इज़राइली हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हुई, सबसे भीषण लड़ाई हाल के हफ्तों में यरुशलम में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इज़राइली पुलिस के बीच संघर्ष की वजह से शुरू हुई attacknews.in

गाजा, 12 मई (स्पूतनिक) ।गाजा पट्टी पर इजरायल के हवाई हमलों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा ने बुधवार को यह जानकारी दी।

गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गाज़ा में इज़राइल के हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है जिसमें 13 बच्चे और तीन महिलाएं शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि हमले में क्षेत्र के करीब 300 फलस्तीनी जख्मी हुए हैं। यह हमले सोमवार को शुरू हुए थे और फलस्तीन ने इज़राइल पर रॉकेट दागे थे।

वर्ष 2014 की गाज़ा जंग के बाद सबसे भीषण लड़ाई हाल के हफ्तों में यरुशलम में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इज़राइली पुलिस के बीच संघर्ष की वजह से शुरू हुई है। यह प्रदर्शन अल अक्सा मस्जिद परिसर पर केंद्रित थे जो यहूदियों और मुसलमानों, दोनों के लिए पवित्र है।

वेस्ट बैंक में इजरायली सेना के साथ संघर्ष में कम से कम 245 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं।

रेड क्रिसेंट ने यह जानकारी दी है। रेड क्रिसेंट के अनुसार मंगलवार को हुए संघर्ष में कुछ लोग रबर की गोलियों से और आंसू गैस से प्रभावित हुए। पूर्वी यरुशलम क्षेत्र में कई दिनों से संघर्ष हो रहा है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के मुताबिक इजारयल के साथ संघर्ष में सात से 10 मई के बीच 1,100 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं, जिनमें से 915पूर्वी यरुशलम तथा 200 ज्यादा फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक में घायल हुए हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी,बुधवार को नए कोरोना प्रकरण 9 हजार से नीचे आए,अबतक संक्रमण के मामले सात लाख के पार attacknews.in

भोपाल, 12 मई ।कोरोना संक्रमण की कहर के बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या आज मध्यप्रदेश में सात लाख के पार हो गयी।हलाकि इनमें से पांच लाख तिरासी हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमण को परास्त कर घर पहुंच गये हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है तथा पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी आ रही है।

प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 9 हजार से नीचे आ गए हैं।

प्रदेश के 08 जिलों में नए प्रकरणों की संख्या 200 से अधिक है तथा 7 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से नीचे आ गई है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के 64,677 सैंपल की जांच रिपोर्ट में 8,970 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इन जांच सैंपल रिपोर्ट में 55,707 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव मिले हैं तथा 253 सैंपल रिजेक्ट हुए है।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) 14़ 7 प्रतिशत से घटकर 13़ 8 प्रतिशत दर्ज की गयी।

राज्य भर में आज 10,324 लोग कोरोना को परास्त कर घर रवाना हो गये।

राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी 1,09928 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

इस महामारी से अब तक प्रदेश भर में 7,00202 लोग संक्रमित हो चुके है।

हालाकि इनमें से अब तब 5,83595 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 6679 लोगों की जान ले चुका है।

राज्य के इंदौर में जिले में आज 1597 लोग कोरोना संक्रमित मिले है।

वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले में 1304 लोग पॉजिटिव मिले है।

इसके अलावा ग्वालियर में 492, जबलपुर में 666, उज्जैन में 273, रतलाम में 335, रीवा में 249, शिवपुरी जिले में 279 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 11 से लेकर 193 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

17 मई के बाद मध्यप्रदेश में ऐसे खुलेगा कोरोना कर्फ्यू:वह जिले जहाँ संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 5% से नीचे आ गई वहाँ धीरे-धीरे हटाया जाएगा,जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा रहेगा वहाँ कोरोना कर्फ्यू नहीं खुलेगा attacknews.in

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि,कोरोना के बाद ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमण की 50 घटनाओं की पुष्टि हुयी मप्र में,प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है, पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी आ रही है

भोपाल, 12 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन होने से कोरोना महामारी धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। कोरोना के नए संक्रमित प्रकरणों की संख्या प्रदेश में अब चार अंकों में आ गई है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में देश के बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश 15वें स्थान पर आ गया है। पॉजिटिविटी दर 25 प्रतिशत से लगातार घटकर 14 प्रतिशत से नीचे आ गई है, लेकिन हमें निश्चिंत नहीं होना है। अभी अधिक सावधानी की जरूरत है। कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए लंबा सफर तय करना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अपने आप कम फैलता है। यह वायरस हमारे व्यवहार से ज्यादा फैलता है। यदि हम शादी ब्याह, भीड़ और बड़े समारोह में गए तो कोरोना संक्रमण तेज गति से फैलता है। जन-सहयोग से लागू कोरोना कर्फ्यू जब तक है तब तक कोई भी घरों से बाहर नहीं निकले। मई माह में शादी-ब्याह नहीं करें। जून माह में कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने पर शादी-ब्याह आदि आयोजन छोटे स्तर पर किए जा सकते हैं।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण कुछ गाँव में भी फैला है। इसे नियंत्रित करने के लिए किल कोरोना अभियान चल रहा है। सरकारी अमला मेहनत के साथ घर-घर दस्तक दे रहा है। सरकारी अमले के साथ राजनैतिक, सामाजिक कार्यकर्ता, गाँव के वरिष्ठ जन शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सर्दी, जुकाम, बुखार आदि कोरोना के लक्षण हैं, तो छुपाए नहीं, बताएँ। उपचार संभव है। सरकार ने नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की है। सरकारी अस्पतालों के साथ अनुबंधित निजी अस्पतालों में भी नि:शुल्क उपचार होगा। मरीज चाहे तो कोविड केयर सेंटर में जाकर भी अपना उपचार करवा सकते हैं। इस समय प्रदेश में 2 करोड़ 40 लाख आयुष्मान कार्ड धारी हैं। गरीब, निम्न मध्यम वर्गीय आयुष्मान कार्ड धारी कोरोना पीड़ितों का प्राइवेट अस्पताल में भी नि:शुल्क इलाज होगा। परिवार के पास एक आयुष्मान कार्ड है तो परिवार के बाकी सदस्यों का भी आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा।

