तमिलनाडु में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्टरलाइट कॉपर ने मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया, पहली खेप रवाना attacknews.in

चेन्नई, 13 मई। वेदांत लिमिटेड के स्वामित्व वाली स्टरलाइट कॉपर ने तमिलनाडु स्थित अपने संयंत्र में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया है, और अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन की पहली खेप गुरुवार को रवाना कर दी गई।

तत्कालीन एआईएडीएमके सरकार ने 26 अप्रैल को एक बैठक में स्टरलाइट को अपने तूतीकोरिन संयंत्र में ऑक्सीजन निर्माण की इजाजत दी थी। कुछ दिन पहले वेदांता ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय का रुख कर ऑक्सीजन निर्माण की इच्छा जतायी थी।

राज्य सरकार ने मई 2018 में दक्षिणी जिले में स्टरलाइट के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद संयंत्र बंद कर दिया था।

कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमारे एक ऑक्सीजन संयंत्र ने 12 मई से उत्पादन शुरू कर दिया है। 4.8 टन तरल ऑक्सीजन ले जाने वाला पहला टैंकर तिरुनेलवेली – तूतीकोरिन जा रहा है।’’

कंपनी ने बताया कि शुरुआत में प्रतिदिन दो टैंकर के जरिए ऑक्सीजन भेजी जाएगी और आगे चलकर उत्पादन बढ़ाया जाएगा।

स्टरलाइट ने कहा कि आपूर्ति की जा रही ऑक्जीसन 98.6 प्रतिशत शुद्ध है और इसके उपयोग के लिए जरूरी प्रमाणपत्र हासिल कर लिए गए हैं।

बयान में कहा गया, ‘‘हम विशेषज्ञों के साथ काम कर रहे हैं, ताकि हमारे संयंत्र में उत्पादित ऑक्सीजन को जरूरत के मुताबिक भारत के अन्य भागों में भेजी जाए और इस संबंध में अधिकृत नोडल एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा सके।’’

स्टरलाइट कॉपर के सीईओ पंकज कुमार ने कहा, ‘‘मैं और मेरी टीम के सदस्य सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि हमारे संयंत्र और हमारे प्रयासों से लोगों के जीवन को बचाने में मदद मिल रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस संकट को कम करने के लिए अपने संयंत्र से ऑक्सीजन का लगातार उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा करते हैं।’

विश्व बैंक ने जारी की रिपोर्ट: भारत को 2020 में विदेश से धनप्रेषण के रूप में 83 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि मिली attacknews.in

वाशिंगटन, 13 मई । विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान बावजूद भारत को 2020 में विदेश से धनप्रेषण के रूप में 83 अरब अमेरिकी डॉलर की राशि मिली, जो इससे पिछले वर्ष के मुकाबले सिर्फ 0.2 प्रतिशत कम है।

विश्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान चीन ने 59.5 अरब डॉलर का धनप्रेषण हासिल किया, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 68.3 अरब डॉलर था।

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लिए धनप्रेषण में 2020 के दौरान महज 0.2 प्रतिशत की कमी हुई और ऐसा संयुक्त अरब अमीरात से होने वाले धनप्रेषण में 17 प्रतिशत की कमी के चलते हुआ। हालांकि, इस दौरान अमेरिका से भारत को पर्याप्त राशि भेजी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि धनप्रेषण के लिहाज से भारत और चीन के बाद मेक्सिको (42.8 अरब डॉलर), फिलीपींस (34.9 अरब डॉलर), मिस्र (29.6 अरब डॉलर), पाकिस्तान (26 अरब डॉलर), फ्रांस (24.4 अरब डॉलर) और बांग्लादेश (21 अरब डॉलर) का स्थान है।

पड़ोसी पाकिस्तान में इस दौरान धनप्रेषण 17 प्रतिशत बढ़ा, जिसमें सबसे अधिक योगदान सऊदी अरब का था। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात और यूरोपीय संघ के देशों से भी धनप्रेषण में बढ़ोतरी हुई।

