भारत को कोरोना मामले में बदनाम करने का अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र सामने आया;WHO ने स्पष्ट किया कि,उसने चिंताजनक वैरिएंट के रूप में 44 देशों में  वर्गीकृत बी.1.617 के साथ “भारतीय वैरिएंट” शब्द नहीं जोड़ा attacknews.in

नईदिल्ली 12 मई । विभिन्न मीडिया में ऐसे समाचार आए हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बी.1.617 को एक वैश्विक चिंता वाले वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है। इनमें से कुछ रिपोर्ट में बी.1.617 वैरिएंट का उल्लेख कोरोना वायरस के “भारतीय वैरिएंट” के रूप में किया है।

ये मीडिया रिपोर्ट्स निराधार और बेबुनियाद हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पृष्ठ के दस्तावेज में कोरोना वायरस के बी.1.617 वैरिएंट के साथ “भारतीय वैरिएंट” शब्द नहीं जोड़ा है ।

इससे पहले यह सूचना सामने आई;

कोविड-19 का भारत में मिला स्वरूप 44 देशों में पाया गया;WHO ने बताया-पिछले साल सामने आया बी.1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया,यह ‘स्वरूप चिंताजनक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का बी.1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह ‘स्वरूप चिंताजनक’ है।

संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था आए दिन इसका आकलन करती है क्या सार्स सीओवी-2 के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने और गंभीरता के लिहाज से बदलाव आए हैं या राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारियों द्वारा लागू जन स्वास्थ्य और सामाजिक कदमों में बदलाव की आवश्यकता है।

डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को प्रकाशित साप्ताहिक महामारी विज्ञान विज्ञप्ति में बी.1.617 को चिंताजनक स्वरूप (वीओए) बताया।

चिंताजनक स्वरूप वे होते हैं जिन्हें वायरस के मूल रूप से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। कोरोना वायरस का मूल स्वरूप पहली बार 2019 के अंतिम महीनों में चीन में देखा गया था।

किसी भी स्वरूप से पैदा होने वाले खतरे में संक्रमण फैलने की अधिक आशंका, ज्यादा घातकता और टीकों से अधिक प्रतिरोध होता है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बी.1.617 में संक्रमण फैलने की दर अधिक है।

उसने कहा, ‘‘प्रारंभिक सबूत से पता चला है कि इस स्वरूप में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ‘बामलैनिविमैब’ की प्रभाव-क्षमता घट जाती है।’’

कोविड-19 का बी.1.617 स्वरूप सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में देखा गया। भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों ने इस स्वरूप की भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डब्ल्यूएचओं द्वारा भारत में स्थिति के हालिया आकलन में भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने और तेज होने में कई कारकों का योगदान होने की आशंका जताई गई है।

इनमें सार्स-सीओवी-2 स्वरूपों के संभावित रूप से संक्रमण फैलाने, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम, जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक कदमों का पालन कम होना शामिल है।

युवती पहले यौन शोषण का शिकार हुई बाद में उससे देह व्यापार भी कराया गया,बंधक बनाकर वेश्यावृति कराने और ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ attacknews.in

जींद, 12 मई। हरियाणा के जींद जिले की उचाना पुलिस ने युवती को बंधक बना वेश्यावृति कराने तथा उसी युवती के माध्यम से ब्लैकमेल करवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर पीड़िता के मौसा समेत सात लोगों के खिलाफ यौन शोषण, देह व्यापार कराने, ब्लैकमेल करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस ने आज यहां बताया कि मूलत: बिहार निवासी पीड़ित युवती ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि उसके मौसा मनोज ने रुपए लेकर मूलत: दनौदा के उकलाना निवासी कुलदीप के पास भेज दिया।

कुलदीप ने पैसे लेकर उसे गांव पाबड़ा निवासी राममेहर के पास हिसार में भेज दिया।लगभग एक साल तक वह उसके पास रही।

बाद में फिर से उसे उकलाना लाया गया जहां कुलदीप ने उसका यौन शोषण किया और उसकी पत्नी सुमन के साथ मिलकर देह व्यापार कराना शुरू कर दिया।

उसे कमरे में बंधक बनाए रखा जाता और ग्राहकों से रुपए लेकर उससे देह व्यापार कराया जाता रहा।

पीड़िता के अनुसार कुलदीप का दोस्त गांव करसिंधू निवासी अमित से भी उसकी जान पहचान हो गई।

अमित उसे गांव के ही सत्यवान के पास ले आया।

इसी बीच सत्यवान ने गांव के ही एक दुकानदार को फंसाने के उद्देश्य से उसका इस्तेमाल किया और दुकानदार के खिलाफ झूठी दुष्कर्म की शिकायत उचाना थाना में दिलाई।

मामले का भंडाफोड़ होने के साथ युवती की शिकायत पर उचाना थाना पुलिस ने मनोज, कुलदीप, उसकी पत्नी सुमन, राजस्थान निवासी दलबीर, राममेहर, सत्यवान तथा अमित के खिलाफ यौन शोषण, देह व्यापार करवाने, ब्लैकमेल करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

उचाना थाना प्रभारी रविंद्र ने बताया कि युवती को मोहरा बनाकर एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म की झूठी शिकायत दी थी।

जब युवती से पूछताछ की गई तो उसने हकीकत बता दी।

युवती न केवल यौन शोषण का शिकार हुई बल्कि उससे देह व्यापार भी कराया गया।

फिलहाल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और इनकी धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है।

आईबीएम कार्पोरेशन के आंतरिक पुनर्निर्माण के लिये केंड्रिल होल्डिंग्स एलएलसी और ग्रैंड ओशन मैनेज्ड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस प्रा.लि. को ग्रीन चैनल के तहत स्वीकृति मिली attacknews.in

