पटना/नईदिल्ली , 10 अप्रैल ।बिहार पुलिस ने एएसबी से मिली खुफिया जानकारी के बाद आतंकी घुसपैठ की सूचना के बाद नेपाल की सीमा से सटे जिलों में चौकसी बढ़ा दी है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने नेपाल की ओर से कोरोना वायरस संक्रमित 40-50 लोगों द्वारा घुसपैठ किए जाने की जानकारी साझा की थी। इसके बाद हमने सीमावर्ती :नेपाल से सटे: जिलों की पुलिस को अलर्ट किया है । एसएसबी को भी कहा है कि चौकसी रखे और पूरा प्रयास होगा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं घुसे ।
बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा ‘एसएसबी की खुफिया इकाई को आतंकियों के घुसपैठ की फिराक में होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से सारे जिला प्रशासन और एसएसबी अलर्ट हैं’ ।
गौरतलब है कि रामगढ़वा के पनटोका स्थित एसएसबी की 47वीं बटालियन के समादेष्टा ने 03 अप्रैल को बिहार के पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन को सूचित किया था कि नेपाल के परसा जिला के सेरवा थाना अंतर्गत जगन्नापुर गांव निवासी जालिम मुखिया भारत में कोरोना महामारी फैलाने की योजना बना रहा है। मुखिया कुख्यात तस्कर है और वह नेपाल के जरिये भारत में अवैध हथियारों और नकली नोट की तस्करी में शामिल है, वहीं, सशस्त्र सीमा बल के पटना में पदस्थापित महानिरीक्षक संजय कुमार ने एसएसबी द्वारा उक्त सूचना दिए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है
सीमा पार से आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगायी गृह मंत्रालय ने
नयी दिल्ली,से खबर है कि ेन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोरोना महामारी के मद्देनजर आज पाकिस्तान तथा बंगलादेश की सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा की और सीमा पार से किसी भी तरह की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दिया।
श्री शाह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की विभिन्न कमानाें और सेक्टर मुख्यालयों के साथ वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सीमाओं पर निगरानी व्यवस्था की गुरूवार को समीक्षा की। सीमाओं पर निगरानी तेज करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बिना बाड़ वाले क्षेत्रों में सीमा पार से किसी भी तरह के आवागमन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में किसानों को कोरोनो महामारी और उससे निपटने के उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए जिससे इसकेे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बीएसएफ को जिला प्रशासन के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग भूलवश भी सीमापार न करें।
उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार जागरूकता अभियान चलाने, हाथों को साफ रखने , लोगों को मास्क और साबुन उपलब्ध कराने को कहा। साथ ही श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों , फंसे हुए ट्रक ड्राइवरों तथा दूर दराज के गांवों में लोगों को राशन, पेयजल और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को भी कहा गया है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और नित्यानंद राय , केन्द्रीय गृह सचिव, सचिव (सीमा प्रबंधन) और बीएसएफ के महानिदेशक ने भी समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया।
कोरोना वायरस संक्रमण अभी सामुदायिक प्रसार के स्तर तक नहीं
देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के स्तर तक पहुंचने की अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं हैं लेकिन इस महामारी से शुक्रवार तक 206 लोगों की मौत हो गयी है और 6761 संक्रमित हुए हैं। इस बीच पंजाब सरकार ने राज्य में पूर्ण बंदी को एक मई तक बढ़ाने का आज एलान किया।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में अभी कोरोना वायरस का संक्रमण सामुदायिक प्रसार के चरण में नहीं पहुंचा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए पूरे प्रदेश में पूर्ण बंदी की अवधि एक मई तक बढ़ा दी है।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में आज अधिकार प्राप्त अधिकारियों के समूह की बैठक में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए विचार-विमर्श किया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में एक करोड़ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन टेबलेट की आवश्यकता पड़ सकती है जबकि हमारे पास 3.28 करोड़ टेबलेट उपलब्ध हैं। जो अनुमानित जरूरत से करीब तीन गुना अधिक अधिक उपलब्ध है।
गृह मंत्रालय ने इस महीने में आने वाले त्योहारों के मद्देनजर सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिये हैं कि वे पूर्ण बंदी के उपायों का कड़ाई से पालन करें और किसी तरह के सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में भीड़ न एकत्र होने दें। किसी तरह के जुलूस, प्रदर्शन आदि भी न होने दिये जाएं।
महाराष्ट्र में आज भी कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्य बना रहा। वहां अब तक 1364 लोग इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में 13 लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके हैं। दिल्ली में 898 लोग इससे प्रभावित हुए हैं और 14 लोगों की मौत हो गयी है। तमिलनाडु में 834 लोग संक्रमित हुए हैं और आठ मारे गये हैं। राजस्थान में 489 लोग इससे संक्रमित हुए हैं और तीन लोगों की जान गयी हैं। उत्तर प्रदेश में 431 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और चार लोगों की मौत हुई है।
देश में इस समय 6039 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 515 संक्रमित लोग अब तक स्वस्थ हाे गये हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है।
इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रिया कहने पर श्री मोदी ने कहा कि भारत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दोस्तों की हर संभव मदद करने को तैयार है
देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन जरूरत से तिगुनी: सरकार
सरकार ने अमेरिका, इजरायल, नेपाल, भूटान आदि देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात को लेकर उठे विवाद के बीच शुक्रवार को साफ किया कि देश में यह दवा इस समय आवश्यकता से तीन गुना से अधिक मौजूद है और देश की जरूरतों को पूरा करने के बाद ही अन्य देशों को इसका निर्यात खोला गया है।
कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ को लेकर सरकार की नियमित ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय में कोविड-19 प्रकोष्ठ के प्रभारी अतिरिक्त सचिव दामू रवि ने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन सहित कुछ दवाओं के निर्यात खोलने की विदेशों की मांग पर सचिवों की समिति और फिर मंत्रिसमूह ने विचार किया है और देश की जरूरतों एवं उत्पादन की स्थिति के आधार पर कुछ दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंधों में ढील दी गयी है।
श्री रवि ने कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की मांग सर्वाधिक है और उसकी आपूर्ति के लिए सर्वाधिक अनुरोध प्राप्त हुए हैं। जिन देशों को ये दवा भेजी जानी है, सरकार ने उनकी पहली सूची को स्वीकृति दे दी है और अब दूसरी सूची तैयार हाे रही है। बाद में तीसरी सूची भी तैयार की जाएगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि इस समय देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की तीन करोड़ 28 लाख गोलियां उपलब्ध हैं जबकि विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक देश में एक माह में करीब एक करोड़ गोलियों की खपत है। इस प्रकार से इस दवा की उपलब्धता देश की जरूरत की तीन गुना से अधिक है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक यदि देश में खराब से खराब स्थिति बनी तो भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आवश्यकता करीब एक करोड़ 60 लाख होगी। इसके अलावा दो से तीन करोड़ गोलियों की आपूर्ति का अतिरिक्त इंतजाम किया गया है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में चिकित्सा जरूरतों के लिए देश भर में दो करोड़ गोलियां भी पहले ही भेजी जा चुकीं हैं।
उन्होंने कहा कि इस हिसाब से भी देखा जाये तो हमारी ज़रूरत से कहीं अधिक मात्रा में यह दवा उपलब्ध है और निर्यात से देशवासियों की जरूरतों पर कोई विपरीत असर पड़ने की कतई कोई संभावना नहीं है।