इसी तरह 2020 में बांग्लादेश के लिए धनप्रेषण 18.4 प्रतिशत और श्रीलंका के लिए धनप्रेषण 5.8 प्रतिशत बढ़ा। इसके विपरीत नेपाल को धनप्रेषण में लगभग दो प्रतिशत की गिरावट आई।

देश में घरेलू अगरबत्ती उद्योग के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन ने प्रबंधन सूचना प्रणाली मॉड्यूल शुरू किया: उत्पादन इकाइयों के साथ ही कच्चे माल की उपलब्धता, कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता, विपणन की जानकारियां उपलब्ध रहेंगी attacknews.in

नईदिल्ली 13 मई । राष्ट्रीय बांस मिशन ने प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) का शुभारंभ किया, जो अगरबत्ती उत्पादन से जुड़ी सभी सूचनाओं का एक मंच होगा।इस पर अगरबत्ती उत्पादन इकाइयों के बारे में सूचना उपलब्ध रहेगी। साथ ही अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल की उपलब्धता की सूचना, इकाइयों की कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता, विपणन इत्यादि की जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी।

इस मॉड्यूल की मदद से अगरबत्ती क्षेत्र को उद्योगों से जोड़ा जा सकेगा और इससे उत्पादन इकाइयों से निर्बाध खरीद की व्यवस्था बनेगी और जानकारी के अभाव की जो स्थिति की उसमें सुधार होगा। राष्ट्रीय बांस मिशन से जुड़े सभी राज्य अगरबत्ती उत्पादन इकाइयों का दस्तावेजीकरण करने की प्रक्रिया में हैं ताकि ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियानों के तहत इन इकाइयों को मदद देने के तौर तरीकों का आकलन हो सके और भारतीय अगरबत्ती की वैश्विक लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जा सके।

राष्ट्रीय बांस मिशन (एनबीएम), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), राज्य सरकारें और उद्योग जगत एक साथ आए हैं ताकि भारत को अगरबत्ती क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर स्थानीय समुदायों की आजीविका को बेहतर किया जा सके। साथ ही इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया जा सके। अगरबत्ती क्षेत्र आमतौर पर स्थानीय लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराता है। हालांकि यह क्षेत्र विभिन्न बाधाओं के चलते सिकुड़ता जा रहा था, जिसमें सस्ते दर पर अगरबत्ती के लिए गोल तीलियों और कच्चे माल की आयात प्रमुखता से शामिल है।

राष्ट्रीय बांस मिशन द्वारा 2019 में अगरबत्ती क्षेत्र पर एक वृहद अध्ययन किया गया जिसके उपरांत सरकार द्वारा कई नीतिगत बदलाव किए गए। अगरबत्ती के लिए किए जाने वाले कच्चे माल के आयात को आयात शुल्क मुक्त श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में अगस्त 2019 में डाला गया और जून 2020 में इस पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे घरेलू अगरबत्ती उद्योग को बल मिला।

