कम्युनिस्ट पार्टी कन्हैया कुमार को बिहार में बनाएगी स्टार चेहरा और लड़वाएगी लोकसभा चुनाव Attack News 

नई दिल्ली 30 अक्टूबर । 2019 के लोकसभा चुनावों में भले अभी समय हो लेकिन पार्टियों ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में सीपीआई ने जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के चुनावी अखाड़े में उतारे का मन बनाया है।

खबर के मुताबिक पार्टी कन्हैया को बिहार से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। मीडिया के मुताबिक सीपीआई द्वारा यह भी तय कर लिया गया है कि कन्हैया बिहार की किस सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

खबर के अनुसार इसकी जानकारी रविवार को सीपीआई के वरिष्ठ नेता और पार्टी के नेशनल काउंसिल सेक्रेटरी केआर नारायना द्वारा दी गई। नारायना ने कहा कि संभवत कन्हैया अगले लोकसभा चुनावों में बेगुसराय सीट से चुनाव लड़ सकता है।जबकि कन्हैया के आगामी लोकसभा चुनावों में लड़ने की बात पर सीपीआई बिहार के सेक्रेटरी सत्य नारायन ने कहा कि कन्हैया के लिए सभी विकल्फ खुले हैं। वे जहां से चाहें चुनान लड़ सकते हैं लेकिन संभवत उन्हें बेगुसराय की सीट ही दी जाएगी। बेगुसराय के अलावा खगड़िया, मधुबनी और मोतिहारी भी कुछ सीटें हैं जो कि कन्हैया के लिए विकल्फ हैं।

वहीं कन्हैया कुमार देशविरोधी नारों के कारण खासा विवादों में रह चुके हैं। फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में देश विरोधी भाषण देने के मामले में कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि वह चुनाव लड़ते हैं कि नहीं अगर लड़ते हैं तो बीजेपी उनके सामने अपने किस दिग्गज को उतारती है।

attacknews.in

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा:- मध्यप्रदेश में होते हैं सबसे ज्यादा बलात्कार Attack News 

शिमला 30 अक्टूबर । भाजपा के मेनिफेस्टो पर कांग्रेस नेता आक्रामक प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में कोई विजन ही नहीं है।

शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आनंद शर्मा ने भाजपा पर कई निशाने साधे। आनंद ने कहा, देश में महिला सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ नहीं कर पाई है, जबकि हिमाचल की कानून व्यवस्था सबसे ऊपर है।

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले मध्य प्रदेश में होते हैं। आनंद शर्मा ने भाजपा के मेनिफेस्टो पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट तो कोई विजन नहीं है।

आनंद शर्मा यहां प्रधानमंत्री पर हमला करने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री की मानसिकता अस्वस्थ है। पूर्व गृह मंत्री ने किस संदर्भ में कश्मीर को लेकर बयान दिया, लेकिन पीएम को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए थी। पीएम मोदी ने देशवासियों के साथ जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की बजाय वो लोगों का ध्यान भटका रहे हैं।

attacknews.in

ग्वालियर में 50 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की हालत बिगड़ी, अस्पताल ने लगा दिया गलत इंजेक्शन Attack News 

ग्वालियर 30 अक्टूबर । कमलाराजा अस्पताल में एक इंजेक्शन की वजह से 50 से ज्यादा महिलाओं की जान पर बन आयी। इन प्रसूताओं को रविवार की रात अस्पताल में इंजेक्शन लगाया गया था। जिसके बाद एकाएक महिलाओं की तबियत बिगड़ती चली गयी।

बता दें कि एम्पीसिलीन इंजेक्शन लगने के बाद कुछ महिलाओं को तेज बुखार और तेज सर दर्द होने लगा। जिनमें 5 महिलाओं को आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 2 की हालत नाजुक बनी हुई है। जिसके बाद अस्पताल में मौजूद प्रसूताओं के अटेंडरों ने जमकर हंगामा कर दिया। आनन-फानन में कंपू थाना पुलिस और अस्पताल अधीक्षक मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला साथ ही गंभीर महिलाओं को आईसीयू में शिफ्ट करवाया।

दरअसल, कमलाराजा अस्पताल में रात के वक्त पोस्ट ऑपरेटिव, वार्ड में भर्ती प्रसूताओं को ‘एमपी सिलन’ एंटी बायोटिक इंजेक्शन लगाया गया था। जिसके बाद महिलाओं को तेज बुखार और सिर दर्द होने लगा। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। आनन-फानन में अस्पताल अधीक्षक मौके पर पहुंचे और महिलाओं को आईसीयू में शिफ्ट करवाया।

वहीं अस्पताल की इस लापरवाही पर अडेंटरों में काफी गुस्सा है, उनके मुताबिक प्रसूताओं को गलत इंजेक्शन लगाया गया है। वहीं अस्पताल अधीक्षक ने इस मामले में जांच के आदेश दिए है। बहरहाल अभी भी वार्ड में भर्ती महिलाओं की हालत नाजुक बनी हुई है।

attacknews.in

आधार-मोबाइल लिंक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी से पूछा:राज्य,केंद्र के कानून को चुनौती कैसे दे सकता है Attack News 