नईदिल्ली 12 मई । भारत प्रतिस्पर्धा आयोग को ग्रीन चैनल के तहत एक नोटिस मिला है, जिसे केंड्रिल होल्डिंग्स एलएलसी और ग्रैंड ओशन मैनेज्ड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस प्रा.लि. ने पेश किया है। यह नोटिस आईबीएम कार्पोरेशन के आंतरिक पुनर्निर्माण और उसकी स्वीकृति के सम्बंध में है।

इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कार्पोरेशन (आईबीएम कार्पोरेशन/विक्रेता) की योजना है कि वह अपने विश्व एमआईएस व्यापार (प्रबंधन सूचना प्रणाली) को एक नई कंपनी के रूप में परवान चढ़ाये। यह कदम अंतर्राष्ट्रीय कार्पोरेट आंतरिक पुनर्गठन के दायरे में उठाया जायेगा।

इस सम्बंध में जो पुनर्निर्माण और पुनर्गठन किया जाना है, वह उपरोक्त एमआईएस व्यापार को दो अलग-अलग कंपनियों के जरिये किया जायेगा, जो हाल में ही निगमित की गई हैं। ये दोनों कंपनियां केंड्रिल होल्डिंग्स एलएलसी और ग्रैंड ओशन मैनेज्ड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस प्रा.लि. (ओशन इंडिया) हैं। इन्हें प्राप्तकर्ता कहा जायेगा।

आईबीएम कार्पोरेशन अन्य कार्यों के साथ बुनियादी सेवाओं का प्रबंधन भी करती है, जिनमें भारत सहित कई देशों में एमआईएस सेवा भी शामिल है। भारत में इस समय एमआईएस कारोबार नेटवर्क सोल्यूशंस प्रा.लि. (नेटसॉल) और आईबीएम इंडिया के पास है। ये दोनों आईबीएम कार्पोरेशन की सहायक कंपनियां हैं।

एमआईएस कारोबार, आईबीएम कार्पोरेशन ग्लोबल टेक्नोलॉजी सर्विसेस की बुनियादी सेवा इकाई के द्वारा किया जाता है। इसमें सुरक्षा, नियामकता, जोखिम प्रबंधन सेवा और पहचान प्रबंधन सेवा शामिल है। इनसे सम्बंधित सुरक्षा सेवा आईबीएम कार्पोरेशन के क्लाउड और संज्ञानात्मक सॉफ्टवेयर के जरिये प्रदान की जाती है, लेकिन इसमें बुनियादी सेवा इकाई सम्बंधी पब्लिक क्लाउड प्लेटफार्म को शामिल नहीं किया गया है।

प्राप्तकर्ता इस समय किसी कारोबारी गतिविधि में संलिप्त नहीं हैं। उन्हें प्रस्तावित लेनदेन के लिये निगमित किया गया है। प्रस्तावित लेनदेन के मद्देनजर प्राप्तकर्ता कंपनियां आईबीएम कार्पोरेशन के एमआईएस व्यापार का संचालन करेंगी।

आईआईएसईआर भोपाल के इनोवेटर्स ने विकसित किया ऑक्सीजन की कमी को दूर करने वाला सस्ता ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ‘ऑक्सीकॉन’,20 हजार से भी कम होगी कीमत attacknews.in

भोपाल 12 मई ।भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), भोपाल के इनोवेटर्स ने अपनी ही तरह का ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ‘ऑक्सीकॉन’ विकसित किया है। कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच यह ऑक्सीजन की कमी के संकट को दूर करने में मददगार होगा। कोविड-19 की पहली लहर के विपरीत दूसरी लहर ने लोगों को कहीं अधिक प्रभावित किया है। इसमें संक्रमण बहुत तेजी से फैला है और बहुत से संक्रमित लोगों को आकस्मिक ऑक्सीजन की आवश्यकता हो रही है। ऐसे में देश भर में अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर/कंसंट्रेटर की जरूरत है और बहुत ही अल्प समय में मांग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। आईआईएसईआर, भोपाल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस विभाग (ईईसीएस) के सहायक प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्जी, रसायन इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. वेंकटेश्वर राव, सहायक प्रोफेसर और डॉ. अर्धेन्दु शेखर गिरी के साथ ईईसीएस विभाग के डॉ. पी.बी. सुजीत और डॉ शांतनु तालुकदार ने यह सस्ता उपकरण विकसित किया है जो कि बीमारी की किसी भी अवस्था में मरीज की ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

‘ऑक्सीकॉन’ आसानी से ले जाया जाने वाला, अनुकूल ढालने और आसानी से उपयोग में लाने योग्य है। इसमें कंप्रेसर है जो आसपास के वातावरण से हवा लेता है और जिओलाइट नामक सामग्री से युक्त कॉलम के माध्यम से उस हवा को अधिकतम दबाव से गुजारा जाता है। वैकल्पिक चक्र में इस प्रकार के दो कॉलम का उपयोग किया जाता है और इस उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण वाल्व का प्रयोग किया जाता है जिससे स्वत: और निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। जिओलाइट हवा से नाइट्रोजन को सोख लेता है और वापस वातावरण में छोड़ देता है और इस प्रकार से आउटलेट की वायु में ऑक्सीजन की सांद्रता में वृद्धि होती है। माइक्रोकंट्रोलर आधारित सर्किट के प्रभाव का इस्तेमाल कर वाल्व नियंत्रित किए जाते हैं। यह उपकरण 3 लीटर प्रति मिनट प्रवाह दर से 93 से 95 प्रतिशत ऑक्सीजन प्रदान करने में सक्षम है और इसकी कीमत 20,000 रुपये से भी कम है।