श्री चौहान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार यदि पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से नीचे आती है तो यह कोरोना संक्रमण के नियंत्रित होने का संकेत है। ऐसे जिले जहाँ कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से नीचे आ गई है वहाँ 17 मई के बाद धीरे-धीरे वैज्ञानिक ढंग से कोरोना कर्फ्यू को हटाया जा सकेगा। जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा रहेगा वहाँ कोरोना कर्फ्यू नहीं खुलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करें।

श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी होने के समाचार मिल रहे हैं। लेकिन चिंता नहीं करें। इस बीमारी का भी नि:शुल्क इलाज कराएंगे। बीमारी होने की स्थिति में देर नहीं करें। शीघ्र बताएँ। इस बीमारी का भी इलाज संभव है। पूरा मध्यप्रदेश एक परिवार है। सबको मिलकर कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उपायों का कड़ाई से पालन करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किल-कोरोना अभियान को सफल बनाएँ। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाइयों की कोई कमी नहीं है। जन-सहयोग से किसी भी आपदा का सामना किया जा सकता है।

जिला, ब्लाक, ग्राम और शहर के वार्ड स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों का गठन किया गया है। इन समितियों के सदस्य जन-सहयोग से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं। कोविड केयर सेंटर में इलाज की व्यवस्था है। कोरोना की जड़ों पर अंतिम प्रहार की जरूरत है। गाँव और घर से बाहर नहीं निकले। कोरोना से पीड़ित होने पर आइसोलेशन में रहे। अपने गाँव, ब्लॉक, शहर और जिले को कोरोना मुक्त बनाएँ। सभी जन इस महा अभियान में जुटे। हमें अपने प्रदेश को कोरोना से बचाना है। शीघ्र ही सामान्य स्थिति प्राप्त करना है।

कोरोना के बाद ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमण की 50 घटनाओं की पुष्टि हुयी मप्र में

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद मरीजों में ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमण की घटनाओं ने राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। राज्य में इस तरह के 50 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के 50 रोगियों की पुष्टि हुयी है। इस तरह का संक्रमण बहुत भयानक है। श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण की घटनाएं चिंता का विषय है। इसमें नाक, मुंह, दांत, आंख, मस्तिष्क और अन्य अंग भी सक्रमित हो जाते हैं।

नकली इंजेक्शन मामले में शिवराज ने गुजरात के मूल आरोपियों को मध्यप्रदेश लाने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन इस राज्य के अस्पतालों में सप्लाई करने के मामले के खुलासे के बाद मुख्य आरोपियों को गुजरात से मध्यप्रदेश लाने के निर्देश आज पुलिस महानिदेशक को दिए।

श्री चौहान ने कोरोना सबंधी उच्च स्तरीय बैठक में ये निर्देश दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में श्री चौहान ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि नकली इंजेक्शन गुजरात में बने और इन्हें मध्यप्रदेश में खपाया गया। नकली इंजेक्शन लगने से उन मरीजों की भी जान चली गयी होगी, जिन्हें शायद बचाया जा सकता था।

नर्सो की सेवा भावना और हौसले को सलाम-शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड जैसी विकट महामारी में नर्स अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात मरीजों की सेवा समपूर्ण एवं पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ कर रहे हैं। इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है। मैं प्रदेश की 8 करोड़ जनता की ओर से आपकी सेवा भावना और हौसले को सलाम करता हूँ। इस संकट के समय में हमारा सबसे बड़ा संबल आप हैं। आप दूसरों की सेवा के साथ स्वयं का भी ध्यान रखें।

श्री चौहान आज अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं वैबकास्टिंग के माध्यम से प्रदेश के नर्सिंग स्टाफ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फ्लौरेन्स नाइटिंगेल ‘लेडी विद द लैंप’ ने आज से 200 वर्ष पूर्व नर्सिंग की महान परंपरा को प्रारंभ किया। वे युद्ध के दौरान लालटेन लेकर एक-एक घायल सैनिक को ढूंढकर उनका इलाज करती थीं। उनके जन्मदिवस पर अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया जाता है। आज हम सब उनको प्रणाम करते हैं।

मध्यप्रदेश में पॉजिटिव एवं सक्रिय प्रकरणों में आई कमी

शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार कम हो रहा है तथा पॉजिटिव प्रकरणों एवं सक्रिय प्रकरणों में कमी आ रही है। प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 9 हजार से नीचे आ गए हैं।

श्री चौहान ने आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना‍नियंत्रण कोर ग्रुप के सदस्यों से चर्चा कर प्रदेश के जिलों में कोरोना की‍स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 08 जिलों में नए प्रकरणों की संख्या 200 से अधिक है तथा 7 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से नीचे आ गई है। यह सब प्रशासन, जन-प्रतिनिधियों एवं जनता के समन्वय एवं दिन-रात मेहनत का परिणाम है।

शिवराज ने एसओपी फॉर मेडिकल ऑक्सीजन यूज का विमोचन किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल ऑक्सीजन के उपयोग संबंधी पुस्तिका ‘एस.ओ.पी. फॉर मेडिकल ऑक्सीजन यूज” का विमोचन किया।

