नयी दिल्ली,31 जनवरी । एनएसजी के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो अपने रोजाना के शारीरिक व्यायाम के तहत अब योगाभ्यास करेंगे और उनकी मनोवैज्ञानिक जांच भी होगी। इसका उद्देश्य उन्हें आतंकवाद और हाईजैक रोधी अभियानों के लिए तैयार करना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) द्वारा तैयार किए गए एक खाके के मुताबिक पहली बार बल ने अपने कमांडो के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में योगाभ्यास को ‘नियमित’ शारीरिक व्यायाम में पेश करने का फैसला किया है।
खाके में कहा गया है कि ये नये कदम उठाए जा रहे हैं क्योंकि एनएसजी को आतंकवाद और हाईजैक रोधक उपाय करने का अधिकार प्राप्त है। इसके अलावा यह अति विशिष्ट लोगों (वीआईपी) को सुरक्षा कवर भी मुहैया करता है। इसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ कर्मियों की जरूरत है, जो देश के सर्वश्रेष्ठ कमांडो के रूप में प्रशिक्षित किए जाएंगे।
फिलहाल, जब कोई सुरक्षाकर्मी अपनी प्रतिनियुक्ति पर होता है तब एक साइकोलॉजिक स्क्रीनिंग टेस्ट (पीएसटी) किया जाता है। लेकिन एनएसजी अब चाहता है कि रैंकों में कमांडो के मनोवैज्ञानिक व्यवहारों को मापने की एक ‘नियमित प्रक्रिया’हो।
बल अब जल्द ही एक मनोवैज्ञानिक को नियुक्त करेगा क्योंकि इसे एक योग्य विशेषज्ञ रखने की जरूरत है, जो न सिर्फ प्रवेश स्तर पर कमांडो को चुने बल्कि प्रशिक्षुओं की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी करें।
इसी तरह से इसने एक अनुभवी योग प्रशिक्षक की पूर्णकालीन सेवाएं भी मांगी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि योग अब कमांडो के लिए एक अनिवार्य है लेकिन बाहर के विशेषज्ञों द्वारा एनएसजी में सिर्फ विशेष पाठ्यक्रम ही मुहैया किया जा रहा है।attacknews.in
अब से, योग प्रशिक्षक और मनोवैज्ञानिक द्वारा दी गई ग्रेडिंग कमांडो के कार्य निष्पादन रिकार्ड में प्रदर्शित होगी।
खाके में कहा गया है कि योग विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक एनएसजी की मुख्य छावनी मानेसर, गुड़गांव में होंगे और वे आतंकवाद रोधी प्रशिक्षण शाखा में काम करेंगे।attacknews.in