गाजियाबाद, आठ दिसंबर । सीबीआई की विशेष अदालत ने सनसनीखेज निठारी मामले में 24 वर्षीया एक घरेलू सहायिका से बलात्कार और हत्या के जुर्म में चंडीगढ़ के कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को आज फांसी की सजा सुनाई।
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां बताया कि अदालत ने कोली पर 35000 रूपये और पंढेर पर 25000 रूपये का जुर्माना भी लगाया ।
उत्तरप्रदेश में नोएडा के निठारी गांव में पंढेर के घर के पीछे से महिला सहित 19 पीड़ितों का शव मिला था। दयाल ने कहा, ‘‘आरोप था कि 12 नवंबर 2006 को सुरेंद्र कोली ने डी-5, सेक्टर-3, नोएडा में (पंढेर के घर) महिला के साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी।’’
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि पीड़िता काम के लिए पंढेर के घर गयी थी और वापस नहीं आयी। पीड़िता के घर वापस नहीं लौटने के बाद परिवारवालों ने 12 अक्तूबर 2006 को लापता होने की शिकायत दर्ज करायी ।
पंढेर के घर के पीछे की तलाश करने पर नोएडा पुलिस को मानव अवशेष मिले थे। एक अवशेष की डीएनए जांच में पीडि़ता की मां और भाई से उसका मिलान हुआ । परिजनों ने अवशेष पर कपड़े को भी पहचाना।
सीबीआई ने 22 जून 2007 को आरोपपत्र दाखिल किया। हत्याओं को ‘‘दुर्लभतम’’ करार देते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने कल दोनों को हत्या, हत्या के लिए अपहरण, दुष्कर्म, सबूत मिटाने का दोषी करार दिया और फैसला आज के लिए सुरक्षित रखा।
सजा की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें फांसी पर लटकाया जाए। विशेष लोक अभियोजक जय प्रकाश शर्मा ने कहा कि नोएडा पुलिस को पंढेर के घर के पीछे से 19 लोगों के अवशेष मिले थे। इसमें ज्यादादर अवशेष बच्चों के थे ।
उन्होंने कहा कि कुल 19 मामले दर्ज कराए गए लेकिन तीन मामले में सीबीआई ने सबूत के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी ।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई ने 16 मामले में आरोपपत्र दायर किये जिसमें (मौजूदा सहित)10 मामले में सजा सुनायी जा चुकी है जबकि छह के मुकदमे चल रहे हैं ।attacknews.in ’’