मेडिकल ऑक्सीजन की एस.ओ.पी. प्रकाशित करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इस पुस्तिका में मध्यप्रदेश के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन के इस्तेमाल तथा अग्नि-सुरक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी है।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा: मध्यप्रदेश में किसी भी प्रकार के माफियाओं को नहीं पनपने देंगे, रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है, गुजरात से मूल आरोपियों को यहां लाया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 12 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है और रतलाम जिले के अलावा सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में आ रही है।

श्री मिश्रा ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि रतलाम में भी स्थिति नियंत्रण में करने के प्रयास जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं दिन रात कोरोना की स्थिति पर नजर रखकर स्थिति में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। इसके परिणाम भी आने लगे हैं। जहां आवश्यकता है, वहां श्री चौहान स्वयं जा रहे हैं। वे बीना और जबलपुर होकर भी आए।

श्री मिश्रा ने कहा कि आज राज्य में कोरोना के 9018 नए प्रकरण सामने आए और 9003 स्वस्थ हुए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति बेहतर हो रही है। राज्य में कोरोना संक्रमण दर 15 प्रतिशत से नीचे आ गयी है। देश के अंदर मध्यप्रदेश अब 15वें क्रमांक पर आ गया है, जो हम पहले सातवें स्थान पर हुआ करते थे। इसके अलावा 60 हजार से ज्यादा कोरोना जांच प्रतिदिन हो रही हैं। इन्हें भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

राज्य में नकली रेमडेसिवीर के इंजेक्शन के उपयोग पर कांग्रेस के आरोप संबंधी सवालों के जवाब में श्री मिश्रा ने कहा कि हम राज्य में किसी भी प्रकार के माफियाओं को नहीं पनपने देंगे। इस मामले में भी राज्य की पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है और इसकी तह तक जाकर गुजरात से मूल आरोपियों को यहां लाया जाएगा।

घर में बैठकर ट्वीट करने वाले नेता समझ जाएं – नरोत्तम

नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस से जुड़े नेताओं पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि अब वे स्थिति को समझ जाएं।
श्री मिश्रा ने यहां पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना आपदा को लेकर जो टॉस्क फोर्स गठित किया है, उसमें मध्यप्रदेश का एक भी नेता शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए घरों में बैठकर ट्वीट करने वाले प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को समझ जाना चाहिए कि उन्हें पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी पसंद नहीं करता है।

एक अन्य सवाल के जवाब में श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य में माफियाओं को प्रश्रय कांग्रेस की पूर्व सरकार के दौरान मिला था। मौजूदा सरकार ऐसे तत्वों को नेस्तनाबूद करने में लगी हुयी है। नकली इंजेक्शन का कारोबार करने वालों को मध्यप्रदेश पुलिस ने ही गिरफ्तार किया है।

पश्चिम बंगाल में करोड़पति,गुण्डे-बदमाशों ने हथिया लिए ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में मंत्री पदों की जानकारी एडीआर ने विश्लेषण के साथ सामने रखी attacknews.in

कोलकाता, 12 मई । पश्चिम बंगाल के करीब तीन चौथाई मंत्री करोड़पति हैं जबकि 28 फीसदी मंत्रियों ने माना कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

द वेस्ट बेंगाल इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आये हैं।

एडीआर ने मुख्यमंत्री समेत 44 में से 43 मंत्रियों के ब्यौरे का विश्लेषण किया है।

इनमें नौ महिला मंत्री हैं। एक मंत्री अमित मित्रा का डाटा उपलब्ध नहीं होने के कारण उनके बारे में विश्लेषण नहीं किया जा सका।

मित्रा ने 2021 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है।

राज्य के 43 में से 12 मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला होने की घोषणा की है। इनमें सात मंत्रियों ने स्वयं के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकार की है।

दूसरी तरफ 43 में से 32 मंत्रियों ने स्वयं को करोड़पति घोषित किया है। कस्बा निर्वाचन क्षेत्र के अहमद जावेद खान सर्वाधिक 32.33 करोड़ की संपत्ति के साथ अग्रिम स्थान पर हैं। खान ने स्वयं पर 41.51 करोड़ की देनदारियां होने की भी घोषणा की है।

वहीं झारग्राम निर्वाचन क्षेत्र के बिरवहा हंसदा ने सबसे कम 3.06 लाख की संपत्ति घोषित की है।

शैक्षिणक योग्यता के लिहाज से 23 प्रतिशत यानी 10 मंत्री आठवीं से 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त हैं जबकि 74 फीसदी यानी 32 मंत्रियों ने स्वयं को स्नातक और इससे ऊपर की डिग्री धारी घोषित किया है। एक मंत्री डिप्लोमा धारी हैं।

सोलह प्रतिशत यानी सात प्रतिशत मंत्रियों की आयु 30 से 50 वर्ष के बीच है जबकि 84 प्रतिशत यानी 36 मंत्रियों ने अपने को 51 से 80 वर्ष के बीच का बताया है।

टूर्नामेंट खेलने आई पश्चिम बंगाल की नाबालिग छात्रा के साथ हिमाचल प्रदेश के कोच द्वारा बलात्कार ,पोक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज attacknews.in

अजमेर 12 मई । राजस्थान में अजमेर शहर के आदर्श नगर थाना पुलिस ने दो साल पहले अजमेर में टूर्नामेंट खेलने आई एक नाबालिग खिलाड़ी छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोप में एक कोच के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

अजमेर दक्षिण क्षेत्र के वृत्ताधिकारी मुकेश सोनी ने आज पत्रकारों को बताया कि अगस्त 2019 में पश्चिम बंगाल मूल की यह खिलाड़ी छात्रा अजमेर में आदर्श नगर थाना क्षेत्र में टूर्नामेंट खेलने आई थी और उसे यहां थाना क्षेत्र के ही एक होटल में ठहराया गया था जहां हिमाचल प्रदेश के एक कोच ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