एनबीएम की पृष्ठभूमि

बांस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन को 2018-19 में नए स्वरूप में शुरू किया गया,हब (उद्योग) और स्पोक मॉडल पर क्लस्टर आधारित व्यवस्था थी। इसके अंतर्गत सभी पक्षों को किसानों और बाज़ारों से जोड़ा जाना था। बांस से बने भारतीय उत्पादों के लिए न सिर्फ घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रबल संभावनाएं हैं। इसके लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी, आधुनिक प्रणाली और निर्यात किए जाने वाले देशों के मानदंडों पर खरा उतरने के लिए जागरूकता का सृजन शामिल है। राष्ट्रीय बांस मिशन घरेलू उद्योग गतिविधियों को बढ़ाने के साथ-साथ तकनीकी एजेंसियों के माध्यम से सपोर्ट और सुविधा जनक क़दमों के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए अपनी सक्रियता को व्यवस्थित कर रहा है। विभिन्न उत्पादों से जुड़ी इकाइयां इत्यादि स्थापित करने के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत की सीधी सब्सिडी दी गई जो कि 1 लाख रुपये है। सरकारी एजेंसियों और उद्यमियों द्वारा ऐसी इकाइयों को स्थापित करने पर छूट शत प्रतिशत दी गई। यह मिशन इस समय 21 राज्यों में संचालित किया जा रहा है जिसमें पूर्वोत्तर भारत के सभी 9 राज्य अपने अपने बांस मिशन के द्वारा इससे जुड़े हैं। राष्ट्रीय बांस मिशन राज्यों को यह भी सुझाव दे रहा है कि वाणिज्य क्षमता वाली प्रजातियों की खेती के लिए अपेक्षित और गुणवत्तापूर्ण पौधारोपण सामग्री उपलब्ध कराए जाने चाहिए, कॉमन फैसिलिटी सेंटर और अन्य पोस्ट हार्वेस्ट इकाइयों की स्थापना की जानी चाहिए, जो पहले से स्थापित और नए उद्योगों के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ हो। यह किसानों और भारतीय बांस उद्योग दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन होगी।

सुप्रीम कोर्ट के 2, हाईकोर्ट के 106 जज,देशभर के 2768 न्यायिक अधिकारी कोविड पॉजिटिव attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मई । उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीश फिलहाल कोरोना संक्रमण से उबरने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि अभी तक विभिन्न उच्च न्यायालयों के 106 न्यायाधीश और 2768 न्यायिक अधिकारी कोविड पॉजिटिव पाये गये हैं।

शीर्ष अदालत के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर कोरोना संक्रमण से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। मीडियाकर्मियों के लिए मोबाइल ऐप जारी किये जाने के अवसर पर गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग स्क्रीन पर मौजूद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति खानविलकर के चेहरे पर कोरोना संक्रमण का असर स्पष्ट झलक रहा था। दोनों न्यायाधीश ज्यादा बोल पाने में असहज महसूस कर रहे थे और बीच-बीच में उन्हें तेज खांसी आ रही थी। इस अवसर पर जब दोनों से बोलने को कहा गया तो दोनों ने ज्यादा बातें नहीं की।

बाद में, न्यायमूर्ति रमन ने अपने सम्बोधन में बताया कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का पहला कर्मचारी पिछले वर्ष 27 अप्रैल को कोविड पॉजिटिव पाया गया था, उसके बाद अभी तक 800 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें छह रजिस्ट्रार और 10 अतिरिक्त रजिस्ट्रार भी शामिल हैं। दुर्भाग्यवश कोविड के कारण तीन अधिकारियों की जानें भी गयी हैं।

न्यायमूर्ति रमन ने कहा, “जहां तक भारतीय न्यायपालिका का संबंध है, तो विभिन्न उच्च न्यायालयों के 106 जज और 2768 न्यायिक अधिकारी कोरोना पाजिटिव पाये गये हैं। इस आंकड़े में दो प्रमुख उच्च न्यायालयों के आंकड़े शामिल नहीं हैं, क्योंकि ये अभी उपलब्ध नहीं हो सके हैं। उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीश और 34 न्यायिक अधिकारी भी कोरोना संक्रमण के कारण काल-कवलित हुए हैं।”

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके इन लोगों के लिए मेरा दिल रो रहा है और उनके परिजनों और चाहने वालों के लिए मेरी संवेदनाएं।”

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इमोला ऐक्विज़िशन कॉरपोरेशन द्वारा इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दी attacknews.in

नईदिल्ली 13 मई । भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इमोला ऐक्विज़िशन कॉरपोरेशन द्वारा इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।

