नईदिल्ली 14 दिसम्बर ।केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कोरोनो वायरस पर बनी लघु फिल्मों का उत्सव मनाने के लिए फिल्म समारोह आयोजित करने का विचार बहुत प्रशंसनीय है। अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्मोत्सव के अवसर पर श्री जावडेकर ने आज कहा कि एक ही विषय पर 108 देशों में बनीं 2,800 फिल्मों की भागीदारी लोगों की अपार प्रतिभा का सटीक उदाहरण है। उन्होंने इस महोत्सव के आयोजकों को बधाई दी।
श्री जावडेकर ने कहा कि इस महामारी ने पूरी दुनिया के देशों के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस संकट को अच्छी तरह से संभालने में सक्षम रहा है। भारत ने इस संकट को 2020 की शुरुआत में ही पहचान लिया था और देश तभी से इस संकट के खिलाफ लगातार काम कर रहा है।
श्री जावडेकर ने यह भी कहा कि अब कोरोनो वायरस का संकट कम हो रहा है और जल्द ही इसके टीके भारत में भी उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर उन्होंने एंटी बॉडीज बनने और टीके की दूसरी खुराक लेने से पहले सुरक्षा में लापरवाही न बरतने के लिए जनता को आगाह किया।
श्री जावडेकर ने गोवा में आयोजित होने वाले 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के बारे में कहा कि इसका आयोजन हाइब्रिड तरीके से किया जाएगा। लोग इस महोत्सव को ऑनलाइन देख पाएंगे, जबकि इस महोत्सव के उद्घाटन और समापन समारोह सीमित दर्शकों के साथ आयोजन स्थल पर ही आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के इस संस्करण में 21 गैर-फीचर फिल्मों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस अवसर पर भारत जैसे विशाल देश में कोरोनो वायरस के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए श्री जावड़ेकर और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बधाई दी।
उन्होंने एक ही स्थान पर लघु फिल्मों की इतनी बड़ी श्रृंखला के लिए ज्यूरी और इस महोत्सव के आयोजकों को भी बधाई दी।
जागरूकता और मजबूत संदेश देने वाली लघु फिल्मों ने देश में कोरोना महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है : मुख्तार अब्बास नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार, समाज, सिनेमा और मीडिया ने देश में कोरोना महामारी के दौरान साहस, प्रतिबद्धता और सावधानी के साथ सराहनीय भूमिका निभाई है। जागरूकता और मजबूती का संदेश देने वाली लघु फिल्मों ने संकट के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्मोत्सव को संबोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि लघु फिल्मों ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अंतर्राष्ट्रीय कोरोना वायरस लघु फिल्मोत्सव में 108 देशों की 2,800 से अधिक फिल्में शामिल की गई हैं। ये लघु फिल्में कोरोना महामारी के दौरान उपचार, सुरक्षा उपाय और जीवन पर आधारित हैं।
श्री नकवी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान फिल्मों की शूटिंग काफी समय तक स्थगित रहीं। इस संकट के दौरान इन लघु फिल्मों ने न केवल लोगों का मनोरंजन किया, बल्कि लोगों को कोरोना की चुनौतियों के बारे में भी अवगत कराया। विभिन्न चैनलों ने चाहे वे समाचार चैनल हों, मनोरंजन चैनल हों, खेल या व्यापार चैनल हों, सभी ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने में बहुत सराहनीय भूमिका अदा की है।
श्री नकवी ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी देश में संकट आया है, सरकार, समाज, सिनेमा और मीडिया सभी ने राष्ट्रीय हित और मानव कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से अपनी-अपनी जिम्मेदारियां मिलकर निभाई हैं।
श्री नकवी ने कहा कि पूरी दुनिया सदियों के बाद कोरोना महामारी के रूप में इस तरह के संकट का सामना कर रही है। अनेक पीढि़यों ने इस तरह की चुनौती नहीं देखी है फिर भी हमने देश में एक परिपक्व समाज, सरकार, सिनेमा, मीडिया के रूप में अपनी भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ये चारों वर्ग समस्या के समाधान का एक हिस्सा बन गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि कार्य संस्कृति, प्रशासन का चरित्र और प्रतिबद्धता, समाज, सिनेमा और मीडिया में पिछले 10 महीनों के दौरान सकारात्मक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिले हैं। सुधार केवल विनियमन के कारण नहीं आ सकते हैं, वे संकल्प के कारण ही होते हैं। आज कोरोना महामारी के कारण हर वर्ग की कार्य संस्कृति और जीवन शैली में भारी परिवर्तन देखे जा रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि भारतीय समाज अच्छी और ऐसी मनोरंजन पूर्ण फिल्मों का प्रेमी है, जो बड़े पर्दे पर समाज के लिए संदेश देती हों। फिल्में और मीडिया न केवल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, बल्कि इनमें समाज को प्रभावित करने की भी ताकत है। ऐसा कोरोना संकट के दौरान लघु फिल्मों ने सिद्ध कर दिया है।