नईदिल्ली 30 अक्टूबर।सर्वोच्च न्यायालय ने आधार को मोबाइल फोन से जोड़ने को अनिवार्य करने को चुनौती देती एक याचिका के संबंध में सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने जवाब देने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय ने पश्चिम बंगाल की ममता बैनर्जी सरकार को भी राज्य के श्रम विभाग द्वारा सब्सिडी देने के लिए आधार को जोड़ने को चुनौती देती अपनी याचिका में संशोधन करने के लिए समय दिया है।

अदालत ने पूछा कि कोई राज्य सरकार केंद्र द्वारा पारित कानून को चुनौती कैसे दे सकती है? न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘व्यक्तिगत तौर पर’ या एक ‘नागरिक’ के रूप में आधार कानून को चुनौती दे सकती हैं। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह से केंद्र सरकार राज्यों द्वारा पारित कानूनों को चुनौती देना शुरू कर देगा।

इससे पहले केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को उनसे जोड़ने की अनिवार्यता की तिथि बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दी गई है। यह प्रावधान उनके लिए किया गया है जिनके पास अभी भी 12 डिजिट की बायोमीट्रिक पहचान संख्या आधार नहीं है। केन्द्र ने कहा कि यह समय विस्तार सिर्फ उनके लिए है जिनके पास आधार नंबर नहीं है और जो इसके लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं।

attacknews.in

गुजरात के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में 24 घंटे में 9 बच्चों की मौत:सरकार ने दिये जांच के आदेश Attack News 

अहमदाबाद, 29 अक्टूबर । गुजरात में चुनावी माहौल के बीच एशिया के सबसे बडी चिकित्सा संस्थानों में शुमार अहमदाबाद के असारवा स्थित सिविल अस्पताल में पिछले तीन दिन में करीब 18 और पिछले 24 घंटे में नौ शिशुओं की मौत से मची सनसनी के बीच राज्य सरकार ने इसके कारणों और अन्य पहलुओं की अगले 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के लिए एक समिति का गठन किया है।

अस्पताल के अधीक्षक एम एक प्रभाकर ने आज यूनीवार्ता को बताया कि पिछले 24 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत हुई है।

इनमें से पांच को वीरमगाम,सुरेन्द्रनगर, माणसा, हिम्मतनगर और सुरेन्द्रनगर से गंभीर हालत में लाया गया था।

attacknews.in

मानव संसाधन विकास मंत्रालय        देशभर के 1 हजार से अधिक केंद्रीय शिवालयों को देगा रैंकिंग Attack News 

नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर । मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपने एक हजार से अधिक केंद्रीय विद्यालयों को रैंकिंग देगा जो सरकार द्वारा अपने आप में इस तरह की पहली पहल है। सरकार का यह कदम प्रतिस्पर्द्धा के जरिए इन संस्थानों में सुधार लाने पर केंद्रित है।

सूत्रों ने बताया कि इस पहल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसका परिणाम अगले साल जून में घोषित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निर्देश पर उठाया गया यह कदम केंद्रीय विद्यालयों में सुधार लाने पर केंद्रित है।

सूत्रों के अनुसार रैंकिंग के लिए स्कूलों का निरीक्षण दो बार किया जाएगा। अगले साल से यह एक वार्षिक प्रक्रिया होगी।

केंद्रीय विद्यालयों की ग्रेडिंग के लिए अधिकतम अंक 1,000 होंगे और इन्हें चार श्रेणियों में रखा जाएगा। ए-श्रेणी में 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंक (उत्कृष्ट) हासिल करने वाले केंद्रीय विद्यालय आएंगे। बी-श्रेणी में 60-79.9 प्रतिशत अंक (बहुत अच्छा) वाले स्कूल, सी-श्रेणी में 40-59.9 प्रतिशत अंक (अच्छा) वाले स्कूल तथा डी-श्रेणी में 40 प्रतिशत (औसत) से कम अंक अर्जित करने वाले केंद्रीय विद्यालय आएंगे।

एक हजार से अधिक केंद्रीय विद्यालयों का आकलन सात मानकों के तहत किया जाएगा। इनमें शैक्षणिक प्रदर्शन के सर्वाधिक अंक यानी कि 500 अंक होंगे। इसके बाद स्कूल अवसंरचना के 150 अंक स्कूल प्रशासन के लिए 120 अंक दिए जाएंगे।

attacknews.in

मन की बात में नरेन्द्र मोदी ने कहा:-   छठ में उनको भी पूजने का संदेश     निहित हैं जिनका डूबना तय है   Attack News 

नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दुनिया सिर्फ उगते सूर्य को नमस्कार करती है लेकिन आस्था के महापर्व छठ में उनको भी पूजने का संदेश दिया जाता है जिनका डूबना निश्चित है।

मोदी ने अपने नियमित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज कहा कि दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाने वाला महापर्व छठ काफी नियम, निष्ठा से मनाए जाने वाले त्योहारों में शामिल है। इसमें खान-पान से लेकर वेश भूषा तक सबमें पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महापर्व के केंद्र में सूर्य और जल हैं वहीं पूजन विधि से जुड़ी अन्य सामग्रियां बांस और मिट्टी के बने बर्तन आदि हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया सिर्फ उगते सूर्य को नमस्कार करती है लेकिन आस्था के महापर्व छठ में उनको भी पूजने का संदेश दिया जाता है जिनका डूबना निश्चित है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समाई हुई है। छठ से पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, तालाब, पोखर के किनारे, पूजा-स्थल यानि घाटों की भी सफाई, पूरे जोश से सब लोग मिल करके करते हैं। सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है।

उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोग कुछ मांगकर लेने को हीन-भाव से देखते हैं लेकिन छठ-पूजा में सुबह के अर्ध्य के बाद प्रसाद मांगकर खाने की एक विशेष परम्परा रही है। प्रसाद माँगने की इस परम्परा के पीछे यह मान्यता भी बतायी जाती है कि इससे अहंकार नष्ट होता है। एक ऐसी भावना जो व्यक्ति की प्रगति के राह में बाधक बन जाती है। भारत की इस महान परम्परा के प्रति हर किसी को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है।

attacknews.in

प्रधानमंत्री मोदी बोले:- अब डिजिटल मुद्रा का युग शुरू हो गया है,भारत      इसमें पीछे नहीं रहेगा Attack News 

उजिरे (कर्नाटक), 29 अक्तूबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत ‘‘डिजिटल मुद्रा युग’’ में पीछे नहीं रह सकता और उन्होंने उन ‘दिग्गजों’ पर प्रहार किया जिन्होंने डिजिटल लेन-देन पर सरकार द्वारा बल दिये जाने का मजाक उड़ाया है।

उन्होंने मेंगलुरु से करीब 50 किलोमीटर दूर तटीय दक्षिण कन्नड़ जिले में यहां एक रैली में कहा, ‘‘अब डिजिटल मुद्रा का युग शुरु हो गया है और भारत को उसमें पीछे नहीं रहना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण का लक्ष्य जवाबदेही लाना है तथा अधिक नकद से सामाजिक बुराइयां आएंगी।

प्रधानमंत्री ने उन लोगों पर भी प्रहार किया जो अपने आप को ‘तीस मार खां’ समझते हैं और डिजिटल लेन-देन को संदेह की नजर से देखते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नवंबर, दिसंबर और जनवरी में दिग्गजों ने संसद में भाषण दिया। यदि आपने उन्हें नहीं सुना तो सुनिए। ये दिग्गज, जो अपने आप को तीस मार खा के रुप में देखते हैं, जो खुद को ज्ञान का केंद्र मानते हैं, कहा करते थे कि भारत में गरीबी है, शिक्षा का अभाव है ऐसे में डिजिटल लेन-देन कैसे काम कर सकता है। ’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि कैसे लोग बेनकदी हो सकते हैं।

मोदी ने श्री क्षेत्र धर्मस्थला ग्रामीण विकास परियोजना की रैली में कहा, ‘‘उन्होंने डिजिटल लेन-देन की बुराइयां गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।’’ इस रैली में उन्होंने प्रतीकात्मक ढंग से एक लाभार्थी को रुपे कार्ड भेंट किया।

इस परियोजना के तहत करीब 12 लाख प्रधानमंत्री जनधन योजना खाता धारक रुपे कार्ड से लाभान्वित होंगे। परियोजना का प्रबंधन धर्मस्थला के धर्माधिकारी (आनुवांशिक प्रशासक) वीरेंद्र हेगड़े के हाथों में है।

attacknews.in

मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 30 लाख से अधिक डिजिटल हस्ताक्षरित जाति प्रमाणपत्र जारी Attack News 

भोपाल 29 अक्टूबर ।नागरिकों को समय पर सेवाएँ उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘मध्यप्रदेश लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम” का क्रियान्वयन राज्य सरकार की अभिनव पहल है। सुशासन को आगे बढ़ाने वाले अधिनियम के तहत राज्य शासन के 42 विभागों की 372 सेवाएँ नागरिकों को उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके लिए प्रदेश में 413 लोक सेवा केन्द्र और उनसे जुड़े 23 हजार एम.पी. ऑनलाइन के कियोस्क नागरिकों को सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।

अधिनियम के जरिए अब तक 5 करोड़ से अधिक ऑनलाइन आवेदन दर्ज कर नागरिक सेवाएँ प्रदान की जा चुकी हैं। अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं बेहतर मॉनीटरिंग के लिए लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा पृथक से डाटा एनालिटिक्स टीम स्थापित कर डेश-बोर्ड तैयार करवाया गया है। सेवाओं के ऑनलाइन जारी किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों की डिजीटल हस्ताक्षरित रिपॉजिटरी तैयार की गयी है। इससे नागरिक भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर पोर्टल से प्रमाण-पत्र डाउनलोड कर सकता है।

डिजिटल हस्ताक्षरित सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश के लगभग 12 हजार से अधिक अधिकारियों के डिजीटल हस्ताक्षर बनवाए गए हैं। वर्ष 2014 से प्रदेश में अभियान चलाया जाकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के स्कूली छात्र-छात्राओं के 1 करोड़ 30 लाख से भी अधिक रंगीन लेमिनेटेड डिजीटल हस्ताक्षरित जाति प्रमाण-पत्र का नि:शुल्क प्रदाय किया गया।