आईआईएसईआर, भोपाल के निदेशक प्रोफ़ेसर शिवा उमापति इस बारे में कहते हैं, “ऑक्सीकॉन उपकरण का विकास ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी और सामग्री का उपयोग करके किया गया है जिससे इसकी कीमत कम रखने में मदद मिली है और एक बार इस को स्वीकृति मिल जाने पर इसे छोटे गांव से लेकर बड़े शहर तक कहीं भी उपयोग किया जा सकता है। संस्थान अपने विज्ञान और समाज केंद्र के माध्यम से इस प्रौद्योगिकी को उद्योगों को हस्तांतरित करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे उद्योग के साथ सहयोग करने की इच्छा रखते हैं जो कि उसे आगे ले जाएं और सामाजिक हित के लिए इसका निर्माण करें।”

प्रोफेसर उमापति ने कहा, “आईआईएसईआर, भोपाल ने पिछले वर्ष भीड़भाड़ और मास्क पहनने के दिशानिर्देशों के पालन की निगरानी के लिए उपकरण जैसे उत्पाद भी बनाये हैं और अब ऑक्सीजन की मांग की पूर्ति के लिए ऑक्सीकॉन तैयार किया है। इसके अतिरिक्त संस्थान ने संभावित दवा खोजी है जिसका कोविड-19 के उपचार के लिए परीक्षण किया जाना है। संस्थान की एक अन्य प्रयोगशाला में सार्स कोरोनावायरस-2 के खिलाफ एंटीबॉडी के आकलन की परीक्षण पद्धति विकसित की गई है। संस्थान कोविड-19 के समाधान और संबंधित खोजों को भारत के लोगों के लाभ के लिए प्रस्तुत करने में उद्योगों तथा अन्य संगठनों से सहयोग के लिए इच्छुक है। यह उत्पाद मांगों की पूर्ति करने में सक्षम हैं।

इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर फॉर आत्रप्रेन्योरशिप (आईआईसीई), आईआईएसईआर, भोपाल के सीईओ डॉ. अमजद हुसैन का कहना है कि आईआईएसईआर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की टेक्नॉलजी एक नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट के तहत मैन्यूफैक्चरर्स कंपनियों और स्टार्टअप्स को ट्रांसफर करेगा। नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट का मतलब है कि इस टेक्नॉलजी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा कंपनियां और स्टार्ट अप्स कर सकेंगे ताकि बड़े पैमाने पर इस सस्ते ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स का उत्पादन हो सके और लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। इस बारे में कुछ कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है और उनसे बात की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आ सकेंगे।

ईईसीएस विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मित्रदीप भट्टाचार्जी ने इस नवोन्मेष के और सुधार और वाणिज्यिक उपयोग के संबंध में कहा कि इसके सिस्टम प्रोटोटाइप का विकास किया जा चुका है और बाजार में वर्तमान में उपलब्ध वाणिज्यिक प्रणालियों से तुलना भी की गई है और हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। हम इसमें सुधार और निर्माण के लिए औद्योगिक भागीदारी तथा आवश्यक परीक्षण तथा स्वीकृति के बाद इसे प्रयुक्त करने के इच्छुक हैं।

मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के अनेक निर्णय:मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना शुरू होगी,भिण्ड में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए जमीन आवंटित,राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली योजना में राज्य शासन का अंशदान हुआ 14 प्रतिशत attacknews.in

भोपाल, 11 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि परिषद की वर्चुअन बैठक में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना का अनुमोदन दिया गया।

मंत्रि परिषद ने सैनिक स्कूल सोसायटी नई दिल्ली को सैनिक स्कूल की स्थापना करने के लिये ग्राम मालनपुर जिला भिण्ड की शासकीय 20.95 हेक्टेयर भूमि शून्य प्रब्याजि तथा 1 रूपये वार्षिक भू-भाटक निर्धारित कर आवंटित करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना का अनुसमर्थन

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली योजना में राज्य शासन का अंशदान हुआ 14 प्रतिशत

मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली योजना में एक अप्रैल 2021 से राज्य शासन (नियोक्ता) के अंशदान की राशि 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक का पद समर्पित करते हुए उपाध्यक्ष का पद सृजित किये जाने का अनुमोदन किया है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के भी पदेन उपाध्यक्ष होंगे। संस्थान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का एक पद एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी का एक पद, इस प्रकार 2 पद सृजित किये गये है।

मंत्रि-परिषद ने सैनिक स्कूल सोसायटी, नई दिल्ली को सैनिक स्कूल की स्थापना करने के लिये ग्राम मालनपुर जिला भिण्ड की शासकीय 20.95 हेक्टेयर भूमि शून्य प्रब्याजि तथा एक रूपये वार्षिक भू-भाटक निर्धारित कर आवंटित करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक राज्य में डीएपी, काम्पलेक्स, पोटाश एवं यूरिया उर्वरकों की व्यवस्था के लिये मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को राज्य की नोडल एजेंसी घोषित करने एवं मार्कफेड के माध्यम से प्रदेश में आवश्यकतानुसार उर्वरकों की निर्धारित मात्रा की व्यवस्था के लिये अग्रिम भण्डारण करने का निर्णय लिया। इसके लिये वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक मार्कफेड को प्रत्येक वर्ष राज्य शासन द्वारा मार्कफेड के प्रस्ताव अनुसार 600 करोड़ रुपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति स्वीकृत करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार सहायित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन-आत्मा अंतर्गत प्रदेश में कृषक मित्र चयन के लिये न्यूनतम आयु सीमा 40 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष करने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (भूमि विकास बैंक) के संविलियन के लिये शेष रहे सेवायुक्तों के संविलियन की कार्यवाही पूरी करने के लिये पूर्व में लागू संविलियन योजना की अवधि 30 जून, 2021 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया है।