यह प्रस्तावित संयोजन इनग्राम माइक्रो इंक की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और इसके एकमात्र नियंत्रण के प्रस्तावित अधिग्रहण के साथ इसकी मूल कंपनियों (i) जीसीएल निवेश प्रबंधन इंक और जीसीएल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग इंक एवं (ii) इसकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहायक कंपनियों (जिन्हें सामूहिक रूप से इनग्राम माइक्रो के रूप में संदर्भित किया जाता है) से संबंधित है।

इमोला, प्लेटिनम इक्विटी ग्रुप से संबंधित एक नई निगमित इकाई है। प्लेटिनम इक्विटी ग्रुप को ऐसी कंपनियों के विलय, अधिग्रहण और संचालन में विशेषज्ञता हासिल है जो सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, रसद, धातु सेवाओं, विनिर्माण और वितरण सहित व्यवसायों की एक विस्तृत श्रृंखला में ग्राहकों को सेवाएं और समाधान प्रदान करती हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की इनग्राम माइक्रो का मुख्यालय अमेरिका में है और यह प्रौद्योगिकी वितरण और रसद, गूढ़ समाधानों और ई-कॉमर्स आपूर्ति श्रृंखला सेवाओं में विशेषज्ञता रखती है।

सीसीआई के विस्तृत आदेश का अनुपालन किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) करने पर किया जा रहा है गंभीरता से विचार attacknews.in

नयी दिल्ली, 13 मई । उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर शिद्दत से विचार किया जा रहा है।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने गुरुवार को कहा कि वह शीर्ष अदालत में होने वाली सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग के प्रस्ताव पर गम्भीरता से विचार कर रहे हैं।

हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस दिशा में ठोस पहल करने से पहले वह न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की आम सहमति चाहेंगे।

न्यायमूर्ति रमन कोविड महामारी के मद्देनजर मीडियाकर्मियों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप लांच करने के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडियाकर्मियों को सम्बोधित कर रहे थे।

सीजेआई ने कहा कि नयी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में शुरुआती दिनों में कुछ खामियां आ सकती हैं, लेकिन इसे अनावश्यक रूप से तूल नहीं दिया जाना चाहिए।

देश में अबतक 17.72 करोड़ से अधिक लोगों का COVID19 टीकाकरण attacknews.in

नयी दिल्ली 13 मई। देश में अब तक 17.72 करोड़ से अधिक लोगों को कोविड-19 टीकाकरण किया जा चुका है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 25,70,537 सत्रों में कुल 17 करोड़ 72 लाख 14 हजार 256 लोगों को कोरोना के टीके लगाये जा चुके हैं। इनमें 96,00 420 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी शामिल हैं जिन्हें पहली खुराक तथा 65,70,062 कर्मियों को दूसरी खुराक दी गयी है। इसके अलावा एक करोड़ 42 लाख, 34 हजार 793 फ्रंट लाइन वर्कर्स को पहली और 80,30,007 को दूसरी खुराक दी गयी है।

आंकड़ों के मुताबिक 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में पांच करोड़ 40 लाख 99 हजार 241 लाभार्थियों ने पहली और एक करोड़ 67 लाख 97 हजार 272 ने दूसरी खुराक ली है। इसी प्रकार 45 से 60 वर्ष आयु वर्ग में पांच करोड़ 62 लाख 43 हजार 308 लोगों को पहली और 81 लाख 58 हजार 535 को दूसरी खुराक दी गयी है। वहीं 18-45 वर्ष आयु वर्ग में 34 लाख 80 हजार 618 लोग टीके की पहली खुराक ले चुके हैं।

देश में पिछले 24 घंटों में तीन लाख 52 हजार 181 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक एक करोड़ 97 लाख 34 हजार 823 लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं। रिकवरी दर बढ़कर 83.26 फीसदी हो गयी है।

2 से 18 वर्ष के आयुवर्ग में “कोवैक्सीन” टीका के नैदानिक परीक्षण के लिए भारत बॉयोटैक को अनुमति DCGI ने प्रदान की attacknews.in

