नरेन्द्र मोदी सरकार ने अब तक 18 IPS को समयपूर्व किया सेवामुक्त,24 IPS अधिकारियों को निलंबित किया गया और 5 IAS के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी अनुमति:आरटीआई से खुलासा attacknews.in

चंडीगढ़, 18 मई । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले सात साल में अब तक 18 आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पूर्व सेवामुक्त किया है।

वहीं इसी अवधि दौरान पांच आईपीएस अधिकारियों के विरूद्ध विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों में मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृति प्रदान की गयी है।

वर्तमान में देश में 24 आईपीएस अधिकारी निलंबित (सस्पेंड) चल रहे हैं।

यह खुलासा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत जुटाई जानकारी से किया है।

श्री कुमार ने आज यहां जारी बयान में बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में इस वर्ष 10 फरवरी को एक आरटीआई याचिका दायर कर तीन बिन्दुओ पर जानकारी मांगी थी।

एक, उन आईपीएस अधिकारियों की कुल संख्या, नाम और उनका राज्य कैडर, जिन्हे मई, 2014 से आज तक आईपीएस से समय पूर्व रिटायर किया या हटा दिया गया है अर्थात टर्मिनेट या बर्खास्त कर दिया गया है।

दूसरे बिंदु में उन्होंने उन सारे आईपीएस अधिकारियों का विवरण मांगा जिनके विरुद्ध अदालती कार्यवाही चलाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आवश्यक स्वीकृति प्रदान की गयी है।

तीसरे बिंदु में उन सभी आईपीएस अधिकारियों बारे सूचना मांगी गयी जो वर्तमान में सेवा से सस्पेंड चल रहे हैं।

श्री कुमार के अनुसार पहले (11 मार्च को) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मांगी गई सूचना में कोई जनहित नहीं है इसलिए आरटीआई कानून, 2005 की धारा 8 (1) (जे) के अंतर्गत सूचना नहीं दी जा सकती।

उसके बाद उन्होंने गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव को प्रथम अपील भी दायर कर दी जिसमें उन्होंने प्रश्न उठाया कि देश के दागी आईपीएस अधिकारियों के सम्बन्ध में सूचना माँगना और देना जनहित में क्यों नहीं है? वैसे भी आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (जे) में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि जो सूचना संसद और विधानमंडल (विधानसभा और विधानपरिषद) को देने में इंकार नहीं किया जा सकता, उसे किसी व्यक्ति अर्थात आरटीआई आवेदनकर्ता को भी देने में इंकार नहीं किया जा सकता।

श्री कुमार के अनुसार उन्होंने तर्क दिया कि मांगी गयी उक्त सूचना को अगर कोई सांसद (लोकसभा या राज्यसभा के प्रश्न काल के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री या गृह राज्य मंत्री से मांगता है, तो गृह मंत्री/गृह राज्यमंत्री को भी जवाब में यह सूचना सदन के पटल पर रखनी पड़ेगी।

इस तरह आरटीआई याचिका के जवाब में भी ऐसी जानकारी देने से गृह मंत्रालय इंकार नहीं कर सकता है।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल का दिया साथ;बाद में बाइडन ने नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान ‘‘संघर्ष विराम का समर्थन’’ किया attacknews.in

वाशिंगटन, 18 मई (एपी) इजराइल और फलस्तीन के बीच युद्ध के आठवें दिन सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत के दौरान ‘‘संघर्ष विराम का समर्थन’’ किया। व्हाइट हाउस ने इस बारे में बताया।

बाइडन का यह कदम इस बात का संकेत है कि अमेरिका चाहता है कि हमास के साथ इजराइल की शत्रुता खत्म हो।

डेमोक्रेट और अन्य सदस्यों द्वारा इजराइल और गाजा के हमास शासकों के बीच तत्काल संघर्ष विराम की बढ़ती मांग के बीच बाइडन प्रशासन ने सोमवार को इस मुद्दे से दूरी बना ली। इजराइल और फलस्तीन के बीच लड़ाई दूसरे हफ्ते में पहुंच गयी है जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गये हैं। इनमें से अधिकतर गाजा में फलस्तीनी नागरिक हैं।

अमेरिका, इजराइल का शीर्ष सहयोगी देश है। इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के जोर पकड़ने और आम नागरिकों की मौत पर ‘‘गंभीर चिंता’’ जताते हुए 15 देशों वाले संयुक्त सुरक्षा परिषद के सर्वसम्मत बयान को अमेरिका ने तीसरी बार रोक दिया। आखिरकार सोमवार को अमेरिका द्वारा खारिज करने के बाद सुरक्षा परिषद का बयान कम से कम फिलहाल के लिए निष्प्रभावी हो गया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका इसके बजाय ‘‘शांति, गहन कूटनीति’’ पर ध्यान दे रहा है।

हालांकि इजराइल-फलस्तीन विवाद में अन्य देशों की अपील का अब तक कोई असर दिखता प्रतीत नहीं हो रहा है।

नॉर्डिक देशों की यात्रा पर गये अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कहा कि शांत अमेरिका ने गाजा पट्टी और इजराइल में शत्रुता कम करने के लिए प्रयास किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने रविवार को सुरक्षा परिषद की आपात उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि अमेरिका इस लड़ाई को रोकने के लिए ‘‘कूटनीतिक माध्यमों से अथक प्रयास कर रहा है।’’

हालांकि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद द्वारा बयान जारी करने और विवाद खत्म करने के संबंध में चीन, नॉर्वे और ट्यूनीशिया के कदम पर रोक लगा दी।