मंत्रि-परिषद ने नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कम्पनी लिमिटेड को वित्त वर्ष 2020-21 में द्वितीय अनुपूरक में आवंटित की गयी राशि रु. 1500 करोड़ तक के इक्विटी शेयर जारी कराये जाने के संबंध में नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा जारी किये गये आदेश का अनुसमर्थन किया।

मंत्रि-परिषद ने सहकारिता विभाग द्वारा सोयाबीन प्र-संस्करण प्लांट पचामा जिला सीहोर स्थित औद्योगिक परिसंपत्ति पर स्थापित प्लांट एवं मशीनरी को स्क्रेप के रूप में निर्वर्तन किये जाने के लिये जारी निविदा में H-1 द्वारा निविदा बोली मूल्य राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के उपरांत अनुबंध के निष्पादन की कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ के परिसमापक संयुक्त आयुक्त सहकारिता द्वारा किया जाने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग की कॉस्मो आनन्द, सिरोल, जिला ग्वालियर स्थित 5 भू-खण्ड पार्सलों के निर्वर्तन के लिये निविदाकारों की वित्तीय निविदा राशि एवं ई-नीलामी में लगाई गई राशि को उच्चतम पाये जाने से H-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य राशि का अनुमोदन करते हुए निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के उपरांत अनुबंध के निष्पादन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किये जाने कानिर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग की अल्फा नगर कॉलोनी, ग्राम मेहरा, वार्ड न.-7 जिला ग्वालियर स्थित परिसंपत्ति के निर्वर्तन के लिये जारी निविदा में निविदाकारों की वित्तीय निविदा राशि एवं ई-नीलामी में लगाई गई बोली राशि को उच्चतम पाये जाने से H-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के उपरांत अनुबंध के निष्पादन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा किये जाने का निर्णय लिया।

मध्यप्रदेश के रतलाम में चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी,1 गिरफ्तार;जबलपुर ,भोपाल,शहडोलऔर छिंदवाड़ा के सरकारी/निजी अस्पतालों व मेडिकल कालेज में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी मे कई गिरफ्तारियां attacknews.in

रतलाम/जबलपुर/छिंदवाड़ा/भोपाल7शहडोल , 11 मई । कोरोना संकटकाल में उपयोग होने वाले चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी के मामले में रतलाम पुलिस ने दो अलग अलग मामलों का पर्दाफाश कर दवा व्यवसायी एवं स्थानीय भाजपा नेता राजेश माहेश्वरी को 2250 रुपए का ऑक्सीफ्लो मीटर 4000 रुपए में बेचते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

वहीं दूसरे मामले में औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाज़ारी का मामला उजागर करते हुए तीन सिलेंडर जब्त किये। इस मामले में पुलिस को दो आरोपियों की तलाश है।

इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में दो के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई

इधर जबलपुर जिले में कोरोना के इलाज में उपयोग आने वाले रेमडेसिवीर के इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत तीन माह तक जेल में निरुद्ध रखने के आदेश दिए गए हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्थानीय निवासी शहनवाज खान और विवेक सिंह के खिलाफ रासुका के तहत आदेश कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने आज जारी किया।

निजी अस्पताल के कर्मचारी से तीन इंजेक्शन जब्त

छिंदवाड़ा नगर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक कर्मचारी और उसके दो सहयोगियों के पास से पुलिस ने तीन रेमडेसिवीर इंजेक्शन जब्त किये हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार निजी अस्पताल के कर्मचारी ओमप्रकाश नागवंशी और उसके सहयोगियों राजा तिवारी तथा अखिलेश शर्मा को कल गिरफ्तार किया गया है। इंजेक्शन की कथित कालाबाजारी के मामले की जांच भी की जा रही है। बताया गया है कि ग्वालियर में हाल ही में रेमडेसिवीर के इंजेक्शन जब्त करने के बाद पुलिस पूछताछ के आधार पर छिंदवाड़ा में यह कार्रवाई की गयी है। इस मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

शहडोल मेडिकल कॉलेज के तीन कर्मियों से मिले 6 रेमडेसिविर इन्जेक्शन, चार गिरफ्तार

शहडोल जिले के सोहागपुर पुलिस ने आज कोरोना की जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इन्जेक्शन की कालाबाजारी करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य ने पत्रकारों को बताया कि मेडिकल कॉलेज में कार्यरत लैब टेक्नीशियन दीपक गुप्ता और उज्वल द्विवेदी, मेडिकल स्टोर में कार्यरत सुषमा साहू और अमित मिश्रा को पकड़ा गया।

नकली दवा और इंजेक्शन बेचने वालों को होगी कड़ी सजा: नरोत्तम

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार विचार कर रही कि प्रदेश में नकली दवाईयों का गोरखधंधा करने वालों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान किया जाए।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि नकली दवा-इंजेक्शन का कारोबार करने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के लिए कानून में संशोधन के लिए विधि विभाग से परामर्श लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी सख्ती के साथ नकली दवा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। अभी नकली दवा बेचने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है, लेकिन जल्द इसे खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अंतर्गत भी लाया जाएगा। खाद्य अपमिश्रण अधिनियम में इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की जांच के लिए कांग्रेस ने गठित किया पांच सदस्यीय समूह और कोविड-19 को लेकर बनाया राहत त्वरित बल attacknews.in

नयी दिल्ली 11 मई । कांग्रेस ने हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समूह का गठन किया है।

कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने मंगलवार को बताया कि श्री चव्हाण की अध्यक्षता वाले इस समूह में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, विंसेंट एच पाला तथा सुश्री ज्योति मणि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्काल समिति को गठित करने की संस्तुति दी है और समूह को दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि श्रीमती गांधी ने इन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारणों का पता लगाने के लिए सोमवार को यहां पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में समूह के गठन की बात की थी।

कांग्रेस ने कोविड-19 को लेकर बनाया राहत त्वरित बल

कांग्रेस ने देश में कोरोना से बिगड़ते हालात के मद्देनजर वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में 13 सदस्यीय कोविड-19 राहत त्वरित बल का गठन किया है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को यहाँ बताया कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तत्काल प्रभाव से बल के गठन को संस्तुति दी है। यह बल राज्यों के साथ कोरोना राहत से जुड़ी गतिविधियों पर भी नजर रखेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया;लॉकडाउन में मध्य दिल्ली राजपथ और इसके आस पास हो रहा निर्माण सेंट्रल विस्टा के लिए नहीं बल्कि जन सुविधाओं के वास्ते हो रहा है attacknews.in

नयी दिल्ली, 11 मई । केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान मध्य दिल्ली राजपथ और इसके आस पास हो रहा निर्माण सेंट्रल विस्टा के लिए नहीं बल्कि शौचालय ब्लॉक, पार्किंग स्थल तथा राहगीरों के अंडरपास जैसी जन सुविधाओं के वास्ते हो रहा है।

न्यायालय कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के बीच सेंट्रल विस्टा के सभी निर्माण कार्याें पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

केंद्र के हलफनामे में कहा गया है,“ परियोजना के लिए कार्य का दायरा वह नहीं है जिसे बोलचाल की भाषा में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कहा जाता है।”

याचिकाकर्ता अन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परिपत्र का उल्लंघन किया गया है क्योंकि केवल आपातकाल या आवश्यक सेवाओं को लॉकडाउन के दौरान अनुमति दी जाती है।

इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी निर्माण गतिविधियों को बंद करना होगा सिवाय उन सभी को छोड़कर जहां मजदूर कार्यस्थल पर रहते हैं।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि करोल बाग, कीर्ति नगर और सराय काले खां से बस के जरिए विस्टा परियोजनाओं के मजदूरों को लाया और वापस भेजा जाता है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने मामले को बुधवार के लिए स्थगित कर दिया क्योंकि केंद्र सरकार का जवाब रिकॉर्ड नहीं हो सका था।

अदालत ने इससे पहले कोई आदेश पारित किए सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख मुकर्रर की थी। इसके बाद याचिकाकर्ताआें ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई थी।

शीर्ष अदालत ने हालांकि हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए आग्रह करने का छूट दी थी।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत एक नया संसद भवन, एक नया आवासीय परिसर, जिसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के निवास शामिल होंगे, कई कार्यालयों के सरकारी भवन और मंत्रालय के कार्यालयों को समायोजित करने के लिए एक केंद्रीय सचिवालय, राजपथ क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में पुनर्निर्माण किया जाएगा।

शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की बेंच ने पांच जनवरी को परियोजना को हरी झंडी दी थी। इसके साथ ही भूमि के उपयोग और पर्यावरण नियमों के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

मध्यप्रदेश में मंगलवार को कोरोना के नौ हजार से अधिक नए मामले सामने आए , 94 की मौत;अबतक 6,91,232 लोग संक्रमित हुए,इनमें से 5,73,271 लोग ठीक भी हो चुके attacknews.in

भोपाल, 11 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच आज भी नौ हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित मिले है।इस महामारी ने आज राज्य भर में 94 लोगों की जान ले ली।

मध्यप्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो लगातार कम हो रही है।अब यह घट कर 14.78 फीसदी हो गई है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण को लेकर हुई 66,016 की जांच रिपोर्ट में 9,754 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इन जांच सैंपल रिपोर्ट में 56,262 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिले हैं तथा 1430 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 15़ 7 प्रतिशत से घटकर 14़ 7 प्रतिशत दर्ज की गयी।

राज्य भर में आज 7324 लोग कोरोना को हरा कर घर रवाना हो गये।वहीं 1,11366 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

राज्य भर में इस महामारी के कारण 6,91,232 लोग संक्रमित हुए है।हालाकि इनमें से अब तब 5,73271 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी के चलते अब तक प्रदेश भर में 6595 लोगों की जान चली गयी है।

राज्य के 52 जिलों में से सबसे ज्यादा कोरोना मरीज आज भी इंदौर में मिले है।इंदौर जिले में आज 1651 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले में 1412 लोग कोरोना की चपेट में आये है।इसके अलावा ग्वालियर में 793, जबलपुर में 542, उज्जैन में 275, रतलाम में 350, रीवा में 251, सागर में 195, खरगोन में 110,धार में 142, शिवपुरी जिले में 210 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 15 से लेकर 198 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा:मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण निरंतर नियंत्रण में आ रहा है,सामाजिक सहभागिता से भी कोरोना महामारी की रोकथाम की जायें attacknews.in

भोपाल, 11 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामाजिक सहभागिता से कोरोना महामारी की रोकथाम और बचाव के लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्तर पर लगातार सभी उपाय करने के निर्देश दिए हैं।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट लगातार घट रही है। जो 3 मई को घट कर 20.2 प्रतिशत हुई और आज 11 मई को घट कर 14.78 प्रतिशत हो गई है। यह सफलता शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने की तीन स्तरीय रणनीति की वजह से मिल रही है।

मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आ रहा है-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण निरंतर नियंत्रण में आ रहा है।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैबिनेट की बैठक की कार्रवाई के पूर्व संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 25 फीसदी तक पहुंच गई थी, जो लगातार कम हो रही है। अब यह घट कर 14.78 फीसदी हो गई है। कोरोना के नए प्रकरण आज 9754 आए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या कवर हो रही है (88 प्रतिशत)। केवल उच्च वर्ग छूटा है। इस योजना का सभी जिलों में लाभ दिलाए जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए कोरोना कार्य में लगा हुआ हर शासकीय सेवक अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्य के दौरान यदि किसी शासकीय सेवक के साथ अनहोनी हो जाती है तो परिवार की सहायता के लिए एक समान योजना बनाई जा रही है। हर शासकीय सेवक को इसका लाभ मिलेगा।

कैबिनेट बैठक का प्रारंभ वंदे मातरम् गायन के साथ हुआ। तत्पश्चात दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी, बृजेन्द्र सिंह राठौर एवं श्रीमती कलावती भूरिया को श्रद्धांजलि दी गई तथा 02 मिनिट का मौन रखा गया।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग के हर गरीब को 05 माह का नि:शुल्क उचित मूल्य राशन दिया जा रहा है, जिसमें से 03 माह का राशन राज्य सरकार द्वारा तथा 02 माह का केन्द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इसके लिए पात्रता पर्ची, अंगूठे के निशान, आधार लिंकेज की आवश्यकता नहीं। हर गरीब को यह राशन मिले यह सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कोरोना की तीसरी लहर के प्रति भी पूर्ण रूप से सचेत है तथा उसके लिए स्वास्थ्य अधोसंरचना तथा स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। कोरोना इलाज के साइड इफैक्ट ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भी व्यवस्थाएं की गई है।

श्री चौहान ने प्रदेश में कोरोना संकटकाल में भी अभी तक 01 करोड़ एम.टी. गेहूँ का उपार्जन कर लिया गया है। इसके लिए सहकारिता एवं खाद्य विभाग बधाई के पात्र हैं। सरकार चमक विहीन गेहूँ का भी क्रय कर रही है। गत वर्ष की चमक विहीन गेहूँ की खरीदी का 31 करोड़ 19 लाख रूपए का व्यय राज्य शासन द्वारा वहन किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन लश्करे तैयबा आतंकवादी ढेर,समीर,अब्दुल्ला और साहिल कई हमलों में शामिल रहे हैं attacknews.in

श्रीनगर, 11 मई । जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्करे तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गये।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पुलिस के विशेष अभियान समूह ने सुबह अनंतनाग से करीब 30 किलोमीटर दूर वैलू कोकरनाग के जंगल इलाकों में संयुक्त घेराबंदी और तलाश अभियान छेड़ा। वैलू में सभी निकासी स्थलों को सील करने के बाद सुरक्षा बल के जवान लक्षित इलाके की ओर बढ़ रहे थे, तभी वहां छुपे आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलायीं। दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गये।

मृत आतंकवादियों की पहचान इलयास अहमद डार उर्फ समीर, उबैद शफी उर्फ अब्दुल्ला और अकिब अहमद लोन उर्फ साहिल के रूप में की गयी है।

उन्होंने बताया कि पुलिस रिकार्ड के मुताबिक तीनों आतंकवादी लश्करे तैयबा समूह से जुड़े थे और सुरक्षा बलों एवं सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर कई हमलों को अंजाम देने वालों में शामिल थे। मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राअफल , दो पिस्तौल और विस्फोटक सामग्रियों समेत हथियार भी बरामद हुए हैं।

इस बीच, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर वृत) विजय कुमार ने पुलिस और सुरक्षा बलों को अभियान की सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने दिशाभ्रमित युवकों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने के लिए प्रेरित करने के वास्ते उनके अभिभावकों से भी अपील की।

लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के आरोप में बिहार के पूर्व सांसद और जाप प्रमुख पप्पू यादव को हिरासत में लिया गया attacknews.in

पटना, 11 मई । जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को आज लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया ।

श्री यादव ने मंगलवार को खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर पटना के गांधी मैदान थाना ले जाया गया है ।

उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, “कोरोना काल में जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख जूझना अपराध है, तो हां मैं अपराधी हूं। पीएम साहब, सीएम साहब, दे दो फांसी, या भेज दो जेल
झुकूंगा नहीं, रुकूंगा नहीं। लोगों को बचाऊंगा।
बेईमानों को बेनकाब करता रहूंगा ।”

इस बीच पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पप्पू यादव लगातार बिना पास के घूम रहे थे, जबकि उन्हें हिदायत दी गई थी कि वे बिना किसी ठोस वजह के घर से बाहर ना निकलें। मंगलवार को सूचना मिली कि वह कोविड गाइडलाइन का उलंघन करते हुए पीएमसीएच के कोविड वार्ड में पहुंच गए हैं। इसके बाद पुलिस के पास फोन आया कि उनकी वजह से मरीजों को इलाज से परेशानी हो रही है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उनकी अभी गिरफ्तारी नहीं की गई है। कानूनी प्रकिया चल रही है।

उधर श्री यादव को हिरासत में लिए जाने पर राज्य की नीतीश सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई है ।

उन्होंने ट्वीट कर कहा,” कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज़ में उसे गिरफ़्तार किया जाए ऐसी घटना मानवता के लिए ख़तरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जाँच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है।

हरियाणा में गुरुग्राम पुलिस ने आरटीआई एक्टीविस्ट हरिंद्र ढींगरा और उसके दो बेटों को करोड़ों की धोखाधड़ी में किया गिरफ्तार attacknews.in

