काठमांडू 9 जून ।कोरोनिल को कोरोना महामारी के बीच इम्यूनिटी बुस्टर आधारित आयुर्वेदिक दवा के बाजार में बेचे जाने को लेकर बाबा रामदेव का विवादों से नाता बन गया हैं।
पहले देश में इसका विरोध हुआ। अब देश से बाहर भी इस पर बवाल बढ़ता गया । नेपाल में पतंजलि की कोरोनिल के वितरण पर आयुर्वेद एवं वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने अघोषित बैन कर दिया गया है। हालांकि, नेपाल सरकार ने औपचारिक प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी नहीं किया है। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को दी गई है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक पिछले गुरुवार को पतंजलि योगपीठ द्वारा निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी को करोड़ों रुपये की कोरोनिल किट, सैनिटाइज़र, मास्क और अन्य प्रतिरक्षा बूस्टर दवाएं सौंपे जाने के बाद नेपाल में विवाद खड़ा हो गया था। उसके बाद त्रिपाठी को स्वास्थ्य मंत्री के पद से हटा दिया गया। योगगुरु रामदेव ने पिछले साल 23 जून को आयुर्वेद आधारित कोरोनिल किट उस समय पेश की थी, जब भारत में कोविड-19 महामारी अपने चरम पर थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. कृष्ण प्रसाद पौडयाल ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि नेपाल सरकार ने देश में कोरोनिल पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दवा के खिलाफ कोई औपचारिक प्रतिबंध आदेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि आम जनता को वितरित की जाने वाली किसी भी प्रकार की दवा को पहले स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के अंतर्गत औषधि प्रशासन विभाग में पंजीकृत होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले नेपाल के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी को कोरोनिल का एक पैकेट उपहार में दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोनिल कोरोना बीमारी को ठीक कर सकती है। उन्होंने कहा कि नेपाल में कई आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध हैं, जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती हैं और कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने में भी मदद कर सकती हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक किसी भी ऐसी दवा को मंजूरी नहीं दी है जो कोरोना का इलाज कर सके।