वह इतने दिनों से डरी हुई थी अंततः उसने बंगाल में सोनल जिले की पुलिस का सहारा लिया।

उन्होंने बताया कि सोनल के पुलिस अधीक्षक से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया है।

उन्होंने बताया कि मामला पोक्सो एक्ट में दर्ज किया गया और अनुसंधान जारी है।

थाना प्रभारी हेमराज चौधरी के अनुसार बंगाल की रहने वाली पीड़िता हिमाचल प्रदेश के स्कूल में पढ़ाई करती थी और 2019 में अजमेर मेयो कॉलेज में टूर्नामेंट खेलने आई थी।

चूंकि टूर्नामेंट आदर्श नगर थाना क्षेत्र में हुए थे और दुष्कर्म की बात भी इसी क्षेत्र से जुड़ी है इसलिए यहां प्रकरण दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि आरोपी कोच की गिरफ्तारी के लिए जल्द ही पुलिस टीम हिमाचल प्रदेश भेजी जाएगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव ड्यूटी में मृत कर्मियों के परिजनों को मुआवजा राशि पर फिर से विचार करने का निर्देश सरकार को दिया attacknews.in

प्रयागराज, 12 मई । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले मतदान अधिकारियों के परिवार की मुआवजा राशि पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान वकीलों ने कहा कि सरकार को चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमण के खतरे की जानकारी थी। किसी ने स्वेच्छा से चुनाव ड्यूटी नहीं की बल्कि शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षामित्रों से जबरदस्ती चुनाव ड्यूटी कराई गई इसलिए सरकार को कोराना से मरने वाले मतदान अधिकारियों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देना चाहिए।

कोर्ट ने सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को मुआवजे की राशि पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने पिछले निर्देशों के पालन में अपर सॉलिसिटर जनरल द्वारा प्रस्तुत हलफनामे को असंतोषजनक करार देते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अस्पतालों द्वारा मेडिकल बुलेटिन जारी करने, ऑक्सीजन व जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता से संबं‌धित जान‌कारियां हलफनामे में नहीं दी गई हैं।

कोर्ट ने कोविड मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध कराए जा रहे पौष्टिक आहार और कोर्ट ने कोरोना से हुई मौतों का तारीखवार ब्योरा उपलब्ध न कराने पर भी नाराजगी जताई है।

अदालत ने कहा कि सरकार के हलफनामें में जो आंकड़े दिए गए हैं, वे आश्चर्यजनक रूप से यह बताते हैं कि परीक्षण की संख्या धीरे-धीरे कम हो गई है। 22 अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई। राज्य में जिलों की संख्या को देखते हुए एम्बुलेंस भी बहुत कम हैं। लेवल -1, लेवल -2 और लेवल -3 श्रेणी के अस्पतालों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया है। केवल यह बताया गया है कि लेवल -1 अस्पताल में प्रति रोगी 100 रुपये का आवंटन किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि कोविड रोगी को अत्यधिक पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है, जिसमें फल व दूध शामिल करना चाहिए और न्यायालय यह समझ नहीं पा रहा है कि कैसे प्रति व्यक्ति बजट में 100 रुपये के साथ सरकार लेवल -1 श्रेणी में तीन बार भोजन का प्रबंध कर रही है वह भी 2100 आवश्यक कैलोरी के साथ।

मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से 20 मौतों के मामले में डीएम मेरठ की जांच रिपोर्ट पर कोर्ट ने असंतोष जताया है। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल की सफाई पर भी असंतोष जताया। प्राचार्य का कहना था कि जो मौतें हुई हैं, वे संदिग्ध कोरोना मरीजों की हैं क्योंकि उनकी एनटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि संदिग्ध मरीजों की मौत के बाद उनका शव परिजनों को सौंपना उचित कदम नहीं है। यदि किसी भी मरीज की मौत टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले हो जाती है और उसे इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण हैं तो संदिग्ध कोरोना मौत मानकर ही प्रोटोकॉल के तहत उसका अंति‌म संस्कार किया जाए।

गृह सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि पांच मई से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू किए गए सर्वे के तहत दो लाख 92 हजार से ‌अधिक घरों का सर्वे किया गया है। 4,24,631 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण पाए गए हैं। उन्हें दवा की ‌किट मुहैया कराई गई है।

भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना महत्वपूर्ण कोविड-19 चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम में जुटी,विदेशों से सामाग्री लाकर राज्यों को सीधे आवंटित किया जा रहा है attacknews.in

नईदिल्ली 12 मई । भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय नौसेना (आईएन), देश में मौजूदा कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम में जुटी हुई हैं।

12 मई, 2021 के शुरुआती घंटों में, भारतीय वायुसेना के विमान ने देश के विभिन्न हिस्सों से 634 प्रयासों में 163 मीट्रिक टन क्षमता के अन्य उपकरणों के साथ 6,856 मीट्रिक टन (एमटी) क्षमता के 403 ऑक्सीजन कंटेनर्स को एयरलिफ्ट किया है।

वायु सेना द्वारा जिन शहरों में यह चिकित्सा सामान पहुंचाया गया है उनमें जामनगर, भोपाल, चंडीगढ़, पानागढ, इंदौर, रांची, आगरा, जोधपुर, बेगमपेट, भुबनेश्वर, पुणे, सूरत, रायपुर, उदयपुर, मुंबई, लखनऊ, नागपुर, ग्वालियर, विजयवाड़ा, बड़ौदा, दीमापुर और हिंडन शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना के विमानों ने विभिन्न देशों के लिए 98 उड़ानें भरी हैं। इन उड़ानों वायु सेना द्वारा 793 मीट्रिक टन क्षमता के 95 कंटेनर और 204 मीट्रिक टन क्षमता के अन्य उपकरण लाए गए हैं। यह उपकरण सिंगापुर, दुबई, थाईलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, इजरायल और फ्रांस से लाए गए हैं।