गुरूग्राम, 11 मई। हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने आरटीआई कार्यकर्ता हरिंद्र ढींगरा और उसके दो बेटों तरूण ढींगरा और प्रशांत ढींगरा को 15 करोड़ रूपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पुलिस प्रवक्ता सुभाष बोकन के अनुसार तीन तीनों पर डीएलएफ फेज-1 में एक ही प्लाट को दो बैंकों के पास गिरवी रखकर 15 करोड़ रुपए का ऋण लेने और फ़र्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर ब्लड रिलेशन में ट्रांसफर डीड कराने का आरोप है।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के लिए एसीपी क्राइम-दो के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी है। मामले के अनुसार हरिंद्र और उसकी पत्नी पूनम ने वर्ष 2001 में उक्त प्लाॅट प्रदीप कुमार नामक व्यक्ति से खरीदा था।

वर्ष 2003 में पूनम ने अपने बेटे प्रशांत के साथ मिलकर इंडियन ओवरसीज बैंक से अपनी कम्पनी एलिगेंस फेब्रिक्स के नाम पर करोड़ों रुपए का लोन ले लिया। इसे न चुकाने पर बैंक ने इस सम्पत्ति को एनपीए कर दिया।

प्रवक्ता ने बताया कि प्लॉट की नीलामी से बचने के लिए प्रशांत ने अपने पिता और माता के खिलाफ लोक अदालत में मामला दायर कर प्लाॅट अपने नाम करा लिया। 27 नवम्बर 2006 को लोक अदालत के आदेश पर अपने नाम हुये प्लॉट के आधार पर प्रशांत ने वर्ष 2007 में ओबीसी बैंक से अपनी कम्पनी तरुण एक्सपोर्ट के नाम आठ करोड़ रुपये का ऋण ले लिया। लेकिन यह ऋण भी चुकता करने में असमर्थ रहे।

प्लॉट को बचाने के लिए हरिंद्र और पूनम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में लोक अदालत के आदेश को खारिज करने की याचिका दायर की। इसी बीच दोनों बैंकों ने भी उच्च न्यायालय में सम्पति कुर्क कर नीलामी की याचिका दायर कर दी।

प्रवक्ता के अनुसार प्लॉट को बचाने के लिए तीनों ने साजिश के तहत जिला अदालत में याचिका दायर की।

आरोप है कि अदालत में मामला विचाराधीन होने के बावजूद भी तीनों ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्लॉट को तरुण और प्रशांत के बेटे के नाम पर ट्रांसफर करा दिया। इस पर दोनों बैंकों ने गत 16 अप्रैल को पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए जांच राजपत्रित अधिकारी को सौंपी तो शिकायत सही पाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि हरिंद्र पर वर्ष 2017 में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न घाराओं में मामला दर्ज है।

जांच में यह भी पता चला कि हरिंद्र अपने एक अन्य साथी रविंद्र यादव के साथ मिलकर बिल्डर, सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों पर दबाव बनाता है और कथित तौर पर उनसे रुपये भी ऐंठता है। पुलिस ने डीएलएफ फेज-एक निवासियों की शिकायत पर रविंद्र यादव के कब्जे से दो प्लाॅट छुड़वाए हँ। ये प्लाट उसने हरिंद्र की शह पर कब्जा किये हुए थे। एसआईटी हरिन्द्र, तरुण और प्रशांत गिरफ्तार कर मामले की जांच में जुटी हुई है।

ओडिशा में कोविड मरीज में “ब्लैक फंगस” पाये जाने का मामला सामने आया attacknews.in

भुवनेश्वर 11 मई । ओडिशा में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति में ‘म्यूकोरमाइकोसिस’(ब्लैक फंगस) पाये जाने का मामला सामने आया है।

राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी बयान में इसकी पुष्टि की गयी है।

इकहत्तर वर्षीय मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के गत 20 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी , जिसके बाद से वह होम आइसोलेशन में था। आंखों में सूजन और नाक में कालापन नजर आने के पर शनिवार को उसे एसयूएम अल्टमेट मेडिकेयर में भर्ती कराया गया।

बयान में अस्पताल के कान,नाक एवं गला विभाग प्रमुख डॉ राधामाधव साहू के हवाले से कहा गया है कि मरीज के नाक का इंडोस्कोपी जांच में उसके नाक के भीतरी छोर पर कालापन जमा नजर आया है जो म्यूकोरमाइकोसिस का संकेत है।

विभाग के मुताबिक राज्य में म्यूकोरमाइकोसिस रोग का इलाज भी उपलब्ध है।

डॉ साहू ने कहा कि राज्य में इस तरह का यह पहला मामला है। मरीज के ‘केस हिस्ट्री’ की जानकारी लेने के बाद पजा चला कि उसने पुराने एयर-कूलर का उपयोग किया था जिसका पानी काफी समय से बदला नहीं गया था और इसी के बाद उसमें यह लक्षण नजर आया।

चिकित्सकों के मुताबिक डायबिटीज, कैंसर जैसे रोग से पहले से ग्रस्त होने के कारण भी व्यक्ति में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है और यह सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से किसी बीमारी से पीड़ित रहे।

केंद्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा में दूसरी खुराक को प्राथमिकता देने; दूसरी खुराक के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत कोटा आवंटित करना तय किया attacknews.in

नईदिल्ली 11 मई ।केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और कोविड-19 से निपटने के लिए बनायी गयी प्रौद्योगिकी एवं डेटा प्रबंधन सशक्त समूह के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय कोविड-19 टीका प्रशासन विशेषज्ञ समूह के सदस्य डॉ. आर एस शर्मा ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशकों के साथ कोविड टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की।

वैश्विक स्तर पर इस तरह के सबसे बड़े अभ्यासों में से एक, देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था। बाद में इसका व्यापक रूप से विस्तार किया गया और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए उदार मूल्य निर्धारण एवं त्वरित रणनीति के कार्यान्वयन के साथ 01मई, 2021 से अभियान में 18 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को शामिल किया गया।