संकट को कम करने के लिए ब्लिंकन ने उप सहायक हैदी आमर को इजराइल भेजा है, जिन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की। हालांकि ब्लिंकन ने अपने मौजूदा दौरे में पश्चिम एशिया जाने की योजना के बारे में कोई घोषणा नहीं की है।

एक बार फिर कीमत बढ़ने के बाद मुंबई में पेट्रोल 99 रुपये प्रति लीटर के पार attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई । तेल कंपनियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में वृद्धि होने के बाद पेट्रोल और डीजल की दरें बढ़ाने के कारण मुंबई में पेट्रोल की कीमत मंगलवार को 99 रुपये प्रति लीटर के स्तर को लांघ गई है।

राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल की कीमत में 27 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 29 पैसे की वृद्धि की गई।

यह बढ़ोतरी – इस महीने दसवीं बार की गई है जिसके बाद देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अब तक के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची हैं।

दिल्ली में पेट्रोल 92.85 रुपये प्रति लीटर और डीजल 83.51 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में कीमतें पहले ही 100 रुपये की सीमा को पार कर चुकी थीं और नवीनतम वृद्धि के साथ, मुंबई में भी कीमत उस उच्च स्तर की ओर बढ़ रही थी।

मुंबई में एक लीटर पेट्रोल अब 99.14 रुपये और डीजल 90.71 रुपये प्रति लीटर के भाव है।

वैट और माल ढुलाई शुल्क जैसे स्थानीय करों की वजह से ईंधन की कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग होती हैं। राजस्थान देश में पेट्रोल पर सबसे अधिक मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाता है, इसके बाद मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र का स्थान आता है।

यह बढ़ोतरी 15 मार्च के बाद पहली बार ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर उठने के बाद हुई है।

चार मई के बाद से कीमतों में यह दसवीं वृद्धि है।

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में देश का सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल क्रमश: 103.80 रुपये प्रति लीटर और 96.30 रुपये प्रति लीटर के भाव उपलब्ध है।

कीमतों में 10वीं बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत में 2.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 2.78 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

गूगल ने भारत में न्यूज शोकेस पेश किया, 50 हजार पत्रकारों, छात्रों को प्रशिक्षित करेगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई ।गूगल ने मंगलवार को भारत में 30 समाचार संगठनों के साथ अपने न्यूज शोकेस की पेशकश की, जिसका मकसद गूगल के समाचार और खोज मंचों पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री प्रदर्शित करने के लिए प्रकाशकों को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना है।

इसके साथ ही गूगल भारत में अगले तीन वर्षों के दौरान समाचार संगठनों और पत्रकारिता विद्यालयों के 50,000 पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को डिजिटल हुनर सिखाएगा।

गूगल के उपाध्यक्ष (उत्पाद प्रबंधन) ब्रैड बेंडर ने कहा, ‘‘हम अब प्रकाशकों की मदद के लिए न्यूज शोकेस पेश कर रहे हैं, ताकि लोगों को भरोसेमंद खबर मिल सके, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में जब कोविड संकट जारी है। समाचार शोकेस दल प्रकाशकों की पसंद के अनुसार लेखों को बढ़ावा देता है, और उन्हें खबर के साथ अतिरिक्त संदर्भ देने की अनुमति भी देता है, ताकी पाठकों में इस बात की बेहतर समझ बन सके कि उनके आसपास क्या हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि ये समाचार दल ब्रांडिंग सुनिश्चित करते हैं, और उपयोगकर्ताओं को प्रकाशकों की वेबसाइट पर ले जाते हैं।

गूगल न्यूज शोकेस भारत में 30 राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार संगठनों के साथ शुरू किया गया है और आने वाले दिनों में इस संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।

गूगल की यह सेवा जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, चेकिया, इटली और अर्जेंटीना सहित एक दर्जन से अधिक देशों में उपलब्ध है।

भारत में गूगल के कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल में समाचारों की खपत बढ़ रही है, वहीं उपभोक्ता आदतों में बदलाव भी आ रहा है, जिसमें अधिक युवा उपभोक्ता समाचार के लिए डिजिटल पहुंच का इस्तेमाल कर रहे हैं।

गुप्ता ने कहा कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 50,000 से अधिक पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को प्रशिक्षित करेगी और इसके तहत खबरों के सत्यापन, फेक न्यूज से निपटने के उपायों और डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल पर खासतौर से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी में भ्रम फैलाने,भारत को बदनाम करने और नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया,संकटकाल में विपक्ष की ‘‘गिद्धों की राजनीति’’हुई उजागर attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई । भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया और कहा कि इस संकट काल में विपक्षी दल की ‘‘गिद्धों की राजनीति’’ उजागर हुई है।

एक ‘‘टूलकिट’’ का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कोरोना के समय जब पूरा देश महामारी से लड़ रहा है तो कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भारत को पूरे विश्व में ‘‘अपमानित और बदनाम’’ करने की कोशश की है।

कांग्रेस ने पलटवार करते हुए भाजपा पर ‘‘फर्जी टूलकिट’’ को प्रचारित करने का आरोप लगाया और कहा कि वह इस मामले में सत्ताधारी दल के नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएगी।

‘‘टूलकिट’’ एक प्रकार का दस्तावेज होता है जिसमें अपने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदुवार मुद्दे होते हैं। अपने अभियान को धार देने के लिए इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान भी एक टूलकिट सामने आया था जिसकी काफी चर्चा भी हुई थी।