अधिनियम में अधिसूचित विभागों के जिला एवं ब्लाक स्तर तक के कार्यालय में स्वान (SWAN) के माध्यम से फ्री इंटरनेट सुविधा तथा राजस्व कार्यालयों में कम्प्यूटर/हार्डवेयर उपलब्ध करवाये गये हैं। विभाग द्वारा वर्ल्ड बैंक द्वारा पोषित MPCARS परियोजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों के लिए सेवा प्रदाय सरलीकरण (जीपीआर), डाटा ऐनालिसिस एवं ऑफिस ऑटोमेशन जैसे महत्वपूर्ण काम किये जा रहे हैं।

सरकार और प्रशासन में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के लिए भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किये गये My Gov पोर्टल की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी mp.my.gov पोर्टल राज्य लोक सेवा अभिकरण के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।

सी.एम. हेल्पलाइन और समाधान ऑनलाइन के जरिए नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने की सघन मॉनीटरिंग की जा रही है। सी.एम. हेल्पलाइन में जिलों और विभागों के रैकिंग का नया प्रयोग किया जा रहा है, जिससे विभिन्न शासकीय एजेंसियों द्वारा दी गई सेवाओं का स्तर ऊँचा बना रहे। अधिक जानकारी के लिए पोर्टल www.mp.edistrict.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

attacknews.in

अमेरिका से लौटते ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा:-कोलंबिया के 400 डाॅक्टरो की टीम मध्यप्रदेश आने को तैयार Attack News 

भोपाल 29 अक्टूबर।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप के परस्पर सहयोग से भारत-अमेरिका के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। दोनों देशों के संबंध न सिर्फ विकास के लिये बल्कि विश्व शांति के लिये भी महत्वपूर्ण होंगे।

श्री चौहान ने अमेरिका प्रवास से लौटने पर स्टेट हेंगर पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कि सदी के महान चिंतक स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष में एकात्म मानववाद की प्रासंगिकता पर व्याख्यान के लिये भारतीय दूतावास द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होने कहा कि एकात्म मानववाद की प्रासंगिता को दुनिया स्वीकार कर रही है। अब दुनिया में एकात्म मानववाद का विचार ही आशा का केन्द्र है। बाकी विचारधाराएं असफल और अप्रासंगिक हो गई हैं।

श्री चौहान ने बताया कि उन्होने अप्रवासी भारतीयों को भारत और मध्यप्रदेश के अभूतपूर्व विकास के संबंध में जानकारी दी। उन्होने कहा कि ‘फ्रेंडस आफ मध्यप्रदेश’ एक मजबूत मंच बन गया है। मध्यप्रदेश से बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय अमेरिका में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। सबके आग्रह पर पिछले साल ‘फ्रेंडस आफ मध्यप्रदेश’ का गठन किया गया था। इसके माध्यम से अमेरिका में मध्यप्रदेश के बारे में सकारात्मक राय बनाने में मदद मिली है। अब इसकी गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। उन्होने बताया कि अमेरिका में बसे मध्यप्रदेश के लोगों की मांग है कि इंदौर और भोपाल से इंटरनेशनल हवाई उड़ान शुरू होना चाहिये। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की सकारात्मक छवि निर्माण के लिये ‘फ्रेंडस आफ मध्यप्रदेश’ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि कोलंबिया के चार सौ डाक्टर्स की टीम मध्यप्रदेश आने के लिये तैयार है। उन्होने बताया कि थैलीसीमिया के मरीज प्रदेश में ज्यादा हैं। इस बीमारी का इलाज महंगा होता है क्योंकि बोनमेरो ट्रांसप्लांट मंहगा होता है। उन्होंने बताया कि इसके उपचार के लिये एम वाय अस्पताल इंदौर में सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा रही हैं। आगामी अप्रैल- मई माह में ऑपरेशन भी शुरू हो जायेंगे। अभी डॉक्टर्स अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसी प्रकार कैंसर के इलाज के लिये भी प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि अप्रवासी भारतीय स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करना चाहते हैं। अप्रवासी भारतीयों की दूसरी पीढ़ी के बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहते हैं। इसके लिये 4 और 5 जनवरी को इंदौर में ‘फ्रेंड्स ऑफ एमपी’ की बैठक आयोजित होगी। इसमें मध्यप्रदेश में परस्पर सहयोग के क्षेत्रों पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जीएसआईटीएस इंदौर में इन्क्यूबेशन एवं उदयमिता केन्द्र प्रारंभ किया जाएगा। इसमें न्यूयार्क विश्वविद्यालय का टण्डन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग सहयोग करेगा। उन्होंने बताया कि यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल का प्रतिनिधि मंडल नवम्बर माह में मध्यप्रदेश आएगा। यह दल खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, आटो मोबाइल और टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेगा।

attacknews.in

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नर्मदा यात्रा में हो गया घोटाला Attack News

भोपाल 29 अक्टूबर । नर्मदा नदी को अविरल, प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए निकाली गई ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ में नियमित तौर पर सुबह-शाम नर्मदा नदी के तट पर आरती की गई। जिसमें एक वक्त की आरती पर 59 हजार रुपये का खर्च बताया गया है, जो अन्य खर्चों से अलग है।

जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप पांडे कहते हैं कि हर रोज सुबह और शाम को आरती का प्रावधान रहा। इसकी जिम्मेदारी साध्वी प्रज्ञा भारती और उनकी मंडली के जिम्मे रही। उन्होंने कहा कि इस 148 दिन की यात्रा में लगभग 50 स्थानों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। आरती में होने वाले खर्च के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए खर्च का कोई प्रावधान नहीं था। आखिर यह खर्च कैसे बताया गया, इससे वे अनभिज्ञ हैं।

खरगौन के महिमाराम भार्गव ने सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी हासिल की है, उसमें एक आरती चार मार्च को महेश्वर के घाट पर हुई थी, उसका खर्च 58,650 रुपये बताया गया है। यह भुगतान जनपद पंचायत महेश्वर द्वारा किया गया है।

भार्गव के मुताबिक, इस आरती में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए थे और 58,650 रुपये का आरती का भुगतान इंदौर की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को किया गया। वहीं विशिष्टजनों के ठहरने, खाने, टेंट, वाहन सहित अन्य पर लाखों का व्यय अलग है। अब सवाल उठता है कि आरती में ऐसा क्या हुआ, जिसमें लगभग 59 हजार रुपये का खर्च आया।

नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा में पूरे समय हिस्सा लेने वाली साध्वी प्रज्ञा भारती का कहना है, उनका आरती का प्रकल्प चल रहा है, वे नर्मदा यात्रा के दौरान दोनों समय आरती करती थीं। इसके लिए उनके साथ मंडली भी थी। उनके पास आरती स्वयं की है। घी-रुई की बाती आदि के लिए जरूर कुछ श्रद्धालु मदद करते थे। आरती के एवज में उनकी मंडली ने कोई राशि नही ली है।

यह यात्रा कुल 148 दिन चली। नियमित रूप से दोनों समय हुई आरती पर अगर इसी तरह का व्यय हुआ होगा, तो प्रतिदिन सिर्फ आरती का खर्च 1,18,000 रुपये होता है। इसे 148 दिनों में बदला जाए तो यह राशि 1,74,64,000 रुपये होती है।

नर्मदा सेवा यात्रा से जुड़े लोगों का यह सीधे तौर पर मानना है कि जहां भी मुख्यमंत्री पहुंचे, वहां विशेष इंतजाम किए गए। मान लिया जाए कि 50 स्थानों पर ही हुई आरती में 59,000 रुपये का भुगतान किया गया होगा, तो भी यह राशि 29,00,000 रुपये होती है।

हैरान करने वाली बात तो यह है कि सूचना के अधिकार के तहत जो खर्च के आंकड़े सामने आए हैं, वह अपने आप में कुछ और ही कहानी कहते हैं। भार्गव के मुताबिक, महेश्वर स्थित पर्यटन विकास निगम में पांच कमरों में ठहरने और खाने का भुगतान 77,608 रुपये का किया गया। इसके अलावा वाहनों में उस दिन 25 हजार का ईंधन भराया गया। भार्गव बताते हैं कि उन्हें जो दस्तावेज उपलब्ध कराए गए हैं, उनमें एक ठेला लगाने वाले को 1,000 लोगों के खाने का ऑर्डर दिया गया। उसके खाते में 1,40,000 रुपये जमा किए गए, लेकिन भुगतान के नाम पर 2,40,000 रुपये का चेक जारी किया गया है।

इस यात्रा की जिम्मेदारी सरकार ने जन अभियान परिषद को सौंपी थी। यह यात्रा कहां-कहां से गुजरेगी, विश्राम, शुरुआत कहां से होगी, यह सारी जिम्मेदारी परिषद को तय करनी थी। यह यात्रा 16 जिलों और 1,104 कस्बों व गांव से होकर गुजरी। इस यात्रा ने कुल 3,344 किलोमीटर का रास्ता तय किया। यह यात्रा 11 दिसंबर, 2016 को अमरकंटक नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से शुरू होकर 15 मई, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमरकंटक में ही संपन्न हुई।

वरिष्ठ पत्रकार साजी थॉमस का कहना है कि सरकारी मशीनरी जहां मौका मिलता है, वहां सुराख कर अपनी जेब भर लेती है, अब देखिए न जीवन दायिनी नर्मदा की आरती में ही घोटाला कर डाला। यह राशि गरीब छात्रों या कर्ज से डूबे किसानों तक पहुंच जाती तो वे सरकार को दुआ ही देते। यह राशि जिनकी जेब में गई उनका पेट तो पहले से ही भरा हुआ है। लिहाजा सरकार की जिम्मेदारी है कि वह यात्रा का सोशल ऑडिट कराए। यहां बताना लाजिमी होगा कि राज्य सरकार यात्रा के दौरान यही कहती रही कि यह यात्रा जनता के सहयोग से निकाली जा रही, सरकार इसमें कोई खर्च नहीं कर रही है। यात्रा के प्रचार प्रसार पर हुए खर्च पर कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही है।