राज्य विशिष्ट डेटा के साथ टीकाकरण अभियान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालने वाली एक विस्तृत प्रस्तुति के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

राज्य सुनिश्चित करेंगे कि पहली खुराक लेने वाले सभी लाभार्थियों को दूसरी खुराक के लिए प्राथमिकता दी जाए। दूसरी खुराक का इंतजार करे रहे बहुत सारे लाभार्थियों की जरूरत पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।

इस संबंध में, राज्य भारत सरकार के माध्यम से मिले टीकों में से कम से कम 70 प्रतिशत टीके दूसरी खुराक के लिए और बाकी 30 प्रतिशत पहली खुराक के लिए रख सकते हैं। यह हालांकि सांकेतिक है। राज्यों को इसे 100 प्रतिशत तक बढ़ाने की स्वतंत्रता है। कोविन पर राज्यवार संख्या राज्यों के नियोजन उद्देश्यों के लिए उनके साथ साझा की गई है।

राज्यों से टीके की दो खुराक के साथ पूर्ण टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने को कहा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने उन राज्यों का विवरण प्रस्तुत किया,जिन्होंने प्राथमिकता समूहों (जैसे कि 45+, एफएलडब्ल्यू और एचसीडब्ल्यू) एवं अन्य के उच्च कवरेज को सुनिश्चित किया है, और राज्यों से आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि प्राथमिकता वाले समूहों को टीका लगाया जाए।

भारत सरकार के माध्यम से प्रदान किए जा रहे कोविड टीकों के बारे में राज्यों को पहले से पारदर्शी तरीके से सूचित किया गया है। बेहतर और ज्यादा कारगर योजना निर्माण में राज्यों की मदद करने के लिए उन्हें अग्रिम रूप से आगामी पखवाड़े के लिए टीके के आवंटन के बारे में बता दिया गया है।

15-31 मई की अवधि के लिए अगला आवंटन उन्हें 14 मई को दिया जाएगा। यह बताया गया कि राज्य अपने टीकाकरण सत्रों की योजना बनाने के उद्देश्य से अगले 15 दिनों के लिए खुराक के आवंटन के बारे में जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।

राज्यों से टीका अपव्यय को कम करने का भी आग्रह किया गया। हालांकि समग्र स्तरों में काफी कमी आई है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कई राज्य हैं जिन्हें अभी भी अपव्यय को कम करने की जरूरत है। टीकों के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को टीको को लेकर पुन: प्रशिक्षण और पुन: व्यवस्था करने का सुझाव दिया गया था। राष्ट्रीय औसत से अधिक सभी अपव्यय को उसके बाद उस राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के बाद के आवंटन से समायोजित किया जाएगा।

इस संदर्भ में, यह भी बताया गया कि कुछ राज्य एक नकारात्मक अपव्यय की जानकारी देने में सक्षम हैं, क्योंकि अच्छी तरह से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रति शीशी से अधिकतम खुराक निकाल सकते हैं, जो आम तौर पर वैसे चिह्नित है।

राज्यों को ‘भारत सरकार के अलावा’ दूसरेमाध्यम से खरीद के बारे में भी बताया गया था जो कि टीकाकरण के तीसरे चरण की त्वरित रणनीति के तहत खोला गया है। राज्यों से निजी टीका निर्माताओं को लंबित भुगतान के मद्देनजर, राज्यों को दो या तीन वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तर पर एक समर्पित टीम का गठन करने की सलाह दी गई थी, ताकि वे दैनिक आधार पर टीका निर्माताओं के साथ समन्वय कर सकें और तेजी से राज्य सरकार की आपूर्ति को सुरक्षित कर सकें। साथ ही यह टीम निजी अस्पतालों के साथ समन्वय करके उन्हें टीके की खरीद की सुविधा प्रदान करती है, जिससे राज्य में समग्र टीकाकरण अभ्यास की गति बनी रहे।

टीकाकरण अभ्यास की बदलती जरूरतों को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म में भी बदलाव किया जा रहा है। लक्ष्य समूहों का टीकाकरण पूरा करने की बेहतर योजना के लिए राज्य एक दूसरी खुराक देय रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) और कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) प्रबंधक मांग के अनुसार सत्र क्षमता को बढ़ा सकते हैं (जिसकी सीमा 100 तय की गयी थी) और अपने आगामी सत्रों में लक्ष्य समूह की योजना भी बना कर सकते हैं। जरूरी फोटो प्रमाणपत्र न होने वाले लाभार्थी जैसे कि वृद्धाश्रमों में रहने वाले वरिष्ठ नागरिक, भी पंजीकृत हो सकते हैं। डीआईओऔर सीवीसी प्रबंधक टीका उपयोग रिपोर्ट (वीयूआर) डाउनलोड भी कर सकते हैं।

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म दूसरी खुराक के लिए स्लॉट हासिल करने के लिए जल्द ही लचीलापन और सुविधा प्रदान करेगा। कोविन संभव सीमा तक अनुकूलित किया जाएगा और एपीआई भी खोले जाएंगे। लोगों को सूचित करने के लिए आईईसी अभियान की आवश्यकता है कि वे दोनों खुराक लेने के लिए केवल एक मोबाइल नंबर का उपयोग करें ताकि उनके प्रमाणपत्र से पता चले कि उन्होंने दोनों खुराक ले ली है।

डॉ. शर्मा ने डेटा की सत्यता और प्रामाणिकता के जरूरी महत्व को दोहराया। उन्होंने राज्यों से यह भी आग्रह किया कि वे किसी को, कहीं भी और किसी भी समय टीकाकरण प्रदान करने के कोविन के मंत्र को बनाए रखने के लिए प्रतिबंधात्मक मानदंडों के उपयोग से बचें।