नई दिल्ली 23 मई । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7,718.17 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ है। वसूली में फंसे कर्जों (एनपीए) के लिए ऊंचे प्रावधान के कारण बैंक का घाटा ऊंचा रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान बैंक ने 2,814.82 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।
दिसंबर, 2017 को खत्म तीसरी तिमाही में बैंक को 2,416.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एसबीआई ने बयान में कहा कि निचली निवेश आय और वेतन संशोधन के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से भी उसे घाटा हुआ है।
पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक को 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। इससे पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में एसबीआई ने 10,484 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।
बयान में कहा गया है कि एनपीए के लिए प्रावधान बढऩे तथा बाजार के हिसाब से निवेश पोर्टफोलियो पर आय कम रहने से बैंक को पूरे वित्त वर्ष में 6,547 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
मार्च तिमाही में गैर निष्पादित आस्तियों के लिए बैंक का प्रावधान 119 प्रतिशत बढ़कर 24,080 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10,993 करोड़ रुपये रहा था।
आंकड़ों पर गौर करें तो यह देश के सबसे बड़े बैंक को किसी तिमाही में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घाटा है. इससे पहले लगातार दिसंबर 2017 में खत्म हुई तीसरी तिमाही में एसबीआई को 24.16 अरब रुपये का घाटा हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में बैंक को 28.14 अरब रुपये का मुनाफा हुआ था.
जिन बैंकों को सबसे ज्यादा घाटा हुआ है उनमे पीएनबी 12,130 करोड़ के साथ पहले स्थान पर है. जबकि एसबीआई -7,718 करोड़ रुपये के साथ दूसरे और 5,871.74 करोड़ रुपये के साथ ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तीसरे नंबर पर है.
जिन दो सरकारी बैंकों ने मुनाफा कमाया है उनमे विजया बैंक और इंडियन बैंक शामिल हैं. वित्त वर्ष 2017-18 में विजया बैंक को ₹727 करोड़ और इंडियन बैंक को ₹1,258 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है.
घाटे की ये रही वजहें
आंकड़ों पर गौर करें तो वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में एसबीआई की ब्याज से होने वाली इनकम 5 फीसदी घटकर 19,974 करोड़ हो गई. 2017 की चौथी तिमाही में बैंक ने ब्याज से 21,065 करोड़ रुपये अर्जित किये. वहीं इस चौथी तिमाही में एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 10.35 फीसदी से बढ़कर 10.91 फीसदी हो गया, जबकि एक साल पहले तक यह 6.9 फीसदी था।attacknews.in