नयी दिल्ली 13 मई । देश के राष्ट्रीय नियामक भारतीय औषधि महानियंत्रक(डीसीजीआई) ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिए भारम बॉयोटैक लिमिटेड को अनुमति दी है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

हैदराबाद स्थित मेसर्स भारत बॉयोटैक इंटरनेशनल लिमिटेड ने दो से 18 वर्ष के आयुवर्ग में कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था , जिसमें 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों का परीक्षण किया जायेगा।

प्रस्ताव पर 11 मई को विषय विशेषज्ञ समिति ने विचार-विमर्श किया और कुछ शर्तों के साथ कोवैक्सीन के द्वितीय एवं तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दी गयी।

भारत का सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में 1 जून तक लाॅकडाउन बढ़ाया गया , राज्य में प्रवेश के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी होगा attacknews.in

मुंबई,13 मई।महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य में लागू कोरोना लॉकडाउन को 1 जून की सुबह तक बढ़ा दिया ।

महाराष्ट्र में फिलहाल 15 मई तक लॉकडाउन है, जिसे 15 दिन बढ़ाया गया । मंगलवार को कैबिनेट बैठक में तीसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया गया ।

अब एक जून की सुबह 7 बजे तक पाबंदियां लागू रहेंगी। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए ही बाहर निकलने की इजाजत होगी। इसके अलावा राज्य में एंट्री के लिए कोरोना की निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट होना भी जरूरी होगा।

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियों को जरूरी बताते हुए 22 अप्रैल को ज्यादातर गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। 22 अप्रैल को एक मई तक के लिए लॉकडाउन जैसे बेहद कड़े प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद पाबंदियों को 15 मई तक बढ़ा दिया गया था। अब तीसरी बार इन्हें बढ़ाते हुए 1 जून की सुबह तक कर दिया गया है।

मंगलवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि कोरोना के मामले कम होने तक लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा। जिसके बाद कैबिनेट की बैठक में इसे बढ़ा दिया गया। बता दें कि बीते दो हफ्ते से लगभग समय पूरे देश में लॉकडाउन या आंशिक लॉकडाउन लागू है।

महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना के 52 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। जो किसी भी दूसरे राज्य से कहीं ज्यादा हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों में महाराष्ट्र में कोरोना के नए मामले कम हुए हैं। जो कि एक राहत की बात है। हालांकि अभी भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नए केस मिल रहे।

बिहार में लॉकडाउन 10 दिनों के लिए बढ़ाया गया; पिछले 4 मई को राज्य में 05 मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था attacknews.in

पटना 13 मई । बिहार में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को अगले 10 दिनों तक के लिए बढ़ा दिया गया है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ राज्य में जारी लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा के बाद इसे अगले 10 दिनों तक बढ़ाने का फैसला लिया है। श्री कुमार ने खुद सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है ।

श्री कुमार ने ट्वीट कर कहा, ” आज सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ बिहार में लागू लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा की गयी। लॉकडाउन का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। अतः बिहार में अगले 10 दिनों अर्थात 16 से 25 मई, 2021 तक लॉकडाउन को विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है।”

गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामले को देखते हुए नीतीश सरकार ने पिछले 4 मई को राज्य में 05 मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का फैसला किया था ।

आसाराम के स्वास्थ्य में सुधार, अंतरीम जमानत की सुनवाई 21 मई तक स्थगित attacknews.in

जोधपुर 13 मई । राजस्थान में जोधपुर के एम्स हाॅस्पिटल में भर्ती यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की तबीयत में सुधार हो रहा है। उसका बीपी और ऑक्सीजन लेवल सामान्य है।

