नयी दिल्ली, 20 मई । सत्रहवीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का बहुमत रहने के एक्जिट पोल के अनुमानों के बीच कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की गणना और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।
विपक्षी दलों के नेताओं के अनुसार इस संबंध में चुनाव आयोग से मंगलवार को मुलाकात की जाएगी। इससे पहले तेलुगू देशम पार्टी अौर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडु ने कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत ईवीएम गणना और वीवीपैट पर्चियों का मिलान किया जाना चाहिए और इन दोनों में अंतर होने पर पर्चियों को मान्य माना जाना चाहिए।
उन्होेंने कहा कि आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव अायोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।
उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से कम से कम पांच वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम की गणना से किया जाना चाहिए।
विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि इस संबंध में न्यायालय ने अधिकतम की सीमा नहीं तय की है। श्री नायडु ने कहा, ‘‘ अगर वीवीपैट पर्चियों की गणना नहीं हो सकती तो चुनाव आयोग को नौ हजार करोड़ रुपए खर्च करने की क्या जरुरत थी। मतगणना में तेजी की बजाय विश्वसनीयता ज्यादा महत्वपूर्ण है। ”
एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इनकी विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया और कहा कि यह ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास है। उन्होेंने कहा कि एक्जिट पोल वास्तव में ईवीएम बदलने या उनके साथ छेड़छाड़ करने की दिशा में एक कदम है।
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