भारतीय नौसेना के सात जहाजों ने समुद्र सेतु-II’ अभियान के हिस्से के रूप में, विदेशों से विभिन्न राज्यों को सीधे आपूर्ति के लिए 13 कंटेनरों से 260 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर आया है। यह जहाज़ लगभग 160 एमटी कुल क्षमता के, आठ ऑक्सीजन कंटेनर, फारस की खाड़ी से और 2,600 ऑक्सीजन के भरे सिलेंडर और 3,150 ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर, दक्षिण पूर्व एशिया से लेकर आए हैं। जबकि आईएनएस जलाश्व वर्तमान में ब्रुनेई में है, आईएनएस शार्दुल 12 मई 2021 को कुवैत में प्रवेश करने वाला है।

निम्नलिखित तालिका में भारतीय नौसेना के उन जहाजों का विवरण है जो स्वदेश वापस आए हैं: –

जहाज़ – चिकित्सा आपूर्ति – देश/बंदरगाह -आगमन

आईएएस तरकश ,27 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन से भरे 02 कंटेनर,230 ऑक्सीजन सिलेंडर, क़तर,12 मई, 2021 को मुंबई

आईएएस कोच्चि और आईएएस तबार:100 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एमएलओ)से भरे 05 कंटेनर,1200 ऑक्सीजन सिलेंडर कुवैत,11 मई, 2021 को न्यू मंगलौर बंदरगाह

आईएएस ऐरावत:क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक – 08, ऑक्सीजन सिलेंडर –3,898,अन्य महत्वपूर्ण कोविड-19 चिकित्सा सामान,सिंगापुर 10 मई, 2021 को विशाखापत्तनम

आईएएस त्रिकंड:40 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन(तरल चिकित्सा ऑक्सीजन क्रायोजेनिक कंटेनर्स),क़तर,10 मई, 2021 को मुंबई

आईएएस कोलकाता:ऑक्सीजन सिलेंडर – 400,27 मीट्रिक टन क्षमता के तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के 02 कंटेनर्स,ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स – 47,क़तर और कुवैत,10 मई, 2021 को न्यू मंगलौर बंदरगाह

आईएएस तलवार:27 मीट्रिक टन क्षमता के 02 ऑक्सीजन कंटेनर्स,बहरीन,05 मई, 2021 को न्यू मंगलौर बंदरगाह

राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों की क्षमता बढ़ाने के लिए 9,284 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर; 7,033 ऑक्सीजन सिलेंडर; 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र; 5,933 वेंटिलेटर / बाई – पैप; 3.44 लाख रेमडिसिविर की खुराकें दी / भेजी गईं

विश्व समुदाय सदभावना के तौर पर 27 अप्रैल 2021 से कोविड केप्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने में भारत की सहायता करने के उद्देश्य सेअंतर्राष्ट्रीय दान और कोविड-19 राहत चिकित्सा सामग्रियोंएवं उपकरणों की सहायता के जरिए भारत की मदद कर रहा है।

देश में कोविड के संक्रमणमें आए अभूतपूर्व उछाल से लड़ने में भारत के प्रयासों को मजबूती देने के उद्देश्य सेविभिन्न देशों / संगठनों की ओर से मिलने वाली वैश्विक सहायता को शीघ्रता से वितरित करने के लिए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय / विभाग “संपूर्ण सरकार” के दृष्टिकोण के तहत एक सुगम और व्यवस्थित तंत्र के जरिएआपस में सहयोग कर रहे हैं।

27 अप्रैल 2021 से लेकर 11 मई 2021 तक कुल मिलाकर9,284 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर; 7,033 ऑक्सीजन सिलेंडर; 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र; 5,933 वेंटिलेटर / बाईपैप; 3.44 लाख रेमडिसिविर की खुराकें सड़क और हवाई मार्ग से पहुंचायी / भेजी गई हैं।

यूनाइटेड किंगडम, मिस्र, कुवैत और दक्षिण कोरिया से 11 मई 2021 को प्राप्त प्रमुख सामग्रियों में शामिल हैं:

• ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर: 30 + 50 = 80

• ऑक्सीजन सिलेंडर: 300 + 1290 = 1590

• वेंटिलेटर / बाईपैप / सीपैप: 20

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्राप्तकर्ता राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों को कारगर तत्काल आवंटन और सुव्यवस्थित वितरण की पूरी प्रक्रिया की नियमित व्यापक निगरानी के लिए एक समर्पित प्रकोष्ठ की स्थापना की है। अनुदान, सहायता और दान के रूप में विदेशों से आने वाली कोविड राहत सामग्री की प्राप्ति और आवंटन के समन्वय के लिए बनाई गई इस समर्पित समन्वय प्रकोष्ठ ने 26 अप्रैल 2021 से काम करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2 मई, 2021 से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार और कार्यान्वित की गई है।

विभिन्न राज्यों में वितरण के लिए कुवैत से आईएनएस कोच्चि के जरिए आई चिकित्सा राहत सामग्रियां, जिसमें 60 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से लदे 3 आईएसओ टैंक, 800 ऑक्सीजन सिलेंडर और 2 उच्च-प्रवाह वाले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर शामिल हैं, कल न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर उतारी गईं।

विभिन्न राज्यों में आगे वितरण के लिए कुवैत से आईएनएस तबर के जरिए आई चिकित्सा राहत सामग्रियां, जिसमें 40 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से लदे 2 आईएसओ ऑक्सीजन टैंक और 600 ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल हैं, कल न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर उतारी गईं।