पात्रा ने दावा किया कि कांग्रेस ने महामारी के समय ऐसे ही ‘‘टूलकिट’’ के जरिए सरकार के घेरने के लिए विभिन्न माध्यमों से देश में भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) ने महामारी को प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोरोना के नये स्ट्रेन को मोदी स्ट्रेन का नाम देने का निर्देश दिया। विदेश पत्रकारों की मदद से भारत को बदनाम करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई।’’

पात्रा ने कहा कि कोरोना का जो नया स्ट्रेन आया है और उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारतीय स्ट्रेन कहने से मना कर दिया है लेकिन कांग्रेस इसे ‘‘इंडियन स्ट्रेन’’ और उससे भी आगे बढ़कर ‘‘मोदी स्ट्रेन’’ के नाम से प्रसारित करने में लगी है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत ही दुखद है। कहीं न कहीं देश को पूरे विश्व में अपमानित और बदनाम करने के लिए एक वायरस को भारत के नाम, प्रधानमंत्री के नाम पर प्रतिपादित करने की चेष्टा है। मुझे लगता है यह कांग्रेस पार्टी के असली चेहरे को दर्शाता है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आज वह दस्तावेज उनके हाथ आया है जिसके सहारे राहुल गांधी रोज सुबह उठकर रोज ट्वीट करते थे।

उन्होंने दावा किया, ‘‘इस टूलकिट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को बार बार पत्र लिखें। आपने देखा होगा, कभी सोनिया जी चिट्ठी लिख रही हैं कभी कोई और लिख रहा है। ये सब ऐसे ही नहीं हो रहा है। सब कुछ एक डिजायन के तहत हो रहा है, जिसका ब्योरा इस टूलकिट में है।’’

पात्रा ने दावा किया कि इस टूलकिट के जरिए पीएम केयर्स के वेटिलेटर्स पर सवाल उठाने और सेंट्रल विस्टा परियोजना को ‘‘मोदी के निजी घर और महल’’ के रूप में प्रचारित करने का जिक्र किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि कुंभ को सुप्रर स्प्रेडर के रूप में प्रचारित करने की बात की गई है। ईद और कुंभ की तुलना कर धर्म को बदनाम करने की कोशिश कांग्रेस ने की है। आप कुंभ को बदनाम करिए और ईद के विषय में कुछ मत कहिए। इस प्रकार की सोच भी हो सकती है क्या किसी की।’’

उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी जो ट्वीट करते हैं, आज उसका स्रोत सामने आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘वेंटिलेटर्स, टीकों कोविड प्रबंधन को लेकर जो नकारात्मक राजनीति आप फैलाते हैं, आज उसका स्रोत हमारे पास है। बहुत दुख के साथ हमें यह कहना पड़ रहा है कि यह जो कांग्रेस की गिद्धों की राजनीति है आज वह संपूर्ण रूप से उजागर हो गई है। हमें सोनिया जी से और राहुल जी से जवाब चाहिए।’’

कांग्रेस के शोध विभाग के प्रमुख और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने भाजपा के दावे को लेकर पलटवार करते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी पर ‘फर्जी टूलकिट’ को प्रचारित करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ ‘जालसाजी’ की प्राथमिकी दर्ज करवाई जाएगी।

गौड़ा ने ट्वीट किया, ‘‘ भाजपा ‘कोविड कुप्रबंधन’ पर फर्जी टूलकिट का दुष्प्रचार कर रही है और इसे कांग्रेस के शोध विभाग से जोड़ रही है। हम जालसाजी को लेकर जेपी नड्डा और संबित पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा रहे हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारा देश कोविड की तबाही का सामना कर रहा है, ऐसे समय लोगों को राहत प्रदान करने की बजाय भाजपा बेशर्मी के साथ फर्जीवाड़ा कर रही है।’

CBSE ने रद्द की गई 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम के अंकों की गणना।करने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ायी;फार्मूले के तहत प्रत्येक विषय में 20 अंक आंतरिक मूल्यांकनऔर 80 अंकों की गणना वर्ष भर में कक्षा में विभिन्न परीक्षा या टेस्ट में छात्र को मिले अंकों के आधार पर होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 18 मई । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं कक्षा की परीक्षा के अंकों की गणना एवं सारणीबद्ध करने तथा इसे बोर्ड को भेजने की समयसीमा को 30 जून तक बढ़ा दिया है । अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी ।

सीबीएसई ने इससे पहले घोषणा की थी कि वह अंकों को सारणीबद्ध करने की पूरी प्रक्रिया 11 जून तक पूरा कर लेगी और परिणाम 20 जून तक घोषित किये जायेंगे ।

हालांकि, कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और कई राज्यों में लॉकडाउन लागू होने के कारण शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समयसीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है ।

सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘‘ सीबीएसई शिक्षकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है । महामारी की स्थिति और कुछ राज्यों में लॉकडाउन तथा संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने तिथियों को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंक 30 जून तक बोर्ड को भेज दिये जायेंगे। शेष गतिविधियों के बारे में सीबीएसई की योजना के आधार पर परिणाम समिति अपना कार्यक्रम तय कर सकती है । ’’

गौरतलब है कि सीबीएसई ने इस महीने के प्रारंभ में 10वीं बोर्ड की रद्द की गई परीक्षा के संबंध में अंकों की गणना का फार्मूला पेश किया था । यह परीक्षा देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दी गई थी ।

इस फार्मूले के तहत प्रत्येक विषय में 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे और 80 अंकों की गणना वर्ष भर में कक्षा में विभिन्न परीक्षा या टेस्ट में छात्र को मिले अंकों के आधार पर होगी ।

