नयी दिल्ली, 23 मई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनावों को छद्म सेकुलरवाद से मुक्ति का चुनाव बताते हुए कहा है कि आने वाले समय में देश में गरीब और गरीबी उन्मूलन में योगदान देने वालों की दो ही जातियां होंगी और वह दोनों को सशक्त करके गरीबी को खत्म करेंगे।
श्री मोदी ने गुरुवार को यहां भाजपा के मुख्यालय में जीत का जश्न मनाने आये हजारों उत्साही कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया। इस मौके पर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत, जे पी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के संगठन महासचिव रामलाल मौजूद थे। वित्त मंत्री अरुण जेटली बीमार होने के कारण नहीं आये थे।
बादलों की गर्जना, बिजली की चमक और बूंदाबांदी के साथ मोदी-मोदी के गगनभेदी नारों के बीच श्री मोदी ने कहा कि इस चुनाव ने 21वीं सदी के लिए हमारे सामाजिक, सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन के लिए एक मजबूत नींव डाली है। इस चुनाव में एक भी राजनीति दल सेकुलरिज्म का नकाब पहनकर देश को गुमराह नहीं कर पाया। यह चुनाव ऐसा था, जहां महंगाई को एक भी विरोधी दल मुद्दा नहीं बना पाया। यह चुनाव ऐसा था कि जिसमें कोई भी दल उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उसे मुद्दे नहीं बना पाया।
उन्होंने कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य तथा देश की एकता एवं अखंडता के लिए जनता ने इस चुनाव में एक नयी धारणा देश के सामने रखी है। सारे समाजशास्त्रियों को अपनी पुरानी सोच पर पुनर्विचार करने के लिए देश के गरीब से गरीब व्यक्ति ने मजबूर कर दिया है।
उन्होंने कहा, “अब देश में सिर्फ दो जाति ही रहने वाली हैं और देश इन दो जातियों पर ही केंद्रित होने वाला है। इक्कीसवीं सदी में भारत में एक जाति है- गरीब और दूसरी जाति है- देश को गरीबी से मुक्त कराने के लिए कुछ न कुछ योगदान देने वालों की। इस सदी में इन दोनों को सशक्त बनाना है। ऐसा करके ही देश से गरीबी के कलंक को मिटाया जा सकता है।”
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