नयी दिल्ली, सात अगस्त । भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाने वाले विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार चुनने के लिए आज कांग्रेस को अधिकृत कर दिया। दरअसल
ज्यादातर दल अपना उम्मीदवार उतारने के इच्छुक नहीं थे, इसलिए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को उम्मीदवार चुनने के लिए सर्वसम्मति से अधिकृत कर दिया गया।
आज तीसरे दौर की बैठक के बाद विपक्ष के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, ‘‘यद्यपि राकांपा की वंदना चव्हाण के नाम पर चर्चा की गई, लेकिन राकांपा अपना उम्मीदवार उतारने की इच्छुक नहीं थी। किसी अन्य दल ने भी अपना उम्मीदवार उतारने की बात नहीं कही, इसलिए उम्मीदवार चुनने के वास्ते कांग्रेस को अधिकृत किया गया। सभी विपक्षी दल कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।’’
इससे पहले ज्यादातर दलों ने वंदना चव्हाण के नाम पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
चव्हाण का नाम बसपा नेता सतीश मिश्र ने प्रस्तावित किया था और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसका समर्थन किया था। इस प्रस्ताव को कांग्रेस सहित प्रत्येक विपक्षी दल का समर्थन मिला।
राज्यसभा में 50 सीट रखने वाली सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने शुरू में महसूस किया था कि इसके उम्मीदवार को तेदेपा जैसे कुछ दलों की ओर से कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
तेदेपा ने इस मुद्दे पर विपक्षी खेमे के साथ जाने का फैसला किया है।
विपक्षी नेता के अनुसार तेदेपा बाद में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार चुने जाने पर सहमत हो गई।
वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के अनुसार बैठक के दौरान उन्होंने महसूस किया कि महाराष्ट्र से राकांपा के किसी उम्मीदवार को राजग की घटक शिवसेना का समर्थन मिल जाएगा।
विपक्षी दल बीजद के भी संपर्क में हैं जिसने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।
विपक्षी नेता के अनुसार विपक्षी दलों ने जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राजग उम्मीदवार के लिए बीजद का समर्थन मांगने के वास्ते ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात किए जाने के मुद्दे पर भी आज की बैठक में चर्चा की।
राजग ने राज्यसभा के उपसभापित पद के लिए नौ अगस्त को होने वाले चुनाव में जदयू के हरिवंश नारायण सिंह को मैदान में उतारा है।
वर्तमान में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों खेमे अपने उम्मीदवार के जिताने के वास्ते संख्या बल जुटाने की कोशिशों में लगे हैं।attacknews.in