बोर्ड ने स्कूलों को परिणाम समिति का गठन करने को कहा था जिसमें अंकों को अंतिम रूप देने के लिये प्राचार्य और सात शिक्षक शामिल होंगे । स्कूल के पांच शिक्षक गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और दो भाषाओं के होंगे तथा दो शिक्षक पड़ोस के स्कूल के होंगे जो समिति में बाह्य सदस्य के रूप में होंगे ।

भारद्वाज ने कहा था ‘‘ आठ सदस्यीय स्कूली परिणाम समिति का गठन 5 मई तक किया जाना चाहिए । स्कूलवार तरीके से अंकों के वितरण एवं संबंधित दस्तावेज को अंतिम रूप देने का कार्य 10 मई तक हो जाए । जिन छात्रों ने वर्ष में पर्याप्त संख्या में टेस्ट में हिस्सा नहीं लिया है, उनका 15 मई तक टेलीफोन या ऑनलाइन माध्यम से मूल्यांकन किया जाए और परीक्षा परिणाम तैयार किया जाए । ’’

गौरतलब है कि सीबीएसई ने 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने तथा 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया था । इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय किया गया था ।

IMA ने बताया:भारत में केवल 3 प्रतिशत डाक्टरों को लगा हैं कोरोना रोधी टीका और बिना टीका लगवाएं कोरोना की दूसरी लहर में हो गई 244 डॉक्टरों की मौत, एक दिन में 50 डॉक्टरों की गई जान:हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का भी निधन attacknews.in

नईदिल्ली 18 मई ।दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एक 26 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, अनस मुजाहिद की कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कुछ ही घंटे बाद मौत हो गई। अनस मुजाहिद एक समर्पित कोविड डॉक्टर थे,वह 244 डॉक्टरों में सबसे कम उम्र के हैं, जिन्होंने इस साल भारत की दूसरी लहर में कोविड से अपनी जान गंवाई है, उन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लगा था।

केवल तीन फीसदी डॉक्टरों को लगी हैं वैक्सीन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन संस्था का कहना है कि इनमें केवल 3 फीसदी चिकित्सकों को वैक्सीन मिली थी। भारत सरकार ने बीते पांच माह से वैक्सीन का कार्यक्रम शुरू कर रखा है, लेकिन अभी तक केवल 66 फीसदी हेल्थ वर्कर को ही टीका लगाया जा सका है। यह बेहद गंभीर स्थिति है। इससे लोगों की जान बचाने को जूझ रहे खुद मौत के मुहाने पर जा खड़े हो गए हैं।

संस्था का कहना है कि वह डॉक्टरों को वैक्सीन देने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। इन्हें ऐसे ही खतरे के सामने नहीं छोड़ा जा सकता।

आईएमए ने कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए सही कदम न उठाने को लेकर केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की।

कुछ समय पहले एक पत्र के जरिए आईएमए ने देश भर में एक साथ लॉकडाउन की वकालत की थी। इसमें आईएमए ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगाने के बजाय केंद्र को देश भर में लॉकडाउन की घोषणा करनी चाहिए।

भारत के टीकाकरण अभियान में पांच महीने में ,भारत के केवल 66 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है।

आईएमए ने कहा कि वह डॉक्टरों को इस के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

आईएमए के महासचिव डॉ जयेश लेले ने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने कल पूरे भारत में 50 डॉक्टरों को खो दिया और अप्रैल के पहले सप्ताह से दूसरी लहर में 244 डॉक्टरों को खो दिया.

कोरोना काल में डॉक्टरों की कमी

डॉ जयेश लेले ने कहा कि हम इस बात पर प्रकाश डालना चाहते हैं कि डॉक्टरों की कमी और अधिक काम है,वे कभी-कभी बिना किसी आराम के 48 घंटे तक काम करते हैं।इससे वायरल लोड बढ़ जाता है और वे कोरोना का शिकार हो जाते हैं। सरकार को स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए उपाय करने की आवश्यकता है।

जबकि आईएमए का कहना है कि अब तक कोविड के कारण एक हजार डॉक्टरों की मौत हो चुकी है, वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है. IMA केवल अपने लगभग 3.5 लाख सदस्यों का ही रिकॉर्ड रखता है. हालांकि, भारत में 12 लाख से अधिक डॉक्टर हैं।

पिछले साल पहली लहर के दौरान 736 डॉक्टरों की जान चली गई थी। भारत भर में अब तक लगभग एक हजार डॉक्टरों ने कोरोना के कारण अपनी जान गंवाई है।

कल कोरोना से मृतक डाक्टर मुजाहिद के परिवार में उसके माता-पिता और चार भाई-बहन हैं।एक हफ्ता बीत गया, लेकिन उनके दोस्त और सहयोगी डॉक्टर आमिर सोहेल अभी भी इस गम से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

उन्होंने कहा कि मुजाहिद कोरोना से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे थे, मुजाहिद के गले में खराश जैसे मामूली लक्षण थे और अस्पताल में एक एंटीजन टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और अचानक उनकी भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।

डॉ आमिर सोहेल ने कहा कि यह चौंकाने वाला था,उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. उनके माता-पिता ने भी बताया कि उन्हें कभी भी स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं हुई. कोई समझ नहीं पाया कि ऐसा कैसे हुआ. उसे टीका नहीं लगाया गया था। उन्होंने और कई सहयोगियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

