जिनेवा, दो जून (एपी) । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सार्वजनिक रूप से कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी ‘तुरंत’ उपलब्ध कराने के लिये जनवरी के महीने में चीन की सराहना जारी रखी थी।
लेकिन दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ है कि वह इस बात के लिये चिंतित था कि नए वायरस से उत्पन्न जोखिम का आकलन करने के लिए चीन पर्याप्त जानकारी साझा नहीं कर रहा है और दुनिया का मूल्यवान समय खर्च हो रहा है ।
वास्तव में, चीन की कई सरकारी प्रयोगशालाओं में इसे पूरी तरह से डिकोड किये जाने के बावजूद चीनी अधिकारियों ने एक हफ्ते से अधिक समय तक घातक वायरस के आनुवंशिक नक्शे, या जीनोम को जारी करने में देरी की थी और परीक्षण, दवाओं तथा टीकों के लिये विवरण साझा नहीं किया था।
समाचार एजेंसी एपी को प्राप्त आंतरिक दस्तावेज, ई—मेल और दर्जनों बातचीत संबंधी रिकार्ड में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर सूचना और प्रतिस्पर्धा पर सख्त नियंत्रण को काफी हद तक दोष दिया गया था ।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने 11 जनवरी को विषाणु विज्ञान की एक वेबसाइट पर एक चीनी प्रयोगशाला द्वारा इस बारे में लेख प्रसारित किये जाने के बाद वायरस के जीनोम की जानकारी सार्वजनिक की थी ।
विभिन्न आंतरिक बैठकों की रिकार्डिंग के अनुसार इसके बावजूद चीन ने डब्ल्युएचओ को जरूरी जानकारी देने में दो और हफ्ते की देरी की ।
समाचार एजेंसी को प्राप्त रिकार्डिंग के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण के वैश्विक प्रसार के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन चीन सरकार की इस बात के लिये सराहना करती रहा कि नये वायरस के अनुवांशिक नक्शे अथवा जीनोम के बारे में ‘तुरंत’ जानकारी मुहैया करायी है ।
डब्ल्यूएचओ हालांकि इस बात के लिये चिंतित था कि नए वायरस से उत्पन्न जोखिम का आकलन करने के लिए चीन पर्याप्त जानकारी साझा नहीं कर रहा है और दुनिया का मूल्यवान समय खर्च हो रहा है ।
वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के चीन में एक अधिकारी गुआदेन गालेया ने चीन के सरकारी टीवी का जिक्र करते हुये एक बैठक में बताया कि उन्होंने सीसीटीवी पर इस जानकारी के आने से 15 मिनट पहले इसे हमारे साथ साझा किया है ।
महामारी की प्रारंभिक कहानी ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र की यह स्वास्थ्य एजेंसी संदेह के घेरे में है।
महामारी को छिपाने के लिए चीन के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करने के लिए एजेंसी पर बरसते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ के साथ सभी संबंध तोड़ लिये थे ।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दावा करते रहे हैं कि उनका देश हमेशा से विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं दुनिया को जानकारी मुहैया कराता रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने अमेरिका के योगदान की सराहना की
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेड्रोस ग्रेब्रेसियस ने संगठन के लिए अमेरिका के योगदान की सराहना की है और अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से डब्ल्यूएचओ से बाहर होने संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
श्री गेब्रेसियस ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “ अमेरिका सरकार और वहां की जनता के बीच मजबूत और सहयोगपूर्ण जुड़ाव से विश्व काे लंबे समय से लाभ मिलता रहा है। डब्ल्यूएचओ की इच्छा है कि यह समन्वय कायम रहे। वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमेरिका का काफी योगदान रहा और इसके वजह से काफी बदलाव भी हुए।”