संयुक्त राज्य अमेरिका से रेमडिसिविर की 78,595 खुराक कल रात मुंबई एयरपोर्ट पर उतरीं।विभिन्न राज्यों को इन खुराकों का वितरण किया जा रहा है। ।

रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद कोरोना इलाज “ब्लैक फंगस “में सफल दवा एम्फोटेरिसिन बी की अचानक आई कमी;केंद्र सरकार ने म्यूकोरमिकोसिस से लड़ने वाली इस दवा का उत्पादन बढ़ाया attacknews.in

नईदिल्ली 12 मई । कुछ राज्यों में अचानक से एम्फोटेरिसिन बी की मांग में वृद्धि देखी गई है। चिकित्सक कोविड-19 बीमारी के बाद होने वाली तकलीफ म्यूकोरमिकोसिससे पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए यह दवा लेने की सलाह देते हैं। इसलिए भारत सरकार दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निर्माताओं से बातचीत कर रही है। इस दवा के अतिरिक्त आयात और घरेलू स्तर पर इसके उत्पादन में वृद्धि के साथ आपूर्ति की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

औषध विभाग ने निर्माताओं/आयातकों के साथ स्टॉक की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, और एम्फोटेरिसिन बी की बढ़ती मांग को देखते हुए11 मई, 2021 को अपेक्षित आपूर्ति के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित क्षेत्रों को यह दवा आवंटित की जो 10 मई से 31 मई, 2021 के बीच उपलब्ध करायी जाएगी। राज्यों से सरकारी और निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य सेवा एजेंसियों के बीच आपूर्ति के समान वितरण के लिए एक व्यवस्था लागू करने का भी अनुरोध किया गया है। राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे इस आवंटन से दवा प्राप्त करने के लिए राज्य में निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए ‘संपर्क बिंदु’ का प्रचार करें। इसके अलावा, राज्यों से अनुरोध किया गया है कि पहले से आपूर्ति किए जा चुके स्टॉक और साथ ही आवंटित किए गए स्टॉक का विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाए। राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) आपूर्ति व्यवस्था की निगरानी करेगा।

देश महामारी की गंभीर लहर का सामना कर रहा है और इसने देश के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। भारत सरकार आवश्यक कोविड दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने और उन्हें एक समान एवं पारदर्शी तरीके से राज्य सरकारों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध कराने की खातिर लगातार काम कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र ने 2021 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत तक बढ़ाया;भारत की जीडीपी वृद्धि दर 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 12 मई (एपी) चीन और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से सुधार के चलते संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को 2021 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को संशोधित कर 5.4 प्रतिशत कर दिया।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी भी दी कि कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और टीकों की अपर्याप्त उपलब्धता के कारण कई देशों में सुधार की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र ने इससे पहले जनवरी में 4.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया था, जबकि ‘मध्य 2021 विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट’ में कहा गया है कि अमेरिका और चीन की अगुवाई में कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने तेजी से टीकाकरण किया और इससे वैश्विक व्यापार में बढ़ोतरी हुई।

संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि यह दुनिया की बाकी अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के लिए पर्याप्त नहीं और दक्षिण एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों के लिए आर्थिक परिदृश्य अनिश्चित हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा था कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2022 में 10.1 प्रतिशत रह सकती है, हालांकि उसने कहा कि 2021 का वृद्धि परिदृश्य अभी ‘काफी नाजुक’ दिख रहा है। इसका कारण देश में माहामारी का तेजी से फैलना है।

फिर से बढ़े दाम: पेट्रोल, डीजल की कीमतों में 25 पैसे की बढ़ोतरी, भोपाल, इंदौर में पेट्रोल 100 रुपये के पार attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बुधवार को 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई, जिसके साथ ही भोपाल और इंदौर सहित कई और शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गए।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वार जारी मूल्य अधिसूचना के मुताबिक देश में पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं।

दिल्ली में अब पेट्रोल 92.05 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.61 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है।

इस सप्ताह कीमतों में यह तीसरी और चार मई के बाद से सातवीं बढ़ोतरी है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान 18 दिनों तक कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था।

मूल्य वृद्धि के कारण राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया।

वैट और मालभाड़े जैसे स्थानीय करों के आधार पर विभिन्न राज्यों में ईंधन की कीमत अलग-अलग होती हैं। देश में राजस्थान पेट्रोल पर सबसे अधिक मूल्य वर्धित कर (वैट) वसूलता है, इसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान है।

इस महीने हुई सात बार बढ़ोतरी में पेट्रोल कुल 1.66 रुपये प्रति लीटर और डीजल 1.88 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ डाॅ फाउची ने कोरोना के गंभीर संकट में फंसे भारत से यह सीखा है कि,”स्थिति को कभी भी कम नहीं आंके और स्थानीय जन स्वास्थ्य अवसंरचनाओं के निर्माण को जारी रखने की जरूरत है attacknews.in

वाशिंगटन, 12 मई । अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने सांसदों से कहा कि भारत ने “गलत धारणा” बनाई कि वहां कोविड-19 वैश्विक महामारी का प्रकोप समाप्त हो गया है और समय से पहले देश को खोल दिया जिससे वह ऐसे “गंभीर संकट” में फंस गया है।

भारत कोरोना वायरस की अभूतपूर्व दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है और कई राज्यों में अस्पताल स्वास्थ्य कर्मियों, टीकों, ऑक्सीजन, दवाओं और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।

