नयी दिल्ली, 26 जनवरी । देश के 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर विजय चौक से ऐतिहासिक लालकिले तक देश की आन-बान-शान का शानदार नजारा देखा गया जिसमें प्राचीन काल से चली आ रही भारत की अनूठी एकता में पिरोई विविधताओं वाली विरासत, आधुनिक युग की विभिन्न क्षेत्रों की उसकी उपलब्धियां और देश की सुरक्षा की गारंटी देने वाली फौज की क्षमता का भव्य प्रदर्शन हुआ । इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की खासियत मुख्य अतिथि के रूप में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की मौजूदगी महात्मा गांधी के मार्फत भारत और दक्षिण अफ्रीका की घनिष्टता की गवाह बनी ।
राजपाथ पर परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विविधता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का अहसास कराया ।
सबसे अंत में रोमांच से भर देने वाले वायुसेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के ऊपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी का अहसास हुआ ।
गणतंत्र दिवस परेड में ही नहीं बल्कि उसे देखने आए देश के हर क्षेत्र, समुदाय, जाति और धर्म के उमड़े जन सैलाब ने अनेकता में एकता के जज़्बे का अनूठा प्रदर्शन किया । परेड के 8 किलोमीटर के रास्ते में बच्चों, महिलाओं, युवाओं और वृद्धों के चेहरों की चमक और उत्साह देखते ही बनता था ।
जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में पिछले वर्ष नवंबर में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त जान कुर्बान करने वाले लांस नायक नजीर अहमद को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अशोक चक्र से सम्मानित किया। आंखों में गर्व का भाव लिये लांस नायक की पत्नी और मां ने गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान ग्रहण किया। वानी अशोक चक्र पाने वाले पहले कश्मीरी हैं। करीब 10 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहराया । राष्ट्रगान की धुन के बीच 21 तोपों की सलामी के बाद जब परेड की शुरूआत हुई तब देशभक्ति का मानो ज्वार उमड़ पड़ा। 2281 फील्ड रेजीमेंट की सात केनन ने समन्वित तरीके से तोपों की सलामी दी।
राष्ट्रीय राजधानी में 70वें गणतंत्र दिवस के जश्न पर राजपथ एवं आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी । दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा इस समारोह के मुख्य अतिथि बने ।
राजपथ पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेना प्रमुखों के साथ अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी इस साल भी पारम्परिक कुर्ता-पायजामा के साथ नेहरू जैकेट पहने नजर आए। उन्होंने राजपथ पहुंच कर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और मुख्य अतिथि की अगवानी एवं उनका स्वागत किया।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित मोदी सरकार के अधिकतर मंत्रियों ने और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी समारोह में शिरकत की।
परेड की शुरुआत हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने के साथ हुई। सर्द मौसम के बावजूद लोगों के जोश में कोई कमी नहीं थी ।
राजपथ पर 70वें गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं के शौर्य का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जहां नौसेना एवं सेना के कई दस्तों की अगुवाई उन्होंने की और एक महिला अधिकारी ने बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाए।
पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होकर असम राइफल्स के महिला दस्ते ने इस साल इतिहास रचा।
नौसेना, भारतीय सेना सेवा कोर और सिग्नल्स कोर की एक यूनिट के दस्तों की अगुवाई महिला अधिकारियों ने की।
डेयरडेविल्स टीम के पुरुष साथियों के साथ सिग्नल्स कोर की कैप्टन शिखा सुरभि बाइक पर करतब करने वाली महिला बनीं। यह टीम गणतंत्र दिवस पर हर साल आकर्षण का केंद्र रहती है।
बाइक पर खड़े होकर दी गई उनकी सलामी ने दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी।
पहली बार एक महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भारत सेना सेवा कोर के दस्ते की अगुवाई की और सशस्त्र सेना में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी कैप्टन भावना स्याल ने ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल के दस्ते का नेतृत्व किया।
गणतंत्र दिवस के दौरान राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की झलक देखने को मिली।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस बार राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में बापू के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया।
इनमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां थी जबकि विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों- कृषि, ऊर्जा, पेयजल और स्वच्छता, भारतीय रेलवे, सीआईएसएफ और सीपीडब्ल्यूडी की छह झांकियां थी। राज्यों की अलग अलग झांकियों में ‘‘गांधी की आशा की किरण’’, ‘‘महात्मा गांधी और दिल्ली’’, भारत की आजादी के दौरान उनका प्रवास और रवींद्रनाथ टैगोर के साथ जुड़ाव , ‘‘ऐतिहासिक दांडी मार्च’’ समेत अनेक पहलुओं को दर्शाया गया था ।
भारतीय सेना के टी-90 टैंक, बॉलवे मशीन पीकेट (बीएमपी-II/II के), सर्फेज माइन क्लियरिंग सिस्टम, 115 मिमी/52 कैलिबर ट्रैकड सेल्फ प्रोपेल्ड गन (के-9 वज्र), ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल, ट्रूप लेवल रडार एंड आकाश वेपन सिस्टन का भी परेड में प्रदर्शन किया गया।
परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री, गोरखा ब्रिगेड, सेना सेवा कोर, सेना आपूर्ति कोर (उत्तर), प्रादेशिक सेना बटालियन की पैदल सेना ने हिस्सा लिया।
भारतीय नौसेना का ब्रास बैंड, पैदल सेना तथा झांकी और वायु सेना का बैंड और पैदल सेना भी यहां पहुंची थी।
पैरा-मिलिट्री और अन्य सहायक बलों ने राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ परेड में भाग लिया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले 26 बच्चे भी जीप में सवार होकर राजपथ पहुंचे । परेड में स्कूली बच्चों ने भी प्रस्तुति दी।
मोटर साइकिल पर भी हर साल की तरह इस बार भी जांबाजों ने कई तरह के करतब दिखाए जिसका वहां बैठे दर्शकों ने तालियां से स्वागत किया।
महात्मा गांधी की थीम पर रहा गणतंत्र दिवस:
राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य सैन्य परेड और अपने इतिहास, सांस्कृतिक विविधता और रणनीतिक हथियारों की प्रदर्शनी के साथ भारत ने 70वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा 90 मिनट तक चले इस जश्न के साक्षी बने। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को 1950 में गणतंत्र घोषित किया गया था।
परेड में इस साल कुल 22 झांकियां नजर आईं। इनमें से 16 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की और छह केन्द्र के सरकारी मंत्रालयों और विभागों की झांकियां थीं।
सिक्किम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गोवा, अण्डमान-निकोबार द्वीपसमूह और उत्तराखंड की झांकियां भी जश्न में शामिल हुईं।
इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी थी और कई राज्यों की झांकियां राष्ट्रपिता पर केन्द्रित रहीं।
इस जश्न में रामफोसा की मौजूदगी इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में 21 साल बिताए थे और यहीं से उन्हें शांति की राह पर आगे बढ़ने की प्ररेणा मिली थी।
जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकवादियों की कुछ दिनों पहले हुई गिरफ्तारी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस के मौके पर रंग-बिरंगा साफा पहनने के अपने अंदाज को बरकरार रखते हुए शनिवार को केसरिया रंग के खूबसूरत साफे में नजर आए। पारंपरिक कुर्ता पायजामा एवं नेहरू जैकेट पहने मोदी ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए जाने से पहले अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
परम्परा के तहत ध्वजारोहण के दौरान बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और 21 तोपों की सलामी दी गई और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पैदल टुकड़ी की सलामी ली।
भारतीय सेना के चार ‘आर्टिलरी गन सिस्टम M777 अमेरिकन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर’ ने भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। वहीं इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के चार दिग्ग्ज परमानंद, ललित राम, हीरा सिंह और भगमल ने भी पहली बार परेड में हिस्सा लिया जिनकी आयु 90 वर्ष से अधिक है।
समाारोह में नारी शक्ति का भी बोलबाला रहा। असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने पहली बार परेड में हिस्सा लेकर एक इतिहास बनाया। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया।
नौसेना, भारतीय सेना सेवा कोर और सिग्नल्स कोर की एक यूनिट के दस्तों की अगुवाई महिला अधिकारियों ने की।
डेयरडेविल्स टीम के पुरुष साथियों के साथ सिग्नल्स कोर की कैप्टन शिखा सुरभि बाइक पर करतब करने वाली महिला बनीं। यह टीम गणतंत्र दिवस पर हर साल आकर्षण का केंद्र रहती है।
बाइक पर खड़े होकर दी गई उनकी सलामी ने दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी।
पहली बार एक महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने भारत सेना सेवा कोर के दस्ते की अगुवाई की और सशस्त्र सेना में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी कैप्टन भावना स्याल ने ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल के दस्ते का नेतृत्व किया।
नौसैनिक टुकड़ी में लेफ्टिनेंट कमांडर अंबिका सुधाकरन के नेतृत्व में 144 युवा नाविक शामिल हुए।
भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु योद्धा शामिल थे।
वहीं लाइटकॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए), लो-लेवल लाइट वेट रडार (एलएलडब्ल्यूआर), सुखोई -30एमकेआई और आकाश मिसाइल सिस्टम यहां प्रदर्शित किए गए।
परेड की शुरुआत हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाने के साथ हुई। परेड सर्द मौसम और कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी हुई। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हजारों सुरक्षा कर्मी, विमान रोधी बंदूकें और शार्पशूटर तैनात किए गए थे।
भारीतय सेना के टी-90 टैंक, बॉलवे मशीन पीकेट (बीएमपी-II/II के), सर्फेज माइन क्लियरिंग सिस्टम, 115 मिमी/52 कैलिबर ट्रैकड सेल्फ प्रोपेल्ड गन (के-9 वज्र), ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल, ट्रूप लेवल रडार एंड आकाश वेपन सिस्टन का भी परेड में प्रदर्शन किया गया।
सर्द मौसम के बावजूद परेड देखने पहुंचे लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।
समारोह के अंत में भी राष्ट्रगान बजाया गया और आसमान में गुब्बारे छोड़े गए।
मोदी ने समारोह सम्पन्न होने के बाद भीड़ की ओर हाथ हिलाया और लोगों ने भी खुशी से उनका अभिवादन किया।
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