मध्यप्रदेश वैसे ही घोटालों के लिए देश में खास स्थान बना चुका है, पहले डंपर घोटाला आया, फिर व्यापमं घोटाला आया, उसके बाद बिजली घोटाला आया, सिंहस्थ घोटाला चर्चाओं में रहा और अब नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा में ‘आरती घोटाले’ की लपटें उठने लगी हैं। अब देखते हैं कि सरकार और खासकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, क्योंकि यह यात्रा उनकी नर्मदा नदी के प्रति जनचेतना जगाने की यात्रा थी, क्या रुख अख्तियार करते हैं।

attacknews.in

म.प्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में मनमानी और तानाशाही का आलम, कुलपति की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह Attack News 

भोपाल 29 अक्टूबर । भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल अपनी मनमानी कार्यप्रणाली से विगत कई वर्षों से सुर्खियों में बने रहने वाला प्रदेश का प्रमुख विश्वविद्यालय बन गया है। नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं होने से वर्तमान में यह विश्वविद्यालय मनमानी और तानाशाह कार्यप्रणाली के कारण चर्चित हो गया है।

इसकी कार्यप्रणाली से परेशान होकर प्रदेश सरकार ने भोज विश्वविद्यालय में 18 मार्च 2017 को धारा 33 को प्रभावशील करते हुये तत्कालीन कुलपति डॉ तारिक जफर पर आर्थिक अनियमितता एवं प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाते हुए हटा दिया।

धारा 33 लागू होने के बाद डॉ रविन्द्र आर.कान्हेरे, परीक्षा नियंत्रक म.प्र. लोक सेवा आयोग, इंदौर को भोज विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया।

माना जाता है कि सहायक प्राध्यापक डॉ कान्हेरे आरएसएस के काफी करीबी है और इसी कारण से विगत कई वर्षों से परीक्षा नियंत्रक कार्य सम्हालते रहे है।

18 मार्च 2017 ने डॉ रविन्द्र आर कान्हेरे भोज विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यभार देख रहे है किंतु इनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगना शुरू हो गए है क्योंकि इन्होंने अपने मनमाने रवैये से नियमो को ताक में रखकर कार्यों को अपनी शैली से करना शुरू कर दिया है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार है-

1 – विश्वविद्यालय में निदेशकों के रिक्त पदों पर अपने मन पसंद सहायक प्राध्यापकों की प्रतिनियुक्तिया उच्च शिक्षा विभाग से करवाई गई। जबकि निदेशक के पदों पर आचार्य या प्राध्यापक की प्रतिनियुक्तिया होनी थी।

2 डॉ शरद भदौरिया, सहायक प्राध्यापक को आई.टी.विभाग का निदेशक नियुक्त कर विश्वविद्यालय की प्रत्येक समिति में सम्मिलित किया जाता है।

डॉ भदौरिया अपने तीखे तेवरों और उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के करीबी होने के कारण अध्ययन केंद्रों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को धौंस डपट कर रहे हैं और अब इनके ऊपर लेनदेन के आरोप लगना भी शुरू हो गए है।

3 डॉ अनिल भार्गव, उपक्षेत्रीय केंद्राध्यक्ष, भोपाल के विरुद्ध लोकायुक्त प्रकरण दर्ज होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग एवं राजभवन द्वारा कार्यवाही के सीधे निर्देश दिए जाने के बाद भी कार्यवाही न करते हुवे ताजपोशी की जा रही है।

4 अशासकीय शालाओं एवं संस्थाओ में भोज के नवीन अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जा कर खुला भ्रष्टाचार किये जाने की बातें आ रही है। जबकि पूर्व कुलपतियों द्वारा अशासकीय शालाओ एवं संस्थाओ में फर्जीवाड़े को लेकर अध्ययन केंद्र बन्द करने एवं नवीन प्रारंभ नही किये जाने के निर्देश दिए थे।

5 सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में अध्ययन प्रारंभ करने के नाम पर विश्वविद्यालय द्वारा 1 लाख रुपये की राशि सांसद/विधायक निधि से ली गई किन्तु विगत 25 वर्षो में एक भी अध्ययन केंद्र को सुविधाओं से सम्पन्न नही किया गया।

6. विगत 8 माह से परीक्षा समिति में रखे गए सेकड़ो प्रकरणों का निराकरण नही किया गया। साथ ही डॉ भदौरिया समिति सदस्य द्वारा मूल्यांकनकर्ता के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने एवं आपत्तिजनक शब्दो का उपयोग करते हुवे धमकाया जा रहा है।

7. शिकायत, सी एम हेल्पलाइन, सूचना का अधिकार एवं लोकसेवा गारंटी जैसी शासन की सेवाओं का कार्य तय समय सीमा में पूर्ण नही किया जा रहा है।

8. शासकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मंदसौर द्वारा विगत 10 वर्षों से भोज के छात्रों से लाखों रुपये वसूली कि जा रही है जिसकी शिकायत विगत 3 माह से पेंडिग पड़ी है। उल्टा मन्दसौर महाविद्यालय को क्षेत्रीय केंद्र बना दिया गया ।

attacknews.in

Attack News का वीडियो लोगो

उज्जैन 29 अक्टूबर।  Attack News ने वीडियो समाचार और अन्य हलचल के प्रसारण के लिए यह लोगो जारी किया है ।इस कार्य  के लिए उप सम्पादक आदित्य सिंह सेंगर और महेन्द्र सिंह लोधी सम्पादन करेंगे ।