फाउच ने कोविड-19 प्रतिक्रिया पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीनेट की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम एवं पेंशन समिति से कहा, “भारत अभी जिस गंभीर संकट में है उसकी वजह यह है कि वहां असल में मामले बढ़ रहे थे और उन्होंने गलत धारणा बनाई कि वहां यह समाप्त हो गया है और हुआ क्या, उन्होंने समय से पहले सब खोल दिया और अब ऐसा चरम वहां देखने को मिल रहा है जिससे हम सब अवगत है किं वह कितना विनाशकारी है।”

डॉ फाउची अमेरिका के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीजेज’ (एनआईएआईडी) के निदेशक हैं और राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार भी हैं।

सुनवाई की अध्यक्षता कर रही, सीनेटर पैटी मुर्रे ने कहा कि भारत में हाहाकार मचा रही कोविड-19 की लहर इस बात की दर्दनाक याद दिलाती है कि अमेरिकी यहां तब तक वैश्विक महामारी को समाप्त नहीं कर सकते जब तक कि यह सब जगह समाप्त न हो जाए।

उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि बाइडन प्रशासन विश्व स्वास्थ्य संगठन में फिर से शामिल होकर वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है और चार जुलाई तक छह करोड़ एस्ट्राजेनेका टीके दूसरे देशों को देने की प्रतिबद्धता जताकर वैश्विक टीकाकरण प्रयासों का वित्तपोषण कर रहा है।”

मुर्रे ने कहा, “भारत का प्रकोप इस वैश्विक महामारी तथा भविष्य के प्रकोपों के प्रति उचित प्रतिक्रिया देने के लिए अमेरिका में मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे की जरूरत को रेखांकित करता है।”

अमेरिका भारत के प्रकोप से क्या सीख सकता है इसपर फाउची ने कहा, “सबसे महत्त्वपूर्ण चीज यह है कि स्थिति को कभी भी कम नहीं आंके।”

उन्होंने कहा, “दूसरी चीज जन स्वास्थ्य के संबंध में तैयारी है, तैयारी जो भविष्य की महामारियों के लिए हमें करनी है कि हमें स्थानीय जन स्वास्थ्य अवसंरचनाओं के निर्माण को जारी रखने की जरूरत है।”

फाउची ने कहा कि एक और सबक जो हमें सीखने की जरूरत है कि यह वैश्विक महामारी है जिसे वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है।

नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया, संख्या बल जुटाने की कोशिश attacknews.in

काठमांडू, 12 मई । नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस (एनसी) ने प्रधानमंत्री पद पर दावा पेश करने का फैसला किया है। इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति ने राजनीतिक पार्टियों से बृहस्पतिवार तक नई सरकार गठन करने को कहा था क्योंकि के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली हुकूमत विश्वास मत हार चुकी है।

एनसी के पदाधिकारियों की मंगलवार को हुई बैठक में अगली सरकार बनाने पर फैसला किया गया है। शेर बहादुर देउबा की अगुवाई वाली पार्टी को नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) का समर्थन हासिल है और उसे उम्मीद है कि जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपीएन) के सांसद भी उसकी हिमायत करेंगे।

राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के दफ्तर ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए पार्टियों को आमंत्रित करने का फैसला किया है।

‘द हिमालयन टाइम्स’ की खबर के मुताबिक, इसने सीपीएन-यूएमएल के माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल के नेतृत्व वाले धड़े के सांसदों को सरकार गठन में मदद करने के लिए प्रभावित करने की उम्मीद भी जताई है।

खबर के मुताबिक, 271 सदस्यीय प्रतिनिधिसभा में एनसी के पास 61 सदस्य हैं जबकि सीपीएन-एमसी के 49 सांसद हैं। पार्टी को अपने नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए 26 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी। जेएसपी-एन के 32 सदस्य सरकार गठन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

जेएसपी-एन के महंत ठाकुर और राजेंद्र महतो की अगुवाई वाले धड़े के 15 सांसद सोमवार को हुए विश्वास मत के दौरान तटस्थ रहे थे और उन्होंने अभी इस बात का फैसला नहीं किया है कि वे एनसी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार का समर्थन करेंगे या नहीं।

एनसी के संयुक्त सचिव प्रकाश शरण महत ने मंगलवार को बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “जेएसपी-एन मुद्दे पर बंटी हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि जेएसपी-एन बृहस्पतिवार की समय सीमा तक सरकार गठन में हमें समर्थन देगी।”

उन्होंने कहा कि सीपीएन-एमसी की अगुवाई करने वाले पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने पार्टी को आश्वास्त किया है कि एनसी के नेतृत्व में अगली सरकार बनाने के लिए वह समर्थन देंगे।

अगर जेएसपी-एन एनसी का समर्थन नहीं करती है तो पार्टी यूएमएल के नेपाल-खनाल गुट के 28 सांसदों को इस्तीफा देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करेगी।

इस स्थिति में सदन की क्षमता घटकर 243 रह जाएगी और एनसी तथा सीपीएन-एमसी, उपेंद्र यादव और बाबूराम भट्टाराय के प्रति निष्ठा रखने वाले जेएसपी-एन के 15 सांसदों के साथ मिलकर सरकार बना सकेंगी।

अनुच्छेद 76 (2) के तहत अगर सदन में किसी पार्टी के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है तो राष्ट्रपति सदन के किसी सदस्य को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकती हैं जो प्रतिनिधि सभा की दो या अधिक पार्टियों से बहुमत जुटा सकता है।

‘काठमांडू पोस्ट’ ने खबर दी है, अगर सदन अनुच्छेद 76 (2) के तहत सरकार बनाने में नाकाम रहता है या इस प्रावधान के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री 30 दिन के अंदर विश्वास्त मत हासिल करने में विफल रहता है तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 76 (3) लागू कर सकती हैं। उस स्थिति में ओली एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं।

