नयी दिल्ली 23 जनवरी । कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओ ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में ट्रैक्टर परेड की इजाजत मिल गई है।
पुलिस के साथ बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओ ने संवाददाताओं को बताया कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी में किसान गणतंत्र दिवस परेड निकला जाएगा।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने बताया कि पुलिस के साथ पांच दौर की बैठक के बाद ट्रेक्टर परेड निकालने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि पांच रास्तों से परेड निकली जाएगी। यह परेड गण की प्रतिष्ठा बचाने के लिए है।
श्री यादव ने कहा कि पूरे देश से किसान परेड में हिस्सा लेने के लिए आएंगे और दिल्ली के अंदर जायेंगे। पुलिस की ओर से परेड को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है।
एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस के साथ बैठक में पांच रास्तों पर परेड निकालने पर सहमति हुई है। किसान दिल्ली की सीमा पर जहां जहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहां से परेड निकली जाएगी। किसान मुख्य रुप से सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं।
श्री पाल ने बताया कि परेड शांतिपूर्ण होगा और यह करीब एक सौ किलोमीटर तक जाएगा। उन्होंने दावा किया कि परेड में करीब डेढ़ लाख ट्रेक्टर हिस्सा लेगा।
पंजाब , हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों से ट्रेक्टर लेकर राजधानी में आने का आग्रह किया गया है ।
किसान संगठन पिछले दो माह से कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ और फसलों के नियनूतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने कि मांग को लेकर राजधानी की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के साथ किसान संगठन ओ की ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका है।
ट्रैक्टर परेड को आखिरकार मिली मंजूरी
सोनीपत से खबर है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस से कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार शनिवार शाम किसानों को 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की मंजूरी मिल गई।
किसान संयुक्त मोर्चा की आज देर शाम को आयोजित बैठक में इस बात की जानकारी दी गई। इस बैठक में वालंटियर से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था पर चर्चा की जा रही है। किसानों ने दावा किया है कि विश्व पटल पर आज तक ऐसी परेड न तो किसी ने निकाली होगी और न ही देखी होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी हर स्तर पर मदद का भरोसा दिया है ताकि किसी तरह की परेशानी ना हो। समय और स्थान को लेकर किसान नेताओं ने कहा कि जब तक प्रत्येक ट्रैक्टर परेड रूट से होकर वापस अपने धरने तक नहीं लौट आता है, तब तक परेड चलेगी। यह 24 घंटे से 72 घंटे तक भी हो सकती है। जहां तक रूट का सवाल है, वह रविवार को सांझा कर दिया जाएगा