भारत में हज सब्सिडी खत्म करने और अन्य मसौदों की प्रस्तावित नीति पर बैठक अगले सप्ताह Attack News 

नयी दिल्ली, 29 अक्तूबर । अल्पसंख्यक और विदेश मंत्रालय केंद्र की प्रस्तावित हज नीति और विभिन्न पक्षकारों से मिले सुझावों पर अलगे हफ्ते चर्चा कर सकते हैं।

सूत्रों ने आज बताया कि समीक्षा बैठक में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, दोनों मंत्रालयों और भारतीय हज कमेटी के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले सकते हैं। यह समीक्षा बैठक दो नवम्बर को होनी है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले, भारतीय हज कमेटी (एचसीआई) तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की हज कमेटियां मुंबई में अलग अलग बैठकों में नीति के मसौदे पर चर्चा करेंगी।

राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की हज कमेटियां 30 अक्तूबर को महाराष्ट्र की राजधानी में मसौदे पर चर्चा करेंगी और अपने सुझाव देंगी। मुंबई में ही एचसीआई का मुख्यालय है।

नीति के मसौदे को सुझावों और टिप्पणियों के साथ एक दिन बाद एचसीआई के सामने रखा जाएगा।

अल्पसंख्यक मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि सभी स्तरों पर सभी पक्षकारों द्वारा दिए गए सुझावों के साथ नीति के मसौदे को समीक्षा कमेटी के सामने रखा जाएगा। इस कमेटी की बैठक में निर्णय किया जाएगा कि मसौदे को कब शीर्ष अदालत के समक्ष रखा जाए जैसे उसने निर्देशित किया है।

नीति का मसौदा पूर्व केंद्रीय सचिव अफजल अमानुल्ला के साथ एक पैनल ने तैयार किया है। अमानुल्ला इस पैनल के संयोजक है। नीति वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय के आदेश की रोशनी में तैयार की गई है। शीर्ष अदालत ने वर्ष 2022 तक केंद्र को धीरे धीरे हज सब्सिडी खत्म करने को कहा था। इस महीने के शुरू में नीति के मसौदे को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को सौंप दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि मसौदा नीति के कुछ प्रमुख सुझावों में हज यात्रियों को मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करना और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं का चार के समूह में बिना पुरूष साथी ( बिना महरम यानी जिससे शादी नहीं की जा सकती है) के हज यात्रा करने की इजाजत देना शामिल है।

अब तक कोई भी महिला महरम के बिना हज पर नहीं जा सकती है। महरम में पिता, (सगा) भाई और बेटा शामिल है। पति के साथ हज पर जाया जा सकता है।

बहरहाल, नीति के मुताबिक 45 वर्ष से कम आयु की महिलाएं बिना पुरूष महरम के हज पर नहीं जा सकती है। मसौदा नीति में मरहम के लिए कोटा 200 से बढ़ा कर 500 करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

attacknews.in

सेक्स सीडी कांड में चर्चित छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत रहे है हमेशा विवादों में Attack News 

रायपुर 28 अक्टूबर । सेक्स सीडी कांड में फंसे छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत का विवादों से पुराना नाता है, हालांकि सीडी की सत्यता की जांच का जिम्मा अब सीबीआई को सौंप दिया गया है। इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा, पर मूणत एक ऐसे नेता हैं, जो कई कारणों से विवादों में रहे हैं। विवादों केसियासी सफर पर एक नजर डालते हैं।

कहते है राजनीति में पूरी जिंदगी खपा देने के बावजूद कार्यकर्ताओं को टिकट के लिए तरसना पड़ता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में मजबूत बैकग्राउंड नहीं होने के बावजूद मूणत ने तेजी से ‘बाहुबली’ जैसा कद बना लिया।

बीजेपी के कद्दावर नेता और छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री राजेश मूणत सेक्स सीडी कांड के केंद्र में हैं। बीजेपी पिछले 14 साल से सत्ता में है, इस दौरान छत्तीसगढ़ में बीजेपी जितनी मजबूत हुई है, उससे कहीं अधिक मजबूत राजेश मूणत बीजेपी में हुए हैं। उन्होंने पिछले 8 सालों में अपनी हैसियत दमदार बना ली है। आंतरिक सूत्रों की मानें तो मूणत को मुख्यमंत्री रमन सिंह का बेहद करीबी माना जाता है, उनके बढ़ते प्रभाव से कई पुराने भाजपाई भी परेशान हैं।

राजेश मूणत उस समय राजनीतिक चर्चा में आए, जब उन्होंने वर्ष 2003 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण चटर्जी को रायपुर पश्चिमी सीट से हराया था। इस जीत का नतीजा ये हुआ कि उन्हें छत्तीसगढ़ की रमन सरकार में राज्य मंत्री बना दिया गया। वर्ष 2013 में जब उन्होंने दोबारा काफी अंतर से रायपुर पश्चिमी सीट जीत ली तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया, कैबिनेट मंत्री बनने के साथ ही उनके सितारे चमकने शुरू हो गए।