अनस मुजाहिद में थे सामान्य लक्षण

डॉ सोहेल ने बताया कि वह पिछले महीने संक्रमित हुए थे और उनमें सामान्य लक्षण थे और फिर वह ठीक हो गए थे लेकिन, उन्होंने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि उनका दोस्त, जो घंटों पहले बिल्कुल ठीक लग रहा था, अचानक इतनी गंभीर क्या हुआ जो उसकी मौत हो गई।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, दूसरी लहर में कोविड के कारण 244 डॉक्टरों की जान चली गई है. उनमें से 50 मौतें कल दर्ज की गईं. सबसे ज्यादा मौतें बिहार (69) में हुई हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश (34) और दिल्ली (27) में हैं।

जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का कोरोना वायरस संक्रमण से निधन

पद्म श्री से सम्मानित जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के.के. अग्रवाल का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे।

अग्रवाल के आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर एक बयान में यह जानकारी दी गई।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अग्रवाल को पिछले सप्ताह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अग्रवाल के निधन को समूचे देश के लिए एक बड़ा नुकसान बताया है।

केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘डॉ. के. के. अग्रवाल का निधन पूरे देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने जीवन भर गरीबों, वंचितों के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए काम किया। वह बहुत अच्छे इंसान थे।’’

ट्विटर पर पोस्ट एक बयान के अनुसार, ‘‘कोविड-19 से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद’’ सोमवार देर रात साढ़े 11 बजे अग्रवाल ने अंतिम सांस ली।

बयान में कहा गया, ‘‘वैश्विक महामारी के दौरान भी उन्होंने लोगों को शिक्षित करने के लगातार प्रयास किए, वह कई वीडियो तथा शैक्षिक कार्यक्रमों के जरिए करीब 10 करोड़ लोगों तक पहुंचे और अनेक लोगों की जान बचाई। वह चाहते थे कि उन्हें खुश होकर याद किया जाए, दुखी होकर नहीं।’’

के. के. अग्रवाल के परिवार में उनकी पत्नी डॉ. वीणा अग्रवाल, पुत्र निलेश और बेटी नैना हैं।

अग्रवाल को 2010 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया था। वह डॉ बी सी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए थे। हाथ से सीपीआर देकर जीवनरक्षक तकनीक में अधिकतम लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए अग्रवाल का नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ था।

अग्रवाल का जन्म पांच सितंबर 1958 में दिल्ली में हुआ था।

अग्रवाल ने नागपुर विश्वविद्यालय के तहत एमजीआईएमएस, सेवाग्राम से एमबीबीएस की पढ़ाई की थी।

आईएमए ने अग्रवाल के निधन को ‘‘अप्रत्याशित और गहरा नुकसान’’ बताया है।

आईएमए ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘डॉ. के. के. अग्रवाल बहुत बड़ी शख्सियत थे और जन शिक्षा और जागरूकता के क्षेत्र में उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया। महामारी के दौरान भी हम सबका मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने लाखों लोगों की सेवा की। उनके जाने से आईएमए को अपूरणीय क्षति हुई है।

उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम के कपाट खुले: इसके साथ ही सभी चारों धामों के कपाट खुल गए,17 मई को केदारनाथ के कपाट खुले थे जबकि 14 मई को यमुनोत्री और 15 मई को गंगोत्री के कपाट खोले गए थे attacknews.in

देहरादून, 18 मई । उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय स्थित बदरीनाथ के कपाट शीतकाल में छह माह बंद रहने के बाद मंगलवार तड़के ब्रह्ममुहूर्त में खोल दिए गए।

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अन्य धामों की तरह बदरीनाथ के कपाट खोले जाने के दौरान भी श्रद्धालुओं को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं दी गई।

पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मेष लग्न पुष्य नक्षत्र में प्रात: सवा चार बजे भगवान बदरीविशाल के पट खोल दिए गए। इस दौरान तीर्थ पुरोहित, प्रशासनिक अधिकारियों समेत वहां उपस्थित कुछ ही लोग प्रज्ज्वलित अखंड ज्योति के गवाह बन पाए।

मुख्य पुजारी रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी को उनकी गद्दी पर विराजमान किया। इसके बाद अन्य देवताओं को मंदिर गर्भगृह में विराजमान किया गया।

इस दौरान मंदिर को करीब बीस क्विंटल फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलने के दौरान मास्क पहनने और सामाजिक दूरी रखने जैसे नियमों का पूरा पालन किया गया।

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रथम महाभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से किया गया और भगवान से जनकल्याण एवं आरोग्यता की कामना की गई।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बदरीनाथ के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी तथा आग्रह किया कि वे अपने घरों में रहकर पूजा पाठ करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई कहा कि कोरोना वायरस की समाप्ति के बाद चारधाम यात्रा पुन: शुरू होगी।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि फिलहाल चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं है लेकिन स्थितियां सामान्य होने पर यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है।

बदरीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही सभी चारों धामों के कपाट खुल गए हैं। इससे पहले 17 मई को केदारनाथ के कपाट खुले थे जबकि 14 मई को यमुनोत्री और 15 मई को गंगोत्री के कपाट खोले गए थे।

गढ़वाल हिमालय के चारधामों के नाम से मशहूर इन धामों के कपाट हर साल सर्दियों में छह माह बंद रहने के बाद अप्रैल-मई में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।

गढ़वाल की आर्थिकी की रीढ़ माने जाने वाली चारधाम यात्रा पर भी कोविड-19 का साया पड़ गया है। पिछले साल नियत समय से देर से शुरू हुई चारधाम यात्रा को इस बार भी संक्रमण के मामलों में वृद्धि होने के चलते फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।

