में शर्मा से पूछताछ भी की।

बता दें कि इससे पहले एनआईए ने दक्षिण मुंबई में अपने कार्यालय में दो दिनों तक शर्मा से पूछताछ की थी. एनआईने ने इस मामले में पहले संलिप्तता को लेकर पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, पूर्व पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सटोरिये नरेश गौड़ को गिरफ्तार किया था।

जांच एजेंसी ने हाल ही में इस सिलसिले में संतोष शेलार और आनंद जाधव को गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने कहा कि दोनों व्यक्ति कारोबारी मुकेश अंबानी के आवास के समीप उस एसयूवी को खड़ी करने की साजिश में शामिल थे, जिसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी।

साउथ मुंबई में मुंकेश अंबानी के स्थित निवास ‘एंटीलिया’ के पास इस साल 25 फरवरी को एसयूवी खड़ी पाई गई थी, जिसमें विस्फोटक रखा मिला. इस स्‍कॉर्पियो कार के मालिक ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन पांच मार्च को मुंबई क्रीक में मृत पाए गए थे। पहले इन दोनों मामलों की जांच महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी लेकिन बाद में इन्हें एनआईए को सौंप दिया गया।

शिवराज सिंह चौहान ने मप्र में एक जुलाई से स्कूलों को खोलने से इंकार किया, केंद्र सहित विशेषज्ञों से चर्चा कर लिया जाएगा निर्णय attacknews.in

भोपाल, 28 जून। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में एक जुलाई से अभी स्कूल नहीं खुलेंगे और इन्हें खोलने के महत्वपूर्ण निर्णय के संबंध में केंद्र सहित अन्य राज्यों तथा विशेषज्ञों से चर्चा कर फैसला लिया जाएगा।

‘‘मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल नहीं खुलेंगे। ऑनलाइन और टेलीविजन के माध्यम से ही पढ़ाई की व्यवस्था जारी रहेगी। स्कूल खोलने के महत्वपूर्ण निर्णय के संबंध में केंद्र सहित अन्य राज्यों और विशेषज्ञों से चर्चा कर फैसला लिया जाएगा।’’

चौहान ने प्रदेश में शासकीय और निजी शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में कोविड-19 के दौरान भविष्य की रणनीति के संबंध में गठित मंत्री समूह की अनुशंसाओं पर मंत्रालय में आज चर्चा करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि कक्षा 12वीं के अंकों का निर्धारण कक्षा 10वीं के विभिन्न विषयों में प्राप्त अंकों के ‘‘बेस्ट ऑफ फाइव’’ के आधार पर किया जाए। यदि विद्यार्थी परिणाम सुधारना चाहते हैं तो वे परीक्षा देकर परिणाम सुधार सकते हैं।

चौहान ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑन-लाइन और हाइब्रिड आधार पर अर्थात व्हाट्सऐप और डिजिटल संसाधनों तथा टेलीविजन आदि के माध्यम से भी शैक्षणिक गतिविधियाँ जारी रहें। क्लस्टर स्तर पर टेलीविजन उपलब्ध कराने और शाला स्तर पर डिवाइज पूल बनाने जैसी गतिविधियाँ संचालित की जाएँ। जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन में दूरदर्शन से सहयोग लिया जाएगा।