मूणत रायपुर पश्चिम विधान सभा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। इसके पहले वे वर्ष 2001 से लेकर 2003 तक बीजेपी युवा मोर्चा की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यक्ष रहे, वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में राजेश मूणत ने कांग्रेसी उम्मीदवार को परास्त कर पार्टी में अपना दबदबा कायम किया था, पहली बार विधायक चुने जाते ही रमन सिंह ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था, इसके बाद सन 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में मूणत ने लगातार तीसरी बार कांग्रेस उम्मीदवार को धूल चटाई, रमन सरकार में 14 वर्षों से मंत्री के रूप में कई विभागों की कमान संभालने का उन्हें अवसर मिला, जबकि उनके समकक्ष कई वरिष्ठ नेता टिकट को तरस रहे हैं।

विवाद नंबर एक : रायपुर पश्चिम विधानसभा से 3 बार के विधायक बनने वाले राजेश मूणत मूलतः छत्तीसगढ़ से नहीं हैं, उनका जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर में हुआ है। उनकी शिक्षा को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं कि मूणत कभी कॉलेज नहीं गए। रिकॉर्ड के मुताबिक उन्होंने जबलपुर से सिर्फ 12वीं पास की है।

विवाद नंबर दो : दुर्व्यवहार को लेकर मूणत खासा चर्चा में रहते हैं। इससे पहले भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह भद्दी-भद्दी गालियां देते दिख रहे थे। वह वीडियो चुनाव के दौरान का बताया जाता है।

विवाद नंबर तीन : लोक निर्माण मंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल में ही कई सरकारी निर्माणों में भृष्टचार के मामले सामने आए। रायपुर और बिलासपुर में तो सरकारी इमारतों के गिरने से कई हादसे हुए हैं। तो वही आरटीओ में भ्रष्टाचार की बात केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी खुद स्वीकार चुके हैं। मूणत अभी रायपुर में बन रहे स्काई वाक प्रोजेक्ट को लेकर विपक्षियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। कई करोड़ का यह प्रोजेक्ट फिजूलखर्ची बताया जा रहा है, इसके खिलाफ कई प्रदर्शन हो चुके हैं, पर बताया जा रहा है कि मूणत की इस प्रोजेक्ट में खास दिलचस्पी है।

विवाद नंबर चार : कहा जाता है कि लोक निर्माण व परिवहन मंत्री राजेश मूणत अपने प्रथम कार्यकाल से ही विवादों में रहे हैं, संभवतः उन्हें विवादों में रहना पसंद होगा। पत्रकारों से दुर्व्यवहार करने सम्बन्धी कई किस्से प्रचलित हैं। शिकायतकर्ताओं को बंगले से भगा देना, मीटिंग में अधिकारियों से अशिष्ट तरीके से बात करना, विभागीय शिकायत सुनने के लिए समय नहीं देना आदि आरोपों की लंबी फेहरिस्त है। इसकी वजह उनका खराब मीडिया प्रबन्धन भी बताया जाता है। उनके बंगले में चंद बड़े मीडिया हाउस के पत्रकारों को सम्मान मिलता है। हाल ही में एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार को विभागीय भ्रष्टाचार पर यह कहते हुए बंगले से बाहर का रास्ता दिखा दिया था कि ‘मैं मंत्री हूं हर बात पर नहीं बोलूंगा’। इस प्रकरण के बाद भी सोशल नेटवर्किंग पर उनका विरोध हुआ था।

विवाद नंबर पांच : राजेश मूणत की सोशल मीडिया पर जमकर खिल्ली उड़ती रही है। उनकी अधिकांश पोस्ट में व्याकरण और मात्राओं की त्रुटि रहती है। एक बार तब विवाद बढ़ गया, जब मूणत की फेसबुक आईडी से एक पुल की तस्वीर पोस्ट हुई, जिसे रायगढ़ जिले के केलो नदी पर निर्माण होना बताया गया। रायगढ़, छत्तीसगढ़ का ही एक जिला है। दिलचस्प बात यह है कि जिस पुल की तस्वीर मंत्री की फेसबुक पर पोस्ट की गई थी, वह वियतनाम के कोचिएन पुल की थी। 23 अगस्त को मूणत की फेसबुक आईडी से यह तस्वीर पोस्ट की गई थी। बवाल बढ़ने पर मूणत ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी।

विवाद नंबर छह : हाल ही में कन्नड़ लंकेश पत्रिके की संपादक गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई थी, उनकी आखिरी संपादकीय सोशल मीडिया में ट्रोल हो रही थी। अपने संपादकीय कालम-‘फेक न्यूज के जमाने में’ में गौरी लंकेश ने राजेश मूणत का भी जिक्र किया था, उन्होंने मूणत की फेसबुक पोस्ट पर सवाल उठाए थे और फर्जी पोस्ट करने वालों पर भी कार्रवाई करने की वकालत की थी।

विवाद नंबर सात : 2013 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में रायपुर पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी और राज्य सरकार के मंत्री राजेश मूणत ने कांग्रेस के प्रत्याशी विकास उपाध्याय को केवल 6160 मतों से मात दी। एक मंत्री रहते हुए इतने कम अंतर से जीतने पर उनकी लोकप्रियता पर सवाल उठने लगे थे।

attacknews.in