चारधाम यात्रा को स्थगित करने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि धामों के कपाट अपने नियत समय पर ही खुलेंगे लेकिन वहां केवल तीर्थ पुरोहित ही नियमित पूजा करेंगे।

चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ ने और विकराल रूप लिया है और ‘विकराल चक्रवाती तूफान’ में तब्दील हुआ, 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से चली हवाएं 210 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी attacknews.in

मुंबई/ दिल्ली, 17 मई । भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि तूफान ‘ताउते’ ‘‘विकराल चक्रवाती तूफान’’ में बदल गया है।

आईएमडी ने बताया कि तूफान ने सोमवार को तड़के विकराल रूप धारण कर लिया। विभाग ने पहले इसके विकराल रूप लेने का कोई अनुमान नहीं लगाया था।

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी विभाग के अनुसार, इसका उच्चारण ‘ताउते’ है। ‘‘पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बना अत्यधिक भीषण चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ पिछले छह घंटों के दौरान लगभग 20 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा, और अब यह विकराल चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है।’’

इसके कारण अब 180-190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जिसके 210 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तक चलने का अनुमान है।

आईएमडी ने हालांकि कहा कि गुजरात तट पर पहुंचने पर इसकी विकरालता कम होगी।

आईएमडी के चक्रवात चेतावनी संभाग ने कहा कि इसके आज रात गुजरात तट पर पहुंचने का अनुमान है।

उन्होंने कहा ‘‘ इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 17 मई की शाम को गुजरात तट पर पहुंचने और 17 मई की रात (आठ से 11 बजे के बीच) पोरबंदर और महुवा (भावनगर जिला) के बीच गुजरात तट को पार करने का अनुमान है। इस दौरान 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।’’

आईएमडी की चेतावनी के बाद, गुजारात में निम्न तटीय इलाकों से करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के 54 दल वहां तैनात हैं। ‘ताउते’ के राज्य के तट पर सोमवार शाम पहुंचने और मंगलवार को यहां से आगे बढ़ने का अनुमान है।

आईएमडी ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘ चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ ने और विकराल रूप ले लिया है और यह ‘विकराल चक्रवाती तूफान’ (ईएससीएस) में तब्दील हो गया है…।’’

उसने कहा, ‘‘ पूर्वी-मध्य अरब सागर पर चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ विकराल चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। गुजरात और दीव तटों क लिए चक्रवात संबंधी और चेतावनी जारी की गई है…’’

निजी कम्पनी ‘स्काईमेट’ ने इसके गुजरात में महुवा और पोरबंदर क्षेत्र के बीच कहीं पहुंचने का अनुमान लगाया है, जो दीव के नजदीक है।

उसने कहा कि आसपास के 100 किलोमीटर के क्षेत्र में इसका प्रभाव दिख सकता है।

गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि करीब 25,000 लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया ।

वहीं, मुंबई में 24 नगर निकाय वार्ड में संवदेनशील इलाकों के लोगों को ठहराने के लिए पांच अस्थायी आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

कर्नाटक में ताउते का कहर, आठ लोगों की मौत

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले और मलनाड क्षेत्र में चक्रवाती तूफान ताउते के कारण तेज हवाओं और भारी बारिश से कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

एक दुखद घटना में मेंगलुरु तट से दूर समुद्र में शनिवार को एक नौका पलट गई। स्थानीय लोगों ने ट्यूब का उपयोग करके नाव पर सवार आठ सदस्यों में से तीन लोगों को बचा लिया, जबकि दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं और तीन लोग अभी भी लापता हैं।

ताउ ते’ के आज रात गुजरात तट से टकराने की आशंका, डेढ़ लाख से अधिक का स्थानांतरण

अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र (एक्स्ट्रीम्ली सिवीयर) श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउ ते’ के आज रात आठ से 11 बजे के बीच गुजरात के महुवा (भावनगर) और पोरबंदर के बीच केंद्र शासित क्षेत्र दीव से 20 किमी पूर्व में तट से टकराने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
पहले इसके 18 मई की सुबह तट तक पहुंचने का अनुमान था। इस तूफ़ान के असर से पहले ही केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में ख़ासी तबाही मची है।

तूफान ताउते के गुजरात तट से टकराने की संभावना

अरब सागर में उठे अत्यंत तीव्र श्रेणी के तूफ़ान ‘ताउते’ के सोमवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे गुजरात तट से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गयी और इसके क़रीब दो घंटे में पूरा होने का अनुमान है।

भारतीय मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में यह आशंका व्यक्त की है। चक्रवाती तूफान का केंद्र अभी सौराष्ट्र के ऊपर है तथा अगले दो घंटों के दौरान यह सौराष्ट्र को पार कर केंद्र शासित प्रदेश दीव की ओर बढ़ जाएगा।

देशभर में रेलवे ने पहुंचाया 10 हजार टन ऑक्सीजन;160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 24 अप्रैल सेअब तक 13 राज्यों को 10,300 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन ढुलाई की attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में कई राज्यों में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के बाद रेलवे ने अपनी उपयोगिता साबित करते हुये मात्र 23 दिन में 10 हजार टन से अधिक तरल ऑक्सीजन पहुंचाने की उपलब्धि हासिल कर ली है।

रेलवे ने आज बताया कि अब तक भारतीय रेल ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 600 से अधिक टैंकरों में 10,300 टन से अधिक तरल ऑक्सीजन वितरित की है। पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन एक्सप्रेस हर दिन लगभग 800 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले शहरों से ऑक्सीजन की कमी वाले शहरों में पहुंचा रही है।

चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के बावजूद तेज हवाओं को मात देते हुए रेलवे ने सोमवार सुबह भी गुजरात से दो ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाईं जिनमें 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 23 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 टन वितरण के साथ अपना सफर प्रारंभ किया था। अब तक 13 राज्यों को 10,300 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की ढुलाई की जा चुकी है। ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर बनाये गये। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है। पटरियों को परिवहन मुक्त रखा जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सतर्कता बरती जाती है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस निरंतर बिना रुके हुए आगे बढ़ती रहे। अब तक लगभग 160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी करते हुए विभिन्न राज्यों को राहत प्रदान की है।

इस अभियान के तहत अब तक महाराष्ट्र में 521 टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 2,652 टन, मध्य प्रदेश में 431 टन, हरियाणा में 1,290 टन, तेलंगाना में 564 टन, राजस्थान में 40 टन, कर्नाटक में 361 टन, उत्तराखंड में 200 टन, तमिलनाडु में 231 टन, पंजाब में 40 टन, केरल में 118 टन और दिल्ली में लगभग 3,734 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और केंद्रीय टास्क फोर्स ने कोरोना के उपचार प्रोटोकाल से प्लाज्मा थैरेपी को हटाया attacknews.in

नयी दिल्ली,17 मई। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) और कोविड 19 पर केन्द्र सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने कोरोना के उपचार में अपने पुराने दिशा निर्देशों में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल को हटाने की अनुशंसा की है।

पहले कोरोना के लक्ष्णों के सामने आने के सात दिनों के भीतर व्यस्क मरीजों पर इस पद्धति के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह पद्धति कोरोना रोग की गंभीरता को कम करने या कोरोना मरीजों की मौत को रोकने में कारगर नहीं पाई गई है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के आदिवासी नेता उमंग सिंघार के खिलाफ प्रेमिका द्वारा आत्महत्या करने पर धारा 306 में पुलिस प्रकरण दर्ज attacknews.in

भोपाल 27 मई।मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी के आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार पर अपनी प्रेमिका को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला, आईपीसी की धारा 306 के तहत पुलिस ने दर्ज चर लिया है ।

पुलिस ने सुसाइड नोट, महिला के बेटे और नौकर के बयानों के आधार पर धारा 306 के तहत यह मामला दर्ज किया गया ।

महिला के बेटे और नौकरों ने माना कि सिंघार और महिला के बीच नोकझोक होतीं रहती थी ।

पुलिस को मिले है प्रताड़ना के आरोप

सुसाइड नोट में भी लिखी थी महिला ने ऐसी ही कुछ बातें जिसके कारण उमंग सिंघार के खिलाफ ठोस प्रमाण सामने आये ।

पूर्व मंत्री के निवास पर महिला द्वारा आत्महत्या के मामले की जांच जारी

मध्यप्रदेश के शाहपुरा थाना क्षेत्र में कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के निवास पर हरियाणा निवासी एक महिला द्वारा आत्महत्या का मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है।

इस मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री से पूछताछ की बात से इंकार नहीं किया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भदौरिया ने आज बताया कि कल की इस घटना की पुलिस जांच कर रही है।

महिला का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

सुसाइड नोट आदि के संबंध में भी जांच की जा रही है।

इस घटना के संबंध में संबंधित लोगों के बयान लेने की प्रक्रिया भी चल रही है।

इस बीच शाहपुरा थाना पुलिस ने बताया कि 39 वर्षी सोनिया भारद्वाज नाम की महिला ने कल यहां शाहपुरा कॉलोनी स्थित पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के निजी निवास पर आत्महत्या कर ली।

यह महिला हरियाणा के अंबाला की रहने वाली है और पिछले कुछ दिनों से यहां पूर्व मंत्री के निवास पर ही रह रही थी।

कल उसने मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

घटनास्थल से एक पत्र लिखा है।

इस पत्र के संबंध में भी जांच की जा रही है।

पुलिस का कहना है कि इस संबंध में आवश्यकता हुयी तो पूर्व मंत्री के बयान भी लिए जाएंगे।

पुलिस का कहना है कि घटना के वक्त पूर्व मंत्री के बंगले पर उनका एक कर्मचारी और उसका परिवार भी मौजूद था।

इनसे प्रारंभिक पूछताछ की गयी है और पता चला है कि यह महिला कुछ दिनों से यहां रह रही थी और पहले भी आयी है।

महिला विवाहित बतायी गयी है और उसका परिवार अंबाला में रहता है।

दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल भाजपा इस मामले को एक मुद्दा बनाता हुआ नजर आ रहा है।

प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने आज ट्वीट करते हुए लिखा है कि पूर्व मंत्री के बंगले पर मृत पायी गयी युवती के सुसाइट नोट से स्पष्ट होता है कि उसे प्रेम जाल में फंसाकर उससे जीवन भर साथ निभाने का वादा किया गया था।

लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

और वह मर गयी या मार दी गयी।

उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री के बंगले पर ”भंवरीदेवी हत्याकांड पार्ट टू” हुआ है।

श्री पाराशर ने सिलसिलेवार ट्वीट में श्री सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संबोधित करते हुए लिखा है कि कांग्रेस नेता के घर पर मरी पायी गयी महिला भी किसी की मां, बहन, बेटी और पत्नी थी।

लाशों को चीन्ह चीन्ह कर बोलना बंद करिए।

इस बीच राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज यहां मीडिया से कहा कि इस मामले की पुलिस जांच कर रही है और शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं एवं ममता बनर्जी के एक पूर्व करीबी सहयोगी को CBI द्वारा दी गयी जमानत पर देर रात रोक लगाई attacknews.in