राजस्थान उच्च न्यायालय में आज एम्स की तरफ से पेश इस रिपोर्ट के बाद उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई 21 मई तक स्थगित कर दी गई। न्यायालय ने 21 मई से पहले एम्स से उसके स्वास्थ्य को लेकर नई रिपोर्ट मांगी है। तब तक आसाराम को एम्स में ही रखा जाएगा। ऐसे में उसे जेल से बाहर आने के लिए 21 मई तक इंतजार करना होगा।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना के कारण नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन,विधानसभा भवन, सीएम हाउस, मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आवास के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई attacknews.in

रायपुर, 13 मई(।छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर नवा रायपुर में निर्माणाधीन नये राजभवन,विधानसभा भवन, सीएम हाउस, मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आवास के निर्माण कार्यों में तत्काल रोक लगा दी है।

मोदी सरकार के कोरोना की भयावह स्थिति के बीच भी सेन्ट्रल विस्टा के कार्यों को जारी रखने के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नवा रायपुर में चल रहे प्रमुख निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। सेन्ट्रल विस्टा के कार्य के जारी रहने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के सवाल उठाए जाने पर राज्य के भाजपा नेताओं ने इन निर्माण कार्यों के जारी रहने का हवाला देते हुए पलटवार किया था।माना जा रहा हैं कि भूपेश सरकार ने इन कार्यों को रोककर उऩ्हे कड़ा जवाब दिया है।

शिवराज सिंह चौहान की घोषणा:कोरोना के कारण बेसहारा हुए बच्चों और महिलाओं को ₹ 5 हजार प्रति माह पेंशन और राशन के साथ नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध भी किया जाएगा attacknews.in

भोपाल, 13 मई । कोरोना की दूसरी लहर के कारण मध्यप्रदेश में अपने माता पिता या अन्य जिम्मेदार परिजन खोने वाले बच्चों और अपने पति से बिछुड़ने वाली महिलाओं के हित में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेंशन और राशन मुहैया कराने संबंधी घोषणाएं कीं।

श्री चौहान ने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि कोरोनाकाल में ऐसे बच्चे जिनके पिता या अभिभावक का साया उठ गया है और घर में कोई कमाने वाला नहीं हैं, एेसे परिवारों को पांच हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाएगी। ऐसे सभी बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा का प्रबंध भी किया जाएगा। ऐसे परिवारों को सरकार राशन भी मुहैया कराएगी।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संकटकाल में अपने पति से बिछुड़ने वाली बहन यदि आत्मनिर्भर बनने के लिए कोई व्यापार या व्यवसाय प्रारंभ करना चाहती है, तो उसे सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का ऋण मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों और महिलाओं के हित का राज्य सरकार पूरा ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री चाैहान ने कहा कि कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़कर रख दिया है। कई परिवार ऐसे भी हैं, जिनके बुढ़ापे की लाठी के सहारे छिन गए हैं। अनेक बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। अनेक महिलाओं ने अपने पति, पुत्र और भाई को भी खोया है। सरकार इन सभी की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी।

भाजपा ने विपक्ष पर कोविड के टीके को लेकर सस्ती राजनीति करने एवं जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया;कांग्रेस सहित 12 विपक्षी दलों ने कोरोना संकट पर नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्ष के 12 प्रमुख दलों के नेताओं ने कोरोना से लगातार बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और आग्रह किया है कि सरकार महामारी से निपटने के विपक्ष के सुझाव को नजरअंदाज नहीं करें।

विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने कोरोना महामारी से निपटने के लिए उनके सुझावों को नज़र अंदाज़ किया है या जानबूझकर ठुकराया है। उन्होंने केंद्र से सभी नागरिकों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण करने के लिए अभियान चलाने का भी आग्रह किया है।

विपक्ष खराब समय में झूठ की राजनीति नहीं करे : भाजपा

इधर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने विपक्ष पर कोविड के टीके को लेकर सस्ती राजनीति करने एवं जनता को गुमराह करने का आज आरोप लगाया और अपील की कि देश के सामने इस खराब समय में वह ‘झूठ की राजनीति’ बंद करे और सहयोग की भावना से लोगों को बचाने का प्रयास करे।

भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ लोग ये प्रश्न उठा रहे हैं कि भारत ने लगभग साढ़े छह करोड़ टीके विदेश क्यों भेजे और अन्य मेडिकल कंपनियों को वैक्सीन की लाइसेंसिंग क्यों नहीं दी जा रही। श्री अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने एक प्रश्न यह भी उठाया है कि उसे केंद्र की ओर से वैक्सीन नहीं दी जा रही। ये तीनों ही आरोप सरासर गलत हैं और सच्चाई से इनका कोई लेना-देना नहीं है। यह आरोप केवल राजनीतिक द्वेष की भावना से लगाये गए हैं।

भारत में रसायन बैट्री के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए 18100 करोड़ रु की योजना मंजूर;आईटीबीपी की भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को मंजूरी attacknews.in

नयी दिल्ली, 12 मई । सरकार ने देश में रसायन बैट्री के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार 100 करोड़ रूपये के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ‘राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैट्री कार्यक्रम’ का अनुमोदन किया गया। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना का प्रस्ताव रखा था। इस योजना के तहत 50 गीगावॉट ऑवर्स और पांच गीगावॉट ऑवर्स की ‘उपयुक्त’ एसीसी बैट्री की निर्माण क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य है। गीगावॉट ऑवर्स का अर्थ एक घंटे में एक अरब वॉट ऊर्जा प्रति घंटा निर्माण करना है। इसकी लागत 18,100 करोड़ रुपये है।

बैठक के बाद केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एसीसी उन्नत भंडारण प्रौद्योगिकी की नई पीढ़ी है, जिसके तहत बिजली को इलेक्ट्रो-केमिकल या रासायनिक ऊर्जा के रूप में सुरक्षित किया जा सकता है। जब जरूरत पड़े, तो इसे फिर से बिजली में बदला जा सकता है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामान, बिजली से चलने वाले वाहन, उन्नत विद्युत ग्रिड, सौर ऊर्जा आदि में बैट्री की आवश्यकता होती है। आने वाले समय में इस उपभोक्ता क्षेत्र में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना है। उम्मीद की जाती है कि बैट्री प्रौद्योगिकी दुनिया के कुछ सबसे बड़े विकासशील क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर लेगी।

उन्होंने बताया कि कई कंपनियों ने इस क्षेत्र में निवेश करना शुरू कर दिया है, लेकिन वैश्विक अनुपात के सामने उनकी क्षमता बहुत कम है। इसके अलावा एसीसी के मामले में तो भारत में निवेश नगण्य है। एसीसी की मांग भारत में इस समय आयात के जरिये पूरी की जा रही है। राष्ट्रीय उन्नत रासायनिक सेल (एसीसी) बैट्री भंडारण से आयात पर निर्भरता कम होगी। इससे आत्मनिर्भर भारत को भी मदद मिलेगी। एसीसी बैट्री भंडारण निर्माता का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिए किया जायेगा। निर्माण इकाई को दो वर्ष के भीतर काम चालू करना होगा। प्रोत्साहन राशि को पांच वर्षों के दौरान दिया जायेगा।


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हवाई यात्री रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की भूमि उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मसूरी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की 1500 वर्ग मीटर भूमि को उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को अपनी मंजूरी दे दी हैI इससे राज्य सरकार वहां अपनी एक आधारभूत परियोजना- देहरादून और मसूरी के बीच हवाई यात्री रोपवे प्रणाली (एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम) का निर्माण कर सकेगी I

प्रस्तावित रोपवे 5580 मीटर लंबाई का मोनो-केबल रोपवे है जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत बनेगाI इसका निचला टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुर्कुल गांव में होगा और ऊपरी टर्मिनल स्टेशन लाइब्रेरी, मसूरी में होगाI 285 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस रोपवे की ढुलाई क्षमता दोनों दिशाओं से 1000 यात्री प्रति घंटा होगीI इससे देहरादून और मसूरी के बीच सड़क मार्ग पर होने वाले यातायात में काफी कमी आएगीI

इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से 350 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ ही 1500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगाI परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद यह रोपवे पर्यटकों के लिए बहुत बड़े आकर्षण का केंद्र भी होगा जिससे राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन हो सकेगाI


केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी के बीच हुए समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्वीकृति दे दी है।

इस एमओयू से कतर में लेखांकन पेशे और उद्यमशीलता आधार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मिलकर काम करने के लिए संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ेगा।

प्रभाव:

आईसीएआई का मध्य पूर्व में 6,000 से ज्यादा सदस्यों के साथ एक मजबूत सदस्यता आधार है और कतर (दोहा) स्थित इकाई आईसीएआई की सबसे सक्रिय इकाई में शामिल है। आईसीएआई के सदस्य कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में कई अहम पदों पर हैं तथा वे वहां पर लेखांकन पेशे को समर्थन देने और विकास से सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इस एमओयू पर हस्ताक्षर से पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में आईसीएआई सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा और पहचान मिलेगी, साथ ही वे मिलकर कतर में भारतीय कारोबारियों की कारोबार करने की आकांक्षाओं को समर्थन दे सकेंगे। इस प्रकार, इसके माध्यम से कतर और भारत की अर्थव्यवस्थाओं के विकास को सहयोग मिलेगा।

लाभ:

आईसीएआई कीएक सक्रिय इकाई दोहा (कतर) में है जिसकी स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी और यह आईसीएआई की 36 विदेशी इकाई में सबसे पुरानीइकाइयों में से एक है। स्थापना के बाद से ही इस इकाई की सदस्यता लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में इसके 300 से ज्यादा सदस्य हैं, जो कतर में विभिन्न निजी और सार्वजनिक कंपनियों में अहम पदों पर हैं। साथ ही कतर में लेखांकन पेशे को समर्थनऔर विस्तार देने के लिए काम कर रहे हैं। इस एमओयू से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी को लाभ होगा।

कार्यान्वयन रणनीति और लक्ष्य :

➢यह एमओयू एश्योरेंस और ऑडिटिंग, परामर्श, कराधान, वित्तीय सेवाएं और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में व्यावसायिक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रक्रियाएं तय करके आईसीएआई के सदस्यों के लिए अवसरों में बढ़ोतरी का प्रयास है।

➢आईसीएआई, क्यूएफसीए के साथ मिलकर कतर में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय पेशेवर, उद्यमी और विद्यार्थियों को शिक्षित एवं तैयार भी करेगा।

➢ आईसीएआई और क्यूएफसीए परस्पर सहमति के आधार पर राउंडटेबल, नेटवर्किंग कार्यक्रमों आदि के आयोजन के द्वारा कतर में भारतीय कारोबारियों के लिए अवसर तलाशने के लिए मिलकर काम करेंगे।

➢आईसीएआई और क्यूएफसीए कंपनी प्रशासन, तकनीकी शोध एवं परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंक लेखांकन, लघु और मझोले आकार की प्रक्रियाओं (एसएमपी) के मुद्दों, इस्लामिक वित्त, निरंतर पेशेवर विकास (सीपीडी) और परस्पर हित के अन्य विषयों जैसे क्षेत्रों में पैदा होने वाले अवसरों पर सहयोग करेंगे।

पृष्ठभूमि :

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम द चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक्ट, 1949 के तहत स्थापित एक सांविधिक निकाय है और भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी व्यवसाय को नियंत्रित करता है। 2005 की कानून संख्या (7) के क्रम में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी (क्यूएफसीए) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जो कतर में विश्व स्तरीय वित्तीय और व्यावसायिक केन्द्र के रूप में क्यूएफसी के विकास और प्रोत्साहन के लिए जिम्मेदार है।