सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के केंद्र के फैसले की वैधता का मामला संविधान पीठ को सौंपा Attack News 

नयी दिल्ली, तीन नवंबर । चलन से बाहर हुए नोटों को जमा करने की अनुमति के लिये दायर 14 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि नोटबंदी के केन्द्र के फैसले की वैधता के साथ ही इस पहलू पर भी पांच सदस्यीय संविधान पीठ विचार करेगी।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने उन लोगों की व्यक्तिगत याचिकाओं पर भी विचार करेगी जो भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय समय सीमा में पुराो नोट जमा नहीं करा सके थे।

याचिका दायर करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने आरबीआई अधिनियम या केन्द्र की आठ नवंबर, 2016 की अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती नहीं दी है, बल्कि वह अपने पास रखे चलन से बाहर हुए नोट जमा कराना चाहते हैं।attacknews

एक याचिकाकर्ता के वकील प्रणव सचदेवा का कहना था, ‘‘विधि सम्मत प्रक्रिया के बगैर की हमारी मेहनत की कमायी जब्त कर ली गयी है और हमें समुचित अवसर भी नहीं दिया गया।’’ पीठ ने याचिका दायर करने वालों से कहा है कि वह लंबित याचिकाओं में दो-तीन पन्नों की अर्जी दें जिनपर संविधान पीठ बाद में सुनवायी करेगी। इसके साथ ही न्यायालय ने 14 व्यक्तिगत याचिकाओं का निबटारा कर दिया।