कोलकाता 17 मई। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक पूर्व करीबी सहयोगी को दी गयी जमानत पर सोमवार की देर रात रोक लगा दी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इससे पहले दिन में चारों नेताओं को नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में सीबाआई की विशेष अदालत ने चारों नेताओं को जमानत पर रिहा भी कर दिया था।

नारदा स्टिंग मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने चारों टीएमसी नेताओं के जमानत आदेश पर रोक लगा दी है. गिरफ्तार सभी आरोपियों को सीबीआई की न्यायिक हिरासत में रहना होगा।जमानत याचिका को विशेष अदालत ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी।

सीबीआई ने सोमवार को मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत बनर्जी, विधायक मदन मित्रा को गिरफ्तार किया था. 7 घंटे की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों टीएमसी नेताओं को जमानत दे दी थी।न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली विशेष सीबीआई अदालत ने चारों गिरफ्तार आरोपियों को जमानत दी थी. इसके बाद सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी।

सीबीआई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद फिरहाद हकीम की बेटी शबा हकीम ने सोशल मीडिया के जरिए आरोप लगाया कि जमानत मिलने के बाद भी फिरहाद हकीम को सीबीआई ने छोड़ा नहीं है।उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जमानत के आदेश आने के बाद भी मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत बनर्जी, विधायक मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को गिरफ्तार कर रखा है।सीबीआई कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है।

गौरतलब है कि नारदा स्टिंग मामले में सोमवार को लिए गए सीबीआई के एक्शन के बाद बंगाल की राजनीति फिर गरमा गई. मंत्रियों की गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान हालात इस कदर बेकाबू हुए कि यहां पर पत्थरबाजी शुरू हो गई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया।

सबसे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई के दफ्तर पहुंचीं और गिरफ्तारी का विरोध किया. साथ ही चेतावनी दी कि सीबीआई को उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा. देखते ही देखते सीबीआई दफ्तर के बाहर टीएमसी कार्यकर्ताओं का हुजूम लगना शुरू हो गया. इस दौरान जमकर हंगामा हुआ. ममता सीबीआई दफ्तर में करीब 6 घंटे तक रही थीं।

इधर, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई पत्थरबाजी के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चिंता व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि सीबीआई दफ्तर के बाहर पत्थरबाजी की जा रही है, लेकिन कोलकाता पुलिस, बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी हुई हैं. इस मामले को जल्द निपटाने की अपील है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा की ओर से ये बदले की कार्रवाई की जा रही है. केंद्र के इशारे पर एजेंसी टीएमसी के नेताओं के खिलाफ एक्शन ले रही है. वहीं, बीजेपी का तर्क है कि जो भी एक्शन हो रहा है वो अदालत के आदेश पर ही लिया जा रहा है, ऐसे में इसमें बदले की कार्रवाई नहीं है।

बता दें कि 2016 में सामने आए नारदा स्टिंग के मामले में बीते दिनों ही राज्यपाल से जांच करने की इजाजत मिली थी. इसी केस में सीबीआई ने सोमवार को टीएमसी के नेताओं के घर पर छापेमारी की थी और उन्हें अपने साथ दफ्तर ले आई थी।

उत्तरप्रदेश में जल्द उपलब्ध होगी फाइजर और मार्डना की भी वैक्सीन;सरकार ने ग्‍लोबल टेंडर की अर्नेस्ट राशि आधी करने के साथ कई शर्तों में रियायत दी attacknews.in

लखनऊ 17 मई । वैक्सीनेशन के मामले में देश में अव्वल उत्तर प्रदेश में सरकार वैक्सीन की उपलब्‍धता और बढ़ाने जा रही है। इसके लिये ग्‍लोबल टेंडर की शर्तों में बदलाव का बड़ा फैसला लिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सरकार ने ग्‍लोबल टेंडर की अर्नेस्ट राशि आधी करने के साथ कई शर्तों में रियायत दी है। इस बदलाव के बाद फाइजर और मार्डना समेत कई अन्‍य ग्‍लोबल वैक्‍सीन कंपनियां भी यूपी में वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगी।

योगी सरकार के इस फैसले के बाद यूपी में बहुत जल्‍द वैक्‍सीन की उपलब्‍धता बढ़ना तय माना जा रहा है । नई कंपनियों के निविदा में शामिल होने से यूपी के लोगों के पास पसंदीदा वैक्‍सीन चुनने के सबसे ज्‍यादा विकल्‍प भी मौजूद होंगे।

बजाज फाउंडेशन का दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन कांसेंट्रेटर की निःशुक्ल डोरस्टेप डिलीवरी का आपातकालीन कार्यक्रम शुरू attacknews.in

गुरूग्राम, 17 मई । देशभर में कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनज़र गैर-लाभकारी संगठन बजाज फाउंडेशन ने दिल्ली-एनसीआर में ऑक्सीजन कांसेंट्रेटर की निःशुल्क डोरस्टेप डिलीवरी का एक आपातकालीन कार्यक्रम शुरू किया है।

फाउंडेशन ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इससे ऑक्सीजन की कमी से जूझते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को लाभ पहुंचेगा । ऑक्सीजन की जरूरत वाले अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने और ऑक्सीजन की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के प्रयास में फाउंडेशन देश के अन्य शहरों में अपने इस कार्यक्रम को बढ़ा रहा है जिससे कि देशभर में जरूरतमंद लोगों को परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करते हुए उनकी समस्या और जरूरत के समय का दायर कम करने का प्रयास कर रही है।