ओली सदन में सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं। अगर ओली को संविधान के तहत नियुक्त किया जाता है तो उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिन के भीतर विश्वास मत जीतना होगा।

नेपाल में पिछले साल 20 दिसंबर को तब राजनीतिक संकट गहरा गया था जब प्रधामंत्री ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने और चुनाव कराने की घोषणा की थी। ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में सत्ता टकराव के बीच यह सिफारिश की थी।

शीर्ष अदालत ने फरवरी में सदन को भंग करने के फैसले को खारिज करते हुए उसे बहाल कर दिया था।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा:ISIS केवल एक क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन नहीं, बल्कि एक वैश्विक गिरोह है,जिससे संबद्ध संगठन दुनिया भर में सक्रिय attacknews.in

संयुक्त राष्ट्र, 12 मई ।भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि इस्लामिक स्टेट केवल एक क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन नहीं है बल्कि एक वैश्विक गिरोह है, जिससे संबद्ध संगठन दुनिया भर में सक्रिय हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि-राजनीतिक समन्वयक आर रविंदर ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी कृत्यों की जवाबदेही तय करने और आंतकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से ही इस संकट के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की विश्वसनीयता को मजबूत किया जा सकता है।

डा’एश/आईएसआईएल (यूएनआईटीएडी) के अपराधों की जवाबदेही तय करने के लिए बने जांच दल पर आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, ‘‘ इराक और लेवंत में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएल) ने लोगों पर अमानवीय अत्याचार किए हैं। आईएसआईएल के भयावह अपराधों का 39 भारतीय नागरिक भी शिकार हुए हैं।’’

आईएसआईएल को आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) भी कहा जाता है, यह हिंसक विचारधारा वाला एक जिहादी समूह है जो खुद को खलीफा कहता है और सभी मुसलमानों पर धार्मिक अधिकार का दावा करता है।

रविंदर ने कहा कि आईएसआईएल ने इराक और सीरिया में अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में नरसंहार, अत्याचार, बलात्कार, गुलामी कराने और अपहरण जैसे कृत्यों को अंजाम दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, इस्लामिक स्टेट को सिर्फ एक क्षेत्रीय आतंकवादी संगठन के रूप में नहीं देखा जा सकता है। यह एक वैश्विक गिरोह है, जिसके हमारे पड़ोस सहित दुनिया भर में संबद्ध आतंकवादी संगठन हैं।’’

रविंदर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का यह मानना है कि ‘‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई की विश्वसनीयता केवल आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिए भयावह एवं अमानवीय कृत्यों की जवाबदेही तय करके और उन देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके ही मजबूत हो सकती है, जो इन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।’’

वहीं, इराक और लेवंत में इस्लामिक स्टेट द्वारा अंजाम दिए जाने वाले अपराधों की जवाबदेही तय करने वाले संयुक्त राष्ट्र के जांच दल के प्रमुख एवं विशेष सलाहकार करीम असद अहमद खान ने परिषद से कहा कि अपनी स्वतंत्र आपराधिक जांच के आधार पर, यूएनआईटीएडी के पास आईएसअईएल द्वारा यज़ीदी के खिलाफ एक धार्मिक समूह के रूप में नरसंहार करने के ‘‘स्पष्ट एवं पुख्ता सबूत’’ हैं।

रविंदर ने कहा कि आईएसआईएल से संबद्ध आतंकवादियों तथा आतंकवादी संगठनों ने मानवता के खिलाफ भयावह अपराधों को अंजाम दिया है।

उन्होंने कहा कि आईएसआईएल द्वारा जिन अपराधों को अंजाम दिया गया है, उसकी जवाबदेही तय करना इराक में दीर्घकालीक शांति हासिल करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज की attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की एक पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नवलखा कि याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने मामले में नवलखा को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

न्यायमूर्मि जोसेफ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत नवलखा कि याचिका खारिज कर रही है।

शीर्ष अदालत ने नवलखा की जमानत याचिका पर 26 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था।

उच्चतम न्यायालय ने तीन मार्च को नवलखा की उस जमानत याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा था, जिसमें दावा किया गया था कि मामले में आरोपपत्र तय समयसीमा में दायर नहीं किया गया और इसलिए वह जमानत के हकदार हैं।

नवलखा के खिलाफ जनवरी 2020 को दोबारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी और पिछले साल 14 अप्रैल को ही उन्होंने एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। वह 25 अप्रैल तक 11 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में रहे और उसके बाद से ही नवी मुंबई के तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

पुलिस के अनुसार, कुछ कार्यकर्ताओं ने 31 दिसम्बर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में कथित रूप से उत्तेजक और भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे अगले दिन जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़की थी।

यह भी आरोप है कि इस कार्यक्रम को कुछ मओवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था।

उच्च न्यायालय ने आठ फरवरी को यह कहते हुए नवलखा की याचिका खारिज कर दी थी कि ‘‘ उसे विशेष अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई उचित कारण नजर नहीं आता, जो पहले ही जमानत याचिका खारिज कर चुका है।’’

नवलखा ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के 12 जुलाई, 2020 के एनआईए अदालत के आदेश को पिछले साल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने पिछले साल 16 दिसम्बर को नवलखा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी गयी थी कि वह 90 दिनों से ज्यादा समय से हिरासत में हैं लेकिन अभियोजन पक्ष इस दौरान आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पाया।

एनआईए ने दलील दी थी कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है तथा उसने आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी।

इसके बाद, विशेष अदालत ने नवलखा तथा उनके सह आरोपी डॉ. आनंद तेलतुम्बडे के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल करने के लिए समयावधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने का एनआईए का अनुरोध